सामुदायिक संगठन की प्रक्रिया

ग्रामीण जीवन पर सामुदायिक योजना के प्रभाव 

सामुदायिक विकास योजना ,ग्रामीण जीवन के आर्थिक, सामाजिक तथा सांस्कृति विकास में अत्यधिक महत्वपूर्ण सिद्ध हुर्इ है। इस योजना के सामाजिक प्रभावों को केवल इसी तथ्य से समझा जा सकता है कि Single सामान्य ग्रामीण का जीवन First की अपेक्षा न केवल काफी खुशहाल और सम्पन्न दिखार्इ देता है बल्कि जीवन और समाज के प्रति उसकी धारणाओं और विचारधाओं में काफी परिवर्तन हो गया है। ग्रामीण समुदाय में स्वास्थ्य के सतर को सुधारने, शिक्षा का प्रसार करने, स्त्रियों तथा बच्चों का कल्याण करने, Single नवीन चेतना उत्पन्न करने तथा आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में भी सामुदायिक विकास योजना के महत्व की अवहेलना नहीं की जा सकती। विभिन्न क्षेत्रों में सामुदायिक विकास कार्यक्रम के सामाजिक प्रभावों को इस प्रकार समझा जा सकता है।

लोकतान्त्रिक विकेन्द्रीकरण 

इस योजना के फलस्वReseller आज लोकतात्रिक व्यवस्था का गांवों में विकेन्द्रीकरण हुआ है। ग्रामों में जिला परिशद्, ग्राम पंचायत तथा पंचायत समितियों द्वारा ग्रामीण विकास में अधिकाधिक योगदान इन लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण को ही Single मूर्त अभिव्यक्ति है। इसके फलस्वReseller विकास योजनाओं में ग्रामीण जनता की रूचि निरन्तर बढ़ रही है तथा वह आत्मनिर्भर की दिशा में आगे बढी है। सामुदायिक विकास योजना का यह वह महत्वपूर्ण प्रभाव है जिसे प्रचार के किसी भी साधन अथवा प्रशिक्षण की किसी दूसरी योजना के द्वारा इतना सफल नहीं बनाया जा सकता है।

आर्थिक विकास

आर्थिक विकास के क्षेत्र में तो सामुदायिक विकास योजना ने ग्रामीण समुदाय के परम्परागत स्वReseller को पूर्णतया बदल दिया है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत किसानों को न केवल उत्तम  किस्म के ख्ेाती के उपकरण, बीज, रासायनिक खाद तथा कीटनाशक दवाइयों का वितरण Reseller गया बल्कि वर्शा पर खेती की निर्भरता को कम करने के लिए कुओं का निर्माण, नलकूपों की व्यवस्था तथा नहरें बनाने के कार्य को भी विशेष महत्व दिया गया। ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए भूमिहीन मजदूरों के लिए रोजगार के अतिरिक्त अवसरों की व्यवस्था की गर्इ, भूमि सुधार कार्यक्रमों को लागू Reseller गया तथा अनाज को मण्डियों तक ले जाने के लिए नर्इ सडकों का निर्माण Reseller गया। सहायक व्यवसाय के Reseller में मछली पालन, मुर्गी पालन, पशुपालन तथा कुटीर उद्योग धन्धों को विशेष प्रोत्साहन दिया गया जिससे ग्रामीण अपने अतिरिक्त समय से उपयोगी रम कर सकें। इन All प्रत्यनों के फलस्वReseller ग्रामीण जनता के रहन-सहन के स्तर में First की अपेक्षा बहुत अधिक सुधार हो सका है।

मनोवृत्तियों में परिवर्तन 

भारत में सैकड़ों वर्शो से उदासीनता और शोषण के वातावरण में पलते हुए ग्रामीण समुदाय के जीवन में तब तक कोर्इ सुधार सम्भव नहीं था जब तक उनके दृष्टिकोण, विचारधारा या वास्तविक Meansो में उनकी मानसिकता में कोर्इ परिवर्तन न Reseller जाता। सामुदायिक विकास योजना के फलस्वReseller विभिन्न विकास कार्यक्रमों में जैसे-जैसे ग्रामीणों का सहभाग बढता गया, उसी अनुपात में उनमें हीनता की भावना भी कम होती गयी। आज Single औसत ग्रामीण स्वयं को किसी वर्ग या व्यक्ति के अधीन मानकर कोर्इ शोषण सहन करने के लिए तैयार नहीं है। उसमें आत्मनिर्भरता और स्वािभान इस सीमा तक पहंचु चुका है कि वह अपने व्यवसाय और जीवन को किसी से नीचा नहीं मानता। इस योजना ने ग्रामीणों के विश्वास को बढ़ाया है उन्हें अपनी क्षमता का अधिकतम उपयोग करने का अवसर प्रदान Reseller है तथा उनमें Single ऐसी नव-चेतना उत्पन्न की है जो भविश्य में उनके जीवन को कहीं अधिक सूखी And सम्द्ध बना सकती है।

स्वास्थ्य तथा सफार्इ 

अतीत की अपेक्षा ग्रामीण अपने स्वास्थ्य तथा स्वच्छता के प्रति आज कही अधिक जागरूक है। सामुदायिक विकास कार्यक्रम के प्रभाव से अब गन्दे तालाबों की जगह पीने के लिए स्वच्छ पानी का उपयोग Reseller जाता है। सड़कों को गन्दा करने की अपेक्षा “ाौचालयों के उपयोग को अच्छा समझा जाने लगा है। संक्रामक बिमारियों को देवी प्रकोप न समझकर ग्रामीण जनता चिकित्सक तथा बच्चे की देखभाल में अधिक रूचि लेने लगी है। तथा परिवार नियोजन के प्रति ग्रामीणों के उत्साह में भी वृद्धि हुर्इ है। इस योजना का ही यह प्रभाव है कि गांवों में मृत्यु दर घटी है, जीवन अवधि में वृद्धि हुर्इ है। परिवार का औसत आकार घट गया है, तथा स्वास्थ्य का सामान्य स्तर First की तुलना में कहीं अधिक  सन्तोषपद दिखायी देता है। इसी सुधार के फलस्वReseller ग्रामीणों की कार्यक्षमता में भी कल्पनातीत वृद्धि हुर्इ है।

साक्षरता में वृद्धि 

सामुदायिक विकास कार्यक्रम का Single महत्वपूर्ण प्रभाव भारत की ग्रामीण जनसंख्या में तेजी से साक्षरता का बढ़ना है। सामुदायिक विकास खण्डों की सहायता से आज गांव-गांव में शिक्षा का प्रसार Reseller जा रहा है। प्रौढ स्त्री-पुरूशों को साक्षर बनाने के लिए विशेष केन्द्रों की स्थापना की गयी है। पुस्तकालयों तथा वाचनालयों के द्वारा बाह जगत से ग्रामीणों को जोड़ा गया है। तथा साक्षरता अभियान की सफलता का मूल्यांकन करने के लिए समय-समय पर प्रत्यन किये जाते हैं। इन प्रयासों के फलस्वReseller पिछले 20 वर्शो में ग्रामीण साक्षरता में 72 प्रतिशत की वृद्धि हुर्इ है।

संप्रेशण द्वारा चेतना 

गांवों में आज सम्प्रेशण अथवा संचार की सुविधाएं कहीं अधिक उन्नत स्थिति में हैं। सामुदायिक विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत नयी सड़कों का निर्माण पुरानी सड़कों की मरम्मत, मनोरंजन के लिए रेडियो, हाटों, खेलों तथा मेलों की व्यवस्था आदि के कारण ग्रामीणों को अन्य समूह से सम्पर्क में आने का अवसर मिला। नये बाजारों में ज्ञान तथा सरकार की योजनाओं से परिचित हो जाने के कारण उन्हें अपने श्रम का अधिक अच्छा मूल्य प्राप्त करने का अवसर मिला तथा अपनी समस्याओं के प्रति उनका दृष्टिकोण धीरे-धीरे बदलने लगा। संचार की सुविधाओं के प्रभाव से ही ग्रामीण जीवन में सामाजिक समस्याओं, रूढ़ियों अन्धविश्वासों और स्वार्थ समूह के प्रति शोषण का प्रभाव दिन-प्रतिदिन कम होता जा रहा है।

ग्रामीण नेतृत्व का विकास 

ग्रामीण समुदाय में नेतृत्व की Single नया Reseller देने में भी सामुदायिक विकास कार्यक्रम का महत्व कम नहीं है। वास्तव में नेतृत्व का प्रत्यक्ष सम्बन्ध सामूहिक क्रियाओं में व्यक्ति के अधिकाधिक सहभाग से है। सामुदायिक विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत ग्राम और खण्ड स्तर पर अधिक कुशल और और उत्साही व्यक्तियों को अपने समूह को नेतृत्व देने का अवसर मिला, नवीन योजनाओं के क्रियान्वयन में नेतृत्व के अवसरों में वृद्धि हुर्इ तथा ग्रामवासियों के जीवन स्तर में सुधार होने के साथ ही उन्होंने नेतृत्व की Need तथा इसके महत्व को महसूस Reseller। आज ग्रामीणों द्वारा अपने उचित अधिकारों की मांग, शोषण के विरूद्ध संगठित प्रदर्शनों का आयोजन तथा समूह कल्याण के प्रति बढ़ती हुर्इ रूचि जैसे-विशेषताएं ग्रामीण नेतृत्व के विकासशील स्वReseller का प्रतिनिधित्व करती है।

मातृत्व तथा शिशु कल्याण 

सामुदायिक विकास कार्यक्रम के फलस्वReseller ग्रामीण समुदाय में स्त्रियों, माताओं तथा बच्चों के जीवन में भी Historyनीय सुधार हुआ है। ग्राम सेविकाएं, ग्रामीण महिलाओं को घर-घर जाकर स्वच्छता, पोशण, स्वास्थ्य, बच्चों की देख-रेख तथा भोजन के पौश्टिक तत्वों की जानकारी देती है। जिससे ग्रामीण महिलाओं के दृष्टिकोण में अब काफी परिवर्तन आ गया है। स्वयं गांव में ही आयोजित विशेष कार्यक्रमों के माध्यम से स्त्रियों ने अपने दैनिक जीवन, रहन-सहन तथा दूसरों समूहों से सम्बन्धों का पुनर्मूल्याकन करना आरम्भ कर दिया है। ग्रामों में महिला मण्उलों की स्थापना ने स्त्रियों में भी नेतृत्व की कुशलता उत्पन्न की है। सामुदायिक विकास से सम्बन्धित कल्याण कार्यक्रमों के प्रभाव से ग्रामीण स्त्रियों का शोषण कम होता जा रहा है। स्त्रियां अपने अधिकारों के प्रति सजग हो रही है। उनके स्वास्थ्य सतर में सुधार हुआ है तथा बच्चों की देख-रेख में अब First से अधिक कुशल हो चुकी है।

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