व्यावसायिक क्रियाओं का वर्गीकरण

यदि आप अपने आस पास की व्यावसायिक क्रियाओं को देखेंगे तो पायेंगे कि Meansव्यवस्था में निम्नांकित क्रियाएं होती है-

  1. पदार्थो का उत्खनन या निष्कर्षण; 
  2. वस्तुओं का विनिर्माण; 
  3. Single स्थान से वस्तुए खरीद कर विभिन्न स्थानों में बेचना; 
  4. भवन, सड़क And पुलों आदि का निर्माण; 
  5. वस्तुओं का भण्डारण, परिवहन, बैंिकग, बीमा, विज्ञापन, आदि सेवाएं प्रदान करना; 

उपरोक्त व्यावसायिक क्रियाओं के विश्लेषण से हम पाते है कि व्यावसायिक क्रियाओ का सम्बन्ध-

  1. वस्तुओ And सेवाओ के उत्पादन या स्वReseller परिवर्तन से होता है,या 
  2. उनके वितरण से होता है 

वस्तुओ And सेवाओं के उत्पादन या प्रक्रियण से सम्बन्धित व्यावसायिक क्रियाएं ‘‘उद्योग’’ कहलाती है और उनके वितरण से सम्बन्धित व्यावसायिक क्रियाएं ‘‘वाणिज्य’’ कहलाती हैं। इस प्रकार हम व्यवसाय को ‘‘उद्योग’’ और ‘‘वाणिज्य’’ दो भागों में वर्गीकृत कर सकते हैं। आगे हम इनको विस्तार से जानेंगे।

उद्योग 

उद्योग से आशय है- 

‘‘उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का निष्कर्षण, जनन, Reseller-परिवर्तन कर उनमें उपयोगिता का सृजन करना।’’ अत: उद्योग मूल Reseller से वे All व्यावसायिक क्रियाएं है जिनका सम्बन्ध वस्तुओं And सेवाओं के उत्पादन और प्रक्रियण से हैं। इसमे कच्चे माल को तैया माल में परिवर्तित Reseller जाता है जमीन से कच्चे माल का खनन, वस्तुओ का विनिर्माण, फसल उगाना, मछली पकडना And फूलों की खेती करना आदि उद्योगो के उदाहरण है इन क्रियाओं को औद्योगिक क्रियाएं और करने वाली इकार्इयो को औद्योगिक इकाइयां कहते है। बैकिंग, बीमा, परिवहन आदि सेवायें प्रदान करना भी उद्यागों का अंग हैं तथा इन्हें ‘‘सेवा उद्योग’’ कहते है।

उद्योगों का वर्गीकरण 

निम्नांकित आधारो पर उद्योगों का वर्गीकरण Reseller जा सकता है क्रिया की पक्रति के आधार पर उद्योगों को तीन भागों में वर्गीकृत Reseller जा सकता है-

  1. प्राथमिक उद्योग 
  2. द्वितीयक उद्योग 
  3. सेवा उद्योग 

आइये इनका विस्तार से अध्ययन करें-

(क) प्राथमिक उद्योग –प्राथमिक उद्योगों को हम दो भागों में बांट सकते है। – (अ) निष्कर्षण उद्योग, व (ब) जननिक उद्योग आपने ओ. एन. जी. सी. के सम्बन्ध मे तो सुना ही होगा यह Single कम्पनी है जो जमीन से तेल And प्राकृतिक गैस निकालती है। इसी प्रकार हमारे किसान हैं जो फसल उगाते हैं, व्यावसायिक गृह है। जो धरती से कच्चे माल/खनिज पदार्थो का निष्कर्षण करते हैं (जैसे कोयले की खानें, कच्चे लोहे की खानें आदि), पुन: प्रक्रियण के लिए जंगल से सामग्री Singleत्रित करते हैं जैसे (प्राकृतिक शहद, लकड़ी आदि), समुद्र/नदी से चीजें निकालते हैं (जैसे मछली, झींगा, केकड़ा, समुद्री खाद्यपदार्थ आदि) यह All निष्कर्षण उद्योग के उदाहरण हैं । क्या आपने मुर्गी-पालन केन्द्र, सेबों के बाग अथवा पौध-शाला (सर्जरी) देखी है? ये All उद्योग पशु And पक्षियों के पालन And प्रजनन में लगे हैं या विक्रय हेतु पौधे अथवा फूल उगाने में लगे है। ऐसे उद्योगां को जननिक उद्योग कहते है। आजकल जननिक उद्योगों की संख्या में वृद्धि हो रही है इनमें बागवानी (फल And सब्जी उगाना), फूलों की खेती (फूल उगाना), दुग्ध उत्पादन, मुर्गी-पालन, मत्स्य-पालन (मछली प्रजनन) आदि सम्मिलित है। अत: हम कह सकते हैं कि ‘‘प्राथमिक उद्योग से अभिप्राय प्राकृतिक संसाधनों जैसे तेल, कोयला, खनिज पदार्थ आदि के निष्कर्षण And जैविक पदार्थ जैसे पाध्ै ो, पशु आदि के प्रजनन And विकास स े जुड़ी क्रियाओं से हैं’’

(ख) द्वितीयक उद्योग- कच्चा, माल अर्द्धनिर्मित माल को निर्मित माल मे परिवर्तित कर विक्रय योग्य बनाना द्धितीयक उद्योग का कार्य हैं जैसे-सूत से वस्त्र और गन्ना से शक्कर बनाना। प्राथमिक उद्योगो के उत्पादों को सामान्यत: द्वितीयक उद्योगों द्वारा कच्चे माल के Reseller मे प्रयुक्त करते हैं। उदाहरण के लिए लकड़ी का प्रयोग फर्नीचर बनाने व बाक्साइड का प्रयोग एल्यूमीनियम बनाने के लिए Reseller जाता है। भवन, बांध, पुल, सड़क, रेल, नहर, सुरंग आदि तैयार करना ‘‘निर्माण उद्योग’’ के अन्तर्गत आता हैं। अत: द्वितीयक उद्योग विनिर्माण अथवा निर्माण की क्रियाएं करते हैं इन्हे निम्न वर्गो मे बांटा जा सकता है :-

  1. विश्लेषणात्मक उदयोग में Single ही उत्पाद के विभिन्न तत्वों को अलग-अलग करके And उसका विश्लेषण करके विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार करते हैं पैट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल, मशीनों में चिकनार्इ लाने वाला तेल आदि का तेल शोधन कारखानों में कच्चे तेल की सहायता से उत्पादन Reseller जाता है।
  2. कृत्रिम-तन्तु उद्योग में विभिन्न तत्वों को मिलाकर Single नए उत्पाद का निर्माण करते हैं। जैसे कि पोटेशियम कार्बोनेट तथा वनस्पति तेल को मिलाकर साबुन का उत्पादन Reseller जाता है। इसी प्रकार चूना, कोयले तथा अन्य रसायनों के संयोग से सीमेन्ट का उत्पादन Reseller जाता है। 
  3. प्रक्रियण उद्योग वह उद्योग हैं जिनमें अन्तिम उत्पाद को प्राप्त करने के लिए कच्चे माल को विभिन्न क्रमिक चरणों के प्रक्रियण से गुजरना पड़ता है। कपड़ा, चीनी And कागज प्रक्रियण उद्योग के उदाहरण हैं।
  4. संकलन उद्योग मे विभिन्न विनिर्मित उत्पादों को इकट्ठा करके Single नया उत्पाद तैयार करते है। जैसे कार, स्कूटर, साइकल, रेडियो, टेलीविजन आदि तैयार करना 

(ग) सेवा उद्योग- बैकिंग, बीमा, परिवहन आदि सेवाए  सेवा उद्योग के अन्तर्गत आते है। फिल्म उद्योग जो लोगों का मनोरंजन करता है, फिल्मों का निर्माण करता है। पर्यटन उद्योग जो लोगो के लिए यात्रा के वाहन And ठहरने के लिए होटल, लांज धर्मशालाओं की व्यवस्था करता है, उन्हे सहूलियत प्रदान करता हैं, इसी वर्ग में आते हैं। इन सेवाओं को उद्योगो के अन्तर्गत लिया जाता है क्योंकि इनसे प्राथमिक And द्वितीयक उद्यागे व अन्य व्यापारिक क्रियाओं के क्रियान्वयन में सहायता मिलती है। 

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