रुचि परीक्षण

किसी वस्तु, व्यक्ति, प्रक्रिया, तथ्य, कार्य आदि को पसन्द करने या उसके प्रति आकर्शित होने, उस पर ध्यान केन्द्रित करने या उससे संतुष्टि पाने की प्रवृत्ति केा ही रूचि कहते हैं। रूचि का व्यक्ति की योग्यताओं से केार्इ सीधा सम्बन्ध नहीं होता है परन्तु जिन कार्यों में व्यक्ति की रूचि होती है वह उसमें अधिक सफलता प्राप्त करता है। रूचियां जन्मजात भी हो सकती हैं तथा अर्जित भी हो सकती है। गिलफोर्ड के According – ‘‘रूचि किसी क्रिया, वस्तु या व्यक्ति पर ध्यान देने, उसके द्वारा आकर्शित होने, उसे पसन्द करने तथा उससे संतुष्टि पाने की प्रवृत्ति है।’’

रूचि के प्रकार –

सुपर के According रूचियां चार प्रकार की होती हैं।

  1. अभिव्यक्त रूचियाँ – जिन्हें व्यक्ति की स्वयं उल्लिखित क्रियाआ,ें कार्यो या पसन्दों के आधार पर जाना जाता है।
  2. प्रदर्शित रूचियाँ – जिन्हे व्यक्ति या बालक की विभिन्न क्रियाओं से पहचाना जा सकता है।
  3. आकंलित रूचियाँं- जिन्हें विभिन्न सम्पा्रप्ति परीक्षणों पर व्यक्ति के द्वारा अर्जित प्राप्तांको के आधार पर आंकलित Reseller जाता है।
  4. सूचित रूचियाँ- जिन्हें पम्रापीकतृ रूचि सूचियों की सहायता से मापा जाता है।

रूचि मापन के प्रकार –

रूचि मापन की मुख्य Reseller से दो विधियां हैं –

1. आत्मनिष्ठ विधियां :- 

इन विधियों में अवलोकन तथा साक्षात्कार आता है। इन विधियों में व्यक्ति की रूचि को जानने हेतु विभिन्न प्रकार के प्रश्नों को पूछा जाता है। कुछ अनुसन्धानकर्ताओं का यह मानना है कि इस प्रकार से ज्ञात की गयी रूचियाँ काल्पनिक तथा अविश्वसनीय होती है। अवलोकन के द्वारा व्यक्ति की प्रदर्शित रूचियों का मापन Reseller जाता है। इन विधियों में व्यक्ति उन्हीं में अपनी रूचि प्रदर्षित करता है जिसे सामाजिक मान्यता प्राप्त होती है।

2. वस्तुनिष्ठ विधिया :-

इन विधियों में मुख्य Reseller से रूचि सूचियां आती है। रूचि सूचियां वास्तव में रूचियों के मापन के लिए औपचारिक ढ़ंग से विकसित किए गये मापन उपकरण हैं। रूचि सूचियों केा तैयार करने में प्राय: दो भिन्न-भिन्न प्रकार की तकनीकों का प्रयोग Reseller जाता है।

  1. निरपेक्ष पसन्द-नापसन्द :- इस प्रकार की रूचि सूचियों में व्यवसायों, क्रियाओं, वस्तुओं, मनोरंजन साधनों, अध्ययन विषयों आदि का वर्णन प्रस्तुत Reseller जाता है तथा व्यक्तियों से यह पूछा जाता है कौन से व्यवसाय, वस्तु, अध्ययन विषय उन्हें पसन्द हैं, कौन-कौन से नापसन्द हैं तथा किन-किन के प्रति उदासीन है।
  2. तुलनात्मक पसन्द-नापसन्द :- इसमें दो-दो, तीन-तीन या चार-चार के समूहों में व्यवसायों, अध्ययन विषयों, क्रियाओं, वस्तुओं केा प्रस्तुत Reseller जाता है।

रूचि प्रशिक्षण के क्षेत्र में First मानकीकृत परीक्षण का निर्माण सन् 1914 में कर्नीगी इंस्टीटयूट आफ टेक्नोलॉजी द्वारा Reseller गया। जी.एफ.कूडर द्वारा निर्मित कूडर प्राथमिकता रिकार्डस व्यावसायिक व व्यक्तिगत प्रपत्र (Kudar’s Preferene Records – Vocational and Personal Forms) तथा स्ट्रांग व्यावसायिक रूचि प्रपत्र का प्रयोग मुख्य Reseller से रूचि मापन के लिए प्रयोग Reseller जाता है।

भारत में रूचि परीक्षणों का विकास

First यह कार्य 1956 में इलाहाबाद साइकोलाजिकल ब्यूरों ने हार्इस्कूल विद्यार्थियों के लिए कूडर रूचि प्रपत्र के आधार पर Single व्यावसायिक रूचि प्रपत्र का निर्माण Reseller। यह सामूहिक रूचि परीक्षण हिन्दी भाषा में हैं। 1958 में स्ट्रांग के व्यावसायिक रूचि प्रपत्र का Indian Customer परिस्थियों में अनुकूलन करने का First प्रयास वंशगोपाल सिगरन ने Reseller। एस0चटर्जी का अशाब्दिक प्राथमिकता रिकार्ड (Chatterji No.-1 Verbal Preferential Record) तथा एस0पी0 कुलश्रेष्ठ के शैक्षिक रूचि प्रपत्र (Edcational Interest Form) व व्यावसायिक रूचि प्रपत्र (Vocational Interest Forms) आदि का प्रयोग रूचि मापन के लिए Reseller जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *