भूस्खलन के कारण

‘‘किसी भू-भाग के ढाल पर मिट्टी तथा चट्टानों के ऊपर से नीचे की ओर खिसकने, लुढ़कने या गिरने की प्रक्रिया को भूस्खलन कहा जाता है।’’

अथवा

‘‘आधार चट्टानों या आवरण स्तर का भारी मात्रा में नीचे की ओर खिसकना भूस्खलन कहलाता है।’’

भूवैज्ञानिकों के According ‘‘भूस्खलन Single प्राकृतिक घटना है जो गुरूत्वाकर्षण बल के प्रभाव के कारण चट्टानों, मिट्टी आदि के अपने स्थान से नीचे की ओर सरकने के कारण घटित होती है।’’ नदियों द्वारा किए जाने वाले कटाव और लगातार वर्षा के कारण मिट्टी तथा चट्टान की परत कमजोर हो जाती है। गुरूत्वाकर्षण बल और ढाल के कारण मिट्टी तथा चट्टानों का ढेर सरक कर नीचे आ जाता है या भरभरा कर नीचे गिर जाता है। इसी को भूस्खलन कहते है। इसकी औसत गति 260 फिट प्रति सेकेण्ड होती है।

भूस्खलन के कारण

  1. तीव्र ढाल : पर्वतीय तथा समुद्र तटीय क्षेत्रों में तीव्र ढाल भूस्खलन की घटनाओं की तीव्रता को कर्इ गुना बढ़ा देते हैं। ढाल अधिक होने तथा गुरूत्वाकर्षण बल के कारण पहाड़ी ढलानों का कमजोर भाग तीव्र गति से सरककर नीचे आ जाता हैं।
  2. जल : जल भूस्खलन की घटनाओं के प्रमुख कारकों में से Single है। जब ऊपरी कठोर चट्टान की परत के नीचे कोमल शैलों (shale, clay) का स्तर पाया जाता है तब वर्षा होने के कारण दरारों के माध्यम से जल कोमल शैल में प्रवेश कर जाता है। जिस कारण कोमल शैल फिसलन जैसी परत में बदल जाते हैं। परिणामस्वReseller ऊपरी शैल स्तर सरककर नीचे आ जाता है।
  3. अपक्षय तथा अपरदन : क्ले माइका, कलै साइट, जिप्सम आदि खनिज पदार्थों की अधिकता वाली चट्टानों में अपक्षय तथा अपरदन की क्रिया तीव्र गति से होती है। जिस कारण चट्टानों में मिश्रित खनिज तत्वों के पानी में घुलने (अपक्षय) तथा अपरदन की क्रिया के कारण इन क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनायें होती रहती हैं।
  4. वन अपरोपण : Human ने अपने आथिर्क स्तर में सुधार हेतु वनों का कटान तेजी से Reseller है। वनस्पति की जड़ें मिट्टी की ऊपरी परत को जकड़े रखती हैं, जिस कारण मृदा के अपरदन व वहाव की दर बहुत कम होती है। परन्तु वन अपरोपण के कारण क्षेत्र विशेष की मिट्टी ढीली पड़ जाती है और साथ ही अपरदन की क्रिया भी तीव्र गति से घटित होती है। परिणामस्वReseller भूस्खलन की घटना को बल मिलता है।
  5. निर्माण कार्य : निर्माण कार्य भी भूस्खलन के कारणों में से Single है। पहाड़ी ढालों पर कटान द्वारा सड़क और रेल लाइन के निर्माण के • अल्पकालिक तीव्र बाढ़ आना कारण पहाड़ी ढाल कमजोर व अस्थिर हो जाते है, और भूस्खलन आपदा में सहायता करते हैं।
  6. भूकम्प And ज्वालामुखी : भूकम्प And ज्वालामुखी क्रियाओं द्वारा उत्पन्न हुए कम्पन तथा विस्फोट द्वारा पहाड़ी ढलानी क्षेत्र के नीचे सरक जाने के कारण भूस्खलन की घटनायें घटित होती रहती हैं।

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *