बुद्धि परीक्षण And मापन

बुद्धि परीक्षणों का उपयोग परोक्ष या अपरोक्ष Reseller से कर्इ सदियों से चला आरहा है। परन्तु इसका मनोवैज्ञानिक Reseller से विकास अठारवींसदी के अन्त And उन्निसवीसदी के पूर्व में प्रारम्भ हुआ। बुद्धि- परीक्षणों के विकास कर्इ मनोवैज्ञानिकों ने योगदान दिया। इटॉडर्,सेग्युन,अल्फ्रेड बिने Andसार्इमन जैसे मनोवैज्ञानिको ने बुद्धि परीक्षणों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभार्इ। मैरिल-पामर, गुड एनफ, रेवन And वेश्लर ने भी नये बुद्धि परीक्षणों का निर्माण कर अपना अपना योगदान दिया।

भारत में भी First बुद्धि परीक्षण का निर्माण रार्इस ने सन् 1922 में बिने की मापनी का Indian Customer अनुकूलन Reseller। इस परीक्षण का नाम था ‘हिन्दुस्तानी बिने परफोरमेंस पाइन्ट स्केल’। जलोटा (1951) ने Single सामूहिक बुद्धि परीक्षण का निर्माण Reseller। सन् 1953 में भाटिया ने Single निष्पादनबुद्धि परीक्षण (Performance Intelligence Test) का निर्माण Reseller। इनके अतिरिक्त देश के कर्इ मनोवैज्ञानिक जैसे शाह, झा, मोहसिन, मनरी, सोहनलाल, जलोटा, प्रो. एम. सी. जोशी, प्रयाग मेहता, टण्डन, कपूर, शैरी, रायचौधरी, मलहोत्रा, ओझा And लाभसिंह ने भी बुद्धि परीक्षणों के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

बुद्धि परीक्षण का आशय उन परीक्षणों से है जो बुद्धि-लब्धि ( I.Q.) के रुप में केवल Single अंक के माध्यम से व्यक्ति के सामान्य बौद्धिक And उसमें विद्यमान विभिन्न विशिष्ट योग्यताओं के सम्बंध को इंगित करता है। बुद्धि-लब्धि को प्राप्त करने के लिए बुद्धि परीक्षणों का उपयोग Reseller जाता है। बुद्धि परीक्षणों का उपयोग Human जीवन के कर्इ क्षेत्रों में भी Reseller जाता है जिनका History आगे Reseller जारहा है। बुद्धि परीक्षण विभिन्न प्रकार के होतें जिनका भी वर्णन आगे Reseller जारहा है।

बुद्धि परीक्षण And मापन 

व्यक्तियों में वैयक्तिक भिन्नताएं होती हैं। वे केवल शारीरिक गुणों से ही Single Second से भिन्न नहीं होते परन्तु मानसिक And बौद्धिक गुणों से भी Single Second से भिन्न होते हैं। कर्इ बौद्धिक गुणों की भिन्नताऐं जन्मजात भी होती हैं। कुछ व्यक्ति जन्म से ही प्रखर बुद्धि के तो कुछ मन्द बुद्धि व्यवहार वाले होते हैं। उन्नीसवीं सदी में मंद बुद्धि वाले बालकों And व्यक्तियों के प्रति बहुत ही बुरा व्यवहार होता था। लोगों की यह मान्यता थी कि इनमें दुरात्माओं का प्रवेश हो गया है। इन कथित दुरात्माओं को निकालने हेतु मंद बुद्धि बालकों के साथ अHumanीय व्यवहार Reseller जाता था। उनको जंजीरों में बांधकर रखा जाता था And उन्हें नाना प्रकार के कष्ट दिये जाते थे। अत: मन्द बुद्धि बालकों के लिए समस्या यह थी कि उनकी बुद्धि के स्तर के बारे में उस समय तक कोर्इ मापन विधि विकसित नहीं हुर्इ थी। फ्रांस में बुद्धि-दौर्बल्य या मन्दबुद्धि बालकों की इस समस्या ने गम्भीर Reseller धारण कर लिया था। तब वहां की सरकार और मनोवैज्ञानिकों का ध्यान इस समस्या पर गया। इस समस्या का समाधान करने हेतु फ्रांस के सुप्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक इटॉर्ड(Itord)तथा उनके बाद सेग्युन(Seguin)जैसे मनोवैज्ञानिको ने मंद बुद्धि बालकों की बुद्धि And योग्यताओं के मापन And अध्ययन करने हेतु विभिन्न विधियों का प्रयोग प्रारम्भ Reseller। इस अध्ययन के अन्तर्गत उन्होंने कुछ बुद्धि परीक्षणों का निर्माण Reseller।

मंद बुद्धि बालकों के विकास के लिए कर्इ विद्यालयों की स्थापना हुर्इ जहां मंद बुद्धि बालकों का परीक्षण Reseller जाता था तथा उनकी बुद्धि विकास हेतु उन्हें प्रशिक्षण प्रदान Reseller जाता था। इस प्रकार के प्रयत्न जर्मनी, इंग्लैंड तथा अमेरिका में हुए। परन्तु बुद्धि परीक्षण के सही मापन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य का श्रेय फ्रांस को ही जाता है। फ्रांस में मद बुद्धि बालकों को सही प्रशिक्षण देने के लिए And उनकी शिक्षा का समुचित प्रबंध करने हेतु Single समिति बनार्इ गर्इ और उसका अध्यक्ष सुप्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक अल्फ्रेड बिने(Alfred Binet)को बनाया गया। बिने First वो मनोवैज्ञानिक थे जिन्होंने बुद्धि को वैज्ञानिक And व्यवस्थित Reseller में समझने का प्रयास Reseller। उनको बुद्धि मापन क्षेत्र का जन्मदाता माना जाता है। बिने ने यह स्पष्ट Reseller कि बुद्धिकेवल Single कारक नहीं है जिसको कि हम Single विशेष परीक्षण द्वारा माप सकें अपितु यह विभिन्न योग्यताओं की वह जटिल प्रक्रिया है जो समग्र Reseller से क्रियान्वित होती है।

बिने ने सार्इमन के सहयोग से सन् 1905 में First बुद्धि मापनी Meansात् बुद्धि परीक्षण का निर्माण Reseller जिसे बिने-सार्इमन बुद्धि परीक्षण का नाम दिया। ये बुद्धि परीक्षण तीन से सोलह वर्ष की आयु के बच्चों की बुद्धि का मापन करता है। इस परीक्षण में सरलता से कठिनता के क्रम में तीस पदों का प्रयोग Reseller गया। इस परीक्षण से व्यक्तियों के बुद्धि केस्तरों का पता लगाया जा सकता है। बिने-सार्इमन बुद्धि परीक्षण की सहायता से मंद बुद्धि बालकों को तीन समूह में बांटा गया है-

  1. जड़बुद्धि 
  2. हीन बुद्धि 
  3. मूढ़ बुद्धि 

    सन् 1908 में बिने ने अपने बुद्धि परीक्षण में पर्याप्त संशोधन Reseller और संशोधित बुद्धि परीक्षण का प्रकाशन Reseller। इस परीक्षण में 59 पद रखे। ये पद अलग-अलग समूहों में हैें, जो अलग-अलग आयु के बालकों से संबंधित हैं। इस परीक्षण में First मानसिक आय(Mental Age)कारक को समझा गया।

    सन् 1911 में बिने ने अपने 1908 में बने बुद्धि परीक्षण में पुन: संशोधन Reseller। जब बिने का बिने-सार्इमन बुद्धि परीक्षण 1908 में विभिन्न देशों जैसे बेल्जियम, इंग्लैण्ड, अमेरिका, इटली, जर्मनी में गया तो मनोवैज्ञानिकों की रूचि इस परीक्षण की ओर बढ़ी। कालान्तर में इस परीक्षण की आलोचना भी हुर्इ क्योंकि यह परीक्षण निम्न आयुस्तर वालों के लिए तो ठीक था, परन्तु उच्च आयुवर्ग के बालकों के लिए सही नहीं था। अत: इस कमी का सुधार करने हेतु बिने ने अपने परीक्षण में पुन: पर्याप्त सुधार Reseller। उन्होंने अपने परीक्षण के फलांकन पद्धति में भी सुधार And संशोधन Reseller तथा 1911 में अपनी संशोधित बिने-सार्इमन मापनी या परीक्षण का पुन: प्रकाशन Reseller। उन्होंने इस परीक्षण के मानसिक आयु और बालक की वास्तविक आयु के बीच सम्बन्ध स्थापित Reseller और इसके आधारपर उन्होंने बालकों को तीन वर्गों में बांटा ये वर्ग हैं- सामान्य बुद्धि(Regular Intelligent)वाले, श्रेष्ठ बुद्धि(Advanced Intelligent)वाले And मदं बुद्धि(Retarded Intelligent)वाले बालकों का वर्ग। बिने के According जो बालक अपनी आयु समूह से उच्च आयु समूह वाले बालकों के प्रश्नों का हल कर लेते हैं तो वे श्रेष्ठ बुद्धि वाले कहलाते हैं और यदि बालक अपनी आयु समूह से कम आयु समूह वाले बालकों के प्रश्नों का ही हल कर पाते हैं तो वे मन्द बुद्धि बालक होते हैं।

    फ्रांस देश के अतिरिक्त अन्य देशों में भी बिने-सार्इमन के बुद्धि परीक्षण का उपयोग होने लगा। अमेरिका में 1910 में गोडार्ड महोदय ने बिने के 1908 वाले First संशोधित बुद्धि परीक्षण को कुछ संशोधनों के साथ प्रकाशन Reseller। इसके अतिरिक्त 1916 में अमेरिकन मनोवैज्ञानिक टर्मेन ने बिने के बुद्धि परीक्षण को अपने देश की परिस्थितियों के अनुकूल बनाकर इसका प्रकाशन Reseller। चूंकि इस परीक्षण का संशोधन स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर टर्मेन ने Reseller, इस आधार पर इस परीक्षण को ‘स्टेनफोर्ड-बिने परीक्षण’ कहा गया। 1937 में प्रो. एम.एम. मेरिल के सहयोग से 1916 के स्टेनफोर्ड बिने परीक्षण में संशोधन करइसमें कुछ अंकगणित के प्रश्नों को भी रखा। 1960 में स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय से इस परीक्षण का नवीन संशोधन प्रकाशित Reseller गया।

    इसके अतिरिक्त बोबर टागा ने 1913 में इसका जर्मन संशोधन(German Rivison of Binet Simon Test)प्रकाशित Reseller। लंदन में बर्टने इसका संशोधन कर इसे लंदन(London Rivison)के नाम से प्रकाशित Reseller। इसके अतिरिक्त इटली में सेफियोट तथाभारत में उत्तर प्रदेश मनोविज्ञान शाला (U.P. Psychological Bureau) ने इस परीक्षण को अपनेअपने देश के According अनुकूल And संशोधन कर इसका प्रकाशन Reseller। 

    बिने-साईमन बुद्धि परीक्षण के संशोधनों के अतिरिक्त भी कर्इ प्रकार के बुद्धिपरीक्षणों का निर्माण हुआ जिनमें व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण And सामूहिक बुद्धि परीक्षण, वाचिक And अवाचिक बुद्धि परीक्षण भी सम्मिलित हैं।

    बुद्धि परीक्षण का तात्पर्य 

    पूर्व में हमने विश्वभर में हुए बुद्धि परीक्षणों के विकास के बारे में Discussion की। बुद्धि परीक्षण का क्या तात्पर्य है? इसको समझाना भी बहुत आवश्यक है। डॉ. महेश भार्गव के According बुद्धि परीक्षण का आशय उन परीक्षणों से है जो बुद्धि-लब्धि ( I.Q.) के रुप में केवल Single अंक के माध्यम से व्यक्ति के सामान्य बौद्धिक And उसमें विद्यमान विभिन्न विशिष्ट योग्यताओं के सम्बंध को इंगित करता है। इन परीक्षणों द्वारा व्यक्ति के सम्मुख विभिन्न कार्यों को प्रस्तुत Reseller जाता है। यह आशा की जाती है कि इनके माध्यम से बौद्धिक कार्यों को जाना जा सकता है।

    कौन व्यक्ति कितना बुद्धिमान है यह जानने के लिए मनोवैज्ञानिकों ने काफी प्रयत्न किए। बिने के According बुद्धि बाल्यावस्था से किशोरावस्था तक बढ़ती रहती है परन्तु Single अवस्था ऐसी भी आती है जहां यह स्थिर हो जाती है। बुद्धि को मापने के लिए मनोवैज्ञानिकों ने मानसिक आयु (M.A.) और शारीरिक आयु ( C.A.) कारक प्रस्तुत किये और इनके आधार पर व्यक्ति की वास्तविक बुद्धि-लब्धि ज्ञात की जाती है।

    बुद्धि-लब्धि

    बुद्धि-लब्धि का प्रत्यय टर्मन तथा स्टर्न ने दिया। बुद्धि-लब्धि को मानसिक आयु तथा वास्तविक आयु के अनुपात से ज्ञात Reseller जाता है। बुुद्धि-लब्धि प्राप्त करने के लिए First बुद्धि परीक्षण से मानसिक आयु ज्ञात की जाती है तथा फिर उसमें व्यक्ति की वास्तविक आयु का भाग दे दिया जाता है तथा संख्या को पूर्ण बनाने के लिए इस अनुपात को 100 से गुणा कर दिया जाता है। उदाहरण के लिए किसी बालक की मानसिक आयु 12 वर्ष है और शारीरिक आयु 10 वर्ष है तो उसकी बुद्धि-लब्धि होगी-

    12 

    I.Q. =—– ×100 =120

    10

         बुद्धिलब्धि

    बुद्धि परीक्षण 

    1. कुछ मुख्य व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण 

    1. मैरिल-पामर मापनी( Merrill Palmer Scale)इस बुद्धि परीक्षण है में 38 उपपरीक्षण हैं। इसका उपयोग डेढ़ वर्ष से पांच छ: वर्ष की आयु के बच्चों पर उनकी बुद्धि मापनें के लिए Reseller जाता है। 
    2. मिनोसोटा पूर्व-विद्यालय मापनी(Menosota Pre-School Scale)यह भीSingle महत्वपूर्ण बुद्धि परीक्षण है। इसका उपयोग भी डेढ़ वर्ष से पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों पर Reseller जाता है। 
    3. मनोवैज्ञानिक गुड एनफ (Good Enough) ने ड्राविग ए मेंन परीक्षण (Drawing a man) का बालकों के विद्यालय प्रवेश के समय उनकी बुद्धि मापनें में इसका प्रयोग Reseller जाता है। 
    4. रेवन (Reven) ने 1938 में प्रोगे्रसिव मैट्रिक्स (Progressive Matrics) परीक्षणों का निर्माण Reseller। इस परीक्षण में दो उप-परीक्षण है। Single बालकों की बुद्धि मापनें के लिए रंगीन प्रोगे्रसिव मैट्रिक्स तथा वयस्कों के लिए मानक प्रोगे्रसिव मैट्रिक्स (Standard Progressve Matrics) 
    5. वेश्लर ने 1949 में बालकों And वयस्कों हेतु बुद्धि मापनी का निर्माण Reseller। ये All व्यक्तिगत या वैयक्तिक परीक्षण हैं तथा इनका उपयोग Single बार में Single ही विषय या प्रयोज्य (व्यक्ति) पर Reseller जाता है। 

    2. कुछ मुख्य सामूहिक बुद्धि परीक्षण 

    बुद्धि परीक्षणों का विकास काल और देशीय Need के According होता रहा है। सन् 1914 में First विश्व Fight के समय अमेरिका में सेना में भर्ती हेतु व्यक्तियों का सही ढ़ंग से चुनाव करने के लिए बुद्धि परीक्षणों का निर्माण हुआ। चूंकि हजारों व्यक्तियों पर व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षणों का प्रशासन Single समय पर Single साथ असंभव था इसलिए सामूहिक बुद्धि परीक्षणों का निर्माण हुआ। सेना में अंग्रेजी पढ़े लिखे And अधिकारी वर्ग के सैनिकों के चयन हेतु आर्मीएल्फा(Army Alpha)सामूहिक बुद्धि परीक्षण का निर्माण हुआ। जबकि अनपढ़ And अंग्रेजी भाषा से अनिभिज्ञ व्यक्तियों के लिए आर्मी बीटा (Army Beta) सामूहिक परीक्षणों का निर्माण हुआ। इन बुद्धि परीक्षणों के आधार पर सेना में सैनिकों की भर्ती की गर्इ। इसी तरह द्वितीय विश्व महाFight में भी इसी प्रकार के बुद्धि परीक्षणों द्वारा सेना में भर्ती हुर्इ। इसी समय आर्मी जनरल क्लासीफिकेशन टैस्ट (Army General Classification Test) का भी निर्माण हुआ। इस प्रकार समय-समय पर समय की Need के According विभ्भिन्न बुद्धि परीक्षणों का निर्माण होता रहा।

    बुद्धि परीक्षणों के प्रकार 

     ऊपर हमने विश्व में तथा भारत में बुद्धि परीक्षणों के विकास के बारे में पढ़ा इसके अतिरिक्त बुद्धि परीक्षणों का तात्पर्य, मानसिक आयु, वास्तविक आयु, बुद्धिलब्धि And बुद्धिलब्धि के आधार पर व्यक्तियों का वर्गीकरण पढ़ा। अब हम बुद्धि परीक्षणों के प्रकारों के बारे में आगे Discussion करेंगे। बुद्धि परीक्षणों का निर्माण विभिन्न स्थितियों, विषय वस्तु आदि को ध्यान में रखकर Reseller जाता है। जैसे बुद्धि परीक्षण का प्रशासन या उपयोग व्यक्तिगत तौर पर या सामूहिक तौर पर करना है अथवा इसका उपयोग पढ़े लिखे या अनपढ़ लोगों पर करना है तो ऐसी स्थितियों में अलग-अलग प्रकार के परीक्षणों का उपयोग होता है। इन All बातों के आधार पर हम बुद्धि परीक्षणों को मुख्य चार वर्गों में वर्गीकृत कर सकते हैं

    1. प्रशासन प्रक्रिया के आधार पर – 

    इस प्रकार के बुद्धि परीक्षणों को प्रशासनिक प्रक्रिया के आधार पर दो भागों में बांटा जा सकता है। ऐसे परीक्षण, जिनका उपयोग Single समय में केवल Single ही व्यक्ति का परीक्षण करने में Reseller जाता है Meansात् व्यक्तिगत Reseller से उसको काम में लाया जाता है, व्यक्तिगत या वैयक्तिक परीक्षण कहलाते हैं। जिस बुद्धि परीक्षण से जब Single समय में कर्इ व्यक्तियों की एम ही साथ बुुद्धि परीक्षण Reseller जाए उसे सामूहिक बुद्धि परीक्षण कहा जाता है। Meansात् प्रशासन प्रक्रिया के According इस प्रकार के बुद्धि परीक्षणों को दो उप वर्गों में रखा जाता है (1) व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण (Indivisual Intelligence Test) And (2) सामूहिक बुद्धि परीक्षण (Group Intelligence Test)

     2. भाषा And विषय- वस्तु के आधार पर – 

    इन परीक्षणों को भी दो उपवर्गों में विभाजित कर सकते हैं। 1. शाब्दिक बुद्धि परीक्षण (Verbal Intelligence Test) And 2. अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण (Non Verbal Intelligence Test) शाब्दिक बुद्धि परीक्षणों में Wordों या भाषा का प्रयोग Reseller जाता है। अत: पढे़-लिखे लोगों के लिए यह परीक्षण उपयोगी है। जबकि अशाब्दिक परीक्षणों में भाषा की जगह संकेतों, चित्रों, आकृतियों And चिन्हों का प्रयोग Reseller जाता है। इस प्रकार के परीक्षण अनपढ़ लोगों के लिए तथा उन लोगों के भी उपयोगी है जो किसी विशेष भाषा को नहीं जानते हैं।

    3. योग्यता मापन के आधार पर – 

    ये परीक्षण भी दो प्रकार के होते हैं- (i) सामान्य योग्यताएं परीक्षण (General Abilities Test) (ii) विशेष मानसिक योग्यताएं परीक्षण (Special Mental Abilities Test) First प्रकार के परीक्षणों द्वारा व्यक्ति की सामान्य मानसिक योग्यताएं (General Abilities ) मापी जाती हैं जबकि Second प्रकार के परीक्षणों द्वारा व्यक्ति की विशेष मानसिक योग्यताएं मापी जाती है।

    4. परीक्षण के Reseller के आधार पर – 

    बुद्धि परीक्षणों को रुप के आधार पर भी दो भागों में बांटा जा सकता है:(i) गति बुद्धि परीक्षण (ii) शक्ति बुद्धि परीक्षण। जिन परीक्षणों में निश्चित समयावधि में कुछ निश्चित प्रश्नों को हल करना होता है ऐसे परीक्षणों को गति बुद्धि परीक्षण कहते हैं। जिन परीक्षणों में प्रश्नों को सरलतम् से कठिनतम स्तर में रखा जाता है ऐसे परीक्षणों को शक्ति बुद्धि परीक्षण कहते हैं।

    कर्इ मनोवैज्ञानिकों ने बुद्धि परीक्षणों को दो प्रमुख भागों में बांटा है 1. शाब्दिक And 2. अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण। इन दोनों प्रकार के बुद्धि परीक्षणोंमें ही वैयक्तिक And सामूहिक परीक्षणों को सम्मिलित Reseller है। Meansात् शाब्दिक बुद्धि परीक्षण दो प्रकार के हैं वैयक्तिक शाब्दिक बुद्धि परीक्षण And सामूहिक शाब्दिक बुद्धि परीक्षण। इसी प्रकार अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण भी दो प्रकार के हुएवैयक्तिक अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण And सामूहिक अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण। अब हम इन वर्गों में आने वाले मुख्य परीक्षणों का वर्णन करेंगे।

    1. शाब्दिक बुद्धि परीक्षण 

     जैसा कि हमने पूर्व में लिखा है कि शाब्दिक बुद्धि परीक्षणों को भी दो वर्गों में विभक्त Reseller गया है- 1. वैयक्तिक (Individual) तथा 2. समूह (Group) बुद्धि परीक्षण। इन वर्गों में आने वाले मुख्य परीक्षण इस प्रकार है

    1. वैयक्तिक शाब्दिक बुद्धि परीक्षण – वैयक्तिक शाब्दिक बुद्धि परीक्षणों में Wordों या भाषा का प्रयोग होता है। इन परीक्षणों में प्रश्नों के कर्इ समूह होते हैं इन प्रश्नों को पढ़कर व्यक्ति को मौखिक या लिखित उत्तर देना होता है। चूंकि ऐसे परीक्षण Single समय में Single ही व्यक्ति को दिये जा सकते हैं इसलिए इनको वैयक्तिक शाब्दिक बुद्धि परीक्षण कहते हैं। इस प्रकार के परीक्षणों का प्रशासन केवल पढे़-लिखे लोगों पर ही हो सकता है। बिने-साइमन के बुद्धि परीक्षण And इनके संशोधन And Resellerान्तरण इसी वर्ग में आते हैं। इसके अतिरिक्त टर्मन-स्टैनफोर्ड का परीक्षण, वेश्लर की बुद्धि मापनी आदि इसी वर्ग में आते है। 
    2. सामूहिक शाब्दिक बुद्धि परीक्षण – वैयक्तिक शाब्दिक बुद्धि-परीक्षण Single बार में Single ही व्यक्ति पर Reseller जा सकता है। अधिक संख्या में व्यक्तियों पर यह परीक्षण करने में समय बहुत अधिक लग जाता है और परिणाम भी दोषपूर्ण आते हैं। अत: इस दोष को दूर करने के लिए सामूहिक शाब्दिक बुद्धि परीक्षणों का निर्माण Reseller गया। इस प्रकार के बुद्धि परीक्षणों द्वारा Single साथ कर्इ व्यक्तियों का बुद्धि परीक्षण Reseller जा सकता है। इस परीक्षण का सबसे First निर्माण First विश्व Fight के समय अमेरिका में हुआ। सेना में अधिकारी वर्ग की भतË के लिए शाब्दिक सामूहिक परीक्षण तैयार किये गये। इन परीक्षणों को आमË अल्फा परीक्षण (Army Alpha Tests) कहा गया। अमेरिका के बाद कर्इ देशों में इस प्रकार के परीक्षणों का निर्माण हुआ। भारत में भी इस प्रकार के परीक्षणों का निर्माण हुआ जिनमें जलोटा And जोशी के समूह बुद्धि परीक्षण प्रसिद्ध है। 

    2. अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण – 

    अशाब्दिक बुद्धि परीक्षणों को भी शाब्दिक बुद्धि परीक्षणों की भांति दो वगोर्ं में विभाजित Reseller गया है(अ) वैयक्तिक अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण (ब) सामूहिक अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण।

    1. वैयक्तिक अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण – इस प्रकार के परीक्षणों में Wordों या भाषा का प्रयोग नहीं होता। इनके स्थान पर संकेत चिन्ह, आकृतियों का प्रयोग होता हे। Meansात् इनमें भाषा या पुस्तकीय ज्ञान का कम से कम प्रयोग होता है। इस प्रकार के परीक्षणों को निष्पादन बुद्धि परीक्षण (Performance Intelligence Tests) भी कहा जाता है। इस प्रकार का परीक्षण Single बार में Single व्यक्ति पर ही Reseller जा सकता है। इस प्रकार के वर्ग के परीक्षणों में कुछ मुख्य परीक्षण निम्नलिखित हैं 
      1. कोह ब्लॉक आकृति परीक्षण (Koh’s Block Design Test) 
      2. ऐलेक्जेण्डर का पास एलोंग परीक्षण (Alexander’s pass-along Test) 
      3. पिन्टर-पैटर्सन बुद्धि परीक्षण (Pinter Patterson Intelligence Test) 
      4. आकार फलक परीक्षण (Form Board Test) 
      5. रेवेन्स प्रोग्रेसिव मैट्रिक्स (Raven’s Progressive Matrics Test) 
      6. चित्र-पूर्ति परीक्षण (Picture Completion Test) 
      7. भाटिया निष्पादन परीक्षण (Bhatia’s Bettery of Intelligence Performance Test) 
    2. समूह अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण-  इस प्रकार के परीक्षणों में Wordों And भाषा का प्रयोग नहीं होता है या फिर बहुत ही कम मात्रा में होता है तथा इनका परीक्षण Single साथ कर्इ लोगों पर Reseller जा सकता है। First इस प्रकार के परीक्षणों का निर्माण First विश्व Fight के समय अमेरिका में हुआ, जब सेना में कम पढ़े-लिखे या अनपढ़ या विदेशी लोगों की भर्ती की जानी थी। इस परीक्षण को आर्मी बीटा परीक्षण (।तउल इमजं ज्मेजद्ध नाम दिया गया। द्वितीय विश्व Fight के समय आर्मी बीटा परीक्षण की तरह Single और परीक्षण तैयार Reseller गया जिसे आर्मी जनरल क्लासीफिकेशन परीक्षण (Army General Classification Test) नाम दिया गया। इसी प्रकार Single अन्य परीक्षण सेना के लिए तैयार Reseller गया जिसे आर्म्ड फोर्सेज क्वालीफिकेशन परीक्षण (Armed forces Qualification Test- AFQT) कहते हैं। 

    इस प्रकार परीक्षणों का प्रशासन Single ही समय में कर्इ लोगों पर हो जाने से समय की बचत होती है। अधिकांश ऐसे परीक्षणों को किसी सेना भर्ती या रिकुरिटिंग करते समय उपयोग में लेते हैं।

    बुद्धि परीक्षणों का उपयोग 

    बुद्धि परीक्षणों का उपयोग जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में होता है। जिस-जिस क्षेत्र में Human कार्यरत है उस उस क्षेत्र में बुद्धि परीक्षणों का उपयोग अवश्यंभावी है। हम संक्षिप्त में कुछ विशेष क्षेत्रों का History कर रहे हैं जहां बुद्धि परीक्षणों का उपयोग होता है।

    1. मानसिक योग्यता को ज्ञात करने हेतु- बुद्धि परीक्षणों के आधार हम किसी भी व्यक्ति बालक की मानसिक योग्यता ज्ञात कर सकते हैं तथा उसकी मानसिक योग्यता के आधार पर उसको कार्य सौंपा जा सकता है। मानसिक योग्यता And बुद्धि-लब्धि के आधार पर बालकों And व्यक्तियों का वगËकरण Reseller जा सकता है। 
    2. कक्षा में प्रवेश हेतु-  विद्यार्थियों के प्रवेश के समय विद्यालयों में बालकों का बुद्धि परीक्षण Reseller जाता है तथा बुद्धि-लब्धि प्राप्त कर उनके स्तर के अनुReseller उचित कक्षा में उनको प्रवेश दिया जाता है। जिससे कि वे अपने बुद्धि-स्तर के पाठ्यक्रमों का सुचारू Reseller से अध्ययन कर सके। 
    3. शिक्षा क्षेत्र-बुद्धि परीक्षणों का व्यापक उपयोग शिक्षा जगत को होता है। बालक के प्रवेश, उसका विषय निर्धारण करने, पाठ्यक्रमों And विषयों का चयन करने, प्रतिभाषाली And बुद्धि-दौर्बल्य छात्रों का पता लगाने, अपराधी प्रवृति वाले बालको का पता लगाने आदि में बुद्धि परीक्षणों का उपयोग बहुत ही महत्वपूर्ण है। इनके अतिरिक्त छात्रों की बौद्धिक क्षमताओं का पता लगाने, छात्रों का व्यवसायिक And श्ज्ञैक्षिक निर्देशन प्रदान करने तथा उनके व्यक्तिव को समझने में बुद्धि-परीक्षणों का महत्वपूर्ण उपयोग है।
    4. वैयक्तिक भिन्नता का अध्ययन करने में-  व्यक्तियों में वैयक्तिक भिन्नता का सही ज्ञान व्यक्ति के मानसिक गुणों And बुद्धि-लब्धि के आधार पर ही सम्भव है। बुद्धि-लब्धि And मानसिक योग्यताएं बुद्धि-परीक्षणों से ही ज्ञात की जा सकती है। 
    5. व्यावसायिक उपयोग-बुद्धि परीक्षणों का सबसे अधिक उपयोग शिक्षा जगत में होता हैं परन्तु व्यावसायिक क्षेत्र में भी इसका उपयोग कम नही है। व्यवसाय के अनुReseller व्यक्ति की योग्यताओं And क्षमताओं को ज्ञात करने में, अधिकारियों And कर्मचारियों का चयन करने में इन परीक्षणों का बहुत उपयोग हैं। इनके अतिरिक्त कर्मचारियों का उनकी योग्यता के According अलग अलग वर्गो में वर्गीकृत करने तथा कर्मचारियों में आपसी उचित सम्बन्ध बनाये रखने में इन परीक्षणों का बहुत उपयोग होता है। 
    6. निदान And चिकित्सा में उपयोगी-  बुद्धि परीक्षणों का उपयोग चिकित्सा क्षेत्र में भी होता है। असामान्य बालकों And मन्द बुद्धि बालकों की बुद्धि-लब्धि ज्ञात करने तथा उनके असामान्य व्यवहार के निदान में ये परीक्षण उपयोगी होते हैं। सीखने की समस्याओं And भूलने की समस्याओं के निदान के लिए भी ये परीक्षण सहायक है। 
    7. सेना में उपयोग-  सेना में कर्मचारियों And अधिकारियों के चयन में ये परीक्षण बहुत उपयोगी है, सेना कर्मचारियों की पदोन्नति, वर्गीकरण आदि भी इन परीक्षणों से ही सम्भव हैं। पूर्व में First विश्व-Fight And द्वितीय विश्व-Fight में बुद्धि परीक्षणों का उपयोग व्यापक Reseller में हुआ है। वर्तमान में भी इन परीक्षणों का उपयोग सेना के विभिन्न विभागों में कर्मचारियों के चयन के लिए होता है।
    8. कर्मचारी चयन में- उपयोगी आजकल प्राय: All विभागों में कर्मचारियों का चयन मनोवैज्ञानिक परीक्षणों से होता है। जिसमें बुद्धि परीक्षणों का विशेष योगदान है। बुद्धि के आधार पर कर्मचारियों का विभिन्न पदों पर चयन Reseller जाता है। 
    9. अनुसंधानिक उपयोग-  बुद्धि परीक्षणों का उपयोग अनुसन्धानिक कार्यों में बड़ा महत्वपूर्ण है। “ौक्षिक, मनोवैज्ञानिक And सामाजिक अनुसंधानों के लिए आंकड़ों को Singleत्र करने के लिए इन परीक्षणों का व्यापक उपयोग Reseller जाता है। 
    10. व्यावहारिक उपयोग-  व्यक्ति की दिन प्रतिदिन की व्यावहारिक समस्याओं के निदान तथा उसकी मानसिक योग्यता के अध्ययन में भी बुद्धि परीक्षणों का उपयोग महत्वपूर्ण है। 

    बुद्धि का मापन 

    बुद्धि मापन के लिए मनोवैज्ञानिकों ने कर्इ प्रकार के परीक्षणों का निर्माण Reseller। बुद्धि परीक्षणों का उद्देश्य अलग-अलग स्थितियों में तथा स्तरों पर बुद्धि का मापन करना होता है। शाब्दिक तथा अशाब्दिक परीक्षण क्रमश: पढे़-लिखे लोगों पर तथा अनपढ़ या विशेष भाशा से अनभिज्ञ लोगों पर प्रषासित किए जाते हैं। इसी तरह इनका उपयोग या प्रशासन वैयक्तिक Reseller से है या सामूहिक Reseller से, उसके According परीक्षणों का चयन Reseller जाता है। 

    किसी भी प्रकार के परीक्षण का प्रशासन करने के लिए कुछ बातें ध्यान में रखनी जरूरी होती हैं। जैसे सही स्थान का चुनाव Meansात् परीक्षण के लिए प्रयोगशाला का ही चुनाव Reseller जाए अथवा ऐसी जगह का चुनाव Reseller जाऐ जहॉं परीक्षण निर्विघ्न सम्पन्न हो सके। परीक्षण प्रारम्भ करने से पूर्व परीक्षणकर्ता यह सुनिश्चित कर ले कि परीक्षण के लिए सम्पूर्ण सामग्री उसके पास उपलब्ध है। परीक्षणकर्ता परीक्षण कार्य में दक्ष होना चाहिये। परीक्षणकर्ता प्रायोज्य से सौहार्दपूर्ण सम्बन्ध स्थापित करना चाहिये और उसे शांतिपूर्वक परीक्षण की समस्याओं को हल करने को कहना चाहिये। ।

    परीक्षक यह सुनिश्चित करे कि उसे कौनसा परीक्षण करना है- शाब्दिक या अशाब्दिक, वैयक्तिक या सामूहिक। यह भी सुनिश्चित करे कि वह कौनसे मनोवैज्ञानिक के परीक्षणों को उपयोग में लेना चाहता है। तत्पश्चात विषयी या प्रायोज्य को उसके According परीक्षण देकर फलांकन ज्ञात Reseller जाता है तद्पष्चात उससे बुद्धि-लब्धि (IQ) प्राप्त की जाती है । बुद्धि-लब्धि प्राप्त करने के लिए प्राय: All परीक्षणों में मानसिक आयु निकाली जाती है और इस मानसिक आयु में वास्तविक आयु का भाग देकर बुद्धि-लब्धि (IQ) प्राप्त की जाती है। जैसा कि निम्न सूत्र मे दर्षाया गया है –

                           मनसिक आयु (M.A)   

    बुद्धि-लब्धि (IQ) = ———————- X 100
                          वास्तविक आयु (C.A)   

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