प्रdescription क्या है?

प्रdescription Single तरह का कम्पनी का आमंत्रण होता है जिसके द्वारा जनता को अंश खरीदने के लिये आमंत्रित Reseller जाता है। Indian Customer कम्पनी अधिनियम 1956 की धारा 2 के According- ‘‘प्रdescription से आशय किसी भी ऐसे प्रलेख से है जिसमें प्रdescription, नोटिस, गश्ती पत्र, विज्ञापन या अन्य प्रलेख कहा गया हों और जिसके माध्यम से जनता को कंपनी के अंश या ऋणपत्र खरीदने के लिये आमंत्रित Reseller गया है।’’

प्रdescription की Need-

कंपनी का समामेलन होने के बाद कंपनी को पूंजी की Need होती है। कंपनी जनता से पूंजी Singleत्रित करती है। जनता कंपनी के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के बाद ही अंश खरीदती है। कंपनी के बारे में जनता को जानकारी देने के लिये Single विस्तृत description कंपनी द्वारा जारी Reseller जाता है, जिसे प्रdescription कहते है। प्रdescription का मूल उद्देश्य जनता को अंश खरीदने के लिये आमंत्रित करना होता है।

प्रdescription निर्गमन के उददेश्य-

  1. जनता को कंपनी के अंश या ऋण पत्र खरीदने के लिये आमंत्रित करना। 
  2. अश व ऋण पत्र जिन शर्तो पर जनता को जारी किये गये है उनका History करना। 
  3. प्रdescription में दी गयी जानकारी के लिये संचालकों को उत्तरदायी ठहराना।

    प्रdescription की विषय सामग्री-

    1. कंपनी के उद्देश्य। 
    2. अंश पूंजी व उसका विभिन्न प्रकार के अंशों में विभाजन। 
    3. कंपनी का नाम तथा उसके रजिस्टर्ड कार्यालय का पूर्ण पता। 
    4. कंपनी के संचालकों व अन्य अधिकारियों का नाम, पता व उनका व्यवसाय। 
    5. कंपनी द्वारा पूर्व में किये गये व्यापार की जानकारी व लाभ हानि की जानकारी। 
    6. कंपनी के प्रारंभिक व्ययों का description। 
    7. कंपनी द्वारा अन्य पक्षों से किये गये अनुबंधों का description। 
    8. अभिगोपकों के नाम व पते तथा उनके द्वारा अभिगोपित किये गये अंशों की संख्या।
    9. न्यूनतम अभिदान राशि । 
    10. इस बात की घोषणा की प्रdescription की Single प्रति रजिस्ट्रार के पास जमा कर दी गयी है।
    11. कंपनी के अंकेक्षक, वकील, बैकर्स आदि का नाम व पूर्ण पता। 
    12. कंपनी के प्रवर्तन में या कंपनी द्वारा खरीदी गयी संपत्ति में संचालकों का हित।
    13. अभिदान सूची खुले रहने का समय । 
    14. अंशो व ऋण पत्रों पर अभिगोंपकों को दिया जाने वाला कमीशन। 
    15. कंपनी के प्रवर्तक व उनके पारिश्रमिक का description। 
    16. कंपनी में प्रवर्तकों या संचालकों का हित।

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