कार्बनिक यौगिकों का वर्गीकरण
- एलिफैटिक या विवृत श्रृंखला
- कार्बोसाइक्लिक या समचक्रिय
- विषम चक्रिय
एलिफैटिक या विवृत श्रृंखला –
इस वर्ग के अन्र्तगत यौगिकों में खुली संCreation पायी जाती है जिनमें कार्बन परमाणु परस्पर सीधी श्रृंखला में जुडे रहते है। एलिपैटिक हाइड्रोकार्बन के अन्र्तगत संतृप्त, असंतृप्त और उनके व्युत्पन्न आते है। संतृप्त हाइड्रोकार्बन वे हाइड्रोकार्बन होते है। dl जिसमें All कार्बन परमाणुओं के मध् य Singleल बंध होते है।
जैसे –
CH3-CH2-CH3 |
CH3-CH2-CH2-Ch2OH |
CH3-CH2OOH |
n- प्रोपेन |
1-ब्यूटेनाल |
प्रोपेनोइक अम्ल |
दूसरी तरफ असंतृप्त हाइड्रोकार्बन वे हाइड्रोकार्बन होते है। जिसमे किन्ही दो काबर्न परमाणुओं के मध्य द्वि-आबन्ध (-C=C-) या त्रि-आवन्ध (-C=C-) होता है।
उदाहरण के लिए –
CH3-CH2-CH = CH2 |
CH3-CH = CH-CH2OH |
1-ब्यूटीन |
2-ब्यूटीनाल |
1-CH3-CH-C= CH |
1-ब्यूटाइन |
कार्बोसाइक्लिक या समचक्रिय –
वे यौगिक जिनमें कार्बन परमाणुओं के मध्य कम से कम Single dl वलय (चक्रिय निकाय) होता है। कार्बोसाइक्लिक यौगिक कहलाते है। कार्बोसाइक्लिक यौगिको को दो वर्गो में उप-विभाजित Reseller जाता है।
1. एलिसाइक्लिक यौगिक :- जिन संवृत्त वाले कार्बोसाइक्लिक यौगिकों के गुणधर्म एलिफैटिक हाइड्रोकार्बनों के समान होते है dl उन्हे एलिसाइक्लिक यौगिक कहते है। इनमें संतृप्त और असंतृप्त एलिफैटिक यौगिक भी सम्मिलित है।
2. एरोमैटिक यौगिक :- वे यौगिक जिनमे कांर्बन परमाणुओं के सवंत् वलयों में बहु आबन्ध होते है। इन यौगिकों में विषेष प्रकार की गंध होती है। इसलिए उन्हे एरोमैटिक यौगिक कहा जाता है इन यौगिकों के कुछ उदाहरण निम्न है। :-
विषमचक्रिय यौगिक-
इस श्रेणी में वे चक्रिय यौगिक आते है। जिनमें कार्बन परमाणु के अतिरिक्त Single अथवा अधिक अन्य बहुसंयोजक परमाणु (जैसे N, S, O आदि) होते है। इस वर्ग के प्रमुख उदाहरण निम्न है। :-