ऋतु के प्रकार

वायुमंडलीय दशाओं में विभिन्नताओं के According वर्ष को कर्इ ऋतुओं में बॉंटा जाता है। ऋतु वर्ष की वह विशिष्ट अवधि है, जिसमें मौसम की दशाएं लगभग समान रहती हैं। ऋतु के बदलने के साथ मौसम की दशाएँ भी बदल जाती हैं। भूमध्यरेखीय वृत्त के ऊपर Ultra site की किरणें वर्ष भर लगभग लंबवत् पड़ती हैं। अत: इन प्रदेशों मे तापमान सारे वर्ष Single समान रहता है। इस कारण भूमध् यरेखीय प्रदेशों में कोर्इ ऋतु नहीं होती.। तटीय भागों में समुद्र का प्रभाव ऋतुओं की भिन्नता को कम कर देता है। धु्रवीय प्रदेशों में केवल दो ऋतुएं होती हैं- लंबी शीत ऋतु और छोटी ग्रीष्म ऋतु ।

शीतोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में तीन-तीन माह की अवधि की चार ऋतुएं मानी गयी हैं।- इनके नाम हैं – बसंत , ग्रीष्म, पतझड़, और शीत। हमारे देश में तीन प्रमुख ऋतुएं -शीत , ग्रीष्म और वर्षा है। हमारे भारत देश में परम्परागत Reseller में 6 ऋतुएं मानी जाती हैं-

  1. बसंत ऋतु (चैत्र-बैशाख या मार्च-अप्रैल)
  2. ग्रीष्म ऋतु (ज्येष्ठ-आषाढ़ या मर्इ-जून)
  3. वर्षा ऋतु (श्रावण-भाद्रपद या जुलार्इ-अगस्त)
  4. शरद ऋतु (आश्विन- कार्तिक या सितम्बर-अक्टूबर)
  5. हेंमत ऋतु (अगहन-पौष या नवम्बर-दिसम्बर)
  6. शिशिर ऋतु (माघ-फाल्गुन या जनवरी-फरवरी)

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