एनजीओ (NGO) हेतु कार्यालयी प्रक्रियाएं And प्रलेखन
न्यास हेतु महत्वपूर्ण प्रलेख
न्यास की घोषणा निम्न विधियों के तहत की जा सकती है :-
- न्यास विलेख (ट्रस्ट डीड)
- इच्छा पत्र/वसीयत
- समिति के Reseller में न्यास गठित करने हेतु संघ के लिए ज्ञापन-पत्र And नियम-विनियम, उपनियम (बाइलॉस)
न्यास विलेख के तत्व
न्यास विलेख में सामान्यत: निम्न बातों का जिक्र होना अनिवार्य है :-
- न्यास के लेखक का नाम
- न्यासीयों के नाम
- न्यासीयों की Appointment, पदच्युत या बदलाव, इनके अधिकार, कर्तव्य And शक्तियाँ
- लाभार्थियों/लाभाथ्र्ाी का नाम, इनके अधिकार And कर्तव्य
- न्यास का उद्देश्य
- न्यास का नाम
- उस जगह का पता जहाँ न्यास के प्रधान And अन्य कार्यालय अवस्थित हैं ।
- सम्पित्त्ा जो न्यासियों की जिम्मेदारी है ।
- न्यास के भंग होने की प्रक्रिया
- न्यास के लेखक के हस्ताक्षर
- गवाहों के दस्तखत
उपरोक्त न्यास विलेख उचित मूल्य के स्टॉम्प पेपर पर टाइप कराकर जहां पर उसकी समस्त सम्पित्त्ा या कुछ अंश अवस्थित है के पंजीकरण कार्यालय में उप-पंजीयक के पास पंजीकरण हेतु प्रस्तुत Reseller जाना चाहिए । साथ ही निर्धारित पंजीकरण शुल्क की अदायगी भी आवश्यक है । इसके उपरान्त पंजीकरण कार्यालय द्वारा न्यास को पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी Reseller जाता है ।
सोसायटी की स्थापना हेतु आवश्यक प्रलेख
सोसायटी का पंजीकरण सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत Reseller जाता है। पंजीकरण हेतु दो मुख्य प्रलेखों की Need होती है ।
- संघ के लिए ज्ञापन पत्र (मेमोरण्डम ऑफ एसोसिएशन) की छायाप्रति
- सोसायटी के नियम And विनियम
- आवरण पत्र जिसमें पंजीकरण हेतु आवेदन हो तथा जिस पर संघ के लिए ज्ञापन पत्र में शामिल All व्यक्तियों के हस्ताक्षर हो या किसी Single व्यक्ति के हस्ताक्षर हो जिसे प्राधिकृत Reseller गया है ।
संघ के लिए ज्ञापन पत्र (मेमोरण्डम ऑफ एसोसिएशन)
इसमें निम्न का History होना आवश्यक है :-
- संस्था का नाम
- संस्था का उद्देश्य
- जो व्यक्ति (न्यूनतम Seven व्यक्ति) संस्था से जुड़े हैं उनका नाम, पता, व्यवसाय And हस्ताक्षर ।
सोसायटी (संस्था) के उपनियम
संस्था के उपनियमों में विशेष Reseller से निम्न का History आवश्यक Reseller से होना चाहिए क्योंकि ये ही भविष्य में संस्था के संचालन का आधार होते हैं ।
- संस्था नाम
- पंजीकृत कार्यालय का पता
- संस्था की सदस्यता की विधि
- सदस्यों के अधिकार And कर्तव्य
- संस्था के संचालन की विधि
- संस्था के भंग होने की प्रक्रिया
- संस्था की परिसम्पित्त्ायों का निस्तारण संस्था के भंग होने की दशा में ।
- संस्था के वित्तीय निवेशों का प्रचालन
साथ ही सदस्यों की सदस्यता के सम्बन्ध में आवश्यक जानकारी भी होनी चाहिए जिनमें आयु सीमा, सदस्यता से हटाने, सदस्यता शुल्क तथा संचालन प्रक्रिया, मतदान, सामान्य सभा की बैठक, संचालन समिति की बैठक तथा संस्था के पदाधिकारियों के अधिकार And कर्तव्य की जानकारी भी होनी चाहिए ।
कम्पनी अधिनियम के तहत संस्था का पंजीकरण
कम्पनी अधिनियम की उपधारा-25 के तहत भी धर्मार्थ संस्था या संघ का पंजीकरण कर सकते हैं । इसके लिए First संघ या संस्था को राज्य के पंजीयक के पास जिस नाम से संस्था को पंजीकृत करना है उसकी उपलब्धता के लिए फार्म 1-ए भरकर आवेदन करना होता है । इस बीच उसे जब तक नाम आता है उसे क्षेत्रीय निदेशक, कम्पनी लॉ बोर्ड के पास आवरण पत्र सहित निम्न दस्तावेजों के साथ आवेदन करना चाहिए ।
- प्रस्तावित कम्पनी का समझौते के लिए ज्ञापन पत्र
- संस्थापकों के नाम, पता, व्यवसाय की सूची
- संस्थापकों की जिन कम्पनियों/संस्थाओं से सम्बद्धता है की सूची, उनके द्वारा उसमें प्राप्त पदों का description सहित
- प्रस्तावित निदेशक परिषद के सदस्यों की सूची
- पिछले दो वषोर्ं के खातों, बही खाता, रिपोर्ट की प्रति
- सम्पित्त्ायों And देनदारियों का description
- अनुमानित वार्षिक आय And व्यय तथा आय के साधन
- U/s. 25 के तहत पंजीकरण का आधार (संक्षेप में)
- प्रत्येक आवेदक द्वारा हस्ताक्षरित घोषणा पत्र
- समाचार पत्र में प्रकाशित सूचना की प्रमाणित प्रति
- पंजीकरण शुल्क रू0 500/- ड्राफ्ट/ट्रेजरी चालान के माध्यम से
- गैर न्यायिक स्टाम्प पेपर पर कम्पनी सेक्रेटरी द्वारा घोषणा पत्र