साक्षात्कार क्या है ? साक्षात्कार की तैयारी कैसे करें ?

सामान्यत: दो या दो से अधिक व्यक्तियों द्वारा किसी विशेष उद्देश्य से आमने-सामने की गयी बातचीत केा साक्षात्कार कहा जाता है। साक्षात्कार Single प्रकार की मौखिक प्रश्नावली है जिसमें हम किसी भी व्यक्ति के विचारों और प्रतिक्रियाओं केा लिखने के बजाय उसके सम्मुख रहकर बातचीत करके प्राप्त करते हैं।

साक्षात्कार Single आत्मनिष्ठ विधि है इसके माध्यम से प्राप्त सूचनाओं की सार्थकता And वैधता साक्षात्कारकर्ता पर निर्भर करती है। सूचना संकलन की इस विधि के प्रयोग में साक्षात्कारकर्ता के लिए दक्षता अत्यन्त महत्वपूर्ण है क्योंकि साक्षात्कार से प्राप्त आंकड़े सरलता से पक्षपातपूर्ण बन सकते हैं। साक्षात्कार में साक्षात्कारकर्ता वार्तालाप के साथ-साथ शाब्दिक के Meansपूर्ण तथा अशाब्दिक प्रतिक्रयाओं (इशारा करना तथा मुखमुद्रा) का भी प्रयोग करता है। साक्षात्कार को विद्वानों ने परिभाषित Reseller है- गुड् एव हैट के According – ‘‘ किसी उद्देश्य से Reseller गया गम्भीर वातार्लाप ही साक्षात्कार है।’’ डेजिन ने साक्षात्कार को इस पक्रार परिभाषित Reseller है – ‘‘साक्षात्कार आमने-सामने Reseller गया Single संवादोचित आदान-प्रदान है जहां Single व्यक्ति Second व्यक्ति से कुछ सूचनाएं प्राप्त करता है।’’ उपरोक्त परिभाषाओं से स्पष्ट है कि All प्रकार के साक्षात्कारों में  तीन विशेषताएं पायी जाती हैं।

  1. दो व्यक्तियों के मध्य सम्बन्ध।
  2. Single Second से सम्पर्क स्थापित करने का साधन।
  3. साक्षात्कार से सम्बन्धित दोनों व्यक्तियों में से Single व्यक्ति को साक्षात्कार के उद्देश्य के विषय में संज्ञान।

साक्षात्कार के तीन प्रमुख अवयव होते हैं –

  1. साक्षात्कारकर्त्ता
  2. साक्षात्कार हेतु प्रश्न
  3. साक्षात्कार देने वाला दो व्यक्तियों के बीच यदि बातचीत निरूद्देष्य है तो उसे साक्षात्कार नहीं कहा जा सकता।

साक्षात्कार के प्रकार

शोध वैज्ञानिकों ने साक्षात्कार के विभिन्न प्रकारों का वर्णन Reseller है। साक्षात्कार को मूलत: कार्य या उद्देश्य के आधार पर तथा Creation के आधार पर विभिन्न भागों में वर्गीकृत Reseller जा सकता है। कार्य या उद्देश्य के आधार पर साक्षात्कार के मुख्य प्रकार बताए गये हैं –

1. चयनात्मक साक्षात्कार – 

जब साक्षात्कार का प्रयोग किसी भी जीविका में नवीन Appointment हेतु चयन के लिए Reseller जाता है तो इस प्रकार के साक्षात्कार को चयनात्मक साक्षात्कार कहा जाता है। इस प्रकार के साक्षात्कार में साक्षात्कार प्रदाता से उस जीविका में उपयुक्तता से सम्बन्धित प्रश्न पूछे जाते हैं। साक्षात्कारकर्ता कुछ ऐसे प्रश्न पूछता है जिसके आधार पर साक्षात्कार प्रदाता की अभिवृत्ति, अभिक्षमता, योग्यताओं, आचरण आदि के बारे में आसानी से जाना जा सकता है। इस तरह के साक्षात्कार का मूल उद्देश्य यह पता लगाना होता है कि साक्षात्कार प्रदाता कहां तक अपनी अभिवृत्ति, अभिक्षमता, योग्यताओं के आधार पर अमुक नौकरी के लिये योग्य होगा।

2. शोध साक्षात्कार – 

इस प्रकार के साक्षात्कार में किसी विषय पर विभिन्न व्यक्तियों के विचारों केा जानने का प्रयास Reseller जाता है। इस प्रकार साक्षात्कार लेने वाले व्यक्ति की रूचि उन तथ्यों में होती है जो कि साक्षात्कार लेने वाले व्यक्ति की रूचि उन तथ्यों में होती है जो कि साक्षात्कार देने वाले के विचारों में सम्मिलित है। इसके लिए कुछ ही प्रतिनिधि व्यक्तियों को छांटकर केवल उन्हीं का साक्षात्कार Reseller जाता है। इन प्रतिनिधि व्यक्तियों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर पूर्ण जनसंख्या के विचारों के बारे में अनुमान लगाया जाता है। इसलिए इसे न्यादर्श साक्षात्कार भी कहा जाता है। इस प्रकार के साक्षात्कार का मुख्य उद्देश्य शोध समस्याओं के प्रस्तावित समाधान के बारे में Single विस्तृत ब्यौरा तैयार करना होता है। इस तरह का शोध अधिकतर उन वैज्ञानिकों द्वारा Reseller जाता है जो किसी विशेष समस्या का उत्तर तुरन्त पा लेना चाहते है।

3. निदानात्मक साक्षात्कार – 

इस प्रकार के साक्षात्कार के माध्यम से साक्षात्कारकर्ता बालक या किसी व्यक्ति की समस्या के विषय में आवश्यक जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करता है। किसी विद्यालय में शिक्षक द्वारा छात्रों के किसी विशेष समस्या के विषय में सूचनाएं Singleत्र करने के लिये प्रयुक्त साक्षात्कार इस प्रकार के साक्षात्कार का उदाहरण है।

4. उपचारात्मक साक्षात्कार – 

निदानात्मक साक्षात्कार के बाद जब किसी छात्र की समस्या तथा उसके विषय में सूचनाएं Singleत्र कर ली जाती हैं तो उपचारात्मक साक्षात्कार में व्यक्ति से इस प्रकार का वार्तालाप Reseller जाता है कि उसको अपनी चिन्ताओं तथा समस्याओं से मुक्त Reseller जा सके तथा समायोजन सही तरीके से हो सके।

5. तथ्य संकलन साक्षात्कार – 

इस साक्षात्कार में व्यक्ति या व्यक्तियों के समुदाय से मिलकर तथ्य संकलित किए जाते हैं। षिक्षक इसी साक्षात्कार द्वारा छात्रों के सम्बन्ध में तथ्य Singleत्रित करते हैं। इसके तीन प्रमुख उद्देश्य हैं-

  1. अन्य विधियों द्वारा संग्रहीत किये गये तथ्यों में अपूर्णताओं, न्यूनताओं या कमियों को पूर्ति करना। कुछ तथ्य अन्य विधियों द्वारा प्राप्त नहीं हो पाते हैं। साक्षात्कार में उन सूचनाओं को Singleत्रित करने का प्रयत्न Reseller जाता है जो मनोवैज्ञानिक जांचों द्वारा प्राप्त नहीं हो पाती है।
  2. First से संकलित की गयी सूचनाओं की पुष्टि करने के लिए तथ्य संकलन साक्षात्कार Reseller जाता है।
  3. तथ्य संकलन साक्षात्कार का तीसरा उद्देश्य शारीरिक Reseller से अवलोकन करना है। बहुत से छात्रों में अनेक शारीरिक दोश पाये जाते हैं जिनका ज्ञान मनोवैज्ञानिक जांचों से नहीं हो सकता है। इसके साथ ही साक्षात्कार देने वाले व्यक्ति का बातचीत करने तथा आचरण करने के ढंग का ज्ञान होता है।

Creation के आधार पर साक्षात्कार दो प्रकार का होता है –

  1. संरचित साक्षात्कार-संरचित साक्षात्कार में साक्षात्कारकर्ता साक्षात्कार प्रदाता से पूर्व निर्धारित प्रश्नों को Single निश्चित क्रम में पूछता है तथा विषयी द्वारा दिए गये उत्तरों को Single Humanीकृत फार्म में रिकार्ड Reseller जाता है। इस तरह से इस साक्षात्कार में साक्षात्कार देने वाले All व्यक्तियों से Single ही तरह के प्रश्न Single निश्चित क्रम में पूछकर साक्षात्कारकर्ता Single खास निश्कर्ष पर पहुँचने की कोशिश करते हैं।
  2. असंरचित साक्षात्कार – असंरचित साक्षात्कार में साक्षात्कारकर्ता, साक्षात्कार देने वाले व्यक्तियों से जेा प्रश्न पूछता है, पूर्व निर्धारित नहीं होता हेै और न तो वह किसी निश्चित क्रम में ही पूछे जाते हैं। इसमे साक्षात्कार प्रदाता केा अपनी प्रतिक्रिया को व्यक्त करने के लिए स्वतन्त्र छोड़ दिया जाता है। साक्षात्कार में जितना लचीलापन होना है, उसके ऑकड़ो केा विश्लेशित करना उतना ही कठिन कार्य है।

अच्छे साक्षात्कारकर्ता के गुण

साक्षात्कार Single आत्मनिष्ठ विधि है जिसके कारण इसके परिणाम पक्षपातपूर्ण हो जाते हैं। साक्षात्कार में सफलता प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है कि साक्षात्कारकर्ता में अच्छे गुण हों। Single अच्छे साक्षात्कारकर्त्ता में निम्नलिखित गुण पाये जाने चाहिए।

  1. साक्षात्कारकर्त्ता को अपनी बात सीधी And स्पष्ट Wordों में करनी चाहिए। साक्षात्कार देने वाले पर यह प्रभाव डाले कि वह उसमें अधिक रूचि रखता है।
  2.  साक्षात्कारकर्त्ता केा छात्र की अच्छी या बुरी बातों पर आश्चर्य प्रकट नहीं करना चाहिए। छात्र की All त्रुटियों, कमियों केा “ाान्तिपूर्ण सुनना चाहिए।
  3. तनावपूर्ण स्थिति को समाप्त करने के लिए साक्षात्कारकर्त्ता केा हंसमुख होना चाहिए।
  4. साक्षात्कारकर्त्ता केा वार्तालाप पर Only अधिकारी नहीं करना चाहिए। वार्तालाप के समय अगर साक्षात्कार देने वाला बोल रहा है तो यह प्रयास करना चाहिए कि उसे बीच में न रोका जाए या अपनी बात न कही जाए।
  5.  साक्षात्कारकर्त्ता को धैर्यवान होना चाहिए। साक्षात्कार प्रदाता केा ऐसा लगना चाहिए कि साक्षात्कारकर्त्ता उसकी बातों में रूचि ले रहा है और सद्भावना पूर्ण व्यवहार कर रहा है।
  6. साक्षात्कार प्रदाता कि भावनाओं का सम्मान Reseller जाना चाहिए। साक्षात्कारकर्त्ता यदि ऐसा करेगा तो साक्षात्कार प्रदाता अपने संदेहों को निर्विकार Reseller से व्यक्त कर सकेगा।
  7. साक्षात्कारकर्त्ता को यह प्रयास करना चाहिए कि साक्षात्कार प्रदाता का उस पर विष्वास बना रहे। साक्षात्कार प्रदाता से बिना पूछे साक्षात्कार के विषय में किसी और से बात नहीं करनी चाहिए।

साक्षात्कार के लाभ And परिसीमायें

  1. साक्षात्कार विधि केा प्रयोग में लाना सरल है।
  2. छात्रों की अन्तदर्ृश्टि केा विकसित करने में सहायक होती है।
  3. सम्प्ूार्ण व्यक्ति को समझने में यह विधि उत्तम है। व्यक्ति केी अभिवृत्ति, संवेग विचार आदि All का अध्ययन होता है।
  4. साक्षात्कार देने वाले केा अपनी समस्याएं प्रकट करने का साक्षात्कार अच्छा अवसर प्रदान करता है।
  5. निशेधात्मक भावनाओं केा स्वीकार करने तथा उनकेा स्पष्ट करने का अवसर साक्षात्कार में प्राप्त होता है।
  6. विभिन्न दषाओं और परिस्थितियों में साक्षात्कार का प्रयोग करने के लिए उसे लचकदार बनाया जा सकता है। 
  7. साक्षात्कार की प्रकृति लचीली होती है। किसी महत्वपूर्ण बात को ध्यान में रखकर आगे बढ़ा जा सकता है। इस प्रकार व्यक्तित्व के किसी विशिष्ट पक्ष के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
  8. इस विधि के दौरान ऐसे प्रश्नों केा स्पष्ट Reseller जा सकता है जो व्यक्ति के समझ में न आ रहे हों।
  9. इसी प्रकार ऐसे उत्तरों के विषय में स्पष्टीकरण प्राप्त Reseller जा सकता है जो साक्षात्कारकर्ता के समझ में न आ रहा हो।
  10.  इसके द्वारा व्यक्तियेां से ऐसी सूचनाएं प्राप्त की जा सकती है जो लिखित Reseller से प्राप्त करना सम्भव न हो। 
  11. बातचीत के दौरान साक्षात्कारकर्ता व्यक्ति की अनिच्छा, असहयोग, इत्यादि मनोभावों का भी अवलोकन कर सकता है, जिनके आधार पर उत्तरों की वैधता जान सकता है।

    साक्षात्कार की परिसीमाएं –

    साक्षात्कार की कुछ कमियां भी पायी जाती है, जो  है-

    1. यह Single आत्मनिष्ठ विधि है जिससे परिणामों में संगतता होने की सम्भावना में कमी आती है।
    2. आवश्यक प्रशिक्षण के अभाव में साक्षात्कारकर्ता केा सही तरीके से व्यक्तित्व मूल्यांकन के लिए तथ्य Singleत्रित करने में कठिनार्इ का अनुभव करता है।
    3. साक्षात्कार प्रदाता अपने उत्तरों केा देते समय साक्षात्कारकर्ता की जाति, पद, लिंग, आदि का ध्यान रखता है, इस कारण उसके उत्तर स्वाभाविक न रहकर कृत्रिम And साक्षात्कारकर्ता को प्रसन्न करने वाले बन जाते हैं।
    4. जब अनेक व्यक्तियों से सूचनाएं Singleत्रित करनी हो या Single ही व्यक्ति के व्यक्तित्व के अनेक पक्षों का मूल्यांकन करना हो तो इस प्रविधि को अपनाने में बहुत अधिक समय खर्च हेाता है।
    5. विभिन्न माध्यम व अन्तक्रियाऐं भी साक्षात्कारकर्ता को प्रभावित करती हैं। All व्यक्तियों पर अपने समाज के मान्यताओं, धारणाओं And विष्वासों का प्रभाव रहता है और यदि साक्षात्कारकर्ता तथा साक्षात्कार-प्रदाता की सामाजिक पृष्ठभूमि में अन्तर हो तो इसके परिणामों की वैधता में कमी आती है।
    6. साक्षात्कारकर्ता द्वारा वार्तालाप को लिपिबद्ध करने के कारण व्यक्ति उत्तर देते समय अपने कथनों के द्वारा प्रत्यक्ष समर्थन प्रकट नहीं करता। वह गोल-गोल उत्तरों के माध्यम से स्वयं केा Single Windows Hosting स्थिति में रखने की कोशिश करता है।

    साक्षात्कार की वैधता तथा विश्वसनीयता

    किसी भी साक्षात्कार की सफलता के लिए आवश्यक है कि वह वैध तथा विष्वसनीय हो। किसी साक्षात्कार की वैधता तब बढ़ जाती है जब साक्षात्कार Single अच्छे And पूर्व निर्धारित संCreation में निर्मित Reseller गया हो ताकि यह सुनिश्चित Reseller जा सके कि वास्तव में सार्थक सूचनाओं का संकलन Reseller गया हो। इसे हम विषय वस्तु वैधता कहते हैं। सम्बन्धित क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा प्रश्नों के चयन में सहायता लेने से भी वैधता बढ़ती है।

    किसी साक्षात्कार की विश्वसनीयता का मूल्यांकन किसी अन्य समय के साक्षात्कार में प्रश्नों के थोड़े से भिन्न प्राReseller में पूंछकर Reseller जा सकता है। किसी अन्य समय में साक्षात्कार तो पुन: आयोजित करने पर भी प्रतिक्रियाओं में संगतता का मापन Reseller जा सकता है। यदि Single से अधिक साक्षात्कारकर्ताओं का प्रयोग हुआ है तो विभिन्न साक्षात्कारकर्ताओं के माध्यम से प्राप्त सूचनाओं के मध्य विष्वसनीयता स्थापित करना आवश्यक है।

    साक्षात्कार की तैयारी कैसे करें?

    व्यक्तिगत साक्षात्कार की पूरी प्रक्रिया को तीन अलग-अलग चरणों में बॉंट सकते है:-

    1. साक्षात्कार के लिए तैयारी
    2. साक्षात्कार के दिन, और
    3. साक्षात्कार के समय

    1. साक्षात्कार के लिए तैयारी-

    ऐसी अवस्था में आपको कार्य करने का परामर्श दिया जाता हैं :

    1. वर्तमान मामलों And घटनाक्रमों, वर्तमान महत्वपूर्ण राष्ट्रीय And अन्तराष्ट्रीय समस्याओं And सामान्य रोचक विषयों के सम्बन्ध में पूरा ज्ञान प्राप्त करें यह आप समाचार पत्रों के नियमित पाठन, रेडियो सुनने तथा टेलीविजन पर Discussion को देख कर सकते है। 
    2. संगठन से संबंधित सूचनाएं जैसे मुख्य कार्य, पृष्ठभूमि, विस्तार And अधिग्रहण योजनाएं आदि Singleत्रित करें। ये All सूचनाएं संगठन की वार्षिक रिपोर्ट अथवा उसकी वैबसाइट से प्राप्त की जा सकती हैं। 
    3.  जिस पद के लिये आवेदन Reseller है। उसके कार्यों का description And उस के सम्बन्ध मे ज्ञान प्राप्त करें। 
    4.  अपनी विशेषज्ञता क्षेत्र के ज्ञान को ताजा करना चाहिए अपने अध्ययन किए गए विषयों की पुनरावृत्ति करें।
    5. अपनी योग्यताओं And कमियों की सूची तैयार कर लें। 
    6. यदि संभव हो तो साक्षात्कार स्थल को जाकर देख लें। First से उस स्थल को देखने से साक्षात्कार के दिन समय की पाबन्दी को सुनिश्चित करने है तथा घबराहट को कम करने में मदद मिलती है। 
    7.  अपने All प्रलेख And प्रमाण-पत्रों को साक्षात्कार के लिये प्राप्त हुए आमन्त्रण पत्र सहित Single फोल्डर में सहेज कर रख लें।

    2. साक्षात्कार के दिन

    1. पहली रात कोअच्छी नींद ले तथा प्रात: काल में उठ जाएं। 
    2. अपनी नित्य क्रियाओं को करें। 
    3. यह सुनिश्चित करें कि आप स्वच्छ And साफ दिखार्इ दें भलीभांति प्रैस किये कपड़े तथा पॉलिस किये हुए जूते पहनें। 
    4. आवश्यक कागजों तथा दस्तावेजों के फोल्डर को लेकर साक्षात्कार स्थल पर समय पर पहुॅंच जाएं। 
    5.  साक्षात्कार के स्थान पर पहुंचकर हाथ मुंह धोएं, बालों में कंघी करें और अपने व्यक्तित्व को निहारें। 
    6. साक्षात्कार स्थल पर अपनी बारी का इन्तजार करें। 
    7. इन्तजार की अवधि में आप पढ़ने के लिए कंपनी के साहित्य/descriptionिका की मांग सकते हैं।

    3. साक्षात्कार के समय

    साक्षात्कार के कमरे के भीतर बातों को ध्यान में रखें –

    1. कमरे में प्रवेश करना सर्वाधिक महत्व रखता हैं ।खटखटाएं, अभिवादन करे तथा दरवाजा धीरे से बंद कर दें, आत्मविश्वास से आगे बढ़ें, जब तक आप से कहा न जाये, बैठें नहीं। यदि साक्षात्कारकर्ता अपना हाथ आगे बढ़ाता है तो उससे आत्मविश्वास से हाथ मिलाएं। याद रखें, पहला प्रभाव बड़ा महत्वपूर्ण होता है। जब आप प्रवेश करते है तो आपकी चाल, आत्मविश्वास तथा बाह्य आचरण पर निगाह रखी जाती है।
    2. प्रत्याशी के हाव-भाव को भी ध्यान पूर्वक देखा जाता है। ठीक ढंग से बैंठे तथा थोड़ा झुकें क्योंकि यह आपकी रूचि And ध्यान को दर्शाता है। पैन, कागज, चश्मा तथा मेज पर रखी वस्तुओ जैसे कि पेपरवकट को व्यर्थ में न छेडें। अधीरता, ऐंठन, खुजलाना आदि आत्मविश्वास And Singleाग्रता की कमी को दर्शाता है।
    3. उत्तर देते समय नीचे दी गर्इ बातों पर ध्यान दें।
      1. सुनो, सोचो और फिर बोलो।
      2. उत्तर देने मे जल्दी न करें, थोड़ा समय लें।
      3. यदि आपने प्रश्न को नहीं सुना अथवा उसे समझ नहीं पाये हैं तो दोहराने के लिये कहें अन्दाजा लगाकर गलत उत्तर नहीं दें। 
      4. यदि आपको उत्तर नहीं आता है तो स्पष्ट Reseller से बता दें कि आपको आता नहीं है। 
      5. यदि आपने कोर्इ गलती की है तो उसे स्वीकार कर लें।
      6. आपका उत्तर संक्षिप्त And स्पष्ट होना चाहिए साक्षात्कार में अधिक बोलने वाले व्यक्ति को कोर्इ पसंद नहीं करता है। 
      7. झूठ न बोलें आपके जवाब में र्इमानदारी होनी चाहिए। 
      8. गुस्सा न करे और नही धैर्य खोएं, भले ही प्रश्नो ंसे आपके सन्मान को चोट पहुंच रही है। याद रहे, ऐसे प्रश्न आपके धैर्य And भावनाओं की जांच के लिये पूछे जा सकते है। 
      9. बीच में टोकें नही तथा ऑंख से ऑंख मिलाए रखें। 
      10. ‘मेरा मतलब है कि’ ‘ठीक है’ okay जैसे Wordों से बचें। 
      11. प्रश्नों का उत्तर देते समय उत्साह, हिम्मत And ऊर्जाका प्रदर्शन करें इससे आभास होता है कि आपकी पद में वास्तविक रूचि है। 
      12. प्रश्न तभी पूछें यदि आपसे ऐसा करने के लिये कहा गया है। 
      13. पूरे साक्षात्कार के दौरान शिष्टता को बनाए रखें। धन्यवाद ‘माफ कीजिए’, जी ठीक है जैसे Wordों का उचित अवसरों पर प्रयोग आपकी शिष्टता को दर्शाता है। 
      14. सामान्य रहें किसी की नकल न करें। 
      15. साक्षात्कार की समाप्ति पर साक्षात्कारकर्ता  का मुस्कराहट के साथ धन्यवाद करें। 
      16. आप किस प्रकार मेज से अपना सामान उठाते हैं, कैसे उठते हैं तथा कमरे से बाहर आते हैं इन सब बातों पर निगाह रखी जाती है इन चेष्टाओं में आत्म-विश्वास झलकना चाहिए। 
      17. आपकी चाल विश्वास से पूर्ण होनी चाहिए। साक्षात्कारकर्ता को सामने रखकर दरवाजा खोल  तथा कक्ष छोड़ने पर दरवाजा बदं करे। 
      18. परिसर छोड़ने से First स्वागतकर्ता अथवा सचिव को नमस्ते करना न भूले।
    4. साक्षात्कारकर्ता के कुछ विशेष पश्न
      1. आप अपने आपको प्रस्तुतीकरण इस पद के योग्य क्यों समझते है?
      2. कृपया कुछ अपने सम्बन्ध में और अपने परिवार की पृष्ठभूमि के सम्बन्ध मे बताएं
      3. आप में क्या गुण है और क्या कमियां है?
      4. आप इस कपंनी में क्यो नौकरी करना चाहते है?
      5. आपने यही क्षेत्र क्यों चुना?
      6. आपके जीवन का लक्ष्य क्या है
      7. आपके शाकै क्या है तथा अपना खाली समय किस पक्रार से व्यतीत करते है।
      8. आपकी वेतन संबन्धी क्या अपेक्षाएं है।
    5. Single साक्षात्कार प्रत्याशी में क्या देखना चाहते है।
      1. व्यक्तित्व  
      2. विषय/बौद्धिक ज्ञान  
      3. शिक्षा एव अनुभव
      4. व्यक्तिगत योग्यताएं जैसे कि इमानदारी, निष्ठा, सहनशीलता, धैर्य नमत्रा, तत्परता, आदि
    6. साक्षात्कार में अस्वीकृति के कुछ सामान्य कारण
      1. विनम्रता/शिष्टाचार की कमी
      2. गम्भीरता की कमी 
      3. अव्यवस्थित And अस्पष्ट उत्तर 
      4. समय की पाबन्दी नहीं 
      5. ज्ञान की कमी 
      6. ऊचीं आवाज 
      7. विश्वास की कमी/अधिकता

    You may also like...

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *