व्यक्ति अध्ययन विधि (शिक्षा मनोविज्ञान)

व्यक्ति अध्ययन विधि Single ऐसी विधि है जिसमें किसी सामाजिक इकार्इ के जीवन की घटनाओं का अन्वेषण तथा विश्लेषण Reseller जाता है। सामाजिक इकार्इ के Reseller में किसी Single व्यक्ति, Single परिवार, Single संस्था, Single समुदाय आदि के बारे में अध्ययन Reseller जा सकता है। व्यक्ति-अध्ययन का उद्देश्य वर्तमान को समझना, उन भूतकालीन घटनाओं का पहचानना जिनके कारण वर्तमान स्थिति पैदा हुर्इ तथा उन कारकों को जानना जो भविश्य में परिवर्तन लाने के लिए आवश्यक है।

व्यक्ति-अध्ययन विधि में किसी Single व्यक्ति के बारे में अध्ययन न होकर बल्कि Single प्रकार के व्यक्ति के बारे में अध्ययन होता है। अध्ययन के बाद समान प्रकार के केस में इसका सामान्यीकरण Reseller जा सकता है।

व्यक्ति अध्ययन की प्रकृति

व्यक्ति-अध्ययन का मूलत: प्रयोग मेडिकल के क्षेत्र में शुरू हुआ था। किसी रोगी के पूर्व-विकास, स्वास्थ्य आदि के सम्बन्ध में अध्ययन Reseller जाता है। फ्रायड ने अपने प्रयोज्यों के व्यक्तित्व सम्बन्धी समस्याओं के समाधान में उनकी सहायता के लिए व्यक्ति-अध्ययन का प्रयोग Reseller। परामर्शदाता तथा सामाजिक कार्यकर्ता किसी विशेष समस्या के निदान तथा उसके समाधान के लिए व्यक्ति- अध्ययन का प्रयोग करते हैं।

व्यक्ति-अध्ययन गुणात्मक प्रकार का शोध है। इसमें किसी Single व्यक्ति, Single परिवार, Single संस्था, Single समुदाय आदि का गहन तथा विस्तृत अध्ययन Reseller जाता है। इस प्रकार के शोध में लम्बवत उपागम (Longitudinal Approach) का अनुसरण Reseller जाता है। इस प्रकार के शोध में आंकड़ो का संकलन अवलोकन, साक्षात्कार, प्रश्नावली, रिकार्ड किये गये साक्ष्यों (प्राथमिक तथा द्वितीयक स्रोतों) आदि के द्वारा Reseller जाता है।

व्यक्ति-अध्ययन के पद

  1. सबसे First प्रत्यक्ष अवलेाकन के द्वारा किसी व्यक्ति या सामाजिक इकार्इ के वर्तमान स्थिति के बारे में निश्चय Reseller जाता है। इस पद में अवलेाकनकर्ता केवल सतही अवलेाकन करके उसके बारे में description प्रस्तुत करता है। यदि किसी अपराधी बालक का व्यक्ति-अध्ययन Reseller जाता है तो उसकी शारीरिक Creation, संज्ञानात्मक तथा गैर-संज्ञानात्मक कारकों का अध्ययन प्रत्यक्ष अवलोकन तथा Humanीकृत परीक्षणों जैसे बुद्धि, अभिक्षमता, अभिवृत्ति, मूल्यों, व्यक्तित्व, रूचि आदि का अध्ययन Reseller जाता है।
  2. प्रयोज्य की समस्या के लिए सबसे अधिक जिम्मेदारी सम्भावित कारणेां को निश्चित Reseller जाता है या पहचान की जाती है। इसके बाद Single या Need होने पर Single से अधिक परिकल्पनाएं बनायी जाती है। यह परिकल्पनाएं Second समान समस्या के ग्रसित प्रयोज्यों के आधार पर बनायी जाती है । यदि हम किसी पिछड़े बालक का व्यक्ति-अध्ययन करना है तो इसके कर्इ कारण हो सकते हैं – जैसे घर के वातावरण का ठीक न होना, स्कूल में सही पढ़ार्इ न होना, मानसिक क्षमता में कमी होना। इन कारणों के आधार पर परिकल्पनाओं का निर्माण Reseller जा सकता है।
  3. इस पद में परिकल्पनाओं का परीक्षण Reseller जाता है। उन सम्भावित कारणों केा दूर Reseller जाता है जिसके कारण समस्या पैदा हुयी है। अनुसंधानकर्ता प्रयोज्य की वर्तमान स्थिति तथा उसके बीते हुए समय (History) के बारे में जानने का प्रयास Reseller जाता है। व्यक्तिगत अभिलेखों जैसे डायरी तथा पत्रों का प्रयोग Reseller जा सकता है। साक्षात्कार तथा प्रश्नावली के द्वारा वर्तमान स्थिति का पता लगाया जाता है। षिक्षकों, मित्रों, अभिभावकों, भार्इ-बहनों तथा Second परिवार के लोगों के द्वारा आंकड़ो को Singleत्रित Reseller जा सकता है।
  4. परिकल्पनाओं के परीक्षण के बाद कारणों का निदान Reseller जाता है। इन कारणों केा ध्यान में रखते हुये कुछ उपचारात्मक तरीकों को सुझाया जाता है।
  5. अन्त में प्रयोज्य के लिए अनुगामी सेवाओं ;थ्वससवू.नचद्ध को दिया जाता है । प्रयोज्य का दूसरी बार परीक्षण Reseller जाता है तथा यह देखने का प्रयास Reseller जाता है कि जो उपचारात्मक सुझाव दिये गये थे उसके प्रयोग से समस्या का समाधान हुआ कि नहीं। यदि परिवर्तन सकारात्मक होते हैं तो समस्या का निदान सही समझा जाता है। यदि समस्या का समाधान नहीं हेाता हेै तो फिर से Second सम्भावित कारणों के आधार पर परिकल्पनाओं का निर्माण Reseller जाता है। इसके बाद परिकल्पनाओं का परीक्षण Reseller जाता है तथा कारणों का निदान Reseller जाता है तथा उपचार सुझाए जाते हैं।

व्यक्ति-अध्ययन के गुण And दोष

1. व्यक्ति-अध्ययन के गुण

  1. व्यक्ति अध्ययन में लम्बवत उपागम (Longitudinal Approach) का प्रयोग Reseller जाता है। अध्ययन के लिए चयन किए गये प्रयोज्य का गहन Reseller से अध्ययन संभव होता है क्योकि इसमें Single समय में किसी Single व्यक्ति या सामाजिक इकार्इ का ही अध्ययन Reseller जाता है।
  2. व्यक्ति अध्ययन विधि से प्राप्त तथ्यों केा शोधकर्ता विश्वास के साथ सामान्यीकृत तो नहीं कर पाता है लेकिन इन तथ्यों के आधार पर वह आसानी से कुछ परिकल्पनाओं का सृजन कर पाता है।
  3. व्यक्ति अध्ययन विधि प्राप्त तथ्यों के आधार पर भविष्य में किए जाने वाले अध्ययनों में उत्पन्न होने वाले कठिनाइयों को First से ही समझा जा सकता है तथा उसे दूर करने के उपायों का वर्णन Reseller जा सकता है। व्यक्ति अध्ययन विधि के कर्इ दोष भी है जो निम्नलिखित हैं –

2. व्यक्ति अध्ययन के दोष –

  1. व्यक्ति अध्ययन विधि में आत्मनिष्ठता अधिक पायी जाती है, इस कारण निश्कर्ष की वैधता प्रभावित होती है। इस विधि में शोधकर्ता तथा अध्ययन के लिए चुने गये व्यक्ति तथा सामाजिक इकार्इ के बीच अधिक घनिष्ठता होने के कारण जेा भी तथ्य प्राप्त किए जाते हैं उनका सही सही तथा वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन नहीं हो पाता है।
  2. व्यक्ति-अध्ययन विधि में शोधकर्ता की पूर्ण जवाबदेही इस बात की होती है कि वह व्यक्ति या सामाजिक इकार्इ का पूरा History तैयार करे। शोध् ाकर्ता सामाजिक इकार्इ के बारे में बहुत सारी सूचनाओं की तैयारी करता है तथा उनका विश्लेषण करता है। शोधकर्ता द्वारा प्राप्त की गयी सूचनाओं की वैधता की जांच करने का कोर्इ तरीका इस विधि में नहीं बतलाया गया है। इस कारण यह विधि पूर्णReseller से वैज्ञानिक विधि नहीं मानी जा सकती है।
  3. इस विधि में समय बहुत लगता है क्योंकि शोधकर्ता को प्रयोज्य के All पहलुओं भूत, वर्तमान तथा भविश्य को ध्यान में रखकर अध्ययन करना होता है। यह Single खर्चीली विधि भी है क्योंकि इसमें धन की बर्बादी बहुत होती है।
  4. इस विधि में शोधकर्ता व्यक्ति से उनके गत अनुभूतियों And घटनाओं के बारे में पूछकर History तैयार करता है। बाद में इन अनुभूतियों का विश्लेषण का निश्कर्श पर पहुॅचा जाता है। व्यक्ति अपने गत अनुभूतियों केा विशेषकर उन अनुभूतियों जो काफी First घटित हुयी है उनको सही तरीके से नहीं बतला पाता है। सूचनाएं वैध नहीं हो पाती है।
  5. शोधकर्ता किसी Single व्यक्ति या सामाजिक इकार्इ का अध्ययन कर निष्चित निश्कर्श पर पहुॅच जाना चाहता है। किसी Single केस के अध्ययन के आधार पर लिया गया निश्कर्श सही नहीं होता। इस प्रकार से किए गये अध्ययन से प्राप्त निश्कर्शो का सामान्यीकरण नहीं Reseller जा सकता है।

किसी समुदाय का अध्ययन यदि हम व्यक्ति-अध्ययन से करें तेा इसकेा इस प्रकार से Reseller जा सकता है। Single साथ Single भौगोलिक स्थान में रहने वाले समूह के व्यक्तियों के बारे मे गहन अवलोकन तथा विश्लेषण Reseller जाता है। इस प्रकार के अध्ययन में किसी समुदाय के लोगों के विभिन्न तथ्यों जैसे रहने का स्थान, आर्थिक क्रियाकलाप, जलवायु तथा प्राकृति संसाधनों के बारे में, ऐतिहासिक विकास, जीवन शैली, सामाजिक संCreation, जीवन मूल्यों तथा ऐसे लोगों का अध्ययन जिनका उस समुदाय पर प्रभाव हो आदि का अध्ययन Reseller जाता हे। इसमें उन सामाजिक संस्थाओं का मूल्यांकन भी Reseller जाता है जो मनुष्यों की मौलिक Needओं को पूरा करती है।

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