विनिवेश क्या है? – Scotbuzz
विनिवेश क्या है?
अनुक्रम –
सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र में चल रहे अपने उद्यम And व्यवसाय का कुछ हिस्सा निजी क्षेत्र में बेचकर पूँजी वापस प्राप्त करना, विनिवेश की नीति कहलाती है।
साधारण भाषा में विनिवेश, निवेश का विपरीतार्थक Word है। Meansात् निवेश का ठीक उल्टा विनिवेश होता है। निवेश का Means किसी भी कारोबार में धन लगाना होता है, जबकि विनिवेश का Means कारोबार में लगा हुआ धन वापस निकालना होता है। इस विनिवेश से प्राप्त धन के अधिकांश भाग से राजकोषीय घाटा कम करने, शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार सृजन जैसे सामाजिक क्षेत्र की परियोजनाओं के विकास में व्यय करने And कुछ अंश को चुनिंदा लाभ जन्य सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में निवेश करने के उद्देश्य की पूर्ति करना होता है।
नब्बे के दशक में जब Indian Customer Meansव्यवस्था में मन्दी आयी और उस मन्दी से Meansव्यवस्था को उबारने के लिए केन्द्र सरकार को धन की Need पड़ी तो सरकार ने विनिवेश का रास्ता अपनाया। उस समय सार्वजनिक क्षेत्र की कई इकाईयाँ या तो घाटे में चल रही थी या बन्द के कगार पर थी। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने सोचा क्यों न इस प्रकार की कम्पनियों का विनिवेश करके राजस्व की प्राप्ति की जाय And उस धन से देश की Meansव्यवस्था को सुधारा जाय। इसी के तहत सरकार ने इन क्षेत्रों में विनिवेश की प्रक्रिया अपनायी।
संयुक्त राज्य (UK) में विनिवेश प्रक्रिया
प्रधानमंत्री मारग्रेट थेचर की कंजर्वेटिव पार्टी की सरकार के दौरान निजीकरण के सम्बन्ध में Single केन्द्रीय नीति बनायी गयी। ब्रिटेन में First दूर संचार व परिवहन क्षेत्र के उपक्रमों में निजीकरण को अपनाया गया। 19 जुलाई 1982 को ब्रिटिश सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के टेलीकाम कम्पनी का लगभग 51 प्रतिशत शेयर निजी कम्पनियों को बिक्री करके विनिवेश की प्रक्रिया अपनाई। साथ ही राज्य के कुछ शर्तों के आधार पर टेलीकाम को Second राष्ट्रों में अपने निवेश को बढ़ाने हेतु प्रेरित Reseller।
ब्रिटेन की कंजरवेटिव सरकार ने 19 जनवरी 1993 को ब्रिटिश रेल के निजीकरण को बढ़ावा दिया। इस उपक्रम में समय-समय पर शेयर घारित में परिवर्तन के साथ विनिवेश Reseller गया। इसके अतिरिक्त प्रतिस्पर्धा व दक्षता में वृद्धि हेतु अनेक उपक्रमों में विनिवेश की प्रक्रिया अपनाई गई।
रुस में विनिवेश प्रक्रिया
रुस ने अक्टूबर 1991 में लघु सार्वजनिक उद्योगों के निजीकरण कार्यक्रम को स्थापित करने की नीति अपनायी। इस प्रकार 1993 के अन्त तक 85 प्रतिशत रसियन लघु उपक्रमों का निजीकरण Reseller गया। 1994 के अन्त तक वाउचर निजीकरण कार्यक्रम का First चक्र पूर्ण हो चुका था। इससे 70 प्रतिशत बड़े व मध्यम प्रकार के उपक्रम सफलता पूर्वक निजी हाथों में स्थानान्तरित हो चुके थे। इस वाउचर (प्रणाली) विधि से लगभग 66 प्रतिशत फर्म अथवा 14000 फर्म श्रमिक निजी उपक्रमों में जा चुके थे। इसके साथ ही निजीकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत नीति बनाई गई की सार्वजनिक उपक्रमों के शेयरों की प्रत्यक्ष नकद बिक्री अगले चरण में की जायेगी।
परन्तु 1994 के बाद विनिवेश नीति में अनेक परिवर्तन किए गए। 1995 से 1996 के बीच इस निजीकरण कार्यक्रम अथवा विनिवेश प्रक्रिया को भ्रष्टाचार व घोटालों के कारण बड़ा धक्का लगा तथा इस कार्यक्रम की छवि धूमिल हो गई। परन्तु 1996 में पारदर्शिता लाकर कुछ नियंत्रण के साथ रुस में विनिवेश की प्रक्रिया संचालित होती रही।
जापान में विनिवेश
जापान में दूर संचार उपक्रमों के अन्तर्गत उदारीकरण की नीति 1980 के दशक में प्रारम्भ हो चुकी थी। जबकि अमेरिका में 60 के दशक, ब्रिटेन में 80 के दशक तथा दुनियाँ के अन्य राष्ट्रों में प्राय: 1990 के दशक में उदारीकरण के अन्तर्गत विनिवेश की प्रक्रिया की शुरुआत की गई। जापान में सार्वजनिक दूर संचार उपक्रम के कानून में बदलाव करके 1985 में इसका निजीकरण Reseller गया। जो दस वर्ष जारी था।
इसके बाद जापान में 1987 में जापानी राष्ट्रीय रेल के निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए कानून बनाया गया। निजी कम्पनियों का मूल्यांकन समय-समय पर कराने के लिए कानून में प्रावधान रखा गया। परन्तु जापानी राष्ट्रीय रेल के निजीकरण के अन्तर्गत कुछ कम्पनियाँ लाभ पहुँचायीं परन्तु कुछ के परिणाम राष्ट्र के अनुमान से नीचे था। फिर भी जापान राष्ट्रीय रेल के निजीकरण के बाद रेलवे में सकारात्मक सुधार परिलक्षित हुआ। अत: जापानी सरकार के कानून And शर्त के तहत दूरसंचार And रेलवे में निजीकरण अथवा विनिवेश के द्वारा प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्राप्त हुआ जो विश्व के अन्य राष्ट्रों के विनिवेश को बढ़ाने में सहायक रहा।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि बाजारवाद में गहरा विश्वास और पुरातन के प्रति लगाव होने के बावजूद जापान में उद्योगों को भी स्वतंत्र Reseller से विकसित होने या मनमर्जी के According परिचालित करने के लिए पूर्ण छूट नहीं दी। उद्योगों के विकास और आर्थिक विकास में सरकार का पर्याप्त हस्तक्षेप रहा, फिर भी 1980 के दशक में जापान में व्यापक रुप से निजीकरण Reseller गया। जापानी जनता ने आर्थिक पहलों के प्रति सरकार की अगुवाई हमेशा स्वीकार की। सरकार और उद्योग का घनिष्ठ सम्बन्ध रहा। जापान में निजी क्षेत्र के उद्योग में Singleाधिकार पनपा, परन्तु यहाँ भी प्रतिस्पर्धा पर पर्याप्त बल दिया गया।
चीन में विनिवेश प्रक्रिया
चीन ने विनिवेश प्रक्रिया 1980 से ही प्रारम्भ कर दी थी जबकि वहाँ समाजवादी शासनतंत्र थी। तर्क दिया जाता है कि साम्यवाद के कारण चीन में विरोध संभव नहीं है, इसलिए विनिवेश प्रक्रिया का क्रियान्वयन सहज हो रहा है। यह तर्क देने वाले भूल जाते हैं कि साम्यवादी शासन का Means है कि सर्वहारा वर्ग का शासन, और ऐसा होते हुए भी उसने विनिवेश का औचित्य स्वीकार कर लिया है। स्थानीय निजीकरण प्रयोग कई चरणों के माध्यम से चीन के केन्द्रीय सरकार द्वारा Single राष्ट्रीय नीति के रुप में विकसित हुआ। परन्तु इस निजीकरण अथवा विनिवेश का बड़े पैमाने पर विकास 1990 के दशक में प्रारम्भ हुआ।
1993 में, Fourteenवें चीनी कम्युनिस्ट पार्टी कांग्रेस के तीसरी पूर्ण सभा ने आधुनिक उद्योग प्रणाली को विकसित करने के लिए विनिवेश अथवा निजीकरण के माध्यम से स्वामित्व के विविध रुपों को मंजूरी दी। पुन: स्वामित्व के नियम में 1995 में संशोधन Reseller। हाल के वर्षों में चीन में नियन्त्रित विनिवेश की प्रक्रिया सतत् रुप से क्रियान्वित है।
भारत में विनिवेश
विश्व के पूँजीवादी समाजवादी व मिश्रित आर्थिक प्रणाली वाले राष्ट्रों में राज्याधीन उद्यमों का बड़े पैमाने पर विनिवेश Reseller गया जिसमें सफलता परिलक्षित हुई। साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के आलोचकों ने भी सार्वजनिक क्षेत्र के कार्याधीन क्षेत्र को कम करने के लिए अनेक तर्क दिये जिससे विनिवेश के लिए सुदृढ़ आधार मिला।
विनिवेश का तर्काधार प्रस्तुत करते हुए विनिवेश मन्त्रालय ने मुख्य उद्देश्य बताए हैं-
1. गैर सामरिक (Non-Strategic) महत्त्व के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों में बन्दी भारी राशि को मुक्त करना ताकि सामाजिक प्राथमिकताओं के आधार पर ऊँचा स्थान रखने वाली क्रियाओं Meansात् बुनियादी स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, प्राथमिक शिक्षा और सामाजिक And आर्थिक आधार संCreation में इसका प्रयोग Reseller जा सके।
2. दुर्लभ सार्वजनिक संसाधनों का प्रयोग अक्षम गैर-सामाजिक सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में करने पर रोक लगाना।
3. सार्वजनिक क्षेत्र को कम करना जो कि अब प्रबन्धकीय सीमाओं तक पहुँच चुका है।
वाणिज्य जोखिम को निजी क्षेत्र पर डालना जहाँ कहीं भी वह इसे उठाने के लिए तैयार हो और इनमें प्रवेश करने के लिए इच्छुक हो और अन्य भौतिक And अभौतिक संसाधनों जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के प्रबन्ध में फसी हुई Humanशक्ति, उसके सक्षम और शक्ति को मुक्त करना ताकि इसका प्रयोग उच्च सामाजिक प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में Reseller जा सके जिसमें इसका अभाव हो।
विनिवेश के उद्देश्य
सरकार द्वारा विनिवेश की प्रक्रिया अपनाये जाने के पीछे कई उद्देश्य थे-
- राजकोषीय घाटे को कम करना।
- प्रबन्धन की गुणवत्ता को सुधारना।
- सरकारी वित्तीय सहायता को कम करना।
- प्रबंधकों को उत्तरदायित्व सौपना।
- सरकारी हस्तक्षेप को कम करना।
- सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियों को बाजार आधारित निजी क्षेत्र की कम्पनियों की नीतियों के अनुरुप प्रतिस्पर्धात्मक बनाना।
विनिवेश की विधि
सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में विनिवेश करने की विधियाँ हैं-
- स्ट्रेटजिक सेल : इसके अन्तर्गत सरकार किसी सार्वजनिक उद्यम के अधिकांश शेयर किसी Single स्ट्रेटजिक या चुने हुए क्रेता को बेचती है और उसे सार्वजनिक उद्यम का प्रबन्धन भी हस्तान्तरित कर देती है।
- आई पी ओ : निजी कम्पनियों की भाँति सार्वजनिक उद्यम अपने इक्विटी शेयर घरेलू सार्वजनिक निर्गमन के द्वारा जनता के खरीद के लिए जारी करती है। इससे सार्वजनिक उद्यम को पूँजी प्राप्त होती है और जनता की उद्यमों में भागीदारी बढ़ती है।
- गोल्डेन शेयर विधि : इस विधि में सरकार अपने हित संरक्षित रखने के लिए सार्वजनिक उद्यम में न्यूनतम 26 प्रतिशत अंश रखते हुए, प्रबन्धकीय अधिकार अपने पास रखती है।
- वेयर हाउसिंग विधि : इसके अन्तर्गत सार्वजनिक स्वामित्व वाली वित्तीय संस्थाएं अंशों को तब तक धारित करती है जब तक कोई तीसरा क्रेता नहीं मिल जाता।