मूलानुपाती सूत्र और आणविक सूत्र क्या है ?
मूलानुपाती सूत्र या सरल सूत्र
किसी यौगिक का वह सूत्र जो उस यौगिक के अणु में उपस्थित तत्वों के परमाणुओं की संख्याओं का सरलतम पारस्परिक अनुपात व्यक्त करता है, मूलानुपाती सूत्र या सरल सूत्र कहलाता है।
लेकिन इस सूत्र सें यौगिक के अणु में उपस्थित तत्वों के परमाणुओं के वास्तविक संख्या का ज्ञान नही होता।
उदाहरणार्थ-
- ग्लूकोज का सरल सूत्र CH2O है परंतु इसका अणुसूत्र C6H12O6 है।
- बैंजीन (C6H6) और एसिटिलीन (C2H2) दो
उदाहरणार्थ-
- ग्लूकोज का सरल सूत्र CH2O है परंतु इसका अणुसूत्र C6H12O6 है।
- बैजीन (C6H6) और एसिटिलिन (C2H2) दोनों का मूलानुपाती सूत्र Single ही, Meansात् CH होता है, किन्तु इनके अणु में C और H परमाणुओं की वास्तविक संख्याओं का अनुपात भिन्न होता है।
अणु सूत्र
किसी यौगिक का वह सूत्र जो असके अणु में उपस्थित तत्वों के परमाणुओं की वास्तविक संख्या को व्यक्त करता है, अणु सूत्र कहलाता है।
अणु सूत्र या तो मूलानुपाती सूत्र के समान होता है या उसका सरल गुणांक होता है। जैसे जल का अणुसूत्र H2O है जो यह दर्शाता है कि यौगिक के Single अणु में विभिन्न तत्वों के कितने परमाणु विद्यमान है।
मूलानुपाती सूत्र और अणु सूत्र में सबंध –
मूलानुपाती सूत्र और अणुसूत्र के बीच के सबंध को व्यक्त करते है।
अणुसूत्र = nx मूलानुपाती सूत्र
जहाँ n Single पूर्ण संख्या हैं। और वह यौगिक के अणुभार और मूलानुपाती सूत्र भार का अनुपात व्यक्त करती है।
अणुसुसूत्र का निर्धारण –
किसी यौगिक का मूलानुपाती सूत्र ज्ञात करने के बाद उसका अणुभार ज्ञात करते हैं। इसके बाद अणुभार में मुलानुपाती सूत्र भार से भाग देकर n का मान निकाल लेते हैं। मूलानुपाती सूत्र को n के मान से गुणा करने पर अणुसूत्र ज्ञात हो जाता है।
आणविक औैर मूलानुपाती सूत्र
संCreation सूत्र
(किसी यौगिक के अणु में उपस्थित परमाणुओं की व्यवस्था प्रदर्शित करने वाले सूत्र को संCreation सूत्र कहते हैं।) उदाहरण के लिये, जल (H2O), अमोनिया (NH3) कार्बन डार्इ आक्साइड (CO2), मेथेन (CH4) और बैजीन (C6H6) के संCreation सूत्र होते हैं।