निबंध का Means, परिभाषा And प्रकार

निबंध Word ‘नि+बंध’ से बना है, जिसका Means है अच्छी तरह से बँधा हुआ। इनकी भाषा विषय के अनुकूल होती है। निबंध की शक्ति है अच्छी भाषा। भाषा के अच्छे प्रयोग द्वारा ही भावों विचारों और अनुभवों को प्रभावशाली दंग से व्यक्त Reseller जा सकता है।

  1. बाबू गुलाब राय के According-’’निबंध का आकार सीमित होता है, उसमें निजीपन होता है, स्वच्छ और सजीव होता है।’’ 
  2. आचार्य शुक्ल के According-’’यदि गद्य कवियों को कसौटी है, तो निबंध गद्य की।’’ 
  3. पं.श्यामसुंदर दास-’’निबंध वह लेख है जिसमें किसी गहन विषय पर विस्तारपूर्वक और पाण्डित्यपूर्व ढंग से विचार Reseller गया हो।’’ 

इस प्रकार निबंध किसी विषय पर विचार प्रगट करने की कला है। इसमें विचारों को क्रमबद्ध Reseller में पिरोया जाता है। इसमें ज्ञान विचार और व्यक्तित्व का अद्भुत संगम होता है। यद्यपि निबंध लिखने का कोर्इ निश्चित सूत्र नहीं है। फिर भी निम्नलिखित बिन्दुओं पर ध्यान देना अच्छे निबंध की विशेषताएं है:-

  1. कसावट, प्रभावशाली भाषा, विषयानुकूलता
  2. निबंध में विचार और भाषा दोनों में ही कसावट का गुण होना चाहिए। उद्धरणों की भाषा न बदली जाये । 
  3. निबंध का Means ही है भली भांति बंघा हुआ या कसा हुआ। विराम चिन्हों का समुचित प्रयोग आवश्यक है। 
  4. विचार बिखरे न हों। चयनित विषय पर चिंतन मनन करें । 
  5. विचारों में Single श्रंृखला हो जो क्रमबद्ध हो । 
  6. विचारों में संतुलन हो Meansात् प्रमुख बातों पर अधिक महत्व And गौण बातों को कम महत्व देना चाहिए। निबंध स्पष्ट होना चाहिए। 
  7. निबंध में बदलती हुर्इ विषय-सामग्री के According पैराग्राफ बदलने चाहिए। 

निबंध के अंग 

    निबंध के चार अंग निश्चित किए गए-

    1. शीर्षक-शीर्षक आकर्षक होना चाहिए ताकि लोगों में निबंध पढ़ने की उत्सुकता पैदा हो जाए। 
    2. प्रस्तावना-निबंध की श्रेष्ठता की यह नींव होती है। इसे भूमिका भी कहा जाता है। यह अत्यंत रोचक और आकर्षक होनी चाहिए परन्तु यह बहुत लम्बी नहीं होनी चाहिए। भूमिका इस प्रकार की हो जो विषयवस्तु की झलक प्रस्तुत कर सकें। 
    3. विस्तार-यहीं विचारों का विकास होता है। यह निबंध का सर्वप्रमुख अंश है। इनका संतुलित होना अत्यंत आवश्यक है। यहीं निबंधकार अपना दृष्टिकोण प्रगट करता है। 
    4. उपसंहार-निबंध का समापन Single निश्चित क्रम में होता है। लेखक अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। उपदेश, Second के विचारों को उद्घृत कर या कविता की पंक्ति के माध्यम से निबंध समाप्त Reseller जा सकता है। 

    निबंध के प्रकार

    1. वर्णनात्मक निबंध-उस निबंध को कहते हैं जिसमें किसी घटना, वस्तु अथवा स्थान का वर्णन होता है। वर्णन के लिए भाषा सरल और ओजस्वी होनी चाहिए और शैली रोचक। निबंध पढ़कर उस वस्तु घटना या स्थान का पूरा चित्र आँखों के सामने आ जाना चाहिए। किसी त्यौहार जैसे-होली, दीपावली, र्इद या क्रिसमस, यात्रा, दृश्य, स्थान या घटना, गणतंत्र दिवस की परेड, ताजमहल, ओलपिक खेल आदि पर लिखे गए निबंध प्राय: वर्णनात्मक निबंध कहलाते है।
    2. विचारात्मक निबंध-विचार या चिंतन की प्रधानता होने के कारण इन्हें विचारात्मक निबंध कहते हैं। इस प्रकार के निबंध लिखना प्राय: कठिन होता है, भूदान-यज्ञ, अहिंसा परमो धर्म:, अछतोद्धार विधवा-विवाह जैसे सामजिक राष्ट्रीय Singleता, विश्वबंधुत्व जैसे राजनीतिक तथा र्इश्वर, आत्मा जैसे दार्शनिक विषय आते है।
    3. भावात्मक निबंध-भावना प्रधान कहलाते हैं जैसे- वसंतोत्सव, चांदनी रात, बुढ़ापा, बरSeven का पहला दिन, मेरे सपनों का भारत आदि। इसमें कल्पनात्मक निबंध भी आते हैं। कल्पनात्मक निबंध के उदाहरण है- ‘यदि मैं प्रधानमंत्री होता’ मेरी अभिलाषा, ‘नदी की आत्मकथा’ आदि।
    4. साहित्यिक या आलोनात्मक निबंध-किसी साहित्यकार, साहित्यिक विधा या साहित्यिक प्रवृत्ति पर लिखा गया निबंध साहित्यिक या आलोचनात्मक निबंध कहलाता है, जैसे मुंशी प्रेमचंद, तुलसीदास, आधुनिक हिन्दी कविता, छायावाद हिन्दी साहित्य का स्वर्णयुग आदि। इसमें ललित निबंध भी आते हैं। इनकी भाषा काव्यात्मक और रSeven्मक होती है। ऐसे निबंध शोध पत्र के Reseller में अधिक लिखे जाते हैं।

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