जनसंख्या वृद्धि को रोकने के उपाय

दुनिया में सबसे अधिक तेजी से जनसंख्या वृद्धि भारत में होती है। आज यह भारत की सबसे बड़ी समस्या बन गयी है। क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत की जनसंख्या बहुत अधिक है। जनसंख्या वृद्धि के अनेक कारण है जैसे अशिक्षा, बेहतर चिकित्सा सुविधा, बाल विवहा, अंधविश्वास आदि। जनसंख्या वृद्धि से अनके समस्याएं उत्पन्न हो रही है जिनमें प्रमुख है पर्यावरण प्रदूषण, गरीबी, बेरोजगारी, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए प्रयास करना आवश्यक है तथा इसके लिए जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण करना सबसे ज्यादा आवश्यक है। जनसंख्या वृद्धि में नियंत्रण रखने में विज्ञान द्वारा किये गए उपाय कारगर साबित हो सकते है। आज विज्ञान ने इतनी प्रगति कर ली है। कि इसके माध्यम से जनसंख्या वृद्धि जैसी जटिल समास्या पर काबू पाया जा सकता है तथा हमारा भारत देश विकास की ओर अग्रसर हो सकता है।

हमारे देश में विज्ञान ने काफी विकास Reseller है। आज विश्व मे जब कही भी विज्ञान के विकास की Discussion होती है तो हमारे देश का नाम अवश्य लिया जाता है। विज्ञान के क्षेत्र में व्यापक स्तर पर विकास कर लेने के बाद भी हमारे देश का नाम विकसित देशों की सूची में नही आता आज भी भारत की गिनती विकासशील देशों मे होती है। इसका कारण है, हमारे देश की बढ़ती हुर्इ जनसंख्या। अधिक जनसंख्या होने के कारण विज्ञान का लाभ सही ढंग से हर व्यक्ति के नहीं पहुँच पाता। इसीलिए हमारे देश का जितना विकास होना चाहिए नही हो पा रहा है।

जनसंख्या वृद्धि का स्वReseller

जनसंख्या वृद्धि का स्वReseller जानने से First हमें जन्मदर और मृत्यदर को समझना आवश्यक है। जन्म दर प्रतिवर्ष प्रति हजार व्यक्ति पर पैदा होने वाले जीवित बच्चों की संख्या को जन्म दर कहते है। मृत्युदर प्रतिवर्ष प्रति हजार व्यक्ति पर मृत व्यक्तियों की संख्या को मृत्युदर कहते है। Meansात Single वर्ष में पैदा हुए बच्चों की संख्या में से उस वर्ष में मरने वालों की संख्या को घटा दें तो जनसंख्या वृद्धि का पता चल जाता है।

प्रतिवर्ष पैदा होने वाले बच्चों की संख्या-मरने वाले व्यक्तियों की संख्या = जनसंख्या वृद्धि

दुनिया में सबसे अधिक तेजी से जनसंख्या वृद्धि भारत में हो रही है। पूरे विश्व में हर साल 8 करोड की जनसंख्या वृद्धि होती है जिसमें से 2 करोड़ की वृद्धि अकेले भारत करता है। Meansात पूरी दुनिया की कुल जनसंख्या वृद्धि का Single चौथार्इ हिस्सा अकेले भारत के हिस्से में आता है। भारत में प्रति मिनट 52 बच्चे पैदा होते है। जनसंख्या की दृष्टि से भारत विश्व का दूसरा सबसे बडा देश है। First स्थान पर चीन है। किन्तु क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का स्थान विश्व में Sevenवाँ है। क्षेत्रफल के अनुपात में भारत की जनसंख्या कर्इ गुना है। इसलिए यहाँ जनसंख्या वृद्धि के कारण जनजीवन से जुडी अनेक समस्याएं पैदा हो गर्इ है।

भारत की 70 प्रतिशत जनसंख्या गांवो में रहती है। वहाँ जनसंख्या नियंत्रण के उपायो का प्रयोग न हो पाने के कारण जन्म दर अधिक है। किन्तु शहरो में रोजगार की तलाश में गांव के लोगो का पलायन होने से शहरो की जनसंख्या में वृद्धि हो रही है। इससे शहरो में स्थान की कमी, पीने के पानी की समस्या , बिजली और यातायात की समस्या बढ जाती है।

विश्व में जनसंख्या वृद्धि  का स्वReseller

दुनिया की कुल आबादी छ: अरब से भी अधिक है। ध्यान देने की बात तो यह है कि इस बढती आबादी का सबसे अधिक हिस्सा विकासशील देशों का है। जहाँ अमेरिका, फ्रांस , ब्रिटेन, जर्मनी आदि जैसे विकसित देशो की जनसंख्या वृद्धि की दर 0.1 प्रतिशत है। चीन समेंत अन्य विकासशील देशो की औसत जनसंख्या वृद्धि 2.0 प्रतिशत है। इस बढती हुर्इ जनसंख्या में अधिकांश योगदान अफ्रीकी और एशियार्इ देशों का है। 1900 से लेकर 1975 तक दुनिया में हुर्इ कुल जनसंख्या वृद्धि का 80 प्रतिशत हिस्सा विकासशील देशो का रहा जो अब बढकर 98 प्रतिशत पहुँच गया है।

अफ्रीकी देशो में जनसंख्या वृद्धि का औसत दर 2.5प्रतिशत है। र्इरान, इराक, कुवैत, यमन, ओामान, कतर, सीरिया आदि मुस्लिम देशो में जनसंख्या वृद्धि की औसत दर 2.2 प्रतिशत है। भारत , पाकिस्तान, श्री लंका, अफगानिस्तान, बंगला देश नेपाल और भूटान जैसे दक्षेस (सार्क) देशों में औसत जनसंख्या वृद्धि की दर 1.9 प्रतिशत है। यही कारण है कि इन्ही देशो में बेरोजगारी, निरक्षरता तथा भ्रष्टाचार जैसी जटिल समस्याएं है। सन 2000 तक भारत की कुल आबादी बढकर 1 अरब हो गर्इ थी। इस दृष्टि से दुनिया का हर 60वां व्यक्ति Indian Customer है। 2007 में भारत की जनसंख्या 1,02,87,37,436 है। जिनमें 53,22,23,090 पुरूष तथा 49,65,14,436 महिलाएँ है। जिनमें 53,22,23,090 पुरूष तथा महिलाएँ है। जनसंख्या वृद्धि के कारण भारत दुनिया के कुछ समस्याग्रस्त देशों में से Single है। जनसंख्या वृद्धि के कारण – हमारे देश में जनसंख्या वृद्धि के अनेक कारण है। उन्ही कारणो में से Single यह भी है कि चिकित्सा पद्धतियों, दवार्इयों तथा वैज्ञानिक उपकरणो की खोज व प्रयोगो से विज्ञान ने मृत्युदर में तो नियंत्रण पा लिया है परंतु जन्मदर में नियंत्रण पाने में असमर्थ है। जनसंख्या वृद्धि को रोकने में विज्ञान की काफी बडी भूमिका है फिर भी जनसंख्या वृद्धि में पूरी तरह नियंत्रण नही हो पाया है।

पुरूष तथा 49,65,14,436 महिलाएँ है। जिनमें 53,22,23,090 पुरूष तथा महिलाएँ है। जनसंख्या वृद्धि के कारण भारत दुनिया के कुछ समस्याग्रस्त देशों में से Single है।

वर्तमान में भारत की जनसंख्या में प्रतिवर्ष लगभग 1 करोड़ 70 लाख की वृद्धि हो रही है। जनसंख्या में यह तीव्र वृद्धि देश के लिए अभिशाप है परिणामस्वReseller हमारे यहॉं गरीबी, बेराजगारी व महॅंगार्इ आदि समस्याए दिनों-दिन बढ़ती जा रही हैं। इससे हमारे आर्थिक विकास की All योजनाए निष्फल सिद्ध हो रही है। अत: यदि हमें विकास की गति का लाभ उठाना है और उन्नत जीवन स्तर प्राप्त करना है तो जनसंख्या वृद्धि पर नियन्त्रण करना अति आवश्यक है।

जनसंख्या वृद्धि को रोकने के उपाय

1- शिक्षा का प्रसार-

भारत की 80 प्रतिशत जनसंख्या गॉंवों में निवास करती है। जनसंख्या में यह तीव्र वृद्धि देश के लिए अभिशाप बनती जा रही है। फलस्वReseller गरीबी, बेराजगारी तथा महंगार्इ आदि समस्यायें दिनों दिन बढ़ती जा रही है। गांवों में शिक्षा की कमी और अज्ञानता के कारण तथा नगरों में गंदी बस्तियों के लोगों में शिक्षा की कमी के कारण जनसंख्या नियंत्रण का कोर्इ भी कार्यक्रम सफल नहीं हो पा रहा है। अतएव लोगों में शिक्षा का प्रसार कर ही जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण Reseller जा सकता है।

2- परिवार नियोजन-

जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए परिवार नियोजन के विभिन्न कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार अति आवश्यक है। परिवार नियोजन कार्यक्रम को जन आंदोलन का Reseller दिया जाना चाहिए।

3- विवाह की आयु में वृद्धि करना-

हमारे देश में आज भी बाल विवाह की प्रथा है। अत: बाल-विवाह पर कारगर कानूनी रोक लगायी जानी चाहिए। साथ ही लड़के-लडकियों की विवाह की उम्र को भी बढ़ार्इ जानी चाहिए।

4- संतानोत्पत्ति की सीमा निर्धारण-

परिवार, समाज और राष्ट्र के हित में संतान की सीमा निर्धारण करना अति आवश्यक है। जनसंख्या विस्फोट से बचने के लिए प्रत्येक दम्पत्ति के संतानों की संख्या 1 या 2 करना अति आवश्यक है। चीन में इसी उपाय को अपनाकर जनसंख्या वृद्धि में नियंत्रण पा लिया गया है।

5- सामाजिक Safty-

हमारे देश में वृद्धावस्था, बेकारी अथवा दुर्घटना से Safty न होने के कारण लोग बड़े परिवार की इच्छा रखते हैं। अतएव यहॉं सामाजिक Safty के कार्यक्रमों में बेराजगारी भत्ता, वृद्धावस्था, पेंशन, वृद्धा-आश्रम चलाकर लोगों में Safty की भावना जाग्रत की जाय।

6- सन्तति सुधार कार्यक्रम-

जनसंख्या की वृद्धि को रोकने के लिए सन्तति सुधार कार्यक्रमों को भी अपनाया जाना चाहिए। संक्रामक रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों के विवाह और सन्तानोत्पत्ति पर प्रतिबंध लगाया जाये।

7- जीवन-स्तर को ऊॅंचा उठाने का प्रयास-

देश में कृषि व औद्योगिक उत्पादन को बढ़ाकर लोगों के जीवन स्तर को ऊॅंचा उठाने के प्रयास किये जाने चाहिए । जीवन स्तर के ऊॅंचा उठ जाने पर लोग स्वयं ही छोटे परिवार के महत्व को समझने लग जायेंगे।

8- स्वास्थ्य सेवा व मनोरजन के साधन-

देश के नागरिकों की कार्यकुशलता And आर्थिक उत्पादन की क्षमता को बनाये रखने के लिए सार्वजनिक व घरेलू स्वास्थ्य सुविधा And सफार्इ पर ध्यान देना आवश्यक है। डाक्टर, नर्स And परिचारिकाओं आदि की संख्या में वृद्धि Reseller जाना चाहिए। ग्रामीणों को स्वास्थ्यप्रद जीवन व्यतीत करने तथा मनोरंजन के लिए पर्याप्त साधन उपलब्ध कराया जाना चाहिए और इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये कि गॉंवों में स्त्री पुरूषों के लिए Only मनोरंजन का साधन न रहे।

9- जनसंख्या शिक्षा- 

ये Single ऐसा कार्यक्रम है जो सरकार तथा स्वयं सेवी संगठनो द्वारा अपने अपने स्तर पर चलाया जा रहा है। उसके माध्यम से लोगो की बढती हुर्इ जनसंख्या से उत्पन्न कठिनार्इयाँ, दुष्प्रभावो, खान पान, बीमारी, स्वास्थ्य संबंधी गडबडियाँ, विवाह योग्य सही उम्र आदि की जानकारी दी जाती है। अब तो जनसंख्या शिक्षा अनिवार्य कर दी गर्इ है। ताकि युवाओ में जनसंख्या के प्रति जागरूकता आ सके। लोगो को जागरूक बनाकर जनसंख्या वृद्धि को कम Reseller जा सकता है।

10. परिवार नियोजन संबंधी शिक्षा- 

लोगो को परिवार नियोजन की जानकारी देकर जनसंख्या वश्द्धि में नियंत्रण Reseller जा सकता है। गर्भ निरोधकों के प्रयोग से जिसमें निरोध, कापरटी, नसबंदी, गर्भ निरोधको की गोलियों का सेवन इत्यादि की जानकारी देकर तथा इनका प्रचार, प्रसार करके जनसंख्या वृद्धि मे काबू पाया जा सकता है।

11- महिला शिक्षा- 

हमारे देश में आज भी महिलाओं की शिक्षा का स्तर पुरूषों की अपेक्षा काफी कम है। महिलाओं के शिक्षित न होने के कारण व जनसंख्या वृद्धि के दृष्परिणामों को नही समझ पाती। वे अपने खान पान पर भी ध्यान नहीं देपाती तथा जनसंख्या नियंत्रण में अपना योगदान नहीं दे पाती। जिन क्षेत्रों मे महिलाओं का शिक्षा स्तर कम है। वहां जनसंख्या वृद्धि दर अधिक है। पढ़ी लिखी महिलाएं जनसंख्या नियंत्रण के प्रति जागरूक होती है। इस तरह महिलाएं शिक्षित होंगी तो वे अपने बच्चों के खानपान, पोषण तथा स्वास्थ्य पर भी ध्यान देंगी तथा जनसंख्या पर भी नियंत्रण होगा और Single स्वस्थ समाज का निर्माण होगा।

12- यौन शिक्षा- 

आज भी हमारे समाज में यौन संबंधों को छिपाने की चीज समझा ज्ञाता है। लोग यौन संबंधी बातें तथा उससे जुड़ी समस्याओं पर खुलकर बातें करने से कतराते है। यौन संबंधी जानकारी न होने के कारण लोग असमय तथा अधिक बच्चे पैदा करते है। यौन संबंधी जानकारी से जनसंख्या वृद्धि को रोकने में सहायता मिल सकती है।

13- जन संपर्क- 

कर्इ स्वयं सेवी संगठन भी लोगो के बीच जाकर उनसे बातचीत कर जनसंख्या वृद्धि से उत्पन्न समस्याओं की जानकारी देते हैं। उन्हें नुक्कड नाटको, सांस्कृतिक कार्यक्रमों तथा तरह-तरह की प्रतियोगिताएं कराकर जनसंख्या वृद्धि के कारणों तथा समस्याओं की जानकारी देकर उन्हे जागरूक बनाते है।

14. जनसंचार माध्यमों द्वारा प्रचार प्रसार- 

सरकार समाचार पत्रो, पत्रिकाओं, रेडियों, टेलीविजन पर परिवार नियोजन तथा जनसंख्या शिक्षण संबंधी कार्यक्रमों को बढ़ावा दे रही है। इस प्रकार जनसंख्या वृद्धि से होने वाली समस्याओं तथा उन्हें रोकने के उपयों का प्रचार प्रसार भी करती है।

उपर्युक्त उपायों के अतिरिक्त अन्योन्य उपायों से जन्मदर में कमी करना विवाह की अनिवार्यता को ढीला बनाना, स्त्री शिक्षा, स्त्रियों के आर्थिक स्वावलम्बन पर जोर देना, गर्भपात And बन्ध्याकरण की विश्वसनीय सुविधाओं का विस्तार करना, अधिक सन्तान उत्पन्न करने वाले दम्पत्ति को सरकारी सुविधाओं से वंचित करना Single या दो बच्चे पैदा करने वाले दम्पत्ति को विभिन्न Kingीय लाभ दिया जाना चाहिए। 1970 के बाद चीन ने ‘Single दम्पत्ति Single सन्तान’ का नारा देकर अपनी बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त की है। 

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