कोष प्रवाह description क्या है ?

कोष ‘प्रवाह’ का Means

कोष प्रवाह description तैयार करने हेतु कोष (Fund) Means, शुद्ध कार्यशील पूंजी (Net working capital) Meansात् चालू सम्पत्तियों का चालू दायित्वों पर आधिक्य (Excess of total current assets over the total current liabilities) के Reseller में प्रयुक्त Reseller जाता है।

चालू सम्पत्तियाँ : चालू सम्पत्तियों में वे सीाी सम्पत्तियाँ सम्मिलित की जाती है जो व्यवसाय में नकद या नकद के समान होती है अथवा सामान्य परिस्थितियों में व्यवसाय के Single सामान्य परिचालन चक्र में Meansात् लगभग Single वर्ष में नकद में परिवर्तित हो जाती है।

चालू दायित्व : चालू दायित्वों में उन All दायित्वों को सम्मिलित Reseller जाता है जिनका भुगतान सामान्यत: व्यवसाय के Single परिचालन चक्र Meansात् लगभग Single वर्ष की अवधि में Reseller जाना होता है। चालू दायित्वों का भुगतान चालू सम्पत्तियों से या नये चालू दायित्वों को सृजित करके Reseller जाता है। कोष प्रवाह या शुद्ध कार्यशील पूंजी में परिवर्तन- कोष प्रवाक का Means शुद्ध कार्यशील पूंजी के घटने या बढ़ने से है ऐसा तब होता है जब किसी भी व्यवहार में Single पक्ष में चालू मद हो और Second पक्ष में गैर चालू मद हो।

कोष प्रवाह description का महत्व

कोष प्रवाह description का अध्ययन न केवल प्रबन्धकें के लिए महत्वपूर्ण है वरन् यह बैंकर, विनियोगकर्ता, अंशधारी तथा अल्पकालीन ऋणदाता के लिए भी महत्वपूर्ण है। इससे प्राप्त होने वाले लाभागों का विवेचन Reseller जा रहा है-

  1. कोष प्रवाह description से Single निश्चित अवधि के मध्य हुए व्यावसायिक परिवर्तनों का ज्ञान प्राप्त Reseller जा सकता है। 
  2. कर्इ मामलों में कोष प्रवाह description स्थिति-description से भी अधिक सूचनाएं प्रदान करता है। यदि कोष प्रवाह description आधुनिक ढंग से तथा पूर्ण Reseller से तैयार Reseller जाये तो इससे आय description का तुलनात्मक अध्ययन अधिक अच्छी प्रकार Reseller जा सकता है। 
  3. विभिन्न सम्पत्तियों के अपलेखन या अधिलेखन से स्थिति description जब अस्पष्ट And संदिग्ध लगने लगता है तब पिछले कुछ वर्षों के आधार पर निर्मित कोष प्रवाह description से अनेक महत्वपूर्ण सूचनाएं प्रकाशित हो सकती है।
  4. जो व्यक्ति पुस्तपालन तथा लेखाकर्म की जानकारी नहीं रखते उन व्यक्तियों के लिए कोष प्रवाह description पथ-प्रदर्शक का कार्य करता है।
  5. विनियोगी तथा बैंकर्स कोष विनियोग description के माध्यम से शुद्ध कार्यशील पूंजी की कमी या वृद्धि का अनुमान लगता सकते हैं। 
  6. इस description से सामान्य जनता को प्रबन्धकों द्वारा अपनायी गयी नीति का ज्ञान हो जाता है। 
  7. इसका उपयोग वित्तीय विश्लेषण के साथ-साथ Meansशास्त्रीय विश्लेषण में भी Reseller जा सकता है।
  8. यह description प्रबन्धकों को भूतकालीन अनुभवों के आधार पर कार्यशील पूंजी के नियन्त्रण में सहायता पहुचाता है। यह description यह बताता है कि लाभ की मात्रा में वृद्धि के बावजूद भी रोकड़ के आधिक्य में कमी क्यों आर्इ या लाभांशां को अधिक क्यों नहीं बाँटा जा सका, आदि। 
  9. कोष प्रवाह description के द्वारा प्रबन्धकों को यह मालूम हो जाता है कि अर्जन का किस पकार उपयोग Reseller गया है, कितने लाभांश बांटे गये हैं या कितनी सम्पत्तियाँ बढ़ार्इ गर्इ हैं या कितने ऋणों का भुगतान Reseller गया है आदि। इस प्रकार सम्पत्तियों का अनुमान लगाया जा सकता है, साथ ही साथ व्यवसाय की वित्तीय सुदृढ़ता का अनुमान लगाने में सुविधा होती है।
  10. इस description से व्यवसाय संचालन के विभिन्न वित्तीय प्रभावों का अध्ययन Reseller जा सकता है। Single व्यवसाय लगातार अच्छा लाभ कमा सकता है,किन्तु यदिवह कोष का उचित उपयोग न करें तो उसकी तरल स्थिति (Liquid Position) दिन प्रतिदिन संदिग्ध And चिन्ताजनक हो सकती है। कोष प्रवाह description से कोष को अधिकतम लाभप्रद कार्यों में लगाया जा सकता है तथा उसका दुResellerयोग रोका जा सकता है। 
  11. कोष प्रवाह description से वित्तीय स्रोतों के उपयोग की जानकारी प्राप्त होती है जिसके आधार पर व्यवसायी अपने उत्पादन की प्राथमिकता निश्चित कर सकता है, विस्तार And विकास की योजना बना सकता है तथा कोष का सर्वोत्तम कार्यों में उपयोग कर सकता है। 
  12. वर्तमान समय में विभिन्न वित्तीय संस्थाएँ ऋण देने के पूर्व ऋण मांगने वाले की व्यावसायिक स्थिति का गहन अध्ययन करना उचित समझती हैण् उनसे उनकी वित्तीय तथा तरल स्थिति के बारे में तरह-तरह की जानकारी मांगती है। 
  13. कोष प्रवाह description के आधार पर विभिन्न व्यावसायकि साधनों को जानने में मदद मिलती है।

कोष प्रवाह description की सीमाएं

  1. कोष प्रवाह description भूतकालिक विश्लेषण से अधिक सम्बन्धित होता हैं यह description यह बतलाताहै कि क्या कुछ हो चुका है। इस description से यह ज्ञात नहीं हो सकता है कि भविष्य में कोष की क्या स्थिति होगी या कितनी Need होगी।
  2. इस description से व्यवसाय की वित्तीय स्थिति या परिवर्तन की मौलिक जानकारी प्राप्त नहीं हो पाती। यह description तो केवल स्थिति description And लाभ-हानि खाते द्वारा प्रदर्शित आँंकड़ों का Reseller परिवर्तित करके या उन्हें पुन: जमा (rearrange) कर कुछ सूचनाएं उपलब्ध करा देता है। 
  3. यदि description कोष के प्रवाह के description को ही प्रस्तुत करता है, रोकड़ स्थिति के परिवर्तन (Change in position) को प्रस्तुत नहीं करता। इससे समस्त रोकड़ प्राप्तियों And भुगतानों की जानकारी नहीं हो पाती जिससे इस description से प्राप्त होने वाली सूचनाएं भ्रामक निष्कर्ष प्रस्तुत कर सकती हैं।

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