कैबिनेट मिशन 1946 क्या है ?

द्वितीय विश्वFight के बाद ब्रिटेन में मजदूर दल की सरकार बनी तथा मि. एटली प्रधानमंत्री बने । उन्होंने केबिनेट के 3 सदस्यों को भारत भेजा जिसे केबिनेट मिशन कहा जाता है । इस मिशन ने निम्न सुझाव दिये-

  1. Indian Customer संघ का निर्माण – समस्त भारत के लिए Single संघ का निर्माण Reseller जाए, जिसमें All ब्रिटीश भारत और देशी रियासतें शामिल हों । 
  2. विदेश, रक्षा, यातायात पर केन्द्र का अधिकार- विदेश नीति, प्रतिरक्षा तथा यातायात आदि विषय केन्द्र के पास रखे जाएं और शेष विषय प्रान्तों के पास रहें । 
  3. साम्प्रदायिक  समस्या- साम्प्रदायिक समस्याओं का निणर्य इस सम्प्रदाय के सदन में उपस्थित सदस्यों के बहुमत से लिया जाएगा । 
  4. प्रान्तों को अधिकार- प्रान्तों को अपना अलग संविधान बनाने का अधिकार होगा। 
  5. संविधान सभा का निर्माण- भारत के लिए 389 सदस्यों से युक्त संविधान सभा का निर्माण होगा । 
  6. अन्तरिम सरकार की स्थापना- Single अन्तरिम सरकार का निर्माण होगा, जिसमें All दलों के सदस्य सम्मिलित किए जायेंगे । 
  7. देशी रियासतों को अधिकार- देशी रियासतों का भी जनसंख्या के आधार पर संविधान सभा में प्रतिनिधित्व रहेगा । 
  8. ब्रिटिश सत्ता का अंत- भारत के स्वतत्रं होते ही देशी रियासतों पर ब्रिटिश ताज की अधीश्वरता समाप्त हो जाएगी । 

केबिनेट मिशन योजना अब तक ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रस्तुत योजनाओं में सर्वश्रेष्ठ थी । अन्तरिम सरकार की स्थापना- केबिनटे मिशन योजना के अन्तर्गत भारत का संविधान बनाने के लिए ‘संविधान सभा’ के लिए जो चुनाव हुए उसमें कांग्रेस को असाधारण सफलता प्राप्त हुर्इ । उसे संविधान सभा के 296 स्थानों में से 212 स्थान प्राप्त हुए जबकि मुस्लिम लीग को केवल 73 स्थान मिले । इस प्रकार मि. जिन्ना की स्थिति बहुत कमजोर हो गर्इ ।

माउण्ट बेटन योजना – 

20 फरवरी, 1947 र्इ. को ब्रिटिश प्रधानमंत्री एटली ने घोषणा कर दी कि ब्रिटिश सरकार जून, 1948 र्इ. तक जिम्मेदार Indian Customerों के हाथ सत्ता सौंपने का कार्य सम्पन्न कर लेगी । सत्ता हस्तान्तरण का कार्य सुगम बनाने के लिए वायसराय लार्ड वेवल के स्थान पर लार्ड माउण्ट बेटन को नियुक्त Reseller गया । यह परतंत्र भारत का अंतिम गवर्नर जनरल था । 3 जून, 1947 र्इ. को नये वाससराय माउण्टबेटन ने अपनी योजना प्रस्तुत की जो माउण्ट बेटन योजना कहलाती है- इस योजना के निर्णय थे-

  1. भारत का पृथक And स्वतंत्र राज्यों में विभाजन- (a) Indian Customer संघ और (b) पाकिस्तान।
  2. पाकिस्तान पश्चिमी पंजाब (पंजाब विभाजित) पूर्वी बंगाल (बंगाल विभाजित) सिंध And उत्तरी पश्चिमी सीमा प्रान्त (NWFP) को मिलाकर बनेगा ।
  3. Indian Customer देशी रियासतों को अपने भाग्य को स्वयं तय करने की छूट दी गर्इ, Meansात वे भारत या पाकिस्तान में शामिल हो सकते थे ।
  4. विभाजन की योजना को मुस्लिम लीग तथा कांग्रेस दोनों ने स्वीकार कर लिया । 4 जुलार्इ, 1947 र्इ. को माउण्ट बेटन योजना के आधार पर Indian Customer स्वतंत्रता का बिल ब्रिटिश संसद में पेश Reseller गया जो 18 जुलार्इ, 1947 र्इ. को पास हो गया । इसके आधार पर भारत से ब्रिटिश शासन समाप्त हो गया । औपचारिक तौर पर भारत अगस्त, 1947 र्इ. को स्वतंत्र हुआ ।

Indian Customer स्वतंत्रता अधिनियम- 

4 जुलार्इ 1947 र्इ. को पास ब्रिटने की संसद ने Indian Customer स्वतंत्रता अधिनियम पारित कर दिया । इस अधिनियम की मुख्य धाराएं  हैं-

  1.  दो अधिराज्यों की स्थापना- 15 अगस्त, 1947 र्इ. काे भारत तथा पकिस्तान दो स्वतंत्र राज्य बना दिये जायेंगे तथा ब्रिटिश सरकार उन्हें सत्ता सौंप देगी । 
  2. संविधान सभाओं का निर्माण- दोनों राज्यों की संविधान सभाएं अपने-अपने देशों के लिए संविधान का निर्माण करेंगी । 
  3. राष्ट्रमण्डल की सदस्यता- भारत और पाकिस्तान दोनों राज्यों काे राष्ट्रमण्डल में बने रहने या छोड़ने की स्वतंत्रता रहेगी । 
  4. भारत सचिव पद की समाप्ति- भारत सचिव का पद समाप्त कर दिया जाएगा तथा दोनों देशों को ब्रिटिश नियन्त्रण से मुक्त कर दिया जाएगा । 
  5. ब्रिटिश शक्ति का अत- भारत और पाकिस्तान के संबंध में ब्रिटिश सरकार की समस्त शक्तियां समाप्त कर दी गर्इ । 
  6. 1935 र्इ. के अधिनियम द्वारा अन्तरिम शासन- नये संविधान के बनने तक 1935 र्इ. के अधिनियम के According दोनों देशों का शासन चलेगा ।
  7. ब्रिटिश की प्राचीन संिधयों की समाप्ति- भारत के देशी राज्यों पर से ब्रिटिश सम्प्रभुता समाप्त कर दी गर्इ तथा ब्रिटेन और उनके बीच की गर्इ पुरानी सन्धियां समाप्त हो गर्इ। 
  8.  दोनों देशों मे गवर्नर जनरल की व्यवस्था- भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में Single-Single गवर्नर जनरल होगा, जिसकी Appointment उनके मंत्रिमण्डल की सलाह से की जाएगी । 15 अगस्त, 1947 र्इ. को देश का विभाजन हो गया और भारत तथा पाकिस्तान दो अलग-अलग देश बने ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *