ईथर बनाने की विधि
विलियमसन संश्लेषण-
इस विधि में एल्किल हैलाइड के हैलीजेन परमाणु का ऐल्कॉक्सी समूह द्वारा प्रतिस्थापन कराने पर र्इथर बनते हैं। एल्किल हैलाइड की अभिक्रिया ऐल्कोहॉल या फीनॉल के सोडियम या पौटेिशयम लवण से करायी जाती है।
ऐल्कोहॉलो के निर्जलीकरण से –
ऐल्कोहॉलो को सांद्र H2SO4 के साथ उचित ताप पर गर्म करने पर जल अणु निकल जाती हैं और र्इथर बनते हैं।
प्रयोगशाला में डाइएथिल र्इथर इसी विधि से बनाया जाता हैं।
एथिल ऐल्कोहॉल की वाष्प को 240 &2600C पर एलुमिना उत्प्रेक पर प्रवाहित करने पर भी निर्जलीकरण द्वारा डाइएथिल र्इथर बनता हैं। सरल र्इथरो का औद्योगिक निर्माण इसी विधि द्वारा Reseller जाता हैं। इस विधि से एसममित र्इथर नहीं बनाये जाते।
ऐल्कोहॉल के मेथिलीकरण से –
जब ऐल्कोहॉल की किसी उत्पे्ररक की उपस्थिति में डाइऐजोमेथेन के साथ गरम Reseller जाता हैं तो ऐल्कोहॉल के मेथिलीकरण से मेथिल र्इथर बनता हैं।