History की अवधारणा, स्वReseller, विषय क्षेत्र, अध्ययन का महत्व

‘हिस्ट्री’ (History) Word की उत्पत्ति ग्रीक Word ‘हिस्टोरिया’ (Historia) से हुर्इ है जिसका Means ‘खोजना या जानना’ है। यह Word अतीत की घटनाओं की ओर संकेत करता है। ‘हिस्ट्री’ Word का First प्रयोग ग्रीक लेखक हेरोडोटस ने Reseller था। इसीलिए उसे ‘History का पिता’ कहा जाता है। हिस्ट्री का Indian Customer Word ‘History’ है। History Word ‘इति+ह+हास’ Wordो  के मिलने से बनता है जिसका शाब्दिक Means है ‘ऐसा ही हुआ था’। यहाँ ‘इति’ से आशय है – ‘बीता हुआ युग’। ‘ह’ निश्चय वाचक है और ‘आस’ था को कहते हैं Meansात् जो निश्चय करके बीत गया है, उसे History कहते हैं। History Word का प्राचीनतम History अथर्ववेद के व्रात्यकाण्ड में व्यवहार में आया है। हिस्ट्री के लिए इरानी प्रत्यय सूचक Word ‘तवारीख’ का भी प्रयोग Reseller जाता है, लेकिन यह Word तारीख का बहुवचन मात्र है। History केवल तारीखो  और तिथियों का संग्रह ही नहीं इन सबसे बहुत अधिक है।

History न केवल भूतकाल से सम्बन्धित है अपितु वर्तमान और भविष्य से भी इसका सम्बन्ध है। अतीत (भूतकाल) की घटनाओ से हम वर्तमान में प्रेरणा लेकर भविष्य के लिए मार्ग प्रशस्त करते हैं या भविष्य के प्रति सजग रहते हैं। History Earth के धरातल पर घटित All घटनाओं का द्योतक है जो चाहे राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक अथवा सांस्कृतिक हो। यह All History की सीमा में आता है। इस प्रकार History समय सीमा में Human विकास की प्रक्रिया का आलेख है Meansात् समय अनुकूल Human के क्रमिक विकास की कहानी ही History है। अन्य विषयों की भॉति Human रूचि को ध्यान में रखते हुए History भी अपनी विषय वस्तु के प्रति Creationत्मक रहा है। प्रारंभ में History तत्कालीन समाज के उच्च वर्ग की परम्पराओ And Kingओं तथा सेनापतियों की विजय गाथाओ से काफी हद तक प्रभावित रहा। यह संभवत: श्रेष्ठ शक्तियों And व्यक्तिओं में तादात्म्य स्थापित हो और वीरतापूर्ण कार्यो की प्रोत्साहन देने हेतु था। इससे तत्कालीन समाज के जीवन में महत्व रखने वाले कुछ ही लोगो की उपलब्धियों और उससे सम्बन्धित बीती घटनाओं का वर्णन ही History बना।

History का स्वReseller 

अब हम History की प्रकृति या स्वReseller क्या है? History अपने प्राकृतिक स्वReseller में विज्ञान है अथवा कला? पर विचार करेगें। इंगलैण्ड में First इस प्रश्न को उठाने वाले विद्वान प्रो0 जे0वी0 व्युरो थे। उन्होनें 1903र्इ0 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में Single उद्घाटन समारोह के अवसर पर अपने अभिभाषण में कहा कि History Single विज्ञान है, न कम और न अधिक (History is a Science no less and no more)।

History के विषय-क्षेत्र 

History के स्वReseller विचार करने के बाद इसके विषय-क्षेत्र Discussion की जाती है। History का विषय-क्षेत्र अधिक व्यापक है। हर युग के Historyकार ने History की Need का अनुभव Reseller है। अत:, इतिहाकार अपने युग की Need और सामाजिक मूल्यों के According History लिखता है। Human समाज निरन्तर विकास की ओर बढ़ता रहा है। इस विकास के साथ-साथ मनुष्य की Need भी बढ़ती गर्इ। इन्हीं को हर युग का History-लेखक प्रस्तुत करता गया। आदिकाल से ही मनुष्य संघर्ष करता आया है। उसका उत्थान-पतन ही History है। History में इतिहाकार किसी घटना का क्रमबद्ध description प्रस्तुत समय तीन बातों को ध्यान में रखता है- (i) घटना क्या है? (ii) वह कैसे घटी? (iii) क्यो  घटी? इसी के विश्लेषण को History कहते हैं जिसे कि Historyकार प्रस्तुत करता है। वैसे Historyकार के दो मुख्य कार्य हैं- (i) तथ्यों को संकलित करना और (ii) उनका विश्लेषण करना। First का स्वReseller विषयनिष्ठ तथा Humanतावादी है और Second का वैज्ञानिक और वस्तुनिष्ठ। अत: History के क्षेत्र में आदमी के साधारण कार्यो  से लके र उसकी All प्रकार की उपलब्धियो  का वर्णन है। डॉ0 झारखण्ड चौबे ने ठीक ही लीखा है – जैसे प्रत्येक कवि अपने युग का कवि होता है, उसी प्रकार प्रत्येक Historyकार अपने युग का Historyकार होता है। कवि की ही भॉति Historyकार की वाणी अपने युग की वाणी होती है।

1. समाज के All पक्षों का चित्रण करता है- 

बीते समय के समाज का पूरा चित्रण History में Reseller गया है। उस समाज का सम्पूर्ण चित्रण, जैसे – भौगोलिक वातावरण, आर्थिक व्यवस्था, राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, प्रशासनिक, संवैधानिक, कानून, न्याय-व्यवस्था आदि, प्रस्तुत करना History का कार्य है। Historyकार का परम कर्तव्य है कि वह अतीत के उपरोक्त All पक्षो को समाज के सामने प्रस्तुत करें।

History के अध्ययन का महत्व – 

History का अध्ययन हमारे वर्तमान की तो सुसम्पन्न बनाता ही है साथ ही वह सुखमय भविष्य का भी निर्धारण करता है। इसके महत्व को देखते हुए ही भारत में हमारे महर्षियों ने इसे पंचमवेद माना है। Human समाज के लिये इसकी उपयोगिता तभी संभव है जब यह सही ढ़ंग से दुराग्रह को छोड़कर निष्पक्ष होकर लिखा जाय। एसे े History की उपेक्षा नहीं की जा सकती। क्योंि क History की अपेक्षा करने वाले राष्ट्र का कोर्इ भविष्य नहीं होता है। इसलिए किसी राष्ट्र के सुन्दर भविष्य के लिए इसका विशेष उपयोग है।

1. History Human समाज का ज्ञान देता है- 

समाज का प्रारंभ, उद्भव तथा विकास कैसे हुआ? समाज में
मनुष्य जीवन के प्रारंभ और उसके बाद का समय कैसे बीता आदि प्रश्नों के उत्तर हमको History में ही मिलते हैं।

2. व्यावसायिक दृष्टि से History का महत्व – 

व्यावसायिक दृष्टि से भी History का महत्व कम नहीं है। History के विद्याथ्र्ाी प्रशासनिक सवे ाओ  से लेकर समाज का नेतृत्व करने वाले कार्यों में अधिक सफल और लोक कल्याण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करते हैं। स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त History का ज्ञाता युवक पुस्तकालीय संग्रहालय तथा पुरातत्व विभाग में उच्च पदों पर सेवायेंं करने का अवसर पाता है। पत्रकारिता के लिए तो History और भी महत्वपूर्ण विषय है।

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