अवसाद का Means, लक्षण, कारण And प्रकार

अवसाद का Means-

यह Single मनोदशा विकृति है। जब किसी व्यक्ति में बहुत लम्बे सेमय तक चिन्ता की स्थिति बनी रहती है तो वह ‘‘अवसाद’’ या विषाद का Reseller ले लती है। अवसाद की स्थिति में व्यक्ति का मन बहुत ही उदास रहता है तथा उसमें मुख्य Reseller से निष्क्रियता अकेले रेने And आत्महत्या के प्रयास करने की प्रवृत्ति पायी जाती है। ऐसा अवसादग्रस्त व्यक्ति स्वयं को दीन-हीन, निर्बल मानकर जिन्दगी को बेकार समझने लगता है।

अवसाद के लक्षण- 

1. सांवेगिक लक्षण- 

  1. उदासी 
  2. निराशा 
  3. दु:खी रहना 
  4. लज्जालूपना 
  5. दोषभाव 
  6. बेकारी का भाव इत्यादि। 

इनसे उदासी का भाव सबसे प्रधान है। ‘‘विषादी रोगियों में से 92 प्रतिशत लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें अपनी जिन्दगी में कोर्इ मुख्य अभिरूचि नहीं रह जाती हे तथा 64 प्रतिशत ऐसे होते है, जिनमें दूसरों के प्रति भावशून्यता उत्पन्न हो जाती है।’’

2. संज्ञानात्मक लक्षण- 

  1. अपने भविष्य के बारे में अत्यधिक नकारात्मक सोचना। 

3. अभिपे्ररणात्मक लक्षण- 

  1. अपने दैनिक कार्यो में अभिरूचि का न होना। 
  2. पहल करने की प्रवृत्ति की कमी। 
  3. स्वेच्छा से कार्य करने की प्रवृत्ति का अभाव। 

‘‘विषाद इच्छाओं का पक्षाघात है।’’

4. व्यवहारपरक लक्षण- 

  1. अत्यधिक अन्तर्मुखी स्वभाव And व्यवहार 
  2. अकेले रहने की प्रवृत्ति 
  3. लोगों से नहीं मिलना-जुलना। 
  4. निष्क्रियता इत्यादि। 

5. दैहिक लक्षण- 

  1. सिरदर्द 
  2. कब्ज And अपच 
  3. छाती में दर्द 
  4. अनिद्रा 
  5. भोजन में अरूचि 
  6. पूरे शरीर में दर्द And थकान इत्यादि। 

अवसाद के प्रकार- 

अवसाद को मनोवैज्ञानिकों ने निम्न दो श्रेणियों में विभक्त Reseller है- 

1. प्रधान विषादी विकृति- 

  1. इसमें व्यक्ति Single या Single से अधिक अवसादपूर्ण घटनाओं से पीड़ित होता है। • इस श्रेणी के अवसाद में व्यक्ति में रोग के लक्षण कम से कम दो सप्ताह से अवश्य ही रहे हों। 

2. डाइस्थाइमिक विकृति- 

  1. इसमें विषाद की मन:स्थिति का स्वReseller दीर्घकालिक होता है। 
  2. इसमें कम से कम Single या दो सालों से व्यक्ति अपने दिन-प्रतिदिन के कार्यो में रूचि खो देता है तथा जिन्दगी जीना उसे व्यर्थ लगने लगता है। 
  3. ऐसे व्यक्ति प्राय: पूरे दिन अवसाद की मन:स्थिति में रहते है। ये प्राय: अत्यधिक नींद आने या कम नींद आने, निर्णय लेने में कठिनार्इ, Singleाग्रता का अभाव तथा अत्यधिक थकान इन समस्याओं से पीड़ित रहते हैं। 

अवसाद के कारण- 

1. जैविक विचारधारा- 

इस मत के According विषाद का कारण या तो जीन्स होते है या कोर्इ शारीरिक समस्या अथवा आनुवांशिकता। 

2. मनोगतिकी विचारधारा- 

इस विचारधारा का जन्म फ्रायड And उनके शिष्य कार्ल अब्राहम से माना जाता है। 

इस मत के According जब व्यक्ति का अपने किसी प्रियजन प्रिय वस्तु अथवा परिस्थिति से बिछोह होता है Meansात् वे व्यक्ति वस्तु या परिस्थिति जब उससे दूर हो जाती है, तो वह अवसाद में चला जाता है।  

3. संज्ञानात्मक विचारधारा- 

इस मत के According अवसाद का प्रमुख कारण व्यक्ति की नकारात्मक सोच होती है। इसके कारण वह अतीत की घटनाओं के लिये पश्चाताप करता है, जिससे उसमें आत्मदोष की भावना उत्पन्न हो जाती है और भविष्य की बारे में निराशाजनक कल्पनायें करता है। परिणामस्वReseller अपने वर्तमान समय का समुचित उपयोग नहीं कर पाता है तथा दु:खी And निराश रहता है। 

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