अनुक्रमणिका क्या है?

संकेत करना या इंगित करना. अत: यह आंकड़ां अथवा Singleत्र किये गये अभिलेखों की ओर इंगित कराने की पद्धति हैं।

अनुक्रमणिका पत्रों And दस्तावेजों की फाइल बनाने का Single महत्वपूर्ण सहायक है। अनुक्रमणिका नाम, विषय तथा अन्य शीर्षक, जिनके अंतर्गत दस्तावेज फाइल किए जाते हैं, उनके निर्धारण की प्रक्रिया है। यह अभिलेखों के लिए मार्गदर्शिका होती है। इसका मुख्य उद्देश्य अपेक्षित फाइलों और कागजों के पता लगाने की सुविधा प्रदान करना है। अनुक्रमणिका कर्मचारियों की यह खोज निकालने में सहायता करती है कि किसी पक्ष अथवा विषय के लिए कोर्इ विशिष्ट फाइल अस्तित्व में है या नहीं। यदि है तो कहाँ रखी है, यह संदर्भो की जाँच पड़ताल की सुविधा भी प्रदान करती है। जहां अभिलेख585 संख्यात्मक अथवा विषयानुसार वर्गीकृत हैं, वहाँ अनुक्रमणिका की Need पड़ती है। अनुक्रमणिका द्वारा निम्न उददेश्यों की पूर्ति की जाती है –

  1. फाइल तथा दस्तावेजों को ढूंढने में आसानी 
  2. संदर्भो की शीघ्र जांच पड़ताल 
  3. अभिलेखों को ढूंढने में समय और श्रम की बचत 
  4. अभिलेख रखने में कुशलता 
  5. अभिलेखों के प्रबंधन और उपयोग की लागत में कमी

    अनुक्रमणिका के प्रकार

    1. स्थायी अनुक्रमणिका-

    अलग से अनुक्रमणिका बनाने के स्थान पर इसे संबंधित पुस्तक के साथ ही जिल्द कर दिया जाता है। ऐसी अनुक्रमणिका साधारणत: किसी भी पुस्तक के अन्त में होती है जिसमें विषयवस्तु को वर्णानुसार व्यवस्थित Reseller जाता है और फिर शीर्षक अथवा उपशीर्षक के लिए उपयुक्त पृष्ठ संख्या दी जाती है।

    2. सजिल्द पुस्तक अनुक्रमणिका-

    इसके अंतर्गत अनुक्रमणिका को ऐसी सजिल्द पुस्तक या रजिस्टर में तैयार Reseller जाता है जिसका विभाजन वर्णात्मक क्रमानुसार Reseller जाता है और जिसमें नामों और दस्तावेजों को दर्ज Reseller जाता है।

    3. खुले पृष्ठ की अनुक्रमणिका-

    यह सजिल्द पुस्तक अनुक्रमणिका का दूसरा Reseller है। इस में कागजों का अलग-अलग छेद करके धातु के पेंचों में कस दिया जाता है। पृष्ठ को जोड़ा या निकाला जा सकता है। पृष्ठों को जोड़ने या निकालने के लिए धातु के पेचों को ढीला Reseller जाता है। विलग पृष्ठ अनुक्रमणिका को जिल्दबद्ध करके ताला लगाने की भी व्यवस्था की जा सकती है जिससे कि बिना उचित अधिकार के कोर्इ उसमें से कोर्इ कागज बाहर न निकाल सके।

    4. खड़े कार्ड अनुक्रमणिका-

    इसके अंतर्गत प्रत्येक विषय, ग्राहक उपभोक्ता अथवा दस्तावेजों को Singleपृथक कार्ड प्रदान Reseller जाता है। जिस पर आवश्यक सूचना लिखी रहती है। कार्ड छोटे आकार का 12.5 से.मी. 7.5 से.मी हो सकता है अथवा Needनुसार हो सकता है। उनका वर्गीकरण और व्यवस्था वर्णानुसार, संख्यानुसार, भौगोलिक आधार पर अथवा विषयानुसार हो सकती है।

    5. स्ट्रिप अथवा पिट्ट्टयों वाली अनुक्रमणिका-

    इसमे मोटे गत्तो से बनी तंग पट्ठियों को Single फ्रेम में इस तरह लगाया जाता है कि इन्हें सरलता से निकाला जा सकता है और बदला जा सकता है फ्रेमो को दीवारों पर टॉंगा जा सकता है अथवा मेज पर पुस्तक के Reseller में रखा जा सकता है अथवा Single घूमने वाले स्टैन्ड पर फिट Reseller जा सकता है जिससे उसे चारों ओर घुमाने पर अनुक्रमणिका के किसी भी भाग को देखा जा सके।

    6. पहिएनुमा या चक्रीय अनुक्रमणिका-

    इसमें कार्डों को पहिए की धुरी के चारों ओर फिट कर दिया जाता है Single पहिए में लगभग 5000 कार्ड फिट किए जा सकते हैं किसी भी कार्ड को स्पर्श किए बिना अन्य कार्डों को डाला जा सकता है और निकाला जा सकता है पहिए से बिना कार्ड निकाले नर्इ सूचनाओं को डाला जा सकता हैं।

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