Student Gyan Blog

0

ग्राम सभा के कार्य, महत्व And भूमिका

ग्राम सभा Single ऐसी अवधारणा है जो सामान्य जन की Needओं And इच्छाओं का प्रतिनिधित्व करती है और जाति, धर्म, लिंग, वर्ग, राजनीतिक प्रतिबद्धता पर विचार किए बिना ग्रामीण समुदाय को सन्दर्भित करती है।...

0

उत्प्रेक्षा अलंकार की परिभाषा और उदाहरण

उत्प्रेक्षा अलंकार वर्णनों में रुचि रखने वाले कवियों का प्रिय अलंकार रहा है। जहाँ कवि अपने वर्णन में अपूर्णता या अपर्याप्तता का अनुभव करता है, वहाँ वह उत्प्रेक्षा का प्रयोग करता है। ‘‘उत्प्रेक्षा Word के तीन...

उपमा अलंकार का Means, परिभाषा और उदाहरण 0

उपमा अलंकार का Means, परिभाषा और उदाहरण

उपमा अलंकार सर्वप्रमुख Meansालंकार है और Meansालंकारों का प्रतिनिधि भी है। डॉ0 रामानन्द शर्मा के Wordों में: ‘‘Wordालंकारों में श्लेष और Meansालंकारों में उपमा- ये दो ऐसे अलंकार है जो स्वयं अलंकार होकर अन्य...

यमक अलंकार का Means, परिभाषा, और उदाहरण 0

यमक अलंकार का Means, परिभाषा, और उदाहरण

जहाँ किसी Word या वाक्यांश की कई बार आवृत्ति हो, किन्तु Means की विभिन्नता हो, वहाँ यमक अलंकार होता है। Word की आवृत्ति होने पर Means भिन्न होता है, अत: उसे सार्थक यमक कहा...

संगीत का Means, परिभाषा And मुख्य तत्व 0

संगीत का Means, परिभाषा And मुख्य तत्व

संगीत की व्युत्पति “सम् गै (गाना) + कत” है Meansात् ‘गै’ धातु में ‘सम’ उपसर्ग लगाने से यह Word बनता है। ‘गै’ का Means है – ‘गाना’ और सम (सं) Single अव्यय, है, जिसका...

Meansव्यवस्था का Means, विशेषताएं And प्रकार 0

Meansव्यवस्था का Means, विशेषताएं And प्रकार

Meansव्यवस्था Humanीय Needओं की संतुष्टि करने के लिये Single Human निर्मित संगठन है। ए.जे. ब्राउन के According, ‘‘Meansव्यवस्था Single ऐसी पद्धति है जिसके द्वारा लोग जीविका प्राप्त करते हैं।’’ जिस विधि से मनुष्य जीविका...

Indian Customer दर्शन क्या है? 0

Indian Customer दर्शन क्या है?

Indian Customer दर्शन अध्यात्म विद्या है। भारत में दर्शनशास्त्र मूल Reseller से आध्यात्मिक है। ‘दर्शन’ Word दर्शनार्थक दृश् धातु से बनता है जिसका Means है देखना या अवलोकन करना। अत: इसका व्युत्पत्तिलभ्य Means Reseller...

सांख्य दर्शन क्या है? 0

सांख्य दर्शन क्या है?

भगवान् महामुनि कपिल द्वारा विरचित सांख्य-दर्शन सम्भवत: भारत का प्राचीनतम दर्शन है। श्रुति, स्मृति, रामायण, महाभारत आदि पुरातन कृतियों में सांख्य-योग के विचारों के अनेकों उदाहरण मिलते हैं। यथा-’’तत्कारण सांख्ययोगाधिगम्यम्’’ अथवा ‘‘नास्ति सांख्यसमं ज्ञान्...

वेदान्त दर्शन क्या है? 0

वेदान्त दर्शन क्या है?

वेद के अन्तिम भाग को वेदान्त कहते हैं। वेद के दो भाग हैं- मंत्र और ब्राह्यण ‘‘मंत्राब्राह्मणात्मको वेद:’’। किसी देवता को स्तुति में होने वाले Means स्मारक वाक्या को मंत्र कहते हैं तथा यज्ञानुष्ठानादि...

चार्वाक दर्शन क्या है? 0

चार्वाक दर्शन क्या है?

लोक में अन्यन्त प्रिय लोकायत- दर्शन ही चार्वाक-दर्शन कहलाता है। देवताओं के गुरू बृहस्पति द्वारा प्रणीत होने के कारण इसका नाम बार्हस्पत्य-दर्शन है। ईश्वर और वेद के प्रामाण्य का सर्वथा खण्डन करने के कारण...