पर्यवेक्षण क्या है ?
कर्मचारियों को क्या करना है And कैसे करना है संबंधी दिशा-निर्देश देने के बाद प्रबन्धकों का यह कर्तव्य बन जाता है कि वे देखें कि कार्य निर्देशों के According हो रहा है अथवा नहीं। इसे पर्यवेक्षण कहते हैं। प्रबन्धक पर्यवेक्षक का कार्य करते हैं तथा यह सुनिश्चित करते हैं कि कार्य निर्देशों And योजनाओं के According हों। पर्यवेक्षक निम्न कार्य करते हे।
- अधीनस्थ कर्मचारियों को जारी किए जाने वाले आदेशों को सुस्पष्ट करते हैं यह भी सुनिश्चित करते हैं कि वे ठीक ढंग से समझ लिए गए हैं तथा उनका पूरी तरह से पालन हो रहा हैं;
- यह सुनिश्वित करते हैं कि अधीनस्थ कर्मचारियों के पास अपना कार्य पूरा करने के लिए आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध हैं;
- अधीनस्थ कर्मचारियों पर कार्य करते समय निगरानी रखना एव मार्ग दर्शन करना;
- कर्मचारियों को उनके प्रतिदिन के कार्यों के बहुआयामी पहलुओं के सम्बन्ध में सचेत कर उनके अनुभव के स्तर को और व्यापक बनाना;
- अपने अधीनस्थों के कार्यों में समन्वय स्थापित करना, And
- त्रुटियों And भूलों को ढूंढ कर उनमें सुधार सुनिश्चित करना।
पर्यवेक्षण का महत्व
- संगठन के कार्य को योजनानुसार पूर्ण कराने में पर्यवेक्षण का विशेष महत्व है। कर्मचारियों के प्रति Humanीय दृष्टिकोण अपनाकर पर्यवेक्षक संगठन के उद्देश्यों को प्राप्त करने में कर्मचारियों के सहयोग And समर्थन को सुनिश्चित करता है।
- यह शीर्ष स्तर And मध्य स्तर के प्रबन्ध And कर्मचारी के बीच की महत्वपूर्ण कड़ी है।
- यह मजदूरों And कर्मचारियों को विचार, योजनाएॅं And नीतियों के सम्पे्रषण के लिए प्रबन्ध के प्रवक्ता का कार्य करता है।
- यह अपने कर्मचारियों की भावनाओं And शिकायतों को प्रबन्धकों तक पहुॅंचाने के लिए प्रवक्ता का कार्य करता है। अत: पर्यवेक्षकों को प्रबन्धकों And कर्मचारियों दोनों का विश्वास प्राप्त करने के लिए उनके साथ मित्रवत् सम्बन्ध बनाए रखना आवश्यक है।