ऊष्मागतिकी के नियम

ऊष्मा गतिकी का First नियम 

जूल के नियमानुसार ऊष्मा गतिकी का First नियम ऊर्जा संरक्षण का नियम ही है। W=JHA निकाय को दी गर्इ ऊष्मा संपूर्ण Reseller से कार्य में परिवर्तित नहीं होता। इसका कुछ भाग आंतरिक ऊर्जा वृद्धि में व्यय होता है And बाकी कार्य में बदलता है अत: First नियम इस प्रकार होगा

∆Q=∆U+∆W

∆Q निकाय को दी गर्इ ऊष्मा, ∆U निकाय के आंतरिक ऊर्जा में वृद्धि, And ∆W निकाय द्वारा Reseller गया कार्य है।
यदि निकाय ∆Q ऊष्मा लेती है तो धनात्मक और यदि ∆Q ऊर्जा निकाय द्वारा दी जाती है तो ऋणात्मक होती है। यदि निकाय द्वारा ∆W कार्य Reseller जाता है तो कार्य धनात्मक, यदि निकाय आयतन पर गैस के ताप को 10c बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा And स्थिर दाब पर गैस के ताप को 10c बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा में अंतर रहता है। इस प्रकार गैस की दो विशिष्ट ऊष्माएं होती हैं।

  1. स्थिर आयतन पर गैस की विशिष्ट ऊष्मा (Cu)- स्थिर आयतन पर गैस के इकार्इ द्रव्यमान का ताप 10c बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा केा स्थिर आयतन पर गैस की विशिष्ट ऊष्मा कहते है And इसे से Cu प्रदर्शित करते है।
  2. स्थिर दाब पर गैस की विशिष्ट ऊष्मा (Cp) – स्थिर दाब पर गैस के इकार्इ द्रव्यमान का ताप 10c बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा को स्थिर दाब पर गैस की विशिष्ट ऊष्मा कहते हैं। इसे Cp से प्रदर्शित करते हैं।
  3. Cp, Cu से बडा़ होता है – जब स्थिर आयतन पर किसी गैस को ऊष्मा दी जाती है तो सम्पूर्ण ऊष्मा उसके ताप बढ़ाने में व्यय होती है। परन्तु जब स्थिर दाब पर किसी गैस को ऊष्मा दी जाती तो उसका कुछ भाग आयतन बढ़ाने में व्यय होता है And बाकी भाग उसके ताप वृद्धि में व्यय होता है। अत: Cp, Cu से बडा़ होता है।

अत: Cp – Cu = R यह मेयर का संबंध है। यहां R सार्वत्रिक गैस नियतांक है।

ऊष्मा गतिकी का दूसरा नियम

ऊष्मा गतिकी का First नियम ऊर्जा सरं क्षण पर जोर देता है। यह All महसूस करते हैं कि ऊष्मा गर्म वस्तु से ठंडे वस्तु की ओर प्रवाहित होती है। परन्तु First नियम यह स्पष्ट नहीं कर पाता कि वह ठंडी वस्तु से गर्म वस्तु की ओर प्रवाहित क्योंं नहीं हो पाती। Meansात यह नियम ऊष्मा के प्रवाह की दिशा को बताने में असमर्थ है।

जब कोर्इ गोली लक्ष्य को बेधती है तो वह लक्ष्य के ताप में वृद्धि करती हे Meansात ऊष्मा उत्पन्न हो जाता है। परन्तु उस ऊष्मा के द्वारा जो लक्ष्य में उत्पन्न हुआ है, गोली को यांत्रिक ऊर्जा प्रदान नहीं की जा सकती है जिससे गोली अन्यत्र चली जाय। इससे यह भी स्पष्ट नहीं होता कि किस सीमा तक ऊष्मा कार्य में परिवर्तित हो सकती है। इन All प्रश्नों का समाधान ऊष्मा गतिकी के Second नियम में मिलता है। वैज्ञानिक केल्विन प्लांक And क्लासियस के कथन से स्पष्ट होगा।

केल्विन प्लांक के कथन- यदि ऊष्मा इंजन की क्षमताओं पर आधारित है। किसी निकाय के लिए नियत ताप पर किसी स्रोत से ऊष्मा अवशोषित कर सम्पूर्ण मात्रा को कार्य में Resellerांतरित करना संभव नहीं है।

क्लासियस का कथन – किसी निकाय में बाह्य कार्य किये बिना, ठंडी वस्तु से  ऊष्मा लेकर उसे गर्म .वस्तु को लौटाना असंभव है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *