असामान्य मनोविज्ञान की अवधारणा
1. विरल घटना-
लोगों का बहुमत औसतन उस व्यवहार को दर्शाता है जो कि उनकी जीवन की किसी घटना से सम्बन्धित होता है। जो लोग औसत विचल को दर्शाते हैं वो बहुत प्रवृत्तिशील होते है।। लेकिन आवृति को सुविचारित नहीं Reseller जा सकता, जैसे Single मात्र मूलतत्व को असामान्य व्यवहार में निर्धारित नहीं Reseller जा सकता है।
2. आदर्श का उल्लंघन-
यह उपागम सामाजिक आदश्र्ाी और सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित है। जो विशिष्ट स्थितियों में व्यवहार का मार्ग-प्रदर्शक होता है। यदि Single विशिष्ट व्यक्ति सामाजिक आदर्शो को तोड़ता है, धमकाता है, या दूसरों को चिंतित करता है तो यह विचार असामान्य व्यवहार जैसा है। असामान्यता, स्वीकृत आदर्शो से उच्चस्तर पर विचलित करना माना जाता है। लेकिन इसमें ध्यान देने योग्य बात ये है कि आदर्श मूल्य अलग-अलग सांस्कृतियों में अलग-अलग होते है। Single जगह जो नैतिक होता है वो दूसरी जगह अनैतिक भी हो सकता है यह अवधारणा अपने आपमें बहुत व्यापक है जैसे अपराधी और वैश्याएं सामाजिक मूल्य जोड़ते है परन्तु आवश्यक नहीं है कि उन्हें असामान्य मनोविज्ञान में पढ़ा जाये।
3. व्यक्तिगत तनाव –
Single व्यवहार, यदि वो सुविचारित असामान्य है, तो यह तनाव उत्पन्न करता है किसी व्यक्ति में जो इसे महसूस करता है। उदाहरण के लिए, Singleलगातार और भारी मात्रा में उपभोक्ता अपनी मद्यसार की आदत को पहचानता है कि यह अस्वास्थ्यकर हे, और इस आदत को रोकना चाहिए। यह व्यवहार असामान्य जैसी पहचान देता हे। व्यक्तिगत तनाव, आत्म-स्व का नमूना नहीं है, परन्तु जो लोग इससे पीड़ित होते है वो ही इसकी सूचना दे सकते और निर्णय करते है। विभिन्न लोगों में तनाव का स्तर भी बदलता रहता है।
4. विक्रिया-
विक्रिया या अयोग्य नमूना उसी व्यक्ति की असामान्य मानता है यदि उसके संवेग, क्रियाएं और विचार उसकी सामान्य सामाजिक जीवन जीने में हस्तक्षेप करते है।उदाहरण के लिए असमान तत्वों के दुResellerयोग के कारण Single व्यक्ति के कार्य-निष्पादन, में बाधा आती है।
5. अप्रत्याशिता-
इस प्राReseller में अप्रत्याशित व्यवहार की पुनरावृत्ति होने को लिया जाता है।उपर्युक्त All निर्धारक असामान्यता को परिभाषित करने में सहायक होते है। असामान्य व्यवहार के अंतरतम भाग का वर्णन Reseller है, वह है कुसमायोजन।दिन प्रतिदिन के जीवन की अपेक्षाओं से जुझने And उनकी पूर्ति के मार्ग में व्यक्ति का असामान्य व्यवहार कठिनार्इ उत्पन्न करता है। सामान्य और सामान्य के बीच कोर्इ स्पष्ट विभक्तिकरण रेखा नहीं होंती। यह Single मन की स्थिति होती है जिसका अनुभव प्रत्येक व्यक्ति करता है। Single मनोवैज्ञानिक के According- ‘‘व्यवहार असामान्य है। यह Single मानसिक विकार का द्योतक है, यदि यह दोनों विद्यमान तथा गम्भीर स्तर तक होते है तो व्यक्ति की सामान्य स्थिति की निरन्तरता के विरूद्ध तथा अथवा Human समुदाय जिसका वह व्यक्ति सदस्य होता है के विपरित होता है। यह भी विचारणीय है कि असामान्यता की परिभाषा किसी सीमा तक संस्कृति पर आधारित होती है।
उदाहरणार्थ- अपने आप से बात करना। Single आसान्य व्यवहार के Reseller में माना जाता है। परन्तु कुछ निश्चित पोलीनेशियन देशों तथा परीक्षा अमेरिकी समाजों में इसे देवियों द्वारा प्रत्येक विशिष्ट स्तरीय उपहार माना जाता है।