निदेशन का Means And कार्य
निदेशन का Means उद्देश्य की प्राप्ति के लिए संगठन में कार्यरत लोगों को निर्देश देने, मार्ग दर्शन करनें, पर्यवेंक्षण करने नेतृत्व प्रदान करने And उनको प्रेरित करने से है। निदेशन लोगों को यह बताने की प्रक्रिया है कि उन्हे क्या करना है तथा यह देखना कि वे इसे सर्वश्रेष्ठ तरीके से करें। अत: निदेशन के कार्य में सम्मिलित है:
- लोगो को यह बताना कि उन्हे क्या करना है तथा यह समझाना कि वह इसे कैसे करें।
- अधीनस्थो को कार्य को समय-सारिणी के According करने के लिए निर्देश And आदेश जारी करना,
- उनके कार्यो का पर्यवेक्षण,
- प्रबन्धकों की अपेक्षाओं को पूरा करने तथा संगठन के उद्देश्यों की प्राप्ति में योगदान के लिए प्रेरित करना
- नेतृत्व प्रदान करना ।
निदेशन का महत्व
- यह अधीनस्थों को दिये गये कार्य को ठीक ढंग से And समय पर पूरा करने का मार्ग दर्शन देता हैं And सहायता प्रदान करता हैं।
- यह अधीनस्थों को कार्य को ठीक प्रकार से पूरा करने And श्रेष्ठतम परिणाम प्राप्त करने के लिए अभिप्रेरित करता हैं।
- यह अनुशासन बनाए रखने तथा उत्तम कार्य करने वाले कर्मचारियों को पुरस्कृत करने में सहायता प्रदान करता हैं।
- निदेशन में पर्यवेक्षण सम्मिलित है जो कि यह सुनिश्चित करता हैं कि कार्य को आदेशों And दिशा-निर्देश के According पूरा Reseller जाए।
- संगठन में अलग-अलग व्यक्ति अलग-अलग कार्यो को पूरा करते हैं। All कार्य Single Second से जूडे़ हैं। विभिन्न भागों में हो रही क्रियाओं में समन्वय स्थापित करने के लिए तथा यह सुनिश्चित करने के लिए कि इनका संपादन भली-भाँति हों, निदेशन का बड़ा महत्व हैं। इस प्रकार सें निदेशन विभिन्न क्रियाओं में व्यक्तिगत And संगठन के उद्देश्यों में परस्पर समन्वय में सहायक होता हैें। निदेशन में नेतृत्व भी सम्मिलित है जो कार्य के लिए उचित वातावरण के निर्माण आपसी सहयोग की भावना उत्पन्न करने में सहायक होता हैं।
निदेशन के घटक
निदेशन के चार प्रमुख घटक है।
- सम्प्रेषण,
- पर्यवेक्षण,
- अभिप्रेरण And
- नेतृत्व।