इटली का Singleीकरण
वियना-कांग्रेस के बाद इटली
वियना-काँगे्रस ने जन-इच्छा और राष्ट्रीयता की भावना की अवहेलना कर इटली में विविध राज्यों का पुनरुद्वार Reseller। उसके द्वारा इटली की जो नवीन व्यवस्था की गयी, उसकी Resellerरेखा इस प्रकार थी-
- उत्त्ारी इटली में लामे बार्डी और वेनेशिया के प्रदेश, आस्ट्रिया के अधीन थे
- मध्य-इटली में पोप का शासन विद्यमान था,
- दक्षिण-इटली में नेपल्स और सिसली के राज्य थे, जहाँ बूर्बो-वंश का राज्य था।
इस प्रकार इटली (Single देश) को तीन भागों में बाँट दिया गया था। इनमें अलग-अलग King थे। राष्ट्रीयता की दृष्टि से यह अनुकूल न था, इसलिए वहाँ के लोग इस व्यवस्था से असंतुश्ट थे। ऐसी स्थिति में उन्होंने संपूर्ण इटली को Single राश्ट्र का दर्जा प्रदान करने का प्रयास Reseller। इस कार्य की सफलता में अनेक बाधाएँ थी, जिन्हें दूर करना आवशयक था। 1815 र्इ. के बाद इटालियन देश भक्तों के ससक्ष तीन समस्याएँ प्रमुख Reseller से विद्यमान थीं-
- इटली के वे प्रदेश जो ऑस्ट्रिया के प्रभाव में थे, उन्हें मुक्त कराना।
- देश के शासन को लोकतंत्रवाद के अनुकूल बनाना।
- इटली में राष्ट्रीय-Singleता की स्थापना करना।
इटली की स्वाधीनता के लिए संघर्ष
अनेक बाधाओं के बावजूद इटली के देशभक्तों ने राष्ट्रीय-Singleता का प्रयास आरंभ कर दिया। इसके लिए उन्होंने अनेक गुप्त-समितियों का गठन Reseller, जिनमें कार्बोनरी सबसे-प्रसिद्ध थी। लगभग सारे इटली में इसका जाल बिछाया गया। इसकी पे्ररणा से इटली में अनेक विद्रोह हुए, जिन्हें मटे रनिख के द्वारा कुचल दिया गया। अत: लोगों का यह विशवास दृढ़ हो गया कि जब तक वहाँ से आस्ट्रिया का प्रभाव समाप्त नहीं होगा तब तक Singleता के प्रयास सफल नहीं होंगे।
मेजिनी का योगदान
इटली के राष्ट्रीय-Singleीकरण के आदशर् को सम्यक् Reseller देने का श्रेय मेि जनी को है। उसका जन्म 1805 र्इ. में जिनेवा में हुआ था। वह फ्रांस की राज्यकान्ति से बड़ा प्रभावित था। जिसका श्रेय उसके डॉक्टर पिता को जाता है। वह अपने पिता से प्रेरणा प्राप्त कर क्रान्ति सबंधी साहित्य का अध्ययन करता रहा, इसीलिए वह बाल्यकाल से ही क्रांन्तिकारी विचारों का पोशक हो गया। पढ़ार्इ समाप्त करने के बाद वह कार्बोनरी का सदस्य बन गया। उदार विचारों के कारण वह 1830 र्इ. में गिरफ्तार कर लिया गया। लगभग Single वर्ष तक वह सेनोना की जेल में कैद रहा। जेल से मुक्ति के बाद उसने ‘‘युवक-इटली’’ नामक संस्था का गठन Reseller, जिससे देश में राजनीतिक जागृति आर्इ। इसकी सदस्य संख्या में निरंतर वृद्धि होती गयी। 1833 र्इ. में यंग-इटली के सदस्यों की संख्या 60 हजार हो गयी। उसने यह कहा कि नये विचार तभी फैलते हैं जब उसे शहीदों के खून से सींचा जाता है। वह युवकों के नेतृत्व को महत्वपपूर्णा मानता था। वह देश की तत्कालीन व्यवस्था से दुखी था और उसमें सुधार लाने का उपाय सोचता था। उसने देश की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘‘हमारी प्रतिश्ठा और उन्नति अवरुद्ध है। हमारी शानदार प्राचीन परम्परा रही है, पर वर्तमान में न हमारा कोर्इ राष्ट्रीय अस्तित्व नहीं है। इसके लिए उसने ऑस्ट्रिया को दोषी बताया। अत: उसने उसके खिलाफ संगठित होकर उसका सामना करने की Need प्रतिपादित की। इस प्रकार मेजिनी अपने विचारों से देश की जनता को राष्ट्रीय-Singleीकरण के लिए प्रोत्साहित करता रहा ओर उनमें देश प्रेम और बलिदान की भावना को कूट-कूटकर भरता रहा। वह स्वयं गणतंत्र का समर्थक था तथा अन्य लोगों को भी वह स्वतंत्रता का पाठ पढ़ाता था। इस प्रकार वह इटली के स्वाधीनता के संघर्श का अग्रदूत बना रहा।
1848 र्इ. की फ्रांसीसी क्रांति का प्रभाव इटली पर भी पड़ा। अत: देशभक्तों ने स्वतंत्रता प्राप्त करने का प्रयास Reseller। इस प्रयास में उन्हें सफलता तो नहीं मिली, परंतु मटे रनिख के पतन के कारण उनका उत्साह बना रहा।
विक्टर इमेनुएल का योगदान
विक्टर इमेनुएल पीडमाँट का King अन्य यूरोपीय Kingों से भिन्न था। वह राष्ट्रीयता और लोकतंत्रवाद का समर्थक था। वह Single सच्चा देशभक्त, वीर और धैर्यवान व्यक्ति था। उसने इटली के Singleीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। यह उदारवादी था। उसके इन विचारों से प्रभावित होकर देश की जनता ने उसे Single र्इमानदार King की उपाधि दी। यह जनता के बीच काफी लोकप्रिय हो गया। कैबूर उनका योग्य प्रधानमंत्री था। राष्ट्रीय मामलों में दोनों के बीच उचित तालमेल बना रहा और दोनो के वांिछत सहयागे से राष्ट्रीय-Singleीकरण का कार्य गति प्राप्त करता रहा। अत: यह कहना अतिशयोक्तिपूर्ण न होगा कि यदि विक्टर इमेनुएल न होता तो इटली के Singleीकरण का कार्य अगर असंभव नहीं तो कठिन जरूर हो जाता। इस प्रकार पीडमाँट के King का योगदान इटली के Singleीकरण में महत्वपूर्ण रहा।
कैबूर का योगदान
इटली के Singleीकरण में जिस व्यक्ति का सर्वाधिक योगदान था, उसका नाम काउटं केमिलो डी कैबूर था। वह अपने युग का Single महत्वपूर्ण और कुशल कूटनीतिज्ञ था। उसका जन्म 1810 र्इ. में ट्यूरिन के Single जमींदार परिवार में हुआ था। उसने अपना जीवन Single सैनिक के Reseller में आरंभ Reseller, पर बाद में उसने उसका परित्याग कर दिया। वह वैध राजसत्ता का समर्थक था और इंग्लैण्ड की संसदीय प्रणाली से प्रभावित था। उसका प्रभाव देश में धीरे-धीरे बढ़ता गया। 1848 र्इ. में वह देश की संसद का सदस्य बना। अपनी योग्यता के बल पर वह 1852 र्इ. में पीडमाँट का प्रधानमंत्री बन गया। प्रधानमंत्री बनते ही उसने पीडमाँट की उन्नति की ओर विशेश ध्यान दिया। वह व्यावहारिक और दृढ़ निशचयी व्यक्ति था। उसने परिस्थितियों के According कार्य करके इटली के Singleकीरण के कार्य को संभव बनाया।
गृह नीति
कैबूर की यह मान्यता थी कि जब तक राज्य मजबूत नहीं होगा, तब तक वह अपने संघर्शों में सफल नहीं हो सकेगा। इसलिए First उसने पीडमाँट को Singleीकरण का नेतृत्व प्रदान करने के लिए उसे मजबूत बनाने का प्रयास Reseller। राज्य को सुदृढ़ बनाने की दृष्टि से उसने अनेक सुधारों को क्रियान्वित Reseller। व्यापार और व्यवसाय के विकास लिए उसके द्वारा विशेश प्रयास किये गये। उसने व्यापार के क्षेत्र में ‘‘खुला छोड़ दो’’ की नीति का अनुसरण करते हुए व्यवसाय को राजकीय संरक्षण प्रदान Reseller। उसके मार्ग-दशर्न में यातायात के साधनों के विकास को मजूबत बनाया गया और कृशि के क्षेत्र को विकसित Reseller गया। शिक्षा की उन्नति की ओर भी विशेश ध्यान दिया गया। उसने सेना और कानून के क्षत्रे में भी नये सुधारों को क्रियान्वित Reseller। बैंक संबधी नियमों में अनुकूल सुधार किये गये। इस प्रकार उसने प्रशासन के All अंगों को सुधार कर राज्य के प्रशासन को गतिशील और मजबूत बनाया। उसके इन प्रयासों के कारण पीडमाँट राज्य की बहुमुखी उन्नति हुर्इ ओर अब वह Single सशक्त राज्य बन गया। अपनी बुनियाद को मजबूत कर लेने के बाद उसने All वर्ग के लोगो से सहयोग प्राप्त करने का प्रयास Reseller। इसका परिणाम यह हुआ कि मेजिनी और गैरीबॉल्डी जैसे नेता उससे सहयोग करने के लिए तैयार हो गये। इस प्रकार राष्ट्रीय Singleीकरण के कार्य में वह बहुसंख्यक जनता का सहयोग प्राप्त करने में सफल हुआ।
विदेश नीति
कैबूर Single समझदार और व्यवहारिक व्यक्ति था। उसने यह अनुभव Reseller कि अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए विदेशी सहायता आवशयक है। सौभाग्य की बात थी कि वह अपने इस उद्देशय में भी सफल हुआ। वह इटली में आस्ट्रिया के प्रभाव को समाप्त करने का इच्छुक था, क्योंकि इसके बिना वह अपने उद्देशयों को प्राप्त नहीं कर सकता था। वह भलीभांति समझ गया था कि आस्ट्रिया के खिलाफ यदि कोर्इ यूरोपीय राज्य तत्परता से सहयोग प्रदान कर सकता है, तो वह फ्रांस है। अत: उसने फ्रांस को खुश करने का प्रयास Reseller। इसके लिए उसने क्रीमिया के Fight में फ्रांस की सहायता की। यह Fight 1854 र्इ. में पूर्वी समस्या के प्रशन लेकर लड़ा गया था। इसकी समाप्ति 1856 र्इ. में पेरिस की संधि द्वारा हुर्इ। पेरिस की संधि पर विचार-विमशर् करने के लिए जिस सम्मेलन का आयाजे न Reseller गया, उसमें कैबूर भी उपस्थित हुआ। वह उस सम्मेलन में इटालियन स्वाधीनता के दावे को कुशलतापूर्वक प्रस्तुत करने में सफल हुआ। उसने देश की दयनीय स्थिति के लिए आस्ट्रिया को जिम्मेदार ठहराते हुए इटली से उसके प्रभाव को समाप्त करने की वकालत की। उसके द्वारा दिए गए तर्कों से फ्रांस का तत्कालीन राश्ट्रपति नेपोलियन तृतीय प्रभावित हुआ और उसने इटली को सैनिक मदद देना स्वीकार Reseller, ऐसा करने में उसका अपना निजी राजनीतिक लाभ था। उसने फ्रांसीसी जनता को अपनी महत्ता से प्रभावित करने की दृष्टि से इस कार्य में भागीदार होना आवशयक समझा। फलस्वReseller जून 1858 र्इ. में दोनो के बीच प्लाम्बियर्स नामक स्थान पर Single समझौता हुआ, जो इस प्रकार था-
आस्ट्रिया को इटली के नियंत्रण से निकालने के लिए फ्रांस इटली को सैनिक सहायता देगा, और इस सहायता के बदले इटली, नीस और सेवाय के प्रदेश फ्रांस को देगा। इस प्रकार विदेशी सहायता प्राप्त करने की समस्या का भी समाधान हो गया। अब कैबूर आस्ट्रिया के खिलाफ Fight करने के लिए तैयार हो गया।
आस्ट्रिया से Fight
फ्रांस की सहायता का आशवासन पाकर कैबूर आस्ट्रिया के खिलाफ Fight करने के लिए तत्पर था। अत: कैबूर के इशारे पर लोम्बार्डी और वेनेशिया में आस्ट्रिया के खिलाफ विद्रोह हो गया। विद्रोह की स्थिति को देखते हुए आस्ट्रिया Fight की अनिवार्यता को समझ गया। फलस्वReseller 1859 र्इ. में दोनों पक्षों में Fight प्रारंभ हा गया। Fight जारी ही था कि अचानक फ्रांस ने अपने का Fight से अलग कर लिया। इसका कारण था प्रशिया का Fight में आस्ट्रिया की सहायता के लिए तैयार होना तथा उसका खर्चीला होना। साथ ही, नेपोलियन ने यह अनुभव Reseller कि इटली का संगठित होना फ्रांस के प्रति उचित न था। ऐसी स्थिति में इटली और आस्ट्रिया बीच ज्यूरिक की संधि हो गयी, जिसकी शर्तें इस प्रकार थी –
- लोम्बार्डी का प्रदेश पीडमाँट के अधिकार में दे दिया गया।
- वेनेशिया को आस्ट्रिया के ही अधिकार में रखा गया।
- नीस और सेवाय के प्रदेश फ्रांस को दे दिए गए।
इस संधि से इटली संतुश्ट नहीं हुआ, क्योंकि वेनेशिया का आस्ट्रिया के अधीन रहना उसे खल रहा था, फिर भी लोम्बार्डी की प्राप्ति Singleीकरण की दिशा में Single बड़ी उपलब्धि थी, हालांकि मध्य और दक्षिण में Singleीकरण का कार्य अभी शश्े ा था।
मध्य-इटली का Singleीकरण
मध्य-इटली के राज्यों में भी स्वतंत्रता की माँग जोर पकड़ने लगी थी। ये राज्य भी अब पीडमाँट के साथ मिलने का प्रयास करने लगे थे। 1860 र्इ. में मोडे ेना, परमा ओर टस्कनी आदि मध्य-इटली के राज्यों ने जनमत द्वारा पीडमाँट में मिलने का फैसला Reseller। इस प्रकार मध्य-इटली के राज्यों का भी Singleीकरण हो गया। अब केवल दक्षिण-इटली के राज्यों को संगठित करना शेश था। शेश इटली को पीडमाँट में शामिल करने का जो आन्दोलन चला उसमें किसी विदेशी शक्ति का सहयोग नहीं लिया गया। यह इटालियन राष्ट्रीयता की अपनी मिसाल थी, जिसका नेता गैरीबॉल्डी था। दक्षिण-इटली के प्रमुख राज्य थे – सिसली और नेपल्स, जहाँ बूर्वो-वंश की सत्ता विद्यमान थी।
गैरीबॉल्डी के कार्य
गैरीबॉल्डी ने देश के राष्ट्रीय-Singleीकरण के कार्य में महत्वपूर्ण यागे दान दिया। उनका जन्म 1807 र्इ. में नीस में हुआ था। उसने नौ-सेना की शिक्षा प्राप्त थी। वह समुद्री व्यापार से Added हुआ था। वह मेजिनी से बड़ा प्रभावित था, इसीलिए वह रिपब्लिकन-दल का पक्षपाती हो गया था। सरकार उसके इस उदार विचार से नाराज थी, इसीलिए वह गिरफ्तार कर लिया गया। सजा से बचने के लिए वह दक्षिण-अमेरिका भाग गया। वहाँ अनेक वर्शों तक रहकर वह 1848 र्इ. में पुन: इटली वापस लाटै ा। क्रांति में असफलता प्राप्त करने के पशचात वह पुन: अमेरिका चला गया। वहाँ से खूब धन कमाकर वह पुन: इटली आया। कैबूर ओर विक्टर एमेने ुअल के साथ उसने संपर्क बनाये रखा। अपने नेतृत्व में उसने लालकुतीर् दल का संगठन Reseller, जिसके सहयागे से वह सिसली और नेपल्स को स्वतंत्र कर उन्हें राष्ट्रीय-धारा से जोड़ने में सफल हुआ।
सिसली और नेपल्स पर अधिकार
इन राज्यों को राष्ट्रीय धारा में जोड़ने का कार्य गैरीबॉल्डी ने Reseller। दक्षिण-इटली में सिसली और नेपल्स दो राज्य थे, जहाँ बूर्वो-वंश का शासन था। यहाँ की जनता ने विद्यमान शासन के खिलाफ विद्राहे कर दिया ओर गैरीबॉल्डी से सहयागे की प्राथर्ना की। जवाब में गैरीबॉल्डी ने अपनी सेना की सहायता से जून 1860 र्इ. तक सारे सिसली पर अपना अधिकार कर लिया। यह कार्य सरलता से सम्पन्न हो गया। सिसली अब पीडमाँट के राज्य में शामिल कर लिया गया।
इसके पशचात उसने 1860 र्इ. में नेपल्स पर भी अपना अधिकार कर लिया। 6 सितम्बर 1860 र्इको सिसली और नेपल्स का King फ्रांसिस द्वितीय देश छोड़कर भाग गया। इन दोनों कार्यों का संपादन उसने देश-प्रेम और राष्ट्रीयता की भावना से प्रभावित होकर Reseller। राश्ट्र के प्रति उसके प्रेम और त्याग का यह अनूठा उदाहरण है। 1862 र्इ. में उसका देहांत हो गया। 18 फरवरी 1861 र्इ. को संसद की बठै क में विक्टर इमेनुएल को इटली का King स्वीकार Reseller गया। इस उपलब्धि के बाद 6 जून 1861 र्इ. को काबूर की मृत्यु हो गयी। इटली को Single राश्ट्र का Reseller देने का श्रेय कैबूर को है, जिसमें मेजिनी, गैराबॉल्डी और विक्टर इमेनुएल का सहयोग Historyनीय था। कैबूर की यह इच्छा थी कि रोम संयुक्त इटली की राजधानी बने, पर वह अभी इटली में शामिल नहीं हो पाया था। इसके अतिरिक्त वेनेशिया भी अभी तक ऑस्ट्रिया के अधिकार में था। इस प्रकार इटली के Singleीकरण के कार्य में ये दो कमियाँ अभी शेश थीं।
वेनेशिया की प्राप्ति (1866 र्इ.)
जर्मन राज्यों के Singleीकरण का कार्य प्रशा के प्रधानमंत्री के नेतृत्व में चल रहा था। इस कार्य की पूर्णता के लिए प्रशा ने 1866 र्इ. में आस्ट्रिया के खिलाफ Fight कर दिया, जिसमें इटली भी प्रशा की ओर से शामिल हुआ। अंतत: प्रशा इस Fight में सफल हुआ। इस सहयोग के लिए वेनेशिया का राज्य इटली को प्राप्त हो गया। अक्टूबर 1866 र्इ. में इसे पीडमाँट में मिला लिया गया।
रोम की प्राप्ति
रोम का प्राचीन वैभव इटलीवासियों के लिए गौरव कारण था। वे उसे नवीन इटली राज्य की राजधानी बनाना चाहते थे पर उस पर अभी पोप का अधिकार था। 1870 र्इ. में फ्रांस और प्रशा के बीच Fight छिड़ गया। ऐसी स्थिति में फ्रांस को रोम में स्थित अपनी सेना को वापस बुलाना पड़ा। जर्मनी के Singleीकरण के दारै में यह Fight सीडान के मैदान में लड़ा गया, जिसमें अंतिम सफलता प्रशा को मिली। इस स्थिति ने रोम पर आक्रमण करने के लिए इटली को अनुकूल अवसर प्रदान Reseller, जिसका लाभ उठाकर उसने रोम पर आक्रमण कर दिया। 20 सितम्बर 1870 र्इ. को इटली के सेनापति केडोनी ने रोम पर इटली का अधिकार स्थापित कर लिया। इस प्रकार इटलीवासियों की यह अंतिम इच्छा भी पूर्ण हो गयी। 2 जून 1871 र्इ. को विक्टर इमेनुएल ने रोम में प्रवेश Reseller। इटली की संसद का उद्घाटन करते हुए उसने कहा, ‘‘हमारी राष्ट्रीय Singleता पूर्ण हो गयी, अब हमारा कार्य राश्ट्र को महान बनाना है।’’ इस प्रकार इटली के Singleीकरण का महान् कार्य पूरा हो सका।