अनुबंध क्या है?
- सर विलियम अनसन (Sir William Anson) : ‘‘अनुबंध दो पक्षकारी के मध्य Reseller गया ऐसा ठहराव है जो राजनियम द्वारा प्रवर्तनीय होता है। तथा जिसके द्वारा Single या अधिक पक्षकारों द्वारा कुछ कार्यों के लिए अधिकार प्राप्त किए जाते हैं। अथवा Second या अन्य पक्षकारों द्वारा उनका त्याग Reseller जाता है।’’
- सर जॉन सोलमन (Sir John Solmon) : ‘‘अनुबंध Single ऐसा समझौता है जो दो पक्षकारों के मध्य दायित्व उत्पन्न करता है And उनकी व्यवस्था करता है।’’
उपरोक्त परिभाषाओं से यह निष्कर्ष निकलता हैए कि ऐसे ठहराव अथवा समझौते अथवा वचन जो पक्षकारों के मध्य हो तथा जो राजनियम द्वारा प्रर्वतनीय कराया जा सके अनुबंध कहलाता है। Single अनुबंध के लिए दो बातों का होना आवश्यक है :-
- पार्टियों के बीच समझौता
- कानून द्वारा लागू करने योग्य समझौता
यदि अनुबंध करते समय उपरोक्त में कोई Single बात पूरी न होती हो तो वह अनुबंध नहीं होगा Meansात् समझौते के बिना अनुबंध नहीं हो सकता तथा यदि समझौते का उद्देश्य दायित्व उत्पन्न करना नहीं है अथवा उसे राजनियम द्वारा परिवर्तनीय नहीं कराया जा सके तो वह अनुबंध नहीं हो सकताए केवल समझौता ही रहेगा।
For Example : राम ने 4000 Resellerयें में श्याम को अपना स्कूटर बेचने का प्रस्ताप करता है जिसे श्याम स्वीकार कर लेता है तो वह अनुबंध होगा क्योंकि दोनों पक्षकारों ने अपनी Agreeि प्रकट की है।
वैध अनुबंध की अनिवार्यता
अनुबंध के सम्बन्ध में विद्वानों द्वारा दी गई परिभाषाओं में अनुबंध की वैधानिकता पर अधिक जोर दिया गया है। वैधानिक अनुबंध को अनुबंध अधिनियम की धारा 10 में इस प्रकार स्पष्ट Reseller गया है :-
Sec. 2 (h) or sec 10 के According Single (legal) valid contract में इन लक्षणों का होना आवश्यक है :-
- समझौता: प्रत्येक अनुबंध के लिए समझौता होना आवश्यक है। Sec 2 (e) :- ‘‘प्रत्येक वचन अथवा वचनों का समूह जो Single Second के लिए प्रतिफल होते हैंए समझौता कहलाता है।’’ अत: समझौते के लिए वचन का होना आवश्यक है। Acc. to Sec. 2 (b) :- ‘‘प्रस्ताव स्वीकार होने पर वचन बन जाता है।’’ अत: वचन के लिए प्रस्ताव और उसकी स्वीकृति आवश्यक है। प्रस्ताव की स्वीकृति निधाख्ररत ढंग से की जानी चाहिए तथा प्रस्ताव की स्वीकृति की सूचना प्रस्तावक को दी जानी चाहिए।
- पार्टियों की संविदात्मक क्षमता: अनुबंध में दोनों पक्षकारों में अनुबंध करने की योग्यता होनी चाहिए। कानून कभी व्यक्तियों को अनुबंध करने के योग्य मानता है :- यदि वह व्यस्क हैए स्वस्थ मस्तिष्क का है, सम्बन्धित कानून द्वारा अनुबंध करने के लिए अयोग्य घोषित न Reseller गया हो।
- स्वतंत्र Agreeि: Single वैध अनुबंध के लिए दो पक्षकारों के मध्य केवल Agreeि ही आवश्यक नहीं है, बल्कि ऐसी Agreeि का स्वतंत्रा होना भी आवश्यक है। स्वतंत्रा Agreeि से तात्पर्य ऐसी Agreeि से है जबकि दोनों पक्षकर Single बात पर Single ही भाव से Agree हों। धारा 14 के According पक्षकारों की Agreeि स्वतंत्रा मानी जाएगी यदि वह उत्पीड़न (Coercion) अनुचित प्रभाव (Under Influence) Fraud or Mistake के आधार पर प्राप्त न की गई हो।
- वैध विचार : Single वैध अनुबंध में प्रतिफल का होना आवश्यक है तथा ऐसा प्रतिफल वैध होना चाहिए। प्रतिफल से तात्पर्य ‘बदले में कुछ’। बिना प्रतिफल के अनुबंध व्यर्थ होता है। इस प्रकार प्रतिफल भूतए वर्तमान व भावी हो सकता है।
- अनुबंध का उद्देश्य – अनुबंध का उद्देश्य वैधानिक होना चाहिए। किसी अनुबंध का उद्देश्य वैधानिक नहीं माना जा सकता: यदि वह – (1) कानून द्वारा निषिद्ध है। (2) संविदें को लागू करने से किसी कानून का उल्लंघन होता है। (3) यह किसी व्यक्ति को हानि पहुँचाने वाला हो। (4) किसी को धोखा देने का अभिप्राय हो।
- अनुबंध को स्पष्ट Reseller से शून्य घोषित नहीं Reseller गया: अनुबंध अधिनियम में कुछ समझौतों को स्पष्ट Reseller से घोषित Reseller गया है। ये समझौते Sec 26, 30, 56 में दिए गए हैं। इसमें मुख्य Reseller से विवाह में रूकावट डालने वाले ठहराव, व्यापार में रूकावट डालने वाले ठहराव हैं।
- कानूनी औपचारिकताएं: समझौते लिखित व मौखिक हो सकते हैं। यदि किसी विशेष अनुबंध का किसी अधिनियम के अन्तर्गत लिखित अथवा साक्ष्यों द्वारा प्रमाणित होना आवश्यक है। तो ऐसा अनुबंध तभी वैध माना जाएगा जब वह साक्ष्यी द्वारा प्रमाणित होना आवश्यक है तो ऐसा अनुबंध तभी वैध माना जाएगा जब वह साक्ष्यी द्वारा प्रमाणित हो। कुछ अनुबंध जैसे बीमे के अनुबंध व निर्णय ठहरावए विनियम साध्य लेखपत्र आदि को लिखित में होना अनिवार्य है।
इस प्रकार Single वैधे अनुबंध में उपरोक्त All लक्षणों का होना आवश्यक है। यदि इनमें से कोई Single लक्षण नहीं पाया जाता है तो अनुबंध वैध नहीं होगा।