साक्षात्कार का Means, परिभाषा And प्रकार
आदि के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की जाती है। गुड तथा हॉट के According- किसी उद्धेश्य हेतु Reseller गया गहन वार्तालाप ही साक्षात्कार है। जॉन जी. डार्ले के According-साक्षात्कार, Single उद्धेश्ययुक्त वार्तालाप है।,
पी. वी यंग के According-साक्षात्कार को Single प्रणाली माना जा सकता है, जिसके द्वारा Single व्यक्ति, Second
व्यक्ति के आन्तरिक जीवन में, अधिक या कम कल्पनात्मक Reseller से प्रवेश करता है, जो उसके लिए सामान्यत:
तुलनात्मक Reseller से अपरिचित है। बी.एम.पामर के According-साक्षात्कार, दो व्यक्तियों के बीच, Single सामाजिक स्थिति की Creation करता है। इसमें प्रयुक्त
मनौवैज्ञानिक प्रReseller के अन्तर्गत, दोनों व्यक्तियों को परस्पर, प्रति उत्तर देने पड़ते हैं। सी.ए.मोजर के According-औपचारिक साक्षात्कार, जिसमें पूर्व निर्धारित प्रश्नों को पूछा जाता है तथा उत्तरो को
प्रमापीकृत Reseller में संकलित Reseller जाता है, बड़े सर्वेक्षणों में निश्चित Reseller से उपयोगी है।,
सिन पाओं यंग के According-साक्षात्कार, क्षेत्रीय कार्य की पद्धति है जो Single व्यक्ति अथवा कुछ व्यक्तियों के व्यवहार
को देखने, कथनों को लिखने और सामाजिक अथवा समूह अन्त:Reseller के निश्चित परिणामों का निरीक्षण करने हेतु
उपयोग की जाती है। अतएव यह Single सामाजिक प्रReseller है। यह दो व्यक्तियों के बीच, अन्त:Reseller से सम्बन्धित होती है।
गुड तथा हाट-साक्षात्कार, मूल Reseller में Single सामाजिक प्रReseller है।,
एम.एन.बसु के According-साक्षात्कार व्यक्तियों के आमने-सामने के कुछ बातों पर मिलना या Singleत्र होना कहा जा सकता है।
साक्षात्कार तकनीक की विशेषताएँ
- साक्षात्कार, पारस्परिक विचारों के आदान-प्रदान का सर्वश्रेष्ठ सामान है।
- साक्षात्कार की प्रReseller के अन्तर्गत, दो या दो से अधिक व्यक्तियों का वार्तालाप अथवा निकट संपर्क होता
है।
3. साक्षात्कार, पारस्परिक सम्बन्धों पर आधारित अन्त:Reseller की प्रविधि है। - साक्षात्कार, उद्धेश्य केन्द्रित होता है।
- इसके आधार पर व्यक्ति के सम्बन्ध में तथ्यपूर्ण सामग्री का संकलन Reseller जाता है।
- यह प्राथमिक सम्बन्धों पर आधारित होती है।
गुड तथा हॉट ने साक्षात्कार की जिन विशेषताओं का निर्धारण Reseller है, उनका History, प्रकार है-
- इसका, समाज के किसी भी वर्ग पर प्रयोग Reseller जा सकता है।
- इसमें सहयोग करने को लोग सरलता से तैयार हो जाते हैं, क्योंकि उन्हें लिखित Reseller में कुछ भी नहीं देना
होता है। - इस विधि का लचीलापन, इसकी प्रमुख विशेषता है।
- इस विधि द्वारा, केवल यही ज्ञान नहीं है कि विषयी किस-किस विषय के बारे में क्या उत्तर देता है? वरन् उसकी
भाव-भंगिमा इससे कुछ अधिक ही बता देती है। - इस विधि द्वारा, व्यवहार के उन आयामों का अध्ययन भी Reseller जा सकता है। जिसे प्राय: सभ्य समाज में प्रकट
करने से लोग हिचकिचाते हैं।
साक्षात्कार तकनीकी के उद्देश्य
साक्षात्कार तकनीकी के कई उद्धेश्य हैं। इन उद्धेश्यों को निरन्तर ध्यान में रखकर ही साक्षात्कार की प्रReseller को सम्पन्न
Reseller जाता है। साक्षात्कार के प्रमुख उद्धेश्य हैं-
- प्रत्यक्ष संपर्क स्थापित करके सूचना संकलन करना-साक्षात्कार, प्रत्यक्ष संपर्क पर आधारित होता है।
इस प्रReseller के अन्तर्गत, जो भी सूचनायें प्राप्त की जाती हैं, प्रत्यक्ष संपर्क के आधार पर प्राप्त की जाती
है। इसमें, वास्तविक साक्षात्कार के समय, साक्षात्कार देने वाला और साक्षात्कार लेने वाला, Single-Second के
आमने-सामने बैठते हैं। साक्षात्कारकर्ना, निर्धारित उद्धेश्यों से सम्बन्धित विभिन्न प्रश्न, साक्षात्कारकर्ता से पूछता
है। इनके आधार पर ही उसे, विषयों की रूचियों, योग्यताओं कौशलों, इच्छाओं, अभिवृनियों आदि से सम्बन्धित
सूचनायें प्राप्त होती हैं। इस प्रकार, प्रत्यक्ष संपर्क के आधार पर तथ्यागत सूचनायें प्राप्त करने की दृष्टि से,
साक्षात्कार का विशेष महन्व है। - परिकल्पनाओं हेतु साक्षियों का प्रमुख पेत-परिकल्पनाओं के लिए, अप्रत्यक्ष Reseller में सामग्री का संकलन
करना भी साक्षात्कार का Single प्रमुख उद्धेश्य है। इस दृष्टि से यह बहुत उपयोगी है। यही नहीं, साक्षात्कार को,
परिकल्पना के निर्माण में सहायक होने की दृष्टि से, अत्यन्त महन्वपूर्ण अथवा सर्वश्रेष्ठ प्रविधि के Reseller में
स्वीकार Reseller जाता है। इसका कारण यह है कि साक्षात्कार के आधार पर, अनेक नवीन तथ्यों को बोध होता
है। ये तथ्य, साक्षात्कारदाता की रूची, मनोवृनि, अभिवृनि, योग्यताओं, कौशलों, विभिन्न समस्याओं आदि के
आधार पर प्राप्त होते हैं। - गुप्त And व्यक्तिगत सूचना प्राप्त करना-साक्षात्कार के माध्यम से व्यक्ति के सम्बन्ध में ऐसी अनेक
जानकारिया प्राप्त हो जाती हैं जो किसी अन्य प्रविधि के माध्यम से प्राप्त की जानी सम्भव नहीं हैं। इस प्रकार
की जानकारियों का उपयोग, अनेक दृष्टियों से Reseller जा सकता है। न केवल साक्षात्कारदाता, वरन् अन्य
व्यक्तियों की समस्याओं का समाधान करने में भी, ये सूचनायें, महन्वपूर्ण सिण् होती है। जहा तक
साक्षात्कारकर्ना का प्रश्न है, उसे निर्देशित करने या उसके सम्बन्ध में भावी-कथन हेतु, अथवा उसकी किसी
अन्य समस्या का समाधान करने की दृष्टि से इस प्रकार की गोपनीय सूचनाओं का ही सर्वाधिक महन्व होता है। - निरीक्षण द्वारा, अन्य उपयोगी सूचना प्राप्त करना-यह भी साक्षात्कार का Single प्रमुख उद्धेश्य है। गुड, बार
तथा स्केट के According-फ्साक्षात्काकर्ना को किसी व्यक्ति के साक्षात्कार के लिए अवसर ही नहीं मिलता है, बल्कि
उसे, उसके घर के वातावरण, परिस्थितियों, पास-पड़ोस का वातावरण, सम्बन्धियों के व्यवहार, मित्रों की आदतों
इत्यादि, All का अध्ययन करने का सही अवसर मिल जाता है। साक्षात्कार के बहाने से वह कई नई बातों की
जानकारी प्राप्त कर सकता है, अन्यथा शायद उसे भी अनायास, निरीक्षण करने में संकोच व लज्जा आ सकती
है। इस प्रकार, साक्षात्कारकर्ना को निरीक्षण व साक्षात्कार दोनों को करने का अवसर मिल जाता है।,
साक्षात्कार तकनीकी के प्रकार
साक्षात्कार तकनीकी के प्रमुख प्रकार हैं-
- परामर्श साक्षात्कार (Counseling Interview)
- उपचारात्मक साक्षात्कार (Remedial Interview)
- निदानात्मक साक्षात्कार (Diagnostic Interview)
- तथ्य संकलन साक्षात्कार (Interview for Data Collection)
- अनुसन्धान साक्षात्कार (Research Interview)
- Appointment साक्षात्कार (Selection Interview)
- सूचनात्मक साक्षात्कार (Information Interview)
कार्यो के आधार पर इन्हें चार खण्डों में वर्गीकृत Reseller गया है-
- कार्यो के आधार पर वर्गीकरण।
- औपचारिकता के आधार पर वर्गीकरण।
- सूचनादाताओं की संख्या के आधार पर वर्गीकरण।
- अध्ययन पद्धति के आधार पर वर्गीकरण।
उनमें से प्रत्येक वर्गीकरण के अन्तर्गत आने वाले प्रकारों का संक्षिप्त परिचय हैं-
कार्यो के आधार पर वर्गीकरण
कार्यो के आधार पर वर्गीकरण प्रकार से Reseller गया है-
- कारण-प्रभाव साक्षात्कार-इस प्रकार साक्षात्कार का प्रयोग, अधिकांश: निर्देशन-परामर्श व अनुसन्धान के
अन्तर्गत Reseller जाता है। जब किसी समस्या से सम्बन्धित कारणों की खोज करनी होती है। प्राय: तभी इस
प्रकार के साक्षात्कार को सम्पन्न Reseller जाता है। इस प्रकार, समस्या से सम्बन्धित कारणों की खोज करना,
इस प्रकार के साक्षात्कार का उद्धेश्य होता है। - उपचार साक्षात्कार-जैसे कि इस साक्षात्कार के नाम से ही स्पष्ट है, इस साक्षात्कार का उद्धेश्य, समस्या
के कारणों को ज्ञात करने के उपरान्त, समस्या का उपचार करना होता है। इसके लिए, उन All से साक्षात्कार
Reseller जाता है जो समस्या के उपचारार्थ, किसी भी दृष्टि से सहायक होते हैं। - अनुसंधान साक्षात्कार-यह साक्षात्कार, अनुसन्धानकर्नाओं के द्वारा सम्पन्न किए जाते हैं तथा इस साक्षात्कार
का उद्धेश्य, किसी प्रकार की मौलिक जानकारी प्राप्त करना होता है। गुड तथा हॉट के According-फ्गहन तथ्यों
का पता लगाने के लिए जो साक्षात्कार कहा जाता है। इसके अन्तर्गत, व्यक्ति के मनोभावों, मनोवृनियों और
अभिरुचियों व इच्छाओं का पता लगाकर, नये सामाजिक तथ्यों की खोज करनी होती है।,
औपचारिकता के आधार पर वर्गीकरण
औपचारिकता के आधार पर वर्गीकरण इस प्रकार है-
- औपचारिक साक्षात्कार-इस प्रकार के साक्षात्कार को नियोजित साक्षात्कार भी कहा जाता है। गुड तथा हॉट
ने इस साक्षात्कार के बारे में लिखा है- इस प्रकार के साक्षात्कार में विशिष्ट, समस्याओं, सम्भावनाओं व उनके समाधान की ओर ध्यान दिया जाता
है। वस्तुत: साक्षात्कार, Single सुनिश्चित योजना के According होता है। इसी सुनिश्चित योजना के According, परामर्श
लेने वाला, अपनी भावनाओं, साक्षात्कारकर्ना ही करता है, क्योंकि वह इसमें अधिक सक्षम है। परामर्श लेने
वाला साक्षात्कार की योजना And उसके निर्देशों के According ही, किसी निष्कर्ष या निर्णय पर पहुचता है।, - अनौपचारिक साक्षात्कार-यह साक्षात्कार, अनिर्देशित साक्षात्कार के नाम से भी सम्बोधित Reseller जाता है।
गुड तथा हॉट के According-
फ्इसमें परामर्श लेने वाला, स्वयं वाद-विवाद का नेतृत्व ग्रहण करता है। साक्षात्कार तो केवल, मित्रता के वातावरण
में, रूचि प्रकट करके, साक्षात्कार देने वाले को, उन्मुक्त अभिव्यक्ति के लिए प्रोत्साहन देता है। वह परिस्थिति
में अपने मूल्यांकन, निर्वाचन या निर्णय का आरोपण नहीं करता है। उन्मुक्त अभिव्यक्ति के बाद, अन्तर्दृष्टि
का विकास होता है। साक्षात्कार देने वाला स्वयं अपनी शक्ति And कमजोरियों का आभास पा लेता है। वह जान
लेता है कि उसकी वास्तविक अभिवृनिया And इच्छाए क्या हैं? अत: इसमें व्मश: विकास या प्रगति का वातावरण
रहता है। इसमें बौण्कि पक्ष की अपेक्षा, संवेगात्मक तत्वों पर अधिक बल दिया जाता है।,
सूचनादाताओं के आधार पर वर्गीकरण
सूचनादाताओं के आधार पर वर्गीकरण इस प्रकार है:
- व्यक्तिगत साक्षात्कार-इस प्रकार का साक्षात्कार Single अवसर पर, Single ही व्यक्ति से Reseller जाता है। इस
प्रकार के साक्षात्कारदाता और साक्षात्कार लेने वाले के ममय, अन्त:Reseller अधिक होती है, क्योंकि वहा,
आमने-सामने, कुल मिलाकर दो ही व्यक्ति होते हैं। इस स्थिति में, साक्षात्कार देने वाले को, अपने उत्तर देने
में, अधिक कठिनाई नहीं होती है। वह, साक्षात्कारकर्ता द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर नि:संकोच देता चला
जाता है। स्केट ने, इस प्रकार के साक्षात्कार के कुछ गुणों And सीमाओं को History Reseller है। - सामूहिक साक्षात्कार-इस प्रकार के साक्षात्कार के अन्तर्गत, Single समय में Single से अधिक साक्षात्कारदाताओं
का साक्षात्कार लिया जा सकता है। साक्षात्कारकर्ना के द्वारा यह प्रयास Reseller जाता है कि All साक्षात्कारदाता,
उत्तर देने के लिए प्रेरित हों। गुड तथा हॉट ने, सामूहिक साक्षात्कार के लाभ और दोषों का History भी Reseller
है।
अध्ययन पद्धति के आधार पर वर्गीकरण
- अनिर्देशित साक्षात्कार-इस प्रकार के साक्षात्कार को अव्यवस्थिति, असंचालित या अनियोजित साक्षात्कार
के नाम से भी सम्बोधित Reseller जाता है। गुड तथा हॉट ने, इस प्रकार के साक्षात्कार के सम्बन्ध में लिखा है-
फ्इस प्रकार के साक्षात्कार का उपयोग, प्राय: व्यक्ति के प्रत्यक्षीकरण, अभिवृनि, प्रेरणा आदि के अध्ययनों
के लिए Reseller जाता है।, इस प्रकार का साक्षात्कार लचीली प्रवृनि का होता है, अत: इसमें साक्षात्कारकर्ना
को अधिक सावधानी रखनी होती है। इसमें प्रश्नों की भाषा, व्म आदि, पूर्व निश्चित नहीं होते हैं। साथ ही
प्रश्नों का उत्तर देने के लिए, साक्षात्कार देने वाले पर किसी भी प्रकार का नियन्त्रण नहीं होता है। अत: इस प्रविधि
से प्राय: साक्षी द्वारा प्राकृतिक उत्तर प्राप्त होते हैं। उसके उत्तरो में स्वयं की पूर्ण अभिव्यक्ति होती है तथा वे सामान्य
को अपेक्षा विशेष होते हैं। इस विधि की उक्त स्वतंत्रता, इसकी Single सीमा भी है, क्योंकि इसके द्वारा प्रदत्तों से
तुलनात्मक अध्ययन, सम्भव नहीं होता है। इसके प्रदत्तों का विश्लेषण भी कठिन होता है।, - उद्धेश्य केन्द्रित साक्षात्कार-राबर्ट मर्टन के द्वारा, इस प्रकार के साक्षात्कार का उपयोग, सबसे First Reseller
गया था। इसका उद्धेश्य, रेडियों, चलचित्र आदि की प्रभावशीलता का पता लगाना था। इस प्रकार के साक्षात्कार
के अन्तर्गत, यह नितान्त आवश्यक है कि जिस व्यक्ति से साक्षात्कार लिया जाए, वह साक्षात्कार के प्रकारण
के पूर्व परिचित हो तथा उस विषय में सम्बन्धित अनुभव भी, उस व्यक्ति को प्राप्त हो। इन अनुभवों की
जानकारी के द्वारा ही, साक्षात्कारकर्ना को अपने उद्धेश्य से सम्बन्धित सामग्री प्राप्त होती है, जिसका विश्लेषण
करके, वह सार्थक निर्णयों पर पहुचता है। - पुनर्रावृनि साक्षात्कार-लैजार्सपफील्ड के द्वारा, इस साक्षात्कार का First उपयोग Reseller गया। समाज में होने
वाले परिवर्तनों के प्रभाव के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने के उद्धेश्य से इस प्रकार के साक्षात्कार का आयोजन
Reseller जाता है। स्वाभाविक Reseller से इस प्रकार के परिवर्तनों के सम्बन्ध में Single ही बार किए गए साक्षात्कार के
आधार पर जानकारी प्राप्त नहीं की जा सकती है अत: साक्षात्कार का आयोजन कई बार Reseller जाता है। यही
कारण है कि इस प्रकार के साक्षात्कार को पुनर्रावृनि साक्षात्कार के नाम से सम्बोधित Reseller जाता है।
साक्षात्कार के उपरोक्त प्रकारों के अतिरिक्त गुड तथा हॉट ने साक्षात्कार के प्रकारों को History
Reseller है- 1. संरचित साक्षात्कार (Structured Interview)
2. असंरचित साक्षात्कार (Unstructured Interview) (क) अनियोजित साक्षात्कार (Unplanned) (ख) गहन साक्षात्कार (Internsive), तथा (ग) नैदानिक साक्षात्कार (Diagnostic)।
3. उद्धेश्य केन्द्रित साक्षात्कार (Focussed Interview)
सामूहिक साक्षात्कार, कभी-कभी, Single वाद-विवाद सभा का Reseller धारण कर लेता है।
साक्षात्कार देने वाले, विभिन्न प्रकार से अपनी प्रतिResellerए व्यक्त करते हैं। कुछ शाब्दिक
Reseller में अपना उत्तर देते हैं तो कुछ अपने हाव-भाव के माध्यम से। कुछ, किसी विचार
का विरोध करते दिखाई देते हैं तो कुछ उनका समर्थन।