गृह विज्ञान का Means And महत्व
गृह विज्ञान Word दो Wordों से मिलकर बना है गृह और विज्ञान। गृह से तात्पर्य वह स्थान जहाँ परिवार रहता है और विज्ञान से तात्पर्य उस ज्ञान से है जो वास्तविक सिद्धान्तों व नियमों पर आधारित है। दोनों Wordों को मिलाकर इस प्रकार परिभाषित कर सकते है। ‘‘गृह विज्ञान का Means घर व पारिवारिक जीवन को बेहतर बनाने के लिये वैज्ञानिक ज्ञान को सुव्यवस्थित तरीके से लागू करना है।’’ गृह विज्ञान कला भी है और विज्ञान भी। जब हम भोजन में पाये जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में बढ़ते है तो यह विज्ञान है किन्तु जब हम इन पोषक तत्वों का सही उपयोग करते हुये व्यंजन बनाते है। तब यह कला के Reseller में रहता है।
गृह विज्ञान का महत्व
घर परिवार व संसाधनों का उचित उपयोग करने लिये, आर्थिक सम्बलता आदि के लिये गृह विज्ञान का ज्ञान होना अत्यन्त आवश्यक है। जीवन में इसका महत्व इस प्रकार है।
- व्यक्तिगत जीवन में महत्व- इसमें पढ़ाये जाने वाले All विषय व्यक्ति विशेष के जीवन के लिए महत्वपूर्ण है जिससे उसे जीवन निर्वहन में आसानी होगी।
- पारिवारिक जीवन के लिये महत्व-यह विषय व्यक्तिगत जीवन के लिये ही उपयोगी नहीं हैं बल्कि इसमें पढ़ाये जाने वाले विषय मातृकला, गृहप्रबन्ध, वस्त्रविज्ञान, शरीर विज्ञान, सम्पूर्ण परिवार के लिये महत्वपूर्ण है।
- आर्थिक महत्व-इस विषय के द्वारा कोर्इ भी व्यक्ति वैतनिक या स्वरोजगार स्थापित करके अपना जीवनयापन करके परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधार सकता है।
- बदलती स्थितियोंं के अनुकूलूल पारिवारिक जीवन को बनाना- यह Single ऐसा विषय है जो हम को साहस के साथ बदलते वक्त की चुनौतियों का सामना करने के लिये भी प्रशिक्षित करता है।
गृह विज्ञान से सम्बन्धित भ्रान्तियाँ
Single आम व्यक्ति के लिये गृह विज्ञान का Means खाना पकाना, सिलार्इ करना व सज्जा मात्र है। जबकि गृह विज्ञान गृह कायोर्ं को पूर्ण करने में वैज्ञानिक दृष्टिकोण है। इससे संबंधित भ्रान्तियाँ है।
- गृह विज्ञान मात्र भोजन पकाना सिलार्इ कढ़ार्इ And शिशु की देखभाल सिखाता है- यह सत्य है कि इस विषय में उपर्युक्त All का समावेश रहता है। किन्तु इनके क्रियान्वयन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण गृह विज्ञान प्रस्तुत करता है। उदा- भोजन हर महिला अपने परिवार के लिये पकाती है, किन्तु भोजन में कौन से पोषक तत्व होने चाहिए जिससे उत्तम स्वास्थ बनाया जा सके यह केवल गृह विज्ञान विषय से ज्ञात होता है।
- गृह विज्ञान केवल लड़़िकियोंं के लिये है- वर्तमान को बदलती परिस्थितियों में परिवार में पति और पत्नी दोनों कार्यरत है। ऐसे समय में पुरूषों को भी दैनिक जीवन के विभिन्न पहलुओं से परिचित होना आवश्यक हो जाता है। इसलिए यह विषय लड़कों के लिये भी महत्वपूर्ण है। यह भ्रान्ति धीरे-धीरे दूर भी हो रही है वर्तमान में रायपुर मुक्त बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा में लड़के और लड़कियों का प्रतिशत गृह विज्ञान विषय में बराबर-बराबर ही पाया गया।
- लड़Resellerँ गृहविज्ञान माँ से सीख सकती है फिर यह विषय क्यों- यह सत्य है कि गृह कार्य सम्बन्धी सारी जानकारी लड़Resellerँ माँ से प्राप्त कर सकती है किन्तु क्या, क्यों, कैसे यह उत्तर गृह विज्ञान विषय पढ़ने के बाद ही दे सकती है। जैसे पका भोजन अधिक समय तक रखने पर खराब हो जाता है? गृह विज्ञान विषय पढ़ने के बाद लड़Resellerँ इस प्रश्न का उत्तर दे सकती है कि भोजन किन-किन कारणों से खराब होता है। खराब होने पर इसमें क्या परिवर्तन आता है और इसे खराब होने से कैसे बचा सकते है।
- गृह विज्ञान रोजगार मूलक नही है- गृह विज्ञान विषय की पूर्ण जानकारी न होने से यह भ्रान्ति बढ़ रही है कि बडे़ शहरों में यह विषय 10वीं से ही रोजगारमूलक बन जाता है। यह विषय रोजगार के साथ-साथ स्वरोजगार मूलक अधिक है। आँगन बाड़ी कार्यकर्ताओं के लिये यह विषय अत्यधिक उपयोगी है।
गृह विज्ञान में रोजगार के अवसर
स्कूल स्तर पर गृह विज्ञान विषय का अध्ययन करने के बाद आप वेतनभोगी कर्मी स्वरोजगार या उद्यमी बनने के कर्इ अवसर प्राप्त कर सकते है।
- आहार विशेषज्ञ के Reseller में।
- उपभोक्ता संगठन के कर्मचारी के Reseller में।
- उपभोक्ता सामग्री व सेवाओं के विक्रय प्रतिनिधियों के Reseller में।
- बचत व निवेश योजनाओं के प्रतिनिधियों के Reseller में।
- हस्तकला केन्द्र, घरेलू उद्योगों से निर्मित वस्तुओं के शोरूम में कर्मचारी के Reseller में।
- नर्सरी स्कूल के केयर सेन्टर, क्रेच व बालवाड़ी के कर्मचारी के Reseller में।
- गृह विज्ञान महाविद्यालयों व गृह विज्ञान विषय पढ़ाने वाले विद्यालयों के प्रयोगशाला सहायक के Reseller में।
- ड्राइक्लीनिंग की दुकान के कर्मचारी के Reseller में।
- खानपान केन्द्र, अस्पताल के पथ्य विभाग, जल पान गृह, केन्टीन से सम्बन्धित स्टोर के कर्मचारी के Reseller में।