हड़ताल क्या है?
हड़ताल का तात्पर्य अस्थायी Reseller से श्रमिकों द्वारा कार्य में विध्न डालना है। यह श्रमिक द्वारा स्वत: कार्यमुक्ति है।औद्योगिक संघर्ष अधिनियम की धारा 2 (क्यू) के According व्यक्तियों के समूह द्वारा, जो मिलकर कार्य करते हैं सामूहिकता से कार्य नहीं करना अथवा Singleमत होकर कार्य करने से मना करना, हड़ताल कहलाता है।’इसी प्रकार हड़ताल का तात्पर्य श्रमिकों द्वारा कार्य को चालू रखने से इन्कार या Second Wordों में श्रमिकों के किसी समूह द्वारा अपने परिवाद का प्रकट करने या कार्य से संबंधित अपनी मांगों को मनवाने हेतु दबाव डालने के लिए अस्थार्इ Reseller से कार्य बद करना, हड़ताल है। वस्तुत: हड़ताल में श्रमिकों द्वारा अस्थार्इ Reseller से कार्य करना बंद कर दिया जाता है। इसका उद्देश्य अपने परिवादों का प्रकट करना अथवा अपनी किन्हीं मांगों को मनवाने के लिए दबाव डालना ही प्रमुख होता है। अग्रलिखित लक्षणों द्वारा इस अवधारणा को और अस्पष्ट Reseller जा सकता है।’
- हड़ताल सदैव असंतुष्ट श्रमिकों द्वारा की जाती है।
- इसमें श्रमिक कार्य करना बंद कर देते हैं।
- हड़ताल श्रमिकों द्वारा अपने विवादों को प्रकट करने का Single सशक्त माध्यम है।
- हड़ताल अनिश्चित समय के लिए की जाती है तथा हड़ताल समाप्ति के पश्चात प्राय: श्रमिक अपना कार्य करना आरंभ कर देते हैं।
- हड़ताल किन्हीं मांगों को लागू करवाने के लिए दबाव डालने का साधन है।
- हड़ताल श्रमिकों के किसी भी Single समूह द्वारा की जा सकती है।
- हड़ताल अन्याय तथा असंतोष का गम्भीर लक्षण है।
- हड़तालें वैध या अवैध हो सकती हैं।
- हड़तालें अनेक Resellerों में यथा – भूख हड़ताल, सांकेतिक हड़तालें,धीरे कार्य करो हड़ताल आदि के Reseller में हो सकती है।
- समुचित ढंग से नोटिस दे कर हड़ताल करने का श्रमिकों का अधिकार है।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि आज हड़ताल अपनी न्यायोचित मांगों को मनवाने का Single सशक्त माध्यम बनती जा रही है। प्राय: हड़तालों के निम्न स्वReseller दृष्टिगत होते हैं :-
- जब कर्मचारी जान बूझ कर अपनी पूर्ण क्षमता का उपयोग नहीं करते। अत: सेवायोजकों को उनकी मांगों के विषय में विवश होकर सोचना पड़ता है तब इस हड़ताल धीरे काम करो हड़ताल के नाम से सम्बोधित Reseller जाता है।
- जब विभिन्न श्रम संगठनों द्वारा क्षेत्रीय या राष्ट्रीय स्तर पर अपनी सामूहिक शक्ति प्रदर्शन Second का समर्थन हेतु Reseller जाता है तब इसे सहानुभूति हड़ताल कहा जाता है।
- नियमानुसार कार्य की नीति के अंतर्गत जिसे उड्डयन विभाग के विमान चालकों ने भारत में अपनाया था जिसमें अतिरिक्त समय काम करने या अधिक माल ले जाने से मना कर देते हैं।
- भूख हड़ताल यह हड़ताल सबसे प्रचलित विधि है। सामान्यत: यह नेताओं, विद्यार्थियों अथवा श्रमिकों द्वारा अपनी मांगें मनवाने हेतु की जाती हैं। भूख हड़ताल का प्रारम्भ हड़ताल के समय, हड़ताल के उपरांत कभी भी Reseller जा सकता है। इसमें श्रमिकों का सहयोग प्राप्त Reseller जाता है। किसी विरोधी निर्णय को वापस लेने, श्रमिकों के विरूद्ध लगाये गये किसी अभियोग को वापस लेने के उद्देश्य से भूख हड़तालें आयोजित की जाती हैं।
- ‘घेराव’ में कर्मचारी प्रबंधकों को तब तक घेरे रहते हैं जब तक कि उनकी मांग मान नहीं ली जाती या आश्वासन नहीं दे दिया जाता।
- सांकेतिक हड़ताल नियोक्ता का ध्यान किसी समस्या के प्रति आकृष्ट करने के लिए सांकेलित हड़तालें भी की जाती है। इस क्रिया का असर नहीं होने पर विधिवत नोटिस दे कर लंबी हड़ताल प्रारम्भ कर दी जाती है।