विलयन क्या है ?

आप जानते हैं कि जब चीनी और नमक को पानी में मिलाते हैं तो ये घुल जाते है। प्राप्त मिश्रण को विलयन कहते है। विलयनों की हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका है। उघोग में विभिन्न पदार्थो के विलयनों का उपयोग अनेक रासायनिक अभिक्रियाओं को पूरा करने में Reseller जाता है। विभिन्न पदार्थो के विलयनों का अध्ययन बहुत रोचक होता है। इसमें हम विलयन के विभिन्न घटकों के बारे में पढ़ेगे और यह भी पढ़ेंगे कि विलयनों की सांद्रता को व्यक्त करने के कौन-कौन से तरीके है। हम विलयनों के ऐसे गुणधर्मो का भी अध्ययन करेंगे जो विलेय-कणों की संख्या पर निर्भर करते है।

विलयन के घटक 

यदि पानी में चीनी मिलाएँ तो वह घुल जाती है और विलयन प्राप्त होता है, विलयन में चीनी नहीं दिखार्इ देती है। चीनी की भांति अनेक पदार्थ जैसे नमक, यूरिया, पोटेषियम क्लोराइड आदि पानी में घुलकर विलयन बनाते है। इन All विलसनों में पानी विलायक होता है और घुलने वाले विलेय होते है। इस प्रकार विलेय और विलायक, विलयन के घटक होते हैं। जब कोर्इ विलेय किसी विलायक में समांग Reseller से मिश्रित होता है तो विलयन प्राप्त होता है।

विलेय – विलायक →विलयन

‘‘विलयन, दो अथवा अधिक पदार्थो का समांगी मिश्रण होता है।’’ विलायक, विलयन का वह घटक है जिसकी वही भौतिक अवस्था है जो स्वयं विलयन की होती है। विलेय, वह पदार्थ है जो विलायक में घुलकर विलयन बनाता है।

विलयन के प्रकार

विलयन ठोस, द्रव अथवा गैसीय हो सकते हैं। विलेय और विलायक की भौतिक अवस्था के आधार पर दो घटकों वाले विलयन (द्विअंगी विलयन) नौ प्रकार के हो सकते हैं। विलयनों के विभिन्न प्रकार सारणी में दिए गए है।

सारणी विलयनों के विभिन्न प्रकार

विलेय विलयन विलायक
गैस गैस वायु
गैस द्रव सोडा वाटर
गैस ठोस पैलेडियम में हाइड्रोजन
द्रव गैस हवा में आर्द्रता
द्रव द्रव पानी में एल्कोहल
द्रव ठोस स्वर्ण मे मरकरी
ठोस गैस वायु में कैम्फर
ठोस द्रव पानी में चीनी
ठोस ठोस मिश्रातु जैसे पीतल (कॉपर में जिंक)
और काँसा (कॉपर में टिन)

साधारणतया हमारा संबंध तीन प्रकार के विलयनों से होता है-

(1) द्रवों में द्रव  –

द्रवो में दव्र प्रकार के विलयन में, जैसी पानी में एल्कोहल में कम मात्रा में मौजूद घटक को विलेय कहते हैं और अधिक मात्रा में मौजूद घटक को विलायक कहते हैं। दो द्रवों को मिलाने पर तीन भिन्न स्थितियाँ हो सकती है:-

  1. दोनों द्रव पूर्णतया मिश्रणीय हों Meansात् जब दो द्रवों को मिलाया जाए तो वे All अनुपातों में Single Second में विलयषील हों। उदाहरणार्थ, एल्कोहल और पानी, बेन्जीन और टॉलूर्इन।
  2. दोनों द्रव अंशत: मिश्रणीय हों Meansात वे Single- Second में निष्चित मात्रा में विलयषील होते हैं, उदाहरणर्थ, पानी और र्इथर, पानी और फीनॉल।
  3. वे अमिश्रणीय हों Meansात् Single Second में बिलकुल विलयषील न हों। उदाहरणर्थ, पानी और बेन्जीन, पानी और टॉलूर्इन, पानी और केरोसिन। ताप – वृध्दि के साथ द्रवों में द्रवों की विलेयता में भी वृध्दि होती है।

(2) द्रवों में गैसें –

साधारणतया गैंसे द्रवों में विलयषील होती हैं। आक्सीजन, पानी में पर्याप्त विलयषील है जिससे तालाबों, नदियों और समुदों में जलीय-जीव जीवित रहते हैं। CO2 और NH3 जैसी गैसें पानी में अत्यंत विलयषील होती हैं। द्रव में गैस की विलेयता दाब, ताप, गैस और विलायक के स्वाभाव पर निर्भर करती है। इन कारकों की विस्तृत Discussion नीचे की गर्इ है।
दाब का प्रभाव : किसी द्रव में गैस की विलयेता में परिवर्तन हेनरी नियम के According होता है हेनरी नियम के According : किसी विलायक में घुली गैस का द्रव्यमान अथवा मोल – अंश, गैस के आंशिक दाब के अनुक्रमानुपाती है। हेनरी नियम को इस प्रकार निResellerित Reseller जाता है –

     P

K = ——

जिसमें K स्थिरांक है, p गैस का आंषिक दाब है, और x विलयन गैस का मोल अंष है। आइये हेनरी नियम की मान्यता की शर्तो का अध्ययन करें।

  1. हेनरी नियम के मान्यता के लिए आवष्यक शर्ते : यह देखा गया है कि गैसें हेनरी नियम का पालन निम्नलिखित शर्तो के अंतर्गत करती हैं:
    1. दाब बहुत अधिक न हो।
    2. ताप बहुत कम हो।
    3. गैस विलायक के साथ वियोजन, संयोजन अथवा कोर्इ रासायनिक अभिक्रिया न करे।
  2. ताप का प्रभाव : स्थिर दाब पर द्रव में गैंस की विलेयता, ताप वृध्दि के साथ कम हो जाती है। उदाहरण के लिए 200C पानी में CO2 की विलेयता पानी के प्रति cm3 के लिए 0-88 cm3 है जबकि 400C पर पानी के प्रति cm3 के लिए 0.53cm3 है। इसका कारण यह है कि गर्म करने पर विलयन में से कुछ घुली हुर्इ गैस निकल जाती है।
  3. गैस और विलायक के स्वभाव का प्रभाव : CO2, HCl और NH3 गैसें पानी में अत्यंत विलेय होती हैं जबकि H2,O2 और N2 अल्प विलेय होती हैं।

(3) द्रवो में ठोस –

जब कोर्इ ठोस द्रव में घुलता है तो ठोस को विलेय और द्रव को विलायक कहते हैं। उदाहरण के लिए पानी में सोडियम क्लोराइड के विलयन में सोडियम क्लोराइड विलेय है और पानी विलायक है। Single ही विलायक में भिन्न भिन्न पदार्थ भिन्न मात्रा में घुलते हैं।

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