समाचार के प्रकार Types of Samachar/Newspapar kya he
समाचार के प्रकार Types of Samachar/Newspapar kya he
दूसरी बात यह कि आज की दुनिया मे पत्रकारिता का क्षेत्र बहुत व्यापक हो गया है। शायद ही कोर्इ क्षेत्र बचा हो जिस पर कोर्इ समाचार नहीं बना हो। बदलती दुनिया, बदलते सामाजिक परिदृश्य, बदलते बाजार, बाजार के आधार पर बदलते शैक्षिक- सांस्कृतिक परिवेश और सूचनाओं के अम्बार ने समाचारो में विविधता ला दिया है। कभी उंगलियो पर गिन लिये जाने वाले समाचार के प्रकारों को अब पूरी तरह गिन पाना संभव नहीं है। Single बहुत बड़ा सच यह है कि इस समय सूचनाओ का Single बहुत बड़ा बाजार विकसित हो चुका है। इस नये नवेले बाजार मे समाचार उत्पाद का Reseller लेता जा रहा है। समाचार पत्र हों या चैनल खास और Single्सक्लूसिव बताकर समाचार को पाठको या दशर्कों तक पहुंचाने की होड़ ठीक उसी तरह है, जिस तरह किसी कम्पनी द्वारा अपने उत्पाद को अधिक से अधिक उपभेक्ताओं तक पहुंचाना। इस तरह समाचार के कर्इ प्रकार बनते जा रहे हैं। घटना के महत्व, अपेक्षितता, अनपेक्षितता, विषय क्षेत्र, समाचार का महत्व, संपादन हेतु प्राप्त समाचार, प्रकाशन स्थान, समाचार प्रस्तुत करने का ढंग आदि कर्इ आधारों पर समाचारो का विभाजन, महत्ता व गौणता का अंकन Reseller जाता है। उसके आधार पर समाचारो का प्रकाशन कर उसे पूर्ण महत्वपूर्ण व सामयिक बनाया जा सकता है।
प्रकाशन स्थान के आधार पर समाचार के प्रकार
प्रकाशन के आधार पर समाचार चार प्रकार में बांटा जा सकता है-
- स्थानीय समाचार,
- प्रादेशिक या
- क्षेत्रीय,
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय
1. स्थानीय समाचार-
संचार क्रांति के बाद परिवहन के विकास के साथ ही समाचार पत्रो द्वारा Single ही साथ कर्इ संस्करणो का प्रकाशन हो रहा है। यह All गांव या कस्बे, जहां से समाचार पत्र का प्रकाशन होता हो, स्थानीय समाचार, जो कि स्थानीय महत्व आरै क्षेत्रीय समाचार पत्रो की लोकप्रियता को बढाने में सहायक हो को स्थान दिया जा रहा है। यह कवायद स्थानीय बाजार मे अपनी पैठ बनाने की भी है, ताकि स्थानीय छोटे-छोटे विज्ञापन भी आसानी से प्राप्त किये जा सके। इसी तरह समाचार चैनलो में भी स्थानीयता को महत्व दिया जाने लगा है। कर्इ समाचार चैनल समाचार पत्रो की ही तरह अपने समाचारों को स्थानीय स्तर पर तैयार करके प्रसारित कर रहे हैं। वे छोटे-छोटे आयोजन या घटनाक्रम, जो समाचारो के राष्ट्रीय चैनल पर बमुश्किल स्थान पाते थ,े अब सरलता से टीवी स्क्रीन पर प्रसारित होते दिख जाते हैं। यह कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में स्थानीय स्तर पर समाचार चैनल संचालित करने की होड़ मचने वाली है।
2. प्रादेशिक या क्षेत्रीय समाचार-
3. राष्ट्रीय समाचार-
4. अंतर्राष्ट्रीय समाचार-
इटंरनेट पर तैरती ये वबे साइटें कर्इ मायने में अति महत्वपूर्ण होती है। सच यह है कि जैसे-जैसे देश मे साक्षरता बढ रही है, वैसे-वैसे अधिक से अधिक लोगो में विश्व भर को अपनी जानकारी के दायरे में लाने की हाडे़ मच गर्इ है। यही वजह है कि समाचार से Added व्यवसाय अब अंतर्राष्ट्रीय समाचारो को अधिक से अधिक आकर्षक ढंग से प्रस्तुत करने की होड़ में शामिल हो गया है।
विषय विशेष के आधार पर
निरंतर बदलती दुनिया ने समाचारों के लिये विषयो की भरमार कर दी है। First जहां मात्र राजनीति के समाचार, अपराध के समाचार, खेल-कूद के समाचार, साहित्य-संस्‟ति के समाचार से ही समाचार पत्रो का काम चल जाया करता था, वहीं अब सूचना क्रांति, बदलते शैक्षिक परिवेश और बदलते सामाजिक ताने-बाने ने समाचारो के लिये ढेरों विषय पैदा कर दिये हैं। देश में बढ रही साक्षरता व जागरुकता ने भी समाचारों के वैविध्य को बढा दिया है। अब कोर्इ भी समाचार पत्र या चैनल समाचारो के वैविध्य को अपनाये बिना चल ही नहीं सकता। मल्टीप्लेक्स और मल्टी टेस्ट रेस्त्रां के इस समय में पाठक-दर्शक वह सब कुछ पढना-सुनना-देखना चाहता है, जो उसके इर्द-गिर्द घट रहा है। उसे हर उस विषय से जुड़ी ताजा जानकारी चाहिए, जो सीधे या फिर परोक्ष Reseller से उससे जुड़ी हुर्इ है। जमाना मांग और आपूर्ति के बीच सही तालमेल बैठाकर चलने का है और यही वजह है कि कोर्इ भी समाचार पत्र या चैनल ऐसा कुछ भी छोड़ने को तैयार नहीं है, जो उसके पाठक या दर्शक की पसंद हो सकती है। दिख रहा है सब कुछ के इस समय में वे विषय भी समाचार बन रहे हैं, जिनकी Discussion सभ्य समाज में करना वर्जित माना जाता रहा है।
विषय विशष के आधार पर हम समाचारो को निम्नलिखत प्रकारो में विभाजित कर सकते हैं –
घटना के महत्व के आधार पर
घटना के महत्व के आधार पर दो प्रकार के हो सकते हैं-
- विशिष्ट समाचार,
- व्यापी समाचार।
1. विशिष्ट समाचार-
यह वह समाचार होते हैं जिनके बारे में First से कुछ भी मालूम नहीं होता है, परंतु वे समाचार गरमागरम और अद्यतन होते हैं। विशिष्ट समाचार अपनी विशिष्टता, विशेषता और खूबी के कारण ही समाचार पत्र के मख्य पृष्ठ पर स्थान पाने योग्य होते हैं। रेल या विमान की बड़ी दुर्घटना, किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति के असामयिक निधन सम्बन्धी समाचार इसी कोटी मे आते हैं।
2. व्यापी समाचार-
अपेक्षितता-अनपेक्षितता के आधार पर
अपेक्षित-अनपेक्षिता के आधर पर समाचार के दो प्रकार होते हैं-
- डायरी समाचार और
- सनसनीखेज समाचार।
1. डायरी समाचार-
विविध समारोह गोष्ठियो, जन-सभाओ, विधानसभाओं, विधान परिषदो, लोकसभा, राज्यसभा आदि के समाचार जो अपेक्षित होते हैं और सुनियोजित ढंग से प्राप्त होते हैं, डायरी समाचार कहलाते हैं।
2. सनसनीखेज समाचार-
समाचार के महत्व के आधार पर
समाचार के महत्व के आधार पर समाचार के तीन प्रकार के हो सकते हैं-
- महत्वपूर्ण,
- कम महत्वपूर्ण और
- सामान्य महत्व के समाचार
1. महत्वपूर्ण समाचार-
बड़े पैमाने पर दंगा, अपराध, दुर्घटना, प्रा‟तिक विपदा, राजनीतिक उठापटक से संबंधित समाचार, जिनसे जन-जीवन प्रभावित होता हो और जिनमें शीघ्रता अपेक्षित हो, महत्वपूर्ण समाचार कहलाते हैं।
2. कम महत्वपूर्ण समाचार-
3. सामान्य महत्व के समाचार-
सम्पादन के लिये प्रस्तुत समाचार के आधार पर
सम्पादन के लिये प्रस्तुत समाचार के आधार पर समाचार के पांच प्रकार के हो सकते हैं-
- पूर्ण समाचार
- अपूर्ण समाचार
- अर्ध विकसित समाचार
- परिवर्तनशील समाचार
- बड़े अथवा व्यापी समाचार
1. पूर्ण समाचार-
वे समाचार जिनके तथ्यों, सूचनाओं, descriptionो आदि मे दोबारा किसी परिवर्तन की गुंजाइश न हो, पूर्ण समाचार कहलाते हैं। पूर्ण समाचार होने के कारण ही इन्हें निश्चिंतता के साथ संपादित व प्रकाशित Reseller जाता है।
2. अपूर्ण समाचार-
3. अर्ध विकसित समाचार-
4. परिवर्तनशील समाचार-
5. बड़े अथवा व्यापी समाचार-
समाचार प्रस्तुत करने के आधार पर
स्माचार प्रस्तुत करने के आधार पर समाचार के दो प्रकार होते हैं-
- सीधे समाचार और
- व्याख्याक्तक समाचार
1. सीधे समाचार-
वे समाचार जिनमे तथ्यों की व्याख्या नहीं की जाती हो, उनके Means नहीं बताये जाते हों तथा तथ्यों को सरल, स्पष्ट और सही Reseller मे ज्यो का त्यो प्रस्तुत Reseller जाता हो, सीधे समाचार कहलाते हैं।
2. व्याख्यात्मक समाचार-
वे समाचार जिनमें घटना के साथ ही साथ पाठकों को घटना के परिवेश, घटना के कारण और उसके विशेष परिणाम की पूरी जानकारी दी जाती हो, व्याख्यात्मक समाचार कहलाते हैं।