विशिष्ट कर And यथामूल्य कर क्या है

विशिष्ट कर And यथामूल्य कर क्या है

By Bandey

अनुक्रम

परोक्ष अथवा अप्रत्यक्ष कर दो प्रकार के होते हैं-  (i) विशिष्ट कर (Specific Tax), (ii) यथामूल्य कर (Ad Valorem Tax)।

विशिष्ट कर वे होते हैं जो वस्तु की संख्या, आकार अथवा भार के आधार पर लगाए जाते हैं, जैसे, किसी वस्तु के भार पर 50 रुपए प्रति मीट्रिक टन के हिसाब से कर लगाया जाये।


यथामूल्य कर वे होते हैं जो वस्तुओं के मूल्य के According लगाए जाते हैं, जैसे, किसी वस्तु के मूल्य पर 10 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाए तो यह यथामूल्य कर होगा। विक्रय कर प्राय: इसी पद्धति से लगाया जाता है। उपर्युक्त दोनों कर प्रतियोगी न होकर Single-Second के पूरक हैं। जिन वस्तुओं की गणना करना कठिन होता है, उन पर यथामूल्य कर लगाया जाता है तथा जिन वस्तुओं का भार ज्ञात Reseller जा सकता है अथवा गणना की जा सकती है, उन पर विशिष्ट कर लगाया जाता है।

विशिष्ट कर के गुण

  1. इन करों को Singleत्रित करना सुविधाजनक होता है।
  2. इन करों का अपवंचन भी सरलता से नहीं Reseller जा सकता क्योंकि वस्तुओं की संख्या अथवा भार की जाँच की जा सकती है।

विशिष्ट कर के दोष

इन करों का सबसे बड़ा दोष यह है कि ये न्यायपूर्ण नहीं होते क्योंकि इनका भार भार निर्धन वर्ग पर अधिक पड़ता है। निर्धन वर्ग, धनी व्यक्तियों की तुलना में ऐसी वस्तुओं का उपभोग करते हैं जिनका भार अधिक होता है।

यथामूल्य कर के गुण

यथामूल्य कर, विशिष्ट करों की तुलना में पूर्ण होते हैं क्योंकि इनकों प्रगतिशील दरों से वसूल Reseller जा सकता है। प्राय: धनी लोग अधिक मूल्यवान वस्तुओं का प्रयोग करते हैं और यदि ऐसी वस्तुओं पर कर की दर ऊंची रखी जाये तो इन करों को प्रगतिशील बनाया जा सकता है।

यथामूल्य कर के दोष

  1. यथामूल्य कर Singleत्रित करने की दृष्टि से असुविधाजनक होते हैं, मूल्य का सही-सही पता लगाना पड़ता है।
  2. इन करों का अपवंचन Reseller जा सकता है क्योंकि करदाता झूठे बिल बनाकर करों से बचने का प्रयास करते हैं।

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