Human विकास की नीतियां And कार्यक्रम
Human विकास की अवधारणा Humanीय विकास से संबंधित है जिसका मुख्य उद्देश्य किसी भी राष्ट्र से जनसंख्या के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक तथा सांस्कृतिक पक्षों को प्रभावित करना है। चूँकि Humanीय विकास Single बृहद् अवधारणा है अत: इसके अंतर्गत समाज के विभिन्न वर्गों व उनसे संबंधित मुद्दों को ध्यान में रखते हुए नीतियों एवे कार्यक्रमों का निर्माण Reseller जाता है। Human विकास, व्यक्ति विशेष के विशेष विकास से संबंधित है।
बाल विकास
विभिन्न वर्गों के विकास से संबंधित नीतियाँ And कार्यक्रम है:-
संक्षिप्त परिचय –
- 2001 की जनगणना के According भारत में 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों की संख्या देश की कुल जनसंख्या का 15.42 प्रतिशत है।
- अंतर्राष्ट्रीय बाल वर्ष-1979 ऋ बाल श्रम को रोकने के लिए केन्द्र सरकार ने 10 अक्टूबर, 2006 से बच्चों से घर या व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में काम करवाने पर पाबंदी लगा दी है। यूनिसेफ प्रतिवेदन 2008, के According बाल मृत्यु के मामले में भारत का विश्व में First स्थान है।
विधान –
- बाल सेवायोजन अधिनियम-1938
- कारखाना अधिनियम-1948
- बागान श्रमिक अधिनियम-1951
- खान अधिनियम-1952
इन अधिनियमों में 14 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों के सेवायोजन को निषिद्ध Reseller गया है।
- बाल विवाह निषेध अधिनियम-1929 (शारदा Single्ट)
- युवा शक्ति हानिकारक प्रकाशन अधिनियम-1956
- केन्द्रीय बाल अधिनियम-1960
- अनाथालय And दातव्य गृह (अधीक्षण And नियंत्रण) अधिनियम-1960
- किशोर न्याय अधिनियम- 1986 (केन्द्रीय बाल अधिनियम का संशोधित Reseller)
- किशोर न्याय (बच्चों की Safty और देखभाल) अधिनियम-2000
- (किशोर न्याय अधिनियम का संशोधित Reseller)
- महिला And बाल संस्था (लाइसेंस) अधिनियम-1993
नीतियां –
- राष्ट्रीय बाल नीति-1974
- राष्ट्रीय बाल नीति-2001
संवैधानिक प्रावधान –
- अनुच्छेद 21 (क)- संविधान के 86वें संशोधन 2000 के माध्यम से बच्चों को शिक्षा का मौलिक अधिकार प्रदान Reseller जाता है।
- अनुच्छेद 24- 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी भी कारखाने, खान या अन्य खतरनाक रोजगार में लगाने पर प्रतिबंध।
- अनुच्छेद 39 (ड.)- सरकार द्वारा अपनी नीति का इस प्रकार संचालन करना कि सुनिश्चित Reseller से बालकों की सुकुमार अवस्था का दुResellerयोग न हो और आर्थिक Need से मजबूर होकर उन्हें ऐसे रोजगाार में न जाना पड़े जो उनकी आय व शक्ति के अनुकूल न हों।
- अनुच्छेद 39 (च)- सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करना कि बालकों को स्वतंत्र अवसर व सुविधाये उपलब्ध हो तथा बालकों की शोषण से रक्षा हो।
- अनुच्छेद 45- 14 वर्ष तक की आयु के All बच्चों को सरकार द्वारा नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था को सुनिश्चित करना।
- Indian Customer दंड संहिता-धारा 82- 7 वर्ष या इससे कम आयु के बच्चों को किसी भी अपराध में दंडित करना वर्जित है।
- दंड प्रक्रिया- धारा 125- संतान और साथ में बच्चे, चाहे वे वैध या अवैध संतान हों, भरण-पोषण के भत्ते के हकदार है।
कार्यक्रम –
- बाल सेविका प्रशिक्षण कार्यक्रम-1961-62 : स्कूल पूर्व बच्चों के लिए कल्याण कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने वाली संस्थाओं में प्रशिक्षित कर्मचारियों की Needओं की पूर्ति के लिए चलाया गया।
- बेसहारा बच्चों हेतु समन्वित कार्यक्रम-1992
- बाल पुरस्कार योजना-1957 : असाधारण सूझ-बूझ बाले उत्कृष्ट बच्चों को प्रोत्साहित करना। ऋ समेकित बाल विकास सेवा परियोजना 2 अक्टूबर, 1975
- खिलानै ा बंकै योजना- 14 नवम्बर, 1986
- केन्द्रीय शिशु गृह योजना- (स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा संचालित) ऋ बाल श्रम निवारण योजना- 15 अगस्त 1994
- भाग्यश्री बाल कल्याण योजना- 19 अक्टूबर, 1998 ऋ पल्स पोलियो योजना- 1995 : 0-5 वर्ष के All बच्चचों को पोलियों-निरोधाी दवा पिलाकर उन्हें पोलियो मुक्त करना।
- बच्चों के लिए राश्ट्रीय Single्षन योजना-2005 ऋ समन्वित बाल Safty योजना (I.C.P.S.) जनवरी 2008
- दिल्ली की दुलारी लाडली योजना- जनवरी 2008-09
- उदिशा योजना- 1997 ‘ विश्व बंकै से सहायता ‘ स्वास्थ्य, पोषण, बाल्यावस्था पूर्व शिक्षा और माता-पिता को प्रोत्साहन, देकर बच्चों का सवांर्ग ीण विकास करना।
महिला सशक्तीकरण
संक्षिप्त परिचय-
- संयुक्त राष्ट्र ने 1975 को अन्तर्राष्ट्रीय महिला वर्ष तथा 1975-85 को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दशक घोषित Reseller था
- अन्तर्राश्ट्रीय महिला दिवस- 8 मार्च 2001 की जनगणना के According महिलाओं की संख्या देश की कुल जनसंख्या का 48.2 प्रतिशत है।
- 2001 में महिला साक्षरता 54.16 प्रतिशत है।
नीतियाँ –
- महिला सशक्तीकरण नीति-2001
विधान –
- बाल विवाह प्रतिरोध अधिनियम (शारदा अधिनियम)-1929
- हिन्दू महिलाओं को सम्पत्ति पर अधिकार अधिनियम- 1937
- जन प्रतिनिधित्व अधिनियम- 1951
- विशेष विवाह अधिनियम- 1954
- हिन्दू विवाह अधिनियम- 1955
- हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम- 1956
- हिन्दू दत्तक पुत्र And अनुरक्षण अधिनियम- 1956
- विधवा पुनर्विवाह अधिनियम- 1856
- स्त्रियों तथा कन्याओं का अनैतिक व्यापार निरोधक अधिनियम- 1956
- मातृत्व लाभ अधिनियम-1961 (संशोधन- 1976)
- दहेज निरोधक अधिनियम- 1961 (संशोधन-1976)
- समान परिश्रमिक अधिनियम- 1976
- दहेज निरोधक (सुधार) अधिनियम- 1984
- महिलाओं को अशिष्ट Resellerण (प्रतिषेध) अधिनियम- 1986
- चिकित्सकीय गर्भ समापन अधिनियम- 1971
- अनैतिक व्यापार (निरोध) अधिनियम- 1986
- सती आयोग (प्रतिरोध) अधिनियम- 1987
- जन्म पूर्व लिंग निदान तकनीक (नियमन व दुResellerयोग- निषेध) अधिनियम- 1994
- Indian Customer तलाक (संशोधन) अधिनियम- 2001
- घरेलु हिंसा अधिनियम- 2005
- पैतृक सम्पत्ति में महिलाओं को समान अधिकार अधिनियम – 09 सितम्बर, 2005
कार्यक्रम –
- मातृ व बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम- 1946
- कामकाजी महिलाओं के लिए आवास गृह- 1972
- रोजगार और आय उत्पादन कार्यक्रम- 1982-83
- प्रशिक्षण And गारंटी मुद्रा रोजगार कार्यक्रम
राज्यों द्वारा किये गये प्रयास –
- कामधेनु योजना- महाराष्ट्र : अपंग, परित्यकता व आश्रयहीन महिलाओं को सवरोजगार उपलब्ध कराने के लिए सहायता
- किशोरी बालिका योजना- बिहार : 11-18 वर्ष की लड़कियों के स्वास्थ्य स्तर में सुधार लाना व उन्हें अनौपचारिक Reseller से शिक्षित करना।
- कन्या विवाह योजना- बिहार
- कन्या Safty योजना- बिहार
- स्वस्थ सुखी योजना- उ0प्र0 : 18-35 वर्ष की आयु की एस0सी0 महिलाओं को डपकूपमि के Reseller में प्रशिक्षण देना।
- सेनेटरी मार्ट योजना- उ0प्र0 : मैला ढोने की प्रथा पर रोक से बेरोजगार हुर्इ महिलाओं के पुर्नवास संबंधित
- अपनी बेटी अपना धन योजना-हरियाणा, 2 अक्टूबर, 1994 : अनुसूचित जाति And जनजाति परिवारों की नवाजत बालिकाओं के नाम से 2500 रू. सरकार द्वारा इंदिरा विकास पत्र के माध्यम से निवेश कर दिया जाता है। 18 वर्ष बाद यह राशि लगभग 25,000 रू. के Reseller में उस बालिका को देय होती है।
- देवी Resellerक योजनारियाणा, 25 सितम्बर, 2002 : जनसंख्या नियन्त्रण व लिंग अनुपात में आ रही गिरावट को रोकना।
- बालिका संरक्षण योजना- आंध्र प्रदेश : बालिकाओं को संरक्षण And समाज में सम्मान दिलाना।
- पंचधारा योजना- मध्य, प्रदेश, 1 नवम्बर, 1991 : ग्रामीण And आदिवासी महिलाओं के कल्याण And विकास हेतु इसमें 4 उपयोजनाएं शामिल हैं-
- वात्सल्य योजना
- ग्राम्य योजना
- आयुष्मती योजना
- सामाजिक Safty योजना
- कल्पवृक्ष योजना – ऊषा किरण योजना- मध्य प्रदेश जून, 2008 : घरेलू हिंसा पीड़ित महिलाओं को आर्थिक Safty प्रदान करना व स्वावलंबी बनाना।
- दुलारी लाडली योजना- नर्इ दिल्ली, 1 जनवरी, 2008 लंग अनुपात की गिरावट को रोकना
केन्द्र द्वारा किये गये प्रयास –
- ग्रामीण क्षेत्रों में महिला And बाल विकास कार्यक्रम (DWCRA) – 1982 : निर्धनता रेखा से नीचे ग्रामीण परिवारों की महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना।
- जवाहर रोजगार योजना- अप्रैल, 1989 : उत्पन्न होने वाले रोजार के अवसरों में से 30 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षित।
- महिला सामख्या योजना- 1989 : महिलाओं को शक्ति-पूर्व बनाना जिससे बिना किसी बाहरी सहायता के वे अपने सामूहिक कार्यक्रम चला सके।
- राष्ट्रीय महिला कोष की मुख्य ऋण योजना- 1993 : अनौपचारिक क्षेत्र में गरीब And सम्पत्ति हीन महिलाओं की छोटी-छोटी ऋण संबंधी Needओं की पूर्ति करना।
- महिला समृद्धि योजना- 2 अक्टूबर, 1993 : ग्रामीण महिलाओं में बचत की आदत को प्रोत्साहित करना तथा उन्हें सक्षम बनाना And पुरूषों तथा महिलाओं में असमानता को दूर करना।
- स्वयं सहायता योजना- 1993
- राष्ट्रीय मातृत्व लाभ योजना- 1994 : 19 वर्ष से अधिक आयु की निर्धनता रेखा से जीचे जीवन-यापन करने वाली गर्भवती महिलाओं को 300 रु. की वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- इंदिरा महिला योजना- 1995-96 : महिलाओं में अधिकारां े के प्रति जागृति लाना।
- ग्रामीण विकास योजना- 1996
- स्वरोजगारी बीमा योजना- 1997
- स्वस्थ सखी योजना- 1997
- महिला संघटक योजना- 9वीं पंचवश्र्ाीय योजना के दौरान चलायी गयी।
- महिला स्वयं सिद्ध योजना- 12 जुलार्इ, 2001 : (अ) हिला समृद्धि योजना (1993) व इंदिरा महिला योजना (1995) के स्थान पर संचालित। (ब) महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक सशक्तीकरण हेतु।
- महिला स्वाधार योजना- 12 जुलार्इ, 2001 : आर्थिक स्वालम्बन हेतु निराश्रित, परित्यकता, विधवा तथा प्रवासी महिलाओं को वरीयता।
- महिला उद्यमियों हेतु ऋण योजना- 15 अगस्त, 2001 : महिला उद्यमियों को कुल 17,000 करोड़ रू. का ऋण मुहैया कराया जाएगा।
- स्वशक्ति योजना : इस योजना को विश्व बंकै की सहायता से 7 राज्यों के 35 जिलों में स्वयं सेवी संगठनों के माध्यम से महिलाओं की स्वयं सहायता समूह निर्माण हेतु चलाया जा रहा है।
- राष्ट्रीय पोषाहार मिशन योजना- 15 अगस्त, 2001 : (अ) Indian Customer खाद्य निगम द्वारा संचालित। (ब) निर्धनता रेखा से नीचे परिवारों की किशोरियों, गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं का पोषण करने वाली महिलाओं को कम दर पर नियमित Reseller से खाद्यान्न उपलब्ध कराना। – जीवन भारती महिला Safty योजना- 8 मार्च, 2003
- जननी Safty योजना- 1 अप्रैल, 2005 (अ) राष्ट्रीय मातृत्व लाभ योजना (1994) के स्थान पर संचालित। (ब) गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य केन्द्रों में पंजीकरण के बाद से शिशु जन्म तथा आवश्यक चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराते हुए बच्चों के जन्म पर नकद सहायता प्रदान करना।
- वन्दे मातरम् योजना- 14 जनवरी, 2004 : गरीब And पिछड़े वर्ग की गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी सविधाएं उपलब्ध करना।
- मातृत्व Safty योजना- 24 जनवरी, 2007 (निर्धनता रेखा से नीचे परिवार की महिलाओं हेतु)
- उज्जवला योजना- 4 दिसम्बर, 2007
- महिलाओं की खरीद फरोख्त की रोकथाम।
- व्यवसायिक यौन शोषण की रोकथाम।
- समाज से पुन: जोड़ना।
- उनका पुर्नवास करना।
- विदेशी महिलाओं को स्वदेश भेजना।
- धन लक्ष्मी योजना- मार्च, 2008 : बालिका शिशु के जन्म से लेकर विवाह तक विभिन्न अवसरों पपर निश्चित राशि प्रदान की गयी।
- किशोरी शक्ति योजना : बालिकाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा व प्रशिक्षण की उचित व्यवस्था करना। इस योजना को दो भागों में बांट कर चलाया जा रहा हं-
- गर्ल टू गर्ल अपार्टमेन्ट योजना- 11-15 वर्ष की किशोरियों के लिए
- बालिका मंडल योजना- 15-18 वर्ष की किशोरियों के लिए।
संवैधानिक प्रावधान –
- अनुच्छेद 14 :- विधि के समक्ष समस्त नागरिक समान है।
- अनुच्छेद 15- धर्म, मूलवंश, जाति लिंग, उद्भव, जन्म स्थान, निवास आदि के आधार पर भेदभाव नहीं होगा।
- अनु. 15- समता का प्रावधान महिलाओं And बच्चों के लिए किये गये प्रावधानों में बाधक नहीं होगा।
- अनु. 39- पुरूष And महिलाओं के जीविकोपार्जन के लिए राज्य अपनी नीति का निर्माण करेगा तथा समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जायेगा।
- अनु. 41- महिलाओं सहित All नागरिकों को शिक्षा का अधिकार।
- अनु. 42- राज्य महिलाओं को मातृत्व लाभ उपलब्ध करायेगा।
- अनु. 243- महिलाओं के लिए पंचायतों And नगर पालिकाओं में स्थान आरक्षित करने की व्यवस्था।
- अनु. 232- प्रत्येक राज्रू की विधान सभाओं में महिलाओं के लिए स्थान आरक्षित रहेगा।
- अनु. 33- लोकसभा में महिलाओं के लिए स्थान आरक्षित।
युवा कल्याण
संक्षिप्त परिचय –
- अन्तर्राष्ट्रीय युवा दिवस- 12 जनवरी।
- अन्तर्राष्ट्रीय युवा सप्ताह- 12-18 जनवरी।
- अन्तर्राष्ट्रीय युवा वर्ष- 1985 – भारत में युवा कुल जनसंख्या का लगभग 40 प्रतिशत है।
- अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग-
- अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर युवा शिष्ट मंडलों का आदान-प्रदान।
- कॉमनवेल्थ युवा कार्यक्रम
- संयुक्त राष्ट्र स्वयं सेवक योजना- 1970
कार्यक्रम –
- अन्तर्राष्ट्रीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम
- स्वैच्छिक संस्थाओं की सहायता कार्यक्रम
- यूनिर्वसिटी टॉक एड्स (यू.टी.ए.)-2001 नाको के सहयोग से चलाया गया।
- राष्ट्रीय प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम- 1978 : निरक्षर युवकों के लिए 5 वषोंर् तक शिक्षा कार्यक्रम चलाया गया।
नीतियां –
- राष्ट्रीय सेवा योजना- 24 सितम्बर 1969 : उद्देश्य-समाज सेवा के माध्यम से छात्रों के वयक्तित्व का विकास करना।
- राष्ट्रीय सेवा स्वयं सेवी योजना- 1977-78
- राष्ट्रीय खेल नीति- 1984 इसके अन्तर्गत विभिन्न योजनाएं चलायी गयी :
- राज्य खेल, परिषदों आदि को खेलकूद विकास हेतु ‘अनुदान-योजना।’
- राष्ट्रीय खेल प्रतिभा खोज छात्रवृत्ति योजना।
- स्कूलों में पुरस्कार राशि द्वारा खेलकूद के वर्धन हेतु पेर्र णा योजना।
- युवाओं के लिए प्रदर्शनियों की योजना- 1986
- युवाओं के प्रशिक्षण के लिए योजना- 1987-88
- जनजातीय युवाओं के लिए विशेष योजना- 1990-91
- राष्ट्रीय युवा नीति-1991 – राश्ट्रीय युवा नीति-2003
- उत्कृष्ट युवा क्लबों के लिए पुरस्कार योजना- 1992-93
- राष्ट्रीय Singleता वर्धन योजना।
- युवा छात्रावास योजना।
- साहस वर्धन योजना।
- नेहरू युवा केन्द्र योजना।
- युवा मंडलों की सहायता योजना।
- राष्ट्रीय सहायता योजना।
- राष्ट्रीय शारीरिक अयोग्यता योजना।
वृद्ध कल्याण
संक्षिप्त परिचय –
- विश्व वृद्ध दिवस- 1 अक्टूबर
- अन्तर्राष्ट्रीय वृद्ध वर्ष- 1999 – UN ने 1982 में वियना में ‘विश्व वृद्ध सभा’ का आयोजन Reseller था।
- United National Global Action on Agina- 2007 भारत तथा चीन में वृद्धों की संख्या 4.4 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है जबकि विश्व औसत 2.6 प्रतिशत का है।
- वृद्धाश्रम- संध्या आनंद निकेतन, वृद्ध आश्रम, हेल्पेज इंडिया, ।
- भारत में First उ0प्र0 में 1957 में ‘वृद्धावस्था पेन्शन योजना’ चलायी गयी। – वर्तमान में देश में वृद्धजनों की संख्या 7.6 करोड़ के करीब है। – वृद्धों के लिए समेकित कार्यक्रम-2007
विधान –
- हिन्दू अंगीकरण And भरण पोषण अधिनियम- 1996
नीतियाँ –
- किसान पेंशन योजना- 12 अक्टूबर 1994 : 60 वर्ष से अधिक आयु के किसानों को 125 रू. प्रतिमाह की दर से पेंशन दिये जाने की व्यवस्था।
- वृद्धावस्था पेंशन योजना- 15 अगस्त 1995
- वृद्धजनों के लिए राष्ट्रीय नीति- 1999
- अन्नपूर्णा योजना- 2000 (वृद्धों को नियमित Reseller से मुफ्त आवास)
- वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना- जुलार्इ, 2003
- दादा-दादी बॉण्ड योजना- 2004 : 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले All वरिष्ठ नागरिकों को Single ऊँची ब्याज दर देने वाली बॉण्ड स्कीम की व्यवस्था।
- वरिष्ठ नागरिक बचत योजना- 2004-05 वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना के स्थान पर संचालित।
- राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना या इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना- 9 नवम्बर, 2007 इसमें अन्नपूर्णा योजना का विलय हो गया।
- देखभाल करने वाले बच्चों तथा संबंधियों के लिए योजना।
- Help Age India ने स्वयं द्वारा संचालित ‘Single पितामह’ को अंगीकृत करो योजना के अन्तर्गत निर्धनता रेखा से नीचे वृद्धों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था की है।
संवैधानिक प्रावधान –
- अनुच्छेद 41- देश के विभिन्न राज्य सरकारों तथा संघीय क्षेत्रों ने वृद्ध व्यक्तियों को सहायता प्रदान करने की दृष्टि से अपने-अपने राज्यों में वृद्धावस्था पेंशन योजनायें प्रारम्भ की है व उनका संचालन हो रहा है।
- अनुच्छेद 309- पेंशन भोगी वृद्धों के कल्याण से संबंधित प्रावधान। Criminal Procedure Code का अनु0 125 (1) (ध) तथा Hindu Adaption & Maintance Act- 1956 के अनुच्छेद 20 (3) में वृद्ध अभिभावकों के भरण-पोषण के संबंध में प्रावधान किये गये हैं।
शिक्षा
संक्षिप्त परिचय –
- माता-पिता And वरिष्ठ नागरिक देखभाल अधिनियम- 6 दिसम्बर, 2007 – 2001 की जनगणना के According भारत की साक्षरता 65.38 : है जबकि 1951 में यह 18.3 : के लगभग थी।
- U.G.C. की स्थापना वर्ष- 1956
- विश्व-विद्यालय शिक्षा आयोग- 1948-49
- माध्यमिक शिक्षा आयोग- 1952-53 – शिक्षा आयोग (कोठारी आयोग) 1964-66। इसी आयोग की संस्तुतियों के फलस्वReseller पहली राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1968 बनी।
- नर्इ शिक्षा नीति- 1986
- नर्इ शिक्षा नीति के कार्यक्रम:- नवोदित विद्यालयों की स्थापना, ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड का आरंभ, माध्यमिक स्तर पर बालिकाओं के लिए नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था, दूरस्थ/पत्राचार शिक्षा पद्धति का प्रोत्साहन, राष्ट्रीय साक्षरता मिशन का प्रारंभ, अध्यापन दिशा-निर्देश कार्यक्रम आदि।
- संशोधित शिक्षा नीति- 1992
कार्यक्रम –
- राष्ट्रीय प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम- 2 अक्टूबर, 1978
- ग्रामीण प्रकार्यात्मक साक्षरता कार्यक्रम- मर्इ 1986
- राजीव गांधी प्राथमिक शिक्षा मिशन। यह मिशन जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत चलाया गया।
- महिला सामख्या कार्यक्रम- 1989। सामाजिक व आर्थिक दृष्टि से पिछड़ी महिलाओं को शिक्षित करना व अधिकार सम्पन्न बनाना।
- जनशाला कार्यक्रम। यह समाज पर आधारित प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम है, इसे भारत सरकार और 5 संयुक्त राष्ट्र एजेन्सियों UNDP, UNICEF, UNESCO, ILO & UNFPA द्वारा मिलकर चलाया जा रहा है।
- मध्यान्º भोजन कार्यक्रम- 2007-08 – अमत्र्य शिक्षा योजना।
- राष्ट्रीय विदेश छात्रवृत्ति योजना।
- बिल योजना। ग्रामीण बालिकाओं को साक्षर बनाने के साथ उनके स्वस्थ्य, परिवार कल्याण आदि पर ध्यान दिया जाता है।
संवैधानिक प्रावधान –
- अुनच्छेद 21(क)- संविधान के 86वें संशोधन 2000 के माध्यम से बच्चों को शिक्षा का मौलिक अधिकार प्रदान Reseller गया है।
- अनु. 28- सार्वजनिक शिक्षण संस्थानों में धार्मिक शिक्षा पर प्रतिबंध।
- अनं. 45- 14 वर्ष तक की आयु के All बच्चों को सरकार द्वारा नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था को सुनिश्चित करना।
- अनु. 16- समाज के कमजोर वगोंर् हेतु सरकार द्वारा शिक्षा की विशेश व्यवस्था करने का प्रावधान।
- अनु. 351- राष्ट्र भाषा हिन्दी के विकास पर बल देना।
स्वास्थ्य
संक्षिप्त परिचय –
- छठीं पंचवष्र्ाीय योजना में P.H.C. तथा C.H.C. की अवधारणा का उदय हुआ।
- 1 P.H.C.- 20,000 से 30,000 जनसंख्या पर
- 1 C.H.C.- 4 P.H.C.पर।
- 7वीं पंचावष्र्ाीय योजना में ग्रामीण स्वास्थ्य के लिए विस्तृत अवधारणा अपनायी गयी।
विधान
- Indian Customer मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम- 1987
- Indian Leprosy Act- 1898 1898
- India Lunacy Act- 1912
कार्यक्रम :-
- राष्ट्रीय कंसैर नियंत्रण कार्यक्रम- 1975 संशोधन- 1984
- राष्ट्रीय संक्रामक रोग नियंत्रण कार्यक्रम- मलेरिया डेंगू, फाइलेरिया, दिमागी बुखार, क्षय रोग, कुष्ठ रोग आदि बीमारियों को रोकना तथा नियंत्रित करना।
- राष्ट्रीश्य मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम- 1982
- गिनी कृषि उन्मूलन कार्यक्रम- 1983- 84 : Feb. 2000 में WHO ने भारत को गिनी (नेहरूवा) कृषि से मुक्त देश घोषित कर दिया।
- सार्वजनिक टीकाकरण कार्यक्रम- 1985 : उद्देश्य- टीकों से रोकी जा सकने वाली छ: बीमारियों – छय, डिप्थीरिया, टिटनेस, पोलियो, खसरा और परट्यूरिस निरोधक टीकों से शिशुओं तथा मां की रक्षा करना।
- राष्ट्रीय आयोडीन न्यूनता विकृति नियंत्रणकार्यक्रम-
- पल्स पोलिया कार्यक्रम – 1995
- तपेदिक नियंत्रण कार्यक्रम- 1197
- प्रजनन तथा बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम- 1997
- राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम दूसरा चरण – 1999 – पांचवी पंचवष्र्ाीय योजना में दो पुष्टाहार कार्यक्रम चले-
- अनुपूरक पुष्टाहार कार्यक्रम
- विशिष्ट पुष्टाहार कार्यक्रम
नीतियाँ –
- राष्ट्रीय जल-प्रदाय And स्वच्छता योजना- 1954
- Singleीकृत बाल विकास सेवा योजना- 1975- 76
- राष्ट्रीय पोषण नीति- 1993
- Medi Claim Insuarance Policy- 1 November 1999
- राष्ट्रीय पोषण मिशन- 15 अगस्त, 2001
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति- 2002
- सार्वभौमिक स्वास्थ्य बीमा योजना- 14 जुलार्इ, 2003
- प्रधानमंत्री स्वास्थ्य Safty योजना- 15 अगस्त, 2003 मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, उड़ीसा राजस्थान व उत्तरांचल में AIIMS खोले जायेंगे।
- राष्ट्रीय ग्रामीण सवास्थ्य मिशन (NRHM) – 12 अप्रैल, 2005
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना- 1 अक्टूबर, 2007 (घाोषित) 2008 लागू वयय का 75: केन्द्र व 25: राज्य सरकार द्वारा वहन Reseller जायेगा।
आवास
संक्षिप्त परिचय –
- निम्न आयु समूह आवास योजना- 1954
- मलिन बस्तियों की सफार्इ And सुधार योजना- 1956
- बागान श्रमिकों के लिए छूट युक्त आवास योजना- 1956
- मध्यम आयु समूह आवास योजना- 1956
- ग्राम आवास परियोजना योजना- 1957
- राज्य सरकार कर्मचारियों हेतु किराया आवास योजना- 1959
- भूमिहीन श्रमिकों के लिए ग्रामीण आवास स्थल And झोपड़ी निर्माण योजना- 1971
- इंदिरा आवास योजना- 1985
- 20 लाख आवास कार्यक्रम योजना- 1988-89
- नर्इ आवास नीति- 1989
- National Housing Bank Voluntry Deposite Scheme- 1991
- ग्रामीण विकास केन्द्र योजना- 1995
- झुग्गी बस्तियों के विकास का राष्ट्रीय कार्यक्रम – अगस्त, 1996
- स्वर्ण जयन्ती ग्रामीण आवास वित्त योजना- 1997
- राष्ट्रीय आवास नीति- 1998 उद्देश्य- All के लिए आवास
- राष्ट्रीय आवास And अभ्यारण नीति- 1998
- ग्रामीण आवास और पर्यावरण विकास की अभिनव कार्यक्रम- 1 अप्रैल 1999
- ग्रामीण आवास हेतु ऋण And सब्सिडी योजना- 1999
- प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना- 1999। स्थायी निवास विकसित व निर्माण करने के लिए।
- समग्र आवास योजना- 1999-2000
- बाल्मीकि अम्बेडकर आवास योजना- 2001
- शहरी आवास नीति- 2004
- भारत निर्माण (आवास) योजना- 2005
- राष्ट्रीय शहरी आवास नीति- 7 दिसम्बर, 2007
सामाजिक Safty
विधान –
- सती निवारण अधिनियम- 1829
- बंदी अधिनियम- 1900
- कर्मकार क्षतिपूर्ति अधिनियम- 1923
- औद्योगिक विवाद अधिनियम- 1947
- कारखाना अधिनियम- 1948
- न्यूनतम मजदूरी अधिनियम- 1948
- बागान श्रमिक अधिनियम- 1951
- खान अधिनियम- 1952
- अस्पृश्यता निवारण अधिनियम- 1955
- अनैतिक व्यपार (निरोध) अधिनियम- 1956
- मातृत्व लाभ अधिनियम- 1961
- दहेज निषेध अधिनियम- 1961
- बाल श्रम (निषेध And नियमन) अधिनियम- 1986
- अनु. जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम- 1989
- राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम- 1992
- राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम- 1993
- Humanाधिकार संरक्षण अधिनियम- 1993
- हित याचिका अधिनियम- 1997
- कुष्ठ लोगों के संरक्षण के लिए कानून- 1998
नीतिया –
- सामाजिक Safty बीमा योजना- 1989
- ग्रामीण समूह बीमा योजना- 15 अगस्त, 1995
- राज- राजेश्वरी महिला कल्याण योजना- 1998
- राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना- 2000 : प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल Destroy होने पर कृषकों की हानि की भरपार्इ करना।
- कृषि श्रमिक सामाजिक Safty योजना- 2001
- आश्रय बीमा योजना- 2001
- व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना- 2001
- शिक्षा सहयोग बीमा योजना- 2001
- सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमा योजना- 2004
- हस्तशिल्पी क्रेडिट कार्ड योजना- 19 दिसम्बर, 2004
- राजीव गांधी श्रमिक कल्याण योजना- 1 अप्रैल, 2005
- पशुधन बीमा योजना- 2006
- आम-आदमी बीमा योजना- 2 अक्टूबर, 2007
- जनश्री बीमा योजना- 2008
- राष्ट्रीय न्यूनतम सामाजिक Safty योजना : असंगठित क्षेत्रों के उद्यमों पर अर्जुन सेनगुप्ता कमेटी की सिफारिशों पर योजना बनी।
अनुसूचित जाति व जनजाति
संक्षिप्त परिचय –
- भारत सरकार कानून 1935 में First अनु. जाति’ Word का प्रयोग हुआ।
- 2001 की जनगणना के According अनुसूचित जाति के लोगों की कुल जनसंख्या 16.66 करोड़ है जो भारत की कुल जनसंख्या का 16.48 प्रतिशत है।
- 2001 की जनगणना के According अनु. जनजातियों के लोगों की संख्या 8.43 करोड़ है जो भारत की कुल जनसंख्या का 8.2 प्रतिशत है।
- जनजातीय कार्य मंत्रालय- अक्टूबर, 1999 – Indian Customer जनजातीय सरकारी विपणन विकास परिसंघ लिमिटेड की स्थापना।
विधान –
- अस्पृश्यता अपराध अधिनियम- 1955, संशोधन- 19 नवम्बर, 1976
- अनुसूचित जाति And अनुसूचित जनजाति (अत्याचार- निवारण) अधिनियम- 1989
- The Panchayat (Extension to the Schedule Areas)
- Humanाधिकार रक्षा (संशोधन) विधेयक- 24 अगस्त, 2006 : अनु. जाति And जनजाति आयोगों के अध्यक्षों को राष्ट्रीय Humanाधिकार आयोग के पदेन सदस्य बनाने का प्रावधान।
नीतियाँ –
अनुसूचित जाति व जनजाति दोनों के लिए नीतियाँ –
- अनुसूचित जातियों And जनजातियों के विद्यार्थियों के लिए मैट्रिक उपरान्त छात्रवृत्ति योजना।
- अस्वच्छ व्यवसायों में कार्यरत व्यक्तियों के बच्चों को मैट्रिक पूर्व छात्रवृत्ति प्रदान करने की योजना।
- चिकित्सकीय And इन्जीनियरिंग महाविद्यालयों में अनुसूचित जातियों And जनजातियों के विद्यार्थियों के लिए पुस्तक बैंक योजना।
- अनु. जातियों And जनजातियों के लिए विशेष शिक्षा And संबद्ध परियोजना।
अनुसूचित जाति के लिए –
- अनुसूचित जातियों के लिए कन्या छात्रावास योजना।
- अनुसूचित जातियों के लिए विशेष संघटक योजना- 1979
- अनुसूचित जातियों के लिए स्वयंसेवी संगठनों को सहायता योजना।
- अनुसूचित जातियों के लिए विदेशी छात्रवृत्तियों की परियोजना।
- सफार्इ कर्मचारियों और उनके आश्रितों की मुक्ति And पुनर्वास की राष्ट्रीय योजना- मार्च 1992
- अनुसूचित जाति के छात्रों की योग्यता के उन्नयन की केन्द्र द्वारा प्रायोजित योजना।
- अनुसूचित जातियों के लिए कोचिंग And सम्बद्ध योजना।
- अनु. जातियों के बालकों के लिए छात्रावासों की योजना।
- राजीव गांधी राष्ट्रीय फैलोशिप योजना- 2005
- मैला ढ़ोने वालों की पुर्नवास योजना- मार्च, 2007
अनुसूचित जनजाति के लिए :-
- जनजातीय उपयोजना।
- केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों द्वारा जनजातीय उपयोजना का निर्माण।
- जनजातीय उपयोजना क्षेत्रों में आश्रय विद्यालय योजना।
- व्यवसायिक प्रशिक्षण योजना।
- कम साक्षरता वाले स्थानों में जनजातीय लड़कियों में शैक्षिक परिसर योजना।
- जनजातियों के लिए शोध And प्रशिक्षण योजना- तीन मदों के लिए सहायता दी जाती है:-
- आदिवासी शोध संस्थानों को अनुदान।
- डॉक्टोरल And पोस्ट डॉक्टोरल फैलोशिप पुरस्कार।
- अखिल Indian Customer अथवा अन्तर्राज्यीय प्रकृति की शोध And मूल्यांकन परियोजनाओं को सहायता।
- ग्रामीण अनाज बंकै योजना- 1996-97 : उद्देश्य- दूर-दराज आरै पिछड़े जनजातीय इलाकों में पोषण के स्तर को गिरने से बचाना।
संवैधानिक प्रावधान –
- अनुच्छेद 15(2)- सार्वजनिक स्थलों (दुकानों, सार्वजनिक भोजस्थलों) में प्रवेश अथवा पूर्ण या आंशिक Reseller से राज्यनिधि से पोषित स्थानों का उपयोग।
- अनु. 16 – सरकारी सेवाओं में प्रोन्नति में भी आरक्षण की व्यवस्था।
- अनु. 17- अस्पृश्यता का उन्मूलन तथा उसके किसी भी Reseller में प्रचलन का निषेध।
- अनु. 19- अस्पृश्यतों की व्यावसायिक निर्योग्यता समाप्त। कोर्इ भी व्यवसाय अपनाने की स्वतंत्रता।
- अनु. 25 (ख)- सार्वजनिक हिन्दू संस्थाओं को समस्त वर्गों के लिए खोलने की व्यवस्था।
- अनु. 29 (2)- राज्य द्वारा पोषित अथवा सहायता प्राप्त किसी शिक्षा संस्था में प्रवेश तथा किसी भी तरह के प्रतिबंध को निषिद्ध Reseller गया है।
- अनु. 46- इन जातियों के शैक्षणिक And आर्थिक हितों की रक्षा और इनके All प्रकार के शोषण तथा सामाजिक अन्याय से बचाव की व्यवस्था।
- अनु. 243- अनु. जाति व जनजातियों के लिए प्रत्येक पंचायत में उनकी जनसंख्या के अनुपात में स्थान आरक्षण की व्यवस्था।
- अनु. 244, 5वीं व छवीं अनुसूची- अनु. जाति व जनजाति के प्रशासन And नियंत्रण के लिए विशेष उपबंध।
- अनु. 330, 332, 334- इन जातियों की लोकसभा तथा राज्य विधान सभाओं में विशेष प्रतिनिधित्व प्रदान करना।
- अनु. 16 तथा 335- सरकारी सेवाओं में Appointment के विषय में इन जातियों के दावों को ध्यान में रखना।
- अनु. 164, 338 तथा 5वीं अनुसूची- अनु. जाति व जनजातियों कके कल्याण तथा हितों के संरक्षण हेतु राज्यों में जनजातीय सलाहकार परिषदों तथा पृथक विभागों And केन्द्र में Single विशेष अधिकारी की Appointment की व्यवस्था।
अन्य पिछड़ा वर्ग
संक्षिप्त परिचय
- Indian Customer संविधान में पिछड़े वर्ग के लिए सामाजिक व शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़ेपन को आधार माना गया है।
- 9वीं पंचवष्र्ाीय योजना में पिछड़ा वर्ग से संबंधित प्रावधान किये गये।
- पिछड़े वर्ग Word का First प्रयोग 1917-18 में और उसके बाद 1930-31 में Reseller गया।
- राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त And विकास निगम- जनवरी, 1992 – काका कालेकर आयोग- 1953 – मुंगेरीलाल आयोग- बिहार सरकार।
- मंडल आयोग- जनवरी, 1993 – राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग- 1993
- राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम- 1993 – वर्ष 2008-09 से शिक्षण संस्थानों में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण।
- परीक्षा पूर्व कोचिंग योजना। यह योजना उन अन्य पिछड़ा वर्ग उम्मीदवारों को लाभ पहुँचाती है जिनके परिवारों की आमदनी 24,000 प्रतिवर्ष से अधिक न हों।
संवैधानिक प्रावधान –
- अनु. 15 (4)- राज्यों को सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों के लिए विशेष प्रावधान किए जाने की शक्ति प्रदान की गयी है।
- अनु. 16 (4)- राज्यों को पिछड़े वर्गों के लिए सरकारी नौकरियों में स्थान आरक्षित करने की शक्ति प्राप्त है।
- अनु. 340 (1)- राष्ट्रपति सामाजिक व शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों की दशाओं व कठिनाइयों को ज्ञात करने के लिए Single आयोग की Appointment करेगा।
अल्पसंख्यक
संक्षिप्त परिचय
- राज्य में जिस समूह की संख्या 50 प्रतिशत से कम हो वह अल्पसंख्यक समूह होगा।
- 2001 की जनगणना के According देश की कुल जनसंख्या का 18.42 प्रतिशत अल्पसंख्यकों का है।
- अल्पसंख्यक
- मुस्लिम
- सिख
- र्इसार्इ
- बौद्ध-
- राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग- जनवरी, 1978 नया आयोग- मर्इ, 1993 आयोग का पुनर्गठन- जनवरी, 2000
- राष्ट्रीय धार्मिक और भाषायी अल्पसंख्यक आयोग- 21 मार्च, 2005 : इसका गठन पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंगनाथ मिश्र ने Reseller। मुख्यालय- इलाहाबाद।
- अल्पसंख्यक मामला मंत्रालय- 2006 – राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम- 1992
- वक्फ अधिनियम- 1995