भौगोलिक क्षेत्र में Single वर्ष में घटित प्रमुख घटनाओं का description वार्षिकियों And पंचाग से मिल जाता है ।।
भौगोलिक पदों की परिभाषा को जानने के लिये Wordकोश का प्रयोग Reseller जाता है । बड़े-बड़े स्थानों, नगर भौगोलिक तथ्यों का भी अभिज्ञान (ldentification) Wordकोशों से Reseller जाता है । सांख्यिकीय स्रोतों का प्रयोग भौगोलिक तथ्यों And आकड़ों की जानकारी हेतु Reseller जाता है । इसमें उद्धृत संदर्भ के आकड़े जैसे जनसंख्या, उत्पादन, वर्षा, खनिज, सम्पदा आदि की जानकारी तुरन्त प्राप्त हो जाती है ।
| जीवन चरित्र स्रोतों से भौगोलिक क्षेत्र के विशेषज्ञों तथा मानचित्रकारों के जीवन चरित्र की जानकारी प्राप्त होती है।
भौगोलिक क्षेत्र में Single वर्ष में घटित प्रमुख घटनाओं का description वार्षिकियों And पंचाग से मिल जाता है ।।
2.2 भौगोलिक संदर्भ स्रोत :- यद्यपि उपरोक्त described सूचना संदर्भ स्रोतों में से भौगोलिक जानकारी प्राप्त हो जाती है, परन्तु विशिष्ट भौगोलिक सूचना प्राप्त करने के लिये भौगोलिक स्रोत, Single सही, विश्वसनीय And उत्तम स्रोत होते है । भौगोलिक संदर्भ स्रोतों का निर्माण And इनमें सूचना का प्रस्तुतीकरण Single विशिष्ट उद्देश्य की पूर्ति हेतु Reseller जाता है, तथा ये पुस्तकालय में कई प्रकार के भौगोलिक प्रश्नों को उत्तर देने के लिये अनिवार्य Reseller से प्रयोग में लिए जाते है । मूलत: भौगोलिक सूचना की दृष्टि से इन स्रोतों को निम्नलिखित श्रेणियों में विभक्त कर सकते हैं: – | 1. मानचित्रावलियाँ And ग्लोब (Atlases and Globes) 73
2. मार्ग दर्शिकाएँ (Guide Books) 3. गजेटियर्स (Gazatteers)
ये भौगोलिक संदर्भ स्रोत निम्नलिखित जानकारियों को प्रान्त करने का Single सशक्त माध्यम हैं : 1. प्राकृतिक तथ्यों से सम्बन्धित सब प्रकार के प्रश्नों के उत्तर इन्हें देख कर किये जा
सकते हैं, उदाहरणार्थ सबसे ऊंची पर्वत चोटी का नाम, भारत का सबसे अधिक आबादी
वाला शहर, आदि । 2. स्थानों के नामों का उच्चारण भी इन्हें देखकर Reseller जा सकता है । 3. उन स्थानों के पूर्व के नाम जो परिवर्तित हो चुके हैं, को भी इस स्रोत में उपलब्ध सूचना
से जाना जा सकता है, जैसे चेन्नई का नाम First मद्रास था । 4. शहरों की जनसंख्या पता करने के लिये ।। 5. मुख्य-मुख्य ऐतिहासिक And दर्शनीय स्थानों की जानकारी प्राप्त करने के लिये ।।
आगामी पृष्ठों में तीनों भौगोलिक श्रेणियों का विस्तृत description प्रस्तुत Reseller गया है । 2.2.1. मानचित्र, मानचित्रावलियाँ And ग्लोब (Maps, Atlases and Globes) |
1. परिभाषा And विषय क्षेत्र
Earth की निश्चित सीमाओं को समतल सतह पर प्रस्तुत की गई कृति को मानचित्र कहते हैं । चन्द्रमा तथा अन्य ग्रहों का चित्रण भी मानचित्रों में सम्मिलित Reseller जा सकता है । लाइब्रेरी आफ कांग्रेस (Library of Congress) ने मानचित्र की परिभाषा व्यापक Reseller से दी है, जिसके According पुस्तकालय के संकलन में सम्मिलित की जाने वाली मानचित्रावली की सामग्रियों All स्वResellerों जिसमें समतल मानचित्रों (flats maps) तथा चार्ट आदि आते है | ए. एल. ए. ग्लोसरी (A.L.A.Glossary) According किसी समतल धरातल पर चित्रित किये गए Earth अथवा ग्रहों के सम्पूर्ण अथवा आशिक धरातल के चित्रण को मानचित्र कहते है, जिसकी आकृति ने प्रत्येक बिन्दु का लक्ष्य किसी भौगोलिक अथवा ग्रहों को स्थिति के अनुReseller Resellerरेखा प्रस्तुत करना होता है । इस प्रकार Earth अथवा चन्द्रमा अथवा अन्य ग्रहों के किसी Single भाग अथवा उनकी सम्पूर्ण बाह्य सीमाओं के चित्रण को मानचित्र की संज्ञा दी जाती है | मानचित्रों के संग्रह को मानचित्रावली कहते है ।
आकार में यह आकर्षक तथा सुविधाजनक होती है । विवेचना की दृष्टि से यह किसी Single देश, उसके विविध भाग और सम्बद्ध भौगोलिक विषयों का चित्रण विस्तार के साथ अथवा मुख्य-मुख्य विषयों का चित्रण अलग-अलग मानचित्रों के Reseller में या केवल Single विषय को विस्तार के साथ चित्रित करती है । ग्लोब Earth को उसके वास्तविक स्वReseller गोलाकार Reseller में प्रदर्शित करती है | यदि Earth को वास्तविक Reseller में समझना है तो अवश्य ही ग्लोब Single उपयोगी भौगोलिक स्रोत है । इससे पाठक को Earth की सही आकृति And सम्पूर्ण जानकारी Single नजर में ही पता चल जाती है । मानचित्र कई प्रकार के होते है जैसे प्राकृतिक, राजनैतिक, ऐतिहासिक या अनेक प्रकार के प्रकरणों के ।
डब्ल्यू. ए. कैट्स ने इन्हें दो श्रेणियों में विभाजित Reseller है:
1. सामान्य मानचित्र : इसके अन्तर्गत राजनैतिक अथवा प्राकृतिक या दोनों विषयों से
सम्बद्ध मानचित्र आते हैं ।
2. तत्तद विषयक मानचित्र : ये मानचित्र विभिन्न विषयक And विभिन्न उद्देश्य के लिये
बनाये जाते है, जैसे मौसम, जलवायु, वर्षा, जनसंख्या, वातावरण, ग्रह नक्षत्र से सम्बद्ध मानचित्र आदि ।
मानचित्र को देखकर Single स्थान से Second स्थान की दूरी, मुख्य-मुख्य हवाई अड्डे, रेल पथ, Earth की काल्पनिक रेखाएं (अक्षांश And देशान्तर), पर्वत, नगर And अन्य प्राकृतिक स्थानों की जानकारी कम समय में खोजी जा सकती है । इस कारण पुस्तकालय अधिकतर इन स्रोतों का चयन And संग्रह करते हैं । इनको क्रय करने से First यह पता लगा लेना आवश्यक है कि इनमें प्रेषित सूचना सही And नवीन हो । 2. उपयोगिता
मानचित्र And एटलस सामान्य And विशिष्ट पाठक दोनों के द्वारा समान Reseller से ज्ञानवर्धन के लिये काम में लाये जाते है | नीचे विभिन्न प्रकार के मानचित्रों And उनकी उपयोगिता का संक्षिप्त description दिया गया है:
| 1. प्राकृतिक मानचित्र (Physical map) : को किसी प्रकार शहर, ग्राम, क्षेत्र, पहाड़, नदी, समुद्र, खाड़ी, जंगल या ऐसी ही अन्य भौगोलिक तथ्यों के पहचान के लिये उपयोग Reseller जाता है।
2. स्थलकृतिक मानचित्र (Topographical map) :
वे मानचित्र होते हैं जो भूतत्वीय, मिट्टी, जंगल, आदि सूचना का वर्णन देते है जो ऐतिहासिक, राजनीतिक या आर्थिक विकास का अध्ययन करने में सहायक होते हैं । ये मानचित्र भूमि का उपयोग, भूमि का स्वामित्व, संचार के माध्यम आदि को दर्शाते हैं । | 3. मार्ग का मानचित्र (Route map) : सड़क And रेल मार्ग, पुल आदि को दर्शाते हैं ।
4. राजनीतिक मानचित्र (Political map) के द्वारा राष्ट्रों And राज्यों And प्रान्तों की राजनीतिक सीमाओं का पता चलता है ।