Indian Customer विज्ञापन परिषद की आचार संहिता
1. Indian Customer विज्ञापन परिषद की आचार-संहिता –
Indian Customer विज्ञापन परिषद (एडवरटाइजिंग काउंसिल ऑफ इंडिया) द्वारा निर्धारित आचार-संहिता में विस्तृत नियमावली इस प्रकार है-
- विज्ञापन के अंतर्गत उसका डिजायन और योजना इस प्रकार बनार्इ जाए कि वह देश के कानूनी प्रावधानों के अनुकूल हो तथा साथ-ही-साथ वह नैतिक, धर्मिक और सौंदर्यपरक संवेदनाओं के भी अनुReseller हो।
- विज्ञापन से किसी की धर्मिक, सामाजिक तथा नैतिक भावनाओं का चोट नहीं पहंचु नी चाहिए।
- ऐसे विज्ञापन को प्रकाशन अथवा प्रसारण की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, जिसमें किसी के प्रति अवमानना या अनादर का भाव प्रकट होता हो।
- विज्ञापन द्वारा किसी अंधविश्वास या आम जनता की निर्दोषता का गलत फायदा नहीं उठाया जाना चाहिए।
- तिलिस्म, जादू-टोने या किसी फोटो के आधार पर निजी गुण बताने आदि जैसे अन्य कोर्इ तथ्य या विज्ञापन, जिससे जनता में अंधविश्वास को बढ़ावा मिले, भ्रम की स्थिति पैदा हो, प्रस्तुत नहीं किए जाने चाहिए।
- विज्ञापन सत्य पर आधारित होना चाहिए तथा इसमें तथ्यों को तोड़-मरोड़कर गलत ढंग से प्रस्तुत नहीं Reseller जाना चाहिए। जान-बूझकर अथवा अनजाने में भी (परोक्ष या अपरोक्ष) जनता को गलत व असत्य वक्तव्यों के द्वारा छला नहीं जाना चाहिए। इस आचार संहिता में यह भी बताया गया है कि किन-किन संदर्भों अथवा स्थितियों में झूठे और भ्रामक तथ्यों का कतर्इ प्रयोग नहीं Reseller जाना चाहिए।
- खरीदी जानेवाली वस्तु या उत्पाद की विशेषता, जैसे उसकी उपयोगिता आदि के संदर्भ में।
- उत्पाद या वस्तु की कीमत तथा खरीद की शर्तों के बारे में।
- उत्पाद या वस्तु का description उपलब्ध कराए जाने संबंधी सुविधाओं अथवा बदलने, ठीक करने, वापस करने And रख-रखाव संबंधी सुविधओं के description के संदर्भ में।
- ऐसे प्रमाण-पत्र जो मनगढंत, नकली या जालसाजी और धेखाधड़ी वाले हों या फिर विज्ञापनों की सत्यता प्रस्तुत न हो, उसे विज्ञापन में अथवा विज्ञापन द्वारा प्रस्तुत नहीं Reseller जाना चाहिए।
- दूसरी कंपनी की प्रतिस्पर्ध्ी उत्पाद की योग्यता, विशिष्टता, कीमत अथवा विश्वसनीयता के संदर्भ में झूठे, धोखेबाजी से भरे हुए तथा भ्रामक तथ्य विज्ञापन में प्रस्तुत नहीं किए जाने चाहिए। प्रतियोगी कंपनियों के साथ स्वस्थ प्रतियोगिता का भाव रखना चाहिए।
- विज्ञापन में उत्पाद के संबंध में दावों अथवा घोषणाओं को बढ़ा-चढ़ाकर described नहीं करना चाहिए। चिकित्सा व औषधियों से संबंधित विज्ञापनों के संदर्भ में Indian Customer विज्ञापन परिषद द्वारा निर्धारित (दवाओं के लिए) मानक स्तर का र्इमानदारी And गंभीरतापूर्वक पालन करना चाहिए।
- वित्तीय निवेश से संबंधित विज्ञापनों में ब्याज की दर, Safty, धन वापसी की शर्तों आदि के बारे में जनता को गुमराह नहीं Reseller जाना चाहिए। उन्हें स्पष्ट और विस्तृत जानकारी देनी चाहिए।
- यदि कोर्इ विज्ञापन जनता को लॉटरी या उपहार जैसी योजनाओं के लिए आमंत्रित करता है तो इसके लिए कानून की अनुमति लेना आवश्यक है। ऐसे विज्ञापन में लॉटरी, उपहार वितरण की समस्त शर्तें स्पष्ट तौर पर अंकित होनी चाहिए।
- रोजगार सूचना के विज्ञापन के प्रकाशन में आवेदन फॉर्म की फीस जमा करनेवाली Safty निधि आदि की सूचनाएँ प्रकाशित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
- विज्ञापन की संदेश Creation, चित्र तथा दृश्यात्मक प्रस्तुति में अश्लीलता, उत्तेजकता तथा द्विअथ्र्ाी संवादों का प्रयोग नहीं Reseller जाना चाहिए।
- विज्ञापन में अथवा ट्रेड मार्क आदि में राष्ट्रीय चिन्ह या राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी भी परिस्थिति में नहीं Reseller जाना चाहिए। केवल सरकारी विज्ञापन एजेंसियों को इसके इस्तेमाल की अनुमति है।
- बिना अनुमति लिये राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री के चित्रों को विज्ञापन में इस्तेमाल नहीं Reseller जा सकता।
- विज्ञापन का समूचा ढाँचा ऐसा होना चाहिए, जिसमें प्रतियोगी उत्पाद की अवमानना नहीं होनी चाहिए। प्रतियोगी वस्तुओं या सेवाओं की प्रत्येक तुलना विज्ञापन में नहीं होनी चाहिए।
- विज्ञापन की संCreation में किसी-किसी प्रतियोगी उत्पाद के विज्ञापन की विशिष्ट शैली, लहजे, संदेश Creation, साज-सज्जा आदि की हू-ब-हू नकल नहीं करनी चाहिए।
- विज्ञापन में भुगतान की गर्इ धनराशि को लौटाने संबंधी संदेश प्रसारित नहीं किए जाने चाहिए।
- जाति-धर्म और वर्ग से संबंधित विज्ञापन प्रकाशित अथवा प्रसारित नहीं किए जाने चाहिए।
2. विज्ञापन एजेंसियों के लिए दिशा-निर्देश –
वर्गीज कमेटी की सन् 1978 में प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर विज्ञापन एजेंसियों अथवा इससे जुड़े लोगों के लिए कुछ सामान्य नियम और आचार निर्दिष्ट किए गए हैं। दूरदर्शन और आकाशवाणी के व्यावसायिक प्रसारणों और प्रदर्शनों पर भी यह नियमावली लागू होती है। इसके According –
- विज्ञापन निर्माण में देश के विधि या कानून के दायरे का उल्लंघन नहीं Reseller जाना चाहिए। विज्ञापन अमर्यादित तथा अशिष्ट नहीं होने चाहिए। धर्मिक उन्माद या प्रभाव को पैदा करनेवाले विज्ञापनों का निर्माण नहीं Reseller जाना चाहिए।
- किसी जाति, प्रजाति, व्यक्ति, समुदाय, लिंग, धर्म, मत, पंथ तथा राष्ट्रीयता का संकेत देने अथवा निंदा करनेवाले विज्ञापन प्रकाशित अथवा प्रसारित नहीं किए जाने चाहिए। सांप्रदायिक भेदभाव और वैमनस्य को प्रदर्षित करने वाले विज्ञापनों की अनुमति नहीं है।
- जनता में कानूनों के उल्लंघन अवमानना, हिंसा, अव्यवस्था, अपराध की प्रवृत्ति को उकसाने वाले विज्ञापन नहीं दिए जाने चाहिए।
- Second राष्ट्रों या राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों पर विपरीत प्रभाव डालने वाले विज्ञापनों का प्रसारण या प्रकाशन नहीं Reseller जाना चाहिए।
- राष्ट्रीय चिन्ह, प्रतीक, किसी राष्ट्रीय नेता के व्यक्तित्व, राष्ट्रीय या राज्य स्तर की प्रमुख हस्तियों, संविधान के किसी भाग का अपमान या दुResellerयोग करने वाले विज्ञापन नहीं दिए जाने चाहिए।
- अपराध को प्रस्तुत करने या उसकी वांछनीयता रखने वाले अथवा अपराध को स्थापित करनेवाले या अपराध के अनसु रण के लिए जनता को पे्िर रत करनेवाले विज्ञापन नहीं दिए जाने चाहिए।
- अंशत: या पूर्णत: विशिष्ट राजनीतिक अथवा धार्मिक स्वReseller को प्रस्तुत करनेवाले विज्ञापन का प्रकाशन अथवा प्रसारण नहीं होना चाहिए।
- किसी औद्योगिक विवाद से संबंधित विज्ञापन पर प्रतिबंध् होना चाहिए।
- इस नियामावली में कर्इ प्रकार की सेवाओं से संबंधित विज्ञापन स्वीकार्य नहीं किए जाने की बात की गर्इ है। ये सेवाएं हैं-
- वैवाहिक एजेंसियों के विज्ञापन।
- पैसा उधर देने के विज्ञापन।
- चिट-फंड या बचत योजना के विज्ञापन (राष्ट्रीयकृत अथवा मान्यता
- प्राप्त बैंक द्वारा मान्य बचत योजनाओं को छोड़कर)।
- गैर-लाइसेंस प्राप्त रोजगार सेवाओं के विज्ञापन।
- मंत्र, वशीकरण, भविष्यवाणी और सम्मोहन विद्या से जुड़े विज्ञापन।
- हिंसा, अपराध और चीखोंवाले विज्ञापन।
- चमत्कारी इलाज का दावा करनेवाले विज्ञापन।
- किसी फॉर्मूले, नुस्खे और गाइड बुक आदि से संबंध्ति विज्ञापन।
- घुड़सवारी अथवा किस्मत के खेल से संबंधित विज्ञापन।
- हानिकारक उत्पाद- सिगरेट And तंबाकू के विज्ञापन प्रकाशित या प्रसारित नहीं किए जाने चाहिए।
- विज्ञापन की प्रतियोगिता में र्इमानदारी पूर्ण बरताव को प्रोत्साहित करने के लिए आचार-संहिता में कहा गया है कि विज्ञापन में किसी अन्य उत्पाद या सेवा के संदर्भ में आपत्तिजनक या विरोधपूर्ण बात नहीं कही जानी चाहिए।
- जो विज्ञापन विज्ञापित उत्पाद की विशिष्टता या योग्यता को स्थापित करने में अक्षम हो उसे प्रकाशित या प्रमाणित नहीं Reseller जाना चाहिए।
- विज्ञापन के अंतर्गत वैज्ञानिक अथवा सांख्यिकी उदाहरण का समावेश ऐसे Reseller में होना चाहिए जो आम आदमी की समझ में आ जाए और जो दायित्वबोध की भावना को जगाए। किसी उत्पाद के दावे के लिए अप्रासंगिक आंकड़ों तथा आधुनिक वैज्ञानिक Wordावली का उपयोग भी विज्ञापन में नहीं Reseller जाना चाहिए।
- विज्ञापन में प्रस्तुत प्रमाण-पत्र बिल्कुल उचित और सही होना चाहिए, न कि उपभोक्ताओं में दिग्भ्रमित करने वाला। एजेंसी द्वारा अपने विज्ञापन में साक्ष्य या उत्पाद को प्रमाण-पत्र के साथ प्रस्तुत Reseller जाना चाहिए।
- स्त्री-पुरुष का भेद प्रदर्षित करने वाले तथा नारी की प्रतिष्ठा को धक्का पहुँचाने वाले विज्ञापन प्रकाशित नहीं किए जाने चाहिए।
- विज्ञापन द्वारा दर्शकों, पाठकों अथवा श्रोताओं को गुमराह नहीं Reseller जाना चाहिए। विज्ञापन को किसी ‘कॉपी राइट’ की संविदा को तोड़ने या नियम भंग करने से बचना चाहिए।
- विज्ञापन में वस्तु का वास्तविक And तुलनात्मक मूल्य दृश्य तथा मौखिक, दोनों Reseller में सही होना चाहिए। इसे अनावश्यक Reseller से उभारकार या तोड़-मरोड़कर उपभोक्ता को गुमराह करने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए।
राष्ट्रीय ‘एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी’ ने विज्ञापन प्रणाली के आत्मनियमन की Single पूरी संहिता बना रखी है, जिसके According ‘विज्ञापन’ करना विक्रेता का Single कानूनी अधिकार है, जिसके माध्यम से वह उपभोक्ता के मन में अपने उत्पादनों के प्रति रुचि और उत्सुकता जगाता है। विज्ञापन की सफलता जनता के विश्वास पर निर्भर होती है, इसलिए ऐसे किसी प्रचार को सहन नहीं Reseller जा सकता, जिससे विश्वास खंडित होता है।
इस तरह यह स्पष्ट है कि प्राय: All विज्ञापन आचार-संहिताओं तथा नियमावलियों में दिग्भ्रमित करनेवाले, अशिष्ट, समाज-विरोधी, देश-विरोधी, जन-विरोधी तथा मिथ्या विज्ञापनों के निर्माण, प्रकाशन अथवा प्रसारण पर रोक लगाने की बात कही गर्इ है। ऐसे विज्ञापनों की शिकायत ‘एडवरटाइजिंग काउंसिल ऑफ इंडिया’ यानी Indian Customer विज्ञापन मानकपरिषद अथवा न्यायालय में की जा सकती है। दोषी पाए जाने पर विज्ञापनकर्ता के विरुद्ध परिषदआवश्यक कारवार्इ कर सकती है। उपभोक्ता की शिकायतों की सुनवार्इ के लिए परिषद का अपना पैनल है। यदि विज्ञापन व्यावसायिक, व्यापारिक अथवा नैतिक मानदंडों के विरुद्ध है तो उसके प्रसारण को निरस्त भी Reseller जा सकता है।
विज्ञापनों की आचार संहिताओं में विज्ञापनकर्ताओं की अनुमति के बिना विज्ञापन करने पर भी प्रतिबंध है। इसी तरह महिलाओं की छवि को खराब करने वाले, शालीनता और मर्यादा भंग करने वाली, अश्लीलता प्रदर्शित करने वाले विज्ञापनों के प्रकाशन, प्रसारण पर भी रोक लगार्इ गयी है। वैवाहिक विज्ञापनों के मामले में विज्ञापन के साथ यह सूचना देना भी जरूरी माना गया है कि पाठक या दर्षक इन विज्ञापनों के तथ्यों के आधार पर ही विश्वास न कर ले बल्कि वह स्वयं भी अपने स्तर पर छानबीन कर तथ्यों की पड़ताल कर ले।
विज्ञापन उद्योग को नियंत्रित और निर्देषित करने के लिए निम्नलिखित कानूनों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।
- ड्रग्स एण्ड मैजिक रेमीडीज आपत्तिजनक विज्ञापन Single्ट, 1954
- मानहानि कानून
- पुरस्कार प्रतियोगिता Single्ट, 1955
- कापीराइट Single्ट
- Indian Customer सरकारी रहस्य अधिनियम, 1923
- अष्लीलता चित्रण निरोधक बिल, 1986
- राश्ट्रीय चिन्ह अवैध प्रयोग निरोध Single्ट, 1950
ये All कानून अलग-अलग उद्देष्य के लिए बनाए गए हं ै मगर इन सबके प्रभाव क्षेत्र में विज्ञापन का क्षेत्र भी आता है। ड्रग्स एण्ड मैजिक रेमीडीज Single्ट महिलाओं के गर्भपात, गर्भधारण या पुरूशों की यौन “ाक्ति बढ़ाने का दावा करने वाली औशधियों, पागलपन, कोढ़ मिर्गी आदि 54 रोगों के उपचार का दावा करने वाली औशधियों आदि के विज्ञापनों को प्रतिबंधित करता है। मानहानि कानून किसी व्यक्ति की छवि, यष, प्रतिश्ठा आदि को खराब करने वाले विज्ञापनों पर भी प्रतिबंध लगाता है। पुरस्कार प्रतियोगिता Single्ट पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाषित होने वाली पहेलियों आदि की Single हजार Resellerये से अधिक की पुरस्कार राशि के विज्ञापन पर रोक लगाता है। इसी तरह कॉपीराइट Single्ट कॉपीराइट कानूनों का उल्लंघन करने वाले विज्ञापनों पर भी अंकुष लगाने का काम करता है। अष्लीलता चित्रण निरोधक बिल तो अष्लील विज्ञापन विरोधी बड़ा अंकुश है और राजकीय चिन्ह अवैध प्रयोग निरोधक Single्ट राश्ट्रीय तथा अन्तर्राश्ट्रीय चिन्हों संयुक्त राश्ट्र संघ, विष्व स्वास्थ्य संगठन आदि के विज्ञापनों में इस्तेमाल को प्रतिबंधित करता है। वर्तमान में देश में टेलीविजन चैनलों के प्रतिनिधि संगठक एनबीए न्यूज ब्राडकास्टर्स एसोसिएशन ने भी अपनी Single आचार संहिता बनार्इ है जिसमें कार्यक्रमों और विज्ञापनों में अष्लीलता, हिंसा, अंधविष्वास आदि को रोकने के लिए जरूरी दिषा-निर्देश हैं।