बौद्धिक सम्पदा का अधिकार क्या है ?
बौद्विक सम्पदा का अधिकार का History
First बौद्धिक सम्पदा को पांचवी सदी बी.सी. में ग्रीस में किताब को खरीदने अथवा बेचने Meansात व्यवसाय करने के लिए उपयोग में लाया गया था। इसके उपरांत पन्द्रहवी शताब्दी में इग्लैंड तथा यूरोप में ज्ञान तथा विचार आदि को सम्पदा का अधिकार प्रदान करने का सिद्धांत आया था। प्रिटिंग प्रेस के अविष्कार ने All कार्यो की प्रतिलिपि को बनाना आसान कर दिया। तब से किसी व्यक्ति विशेष के कलात्मक, उत्पादकता And अविष्कार को Windows Hosting करने के लिए Single अधिकार/कानून की Need महसूस की जाने लगी जो कि वर्तमान में बौद्धिक सम्पदा के अधिकार के Reseller में जानी जाती है।
भारत में बौद्धिक सम्पदा का अधिकार
बौद्धिक सम्पदा का अधिकार चाहे वह पेटेंट से संबंधित हो, टे्रडमार्क, कॉपीराइट या औद्योगिक All के द्वारा बौद्धिक संपदा अधिकार के संरक्षण में वर्ष 1999 से अन्र्तराष्ट्रीय सहयोग हेतु ट्रिप्स में शामिल हुआ।
- पेटेंट (संशोधन) अधिनियम 1999 में संशोधन विपणन को पेटेंट 5 वर्ष है।
- टे्रडमार्क विधेयक 1999 जो वस्तु चिन्ह अधिनियम 1958 3. कॉपीराइट संशोधन 1999
- भौगोलिक संकेत के सामान पंजीयन और संरक्षण विधेयक 1999 को मंजूरी दी गर्इ।
- औद्योगिक डिजाइन विधेयक 1999 की जगह डिजाइन
- पेटेंट संशोधन विधेयक 1999 -पेटेंट अधिनियम 1970
उपरोक्त वैधानिक परिवर्तन कर भारत सरकार ने मौलिक सम्पदा के अधिकार को और सुदृढ़ बनाया है। टे्रडमार्क रजिस्ट्री के साथ लागू करने वाइपो/यू.एन.डी.पी. परियोजना को लागू करने हेतू तथा आधुनिकीकरण हेतु पेटेंट कार्यालय में 756 लाख की लागत से विकास Reseller गया है।
बौद्धिक सम्पदा का अधिकार: प्रकार
1. डिजाइन कानून:-
सामान्य Reseller से डिजाइन का Means किसी योजना, प्लान अथवा सृजनात्मक कला से है परन्तु कानूनी भाषा में इसका Means भिन्न होता है जो कि पंजीकृत डिजाइन अथवा डिजाइन के अधिकार से संबंधित होता हैं।
- पंजीकृत डिजाइन:- का Means किसी उत्पाद का पूर्ण Resellerेण अथवा दिखार्इ देने वाले निम्न भाग अथवा प्रकार अथवा विशेषताओं को Singleांकी अधिकार प्रदान करता है। रेखाएं, कन्टूर, रंग, आकार, टेक्चर, सामग्री आदि है।पंजीकृत डिजाइन में अधिकार प्रारंभ में 5 वर्ष के लिए And प्रत्येक वर्ष बाद रिनुअल अधिकतम 25 सालों तक Reseller जाता हैं ।
- डिजाइन अधिकार:- यह Single बौद्धिक सम्पदा का अधिकार है। जो किसी उत्पाद के वास्तविक, असामान्य स्थल आकार, मापदण्डों की डिजाइन पर लागू होता है। डिजाइन अधिकार कोर्इ Singleांकी अधिकार नहीं है। बल्कि यह प्रतिलिपीकरण को रोकने का अधिकार है जो कि विपणन उत्पादों की डिजाइन को दस साल अथवा अधिकतम 15 साल के लिए Safty प्रदान करता है।
2. विश्वास भंग करने का कानून:-
यह किसी राज्य And उसके प्रशासन के व्यक्तिगत व्यापार अथवा औद्योगिक मसलों के विभिन्न प्रकार के गोपनीय तथ्यों से संबंधित कानून है। जो कि गोपनीय जानकारी की Safty के लिए अधिकार प्रदान कराता है।
3. टे्रडमार्क :-
टे्रडमार्क Single विशेष चिन्ह है जो कि Word, लोगो, रंग, स्लोगन, आकार, आवाज आकृति द्वारा भाव प्रदर्शन हो सकते है। प्राथमिक तौर पर यह सामग्री के स्रोत अथवा सेवा को इंगित/प्रदर्शित करते है। साथ ही यह किसी सामग्री अथवा सेवा की गुणवत्ता को प्रदर्शित करने हेतु भी उपयोग में लाए जाते है। अधिकतर टे्रडमार्क Wordों के Reseller में प्रदर्शित किए जाते है। जो कि प्रत्येक उत्पाद And सेवा के लिए भिन्न-भिन्न होते है। जैसे:-आर्इ.एस.ओ., आर्इ.एस.आर्इ.ए एफ.पी.ओ. इत्यादि।
4. पेटेन्ट :-
बौद्धिक सम्पदा का अधिकार मस्तिष्क द्वारा उपजी अनमोल कृति जो चिंतन, अध्यात्म, खोज, अनुसंधान से नये अविष्कार, ज्ञान, शोध की खोज को Safty And स्वामित्व प्रदान करता है। अत: पेटेंट Single ऐसा कानूनी अधिकार है जो खोजकर्ता, अनुसंधानकर्ता को सरकार द्वारा उसके द्वारा खोजी गर्इ खोज, अविष्कार को Single निश्चित अवधि तक उसका पुरस्कार स्वReseller उसके उपयोग करने का अधिकार प्रदान करता है।
अत: पेटेंट सरकार द्वारा अनुसंधानकर्ता, अविष्कारक को उसके अविष्कार खोज को उपयोग करने, लाभ उठाने हेतु Single निश्चित समयावधि हेतु प्रमाण-पत्र प्रदान Reseller जाता है ताकि उसे उसकी मेहनत का पुरस्कार स्वReseller लाभ मिल सके यदि कोर्इ व्यक्ति पेटेंट का उल्लंघन करते है अथवा अवैधानिक Reseller से पेटेंट की गर्इ खोज का उपयोग करता है। तो उसे न्यायालय के माध्यम से उसे रूकवा सकता है। अथवा दण्डित करवा सकता है।
सामान्यत: यह धारणा है कि पेटेंट तकनीकी को आगे बढ़ाता है तथा आगे बढ़ाने हेतु प्रोत्साहन प्रदान कराता है किन्तु कुछ लोगों का मानना है कि यह तकनीकी प्रगति में बाधक है। अत: दोनों दृष्टिकोण से पेटेंट यह संतुलन बनाता है कि अविष्कार, खोज के बेहतर इस्तेमाल का उपयोग कर देश में आर्थिक, सामाजिक प्रगति संभव हो तथा यह बाधा न बने।