फासीवाद क्या है?

अंग्रेजी का फासिज्म (Fascism) Word लैटिन भासा के ‘फासी’ Word से बना है जिसका Means छड़ियों का बण्डल या समूह और Single कुल्हाड़ी होता है। प्राचीन रोम वासी इसे अनुशासन का प्रतीक मानते थे. फासीवाद का कोई निश्चित परिभाषा नहीं है। मुसोलिनी के लेख ‘द फासिस्ट’ के According फासीवाद लोकतंत्र के खिलाफ राष्ट्र भक्ति भरा विद्रोह और वास्तविक राजनीति की पुनर्स्थापना है। फासीवाद शासन सहयोग के कर्त्तव्य पर जोर देता है।

रजनी पाम दत्त के According फासीवाद मौजूदा पूंजीवाद समाज के विरोध स्वरुप खड़ा कोई विशिष्ट अलग दर्शन और प्रणाली है।इसकी विपरीत फासीवाद खास परिस्थितियों में आधुनिक पूंजीवादी नीतियों और प्रवृतियों के पतन की पराकाष्ठा आने से पैदा होने वाली चीज है, और यह उसी पतन की सम्पूर्ण और सतत अभिव्यक्ति करता है ।

अगर मुसोलिनी की बातों पर ध्यान दें तो उसके According फासीवाद कोई ऐसा सिद्धांत नहीं है, जिसकी प्रत्येक बात को विस्तार पूर्वक First से ही स्थिर कर लिया गया हो। फासीवाद का जन्म कार्य किये जाने की Need के कारण हुआ इसलिए फासीवाद आरम्भ से ही सैद्धांतिक के बजाये व्यावहारिक है, उसका यह भी मानना था कि फासीवाद Single धार्मिक कल्पना है जिसमें व्यक्ति को Single उच्चतर क्रांति की विधि से सम्बंधित देखा जाता है। यह विधि व्यक्ति की लक्ष्यात्मक इक्षा होती है और वह उसे Single अध्यात्मिक समाज की जागरूक सदस्यता प्रदान करती है।

अब सबसे अहम् सवाल यह उठता है कि फासीवाद और फासीवादी राष्ट्र की प्रकृति क्या होती है? अगर इसकी प्रकृति की बात करें तो पाते हैं कि फासीवादी आन्दोलनों के मामले में आतंकवाद, संसदीय प्रणाली की अनदेखी, कानून की परवाह न करते हुए गिरोहबंदी, भड़काऊ भाषणबाजी और विरोधी गुटों का दमन आदि प्रमुख रहा है, वहीं दूसरी ओर फासीवाद राज्य को Single निरपेक्ष सत्ता के Reseller में देखता है जबकि सारे लोग समूह उसी के सापेक्ष है, जो कोई भी फासीवाद कहता है उसका मतलब राज्य होता है।

रजनी पाम दत्त के According फासीवाद पूरी जटिल लोकतान्त्रिक विचारधारा का मुकाबला करता है, फासीवाद न तो शास्वत शांति की संभावना को सही मानता है ना ही उसकी उपयोगिता को। फासीवाद राज्य शासन की इच्छा का मूर्त Reseller है। फासीवाद के लिए साम्राज्य का विस्तार उसके पौरुष की जरुरी अभिव्यक्ति है, फासीवाद सुख की भौतिक अवधारणा को नकारता है। फासीवादी जिस भी बात अथवा व्यवस्था के विरुद्ध होते थे उसकी भत्र्सना कर वे प्राय: अपनी पहचान करा देते थे।वही अगर फासीवाद के सिद्धान्त पर बल दं,े तो पाते हैं की जिस तरह उदारवाद, साम्यवाद का अपना सिद्धांत होता है उस तरह फासीवाद का अपना कोई सिद्धांत नहीं है। अनेक बुद्धिजीवी, फासीवाद की ज्यादतियों की निंदा करते हुए भी उसके विस्तृत Discussion के लोभ में फस जाते हैं और तुरंत इसके समाजवादी, पूंजीवादी, मजबूत व्यक्ति के शासन और नैतिक गुणों की तारीफ, Fightों का गुणगान, जातीय और नस्लवादी नजरिये आदि जैसे विचारों की Discussion करने लग जाते है। उपर्युक्त लिखित बातों का स्पष्टीकरण हमें मुसोलिनी की 1921 के अधिवेशन की Discussion के दौरान पाते हैं जिसमे मुसोलिनी कहता है की राष्ट्रीय अधिवेशन के बीच के दो महीनों में फासीवाद के सिद्धान्तों की Creation कर ली जाय।

इटली में फासीवाद के उदय के कारण

जहाँ Singleीकरण के First इटली Single भौगोलिक अभिव्यक्ति ही मानी जाती थी वही 1870 में Singleीकरण के बाद यह Single बड़ी शक्ति बन कर उभरती है। इटली भी बाकि यूरोपीय देशों की तरह उपनिवेशवादी नीति का अनुशरण करता रहा और जब First विश्व Fight होता है तो वह मित्र राष्ट्रों की तरफ से Fight में शामिल हो जाता है। इटली Fight में मित्र राष्ट्र के साथ Fight करता है और विजयी होता है।,पर जिस कारण से इटली First विश्वFight में शामिल हुआ वो विजयी राष्ट्र होने के बावजूद भी पूरा नहीं हो सका जो इटली में फासीवादियों के उदय का Single मुख्य कारण बना। इसके अलावा सरकार का निक्कमा पन, साम्यवादियों का डर, पूंजीपतियों And सामंतों का सहयोग,आर्थिक मंदी And बेरोजगारी आदि भी फासीवादियों के उदय के लिए जिम्मेदार थे।

First विश्वFight के First इटली, जर्मनी और ऑस्ट्रिया Single साथ थे पर इटली जिन क्षेत्रों के लिए इनके साथ संधि करना चाहता था उसमें से ज्यादातर क्षेत्रों पर ऑस्ट्रिया का अधिकार था। जिसके कारण इटली को लगा की अगर वह जर्मनी और ऑस्ट्रिया के साथ संधि करता है तो शायद वह Fight जीतने के बाद भी उन क्षेत्रों को हासिल नहीं कर पायेगा। ऑस्ट्रिया के साथ पुरानी दुश्मनी के कारण भी इटली यह संधि नहीं करना चाहता था, इसलिए वह मित्र राष्ट्रों के साथ संधि कर के ऑस्ट्रिया से 1896 ई. में अडोवा के Fight में अपनी हार का बदला भी लेना चाहता था। 1914 ई. में First विश्वFight की शुरुआत होती है जिसमें इटली 1915ई. में हुए लन्दन के गुप्त समझौते के कारन मित्र राष्ट्रों के तरफ से Fight में शामिल होता है और मित्र राष्ट्र विजयी होते है पर विजयी राष्ट्रों में शामिल होने के बावजूद भी इटली को जीत के सम्मान के अलावा और कुछ नहीं हासिल हुआ जबकि इस Fight में शामिल होने से उसको सैनिक और आर्थिक नुकसान भारी मात्रा में उठाना पड़ा। जहाँ Fight में विजयी होने के बाद, लन्दन के गुप्त संधि के According ट्रेन्तिनो, इस्ट्रीया प्रायद्वीप, ट्रीस्ट, फ्यूम, डाल्मेशिया का तटीय क्षेत्र, और अल्बानिया आदि क्षेत्र मिलना था, पर उसे केवल ट्रेन्तिनो, डाल्मेशिया तट का कुछ भाग और दक्षिणी तिरोल ही प्राप्त हो सका। इस कारण से वहाँ के राष्ट्रवादियों और लोगों में मित्र राष्ट्रों के प्रति रोश व्याप्त था इसलिए वो Single ऐसे विकल्प ढूंढ रहे थे जो इस अपमान का बदला ले सकें और इन क्षेत्रों को इटली के अन्दर ला सके। इसका पूरा लाभ मुसोलिनी की फासी पाटÊ को मिला।

First विश्वFight के दौरान पुरे दुनिया में इतना नुकसान हुआ की कई देशों की आर्थिक स्थिति बहुत दयनीय हो गई जिसमें इटली भी शामिल था। इस Fight के कारण पूरा यूरोप अमेरिकी कर्ज पर आश्रित हो गए। इस कारण अमेरिका में 1929 ई. में आर्थिक मंदी आ गई जिसके कारण पूरे यूरोप में भी आर्थिक मंदी आ गयी। इटली भी इसे अछूता नहीं रहा और वहाँ भी इस मंदी ने अपने जाल पसार दिए। इटली के सबसे बड़े शहर सिसली में बेरोजगरी चरम सीमा पर थी। 1914 ई. से 1920 ई. के बीच लीरा जो इटली का मुद्रा थी उसमें अस्सी प्रतिशत (80:) तक अवमूल्यन हो गया। इसके फलस्वReseller करो का भार मध्य वर्ग पर आ गया। Fight के दौरान बढ़ते हुए शस्त्रों के मांग के कारण रोजगार बढ़ा परन्तु Fightोपरांत मांग समाप्त होने से बरोजगारी फैली। धातुखनन और नौपरिवहन वित्तीय कम्पनी जो अब तक सरकार को वित्तीय सहायता मुहैया कराते थे कम होने लगी। अपने डूबते उद्योगों को बचाने के लिए राज्य की हस्तक्षेप की मांग करने लगे। पूंजीपति वर्ग फासीवाद को साम्यवाद विरोधी के Reseller में सत्ता में लाना चाहती थे।

Fight के बाद इटली में क्रांतिकारी लहरें काफी ऊंचाई तक पहुंची और उसका असर औद्योगिक मजदूरों, हतोत्साहित सैनिकों, गरीब किसानों, और खेतिहर सर्वहारा समेत All पर पड़ा। जिसके कारण ये सारे तबके किसी ऐसे नेता या सरकार की उम्मीद करने लगे जो इनकी समस्याओं को दूर कर सके। इसलिए ये लोग अब मुसोलिनी की फासी पाटÊ को समर्थन देने लगते हैं। दूसरी तरफ हड़तालों के दौरान हम पाते हैं कि किसान, सामंत के जमीनों पर कब्ज़ा शुरू कर देते हैं। इससे सामंतों में साम्यवाद आने का डर बन जाता है, जिससे ये सामंत ,फासीयों को सत्ता में लाना चाहते थे, जो उनकी सामंती व्यवस्था को बने रहने में मदद करे।

फासीवादियों को सत्ता में आने के लिए सरकार के निक्कमेपन ने भी Single तरह से सहयोग दिया। सरकार 1920 ई. तक इतनी लाचार हो गई थी कि इटली में उस समय कुछ ऐसी असामाजिक घटनाएँ हो रही थी जिसको रोकने में सरकार विफल रही। अमेरिकी पत्रकार मोरवर ने लिखा है कि सेना फासीवादियों को हथियार और प्रशिक्षण देती थी। सेना की सहानुभूतियाँ भी उनके साथ होती थी। फासीवादियों के हिंसक अभियानों में अधिकारी वदÊ पहन कर भाग लेती थी। फासियों के हथियार सेना के बैरक में जमा होते थे। हत्या, हिंसा, और आगजनी में पुलिस उदासीन बनी रहती थी, फासीवादियों द्वारा समाजवादियों को जान से मारने की धमकी, मारपीट, और इस्तीफे की मांग करती थी तब अधिकारी सहयोग के बजाय कंधे बिचका के चल देती थी। जून 1921 ई. में जियालिटी ने प्रधान मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया, इस तरह हम देखते है कि 1926 ई. में फासीवादी सरकार अपनी प्रयोगों के आधार पर पूरी तरह स्थापित हो जाती है।

रजनी पाम दत्त के According इटली में क्रन्तिकारी लहर को न तो बुर्जवा काटती है ना ही फासीवादी तोड़ पाते है, यह अंदरूनी कमजोरी और क्रान्तिकारी नेतृत्व के अभाव में सुधारवादियों के चलते टूट जाती है. इटली में फासीवाद तभी सामने आया जब सर्वहारा वर्ग का आन्दोलन टूट जाता है और फासीवाद पुलिस और सैनिकों के संरक्षण में अपने विरोधियों का दमन करता है, साथ ही साथ फासीवादी तानाशाह Single नये Reseller में बुर्जवा नीतियों के निरंतरता का उदाहरण था।

मुसोलिनी द्वारा फासीवाद का विकास

बेनितो मुसोलिनी (1883-1943)इटली का Single साधारण सैनिक था,उसका जन्म 29 जुलाई 1883 ई. को डोविया के समीप वरानो डी कोस्टा गाँव में हुआ था, उसके पिता का नाम अलेसांद्रो था,उसके पिता लुहार तथा माता अध्यापिका थी, 18 वर्ष की आयु में अपनी माता के कहने पर पह खुद Single अध्यापक बना। उसके नायक जूलियस सीजर और नेपोलियन थे। पह समाजवादियों से घृणा करनेवाला Single समय समाजवादी था, समाजवादी लोग First विश्वFight के विरूद्ध थे क्यूंकि उसे पूंजीवादीयों का आपसी झगड़ा समझा जाता था, मुसोलिनी का भी शुरू से ही यही मत था लेकिन बाद में उसने Fight में Single अवसर देखा और इटली के Fight में शामिल होने का हिमायती बन गया, इसलिए उसे समाजवादी दल से हटना पड़ा।

फ्रांस सरकार के वित्तीय सहयोग से उसने नवम्बर में हस्तक्षेपवादी विचारों की पत्रिका ‘पोपोलो डी इटालियन’ निकालनी शुरू की, 1915 ई. में उसने मिलान में जिस ‘फासी डी एजियोन इंटरवेंतिस्ता’की स्थापना की थी, वही भविष्य में फासीवादी गतिविधियों का केंद्र बना। 1919 ई. में मिलान में अपने अनुयायिओं के साथ ‘फासियों डी कोम्बैन्टीमिन्तो’ की शुरुआत की, जिसका कार्यक्रम अन्ध्रास्त्रवादी, लोकतंत्रात्मक और क्रान्तिकारी लगनेवाले कार्यक्रम का मिलाजुला Reseller था, दिसंबर 1920 ई. में फासी ने Single राजनैतिक पाटÊ का गठन Reseller ,इसमें भूतपूर्व सैनिक और उग्र विचारों के राष्ट्रवादी शामिल थे। इस दल के कार्यकर्ता काली कमीज पहनते थे, अस्त्र-शत्र रखते थे और अनुशासन प्रिय थे ,मुसोलिनी अपने दल का कमांडर था जिसे ‘डयूस’ (Duce) कहा जाता था।सरकार के तरफ से इसे समर्थन प्राप्त था, 1919- 1920 ई. में सेना के अधिकारीयों के बीच ‘पोपोली डी इटालियन’ मुफ्त बांटी गई।

फासियों ने अपने घोषणा पत्र में कई लुभावने वादे किये जिससे वो असंतोष भरी जनता को अपनी ओर आकर्षित कर सके, इस घोषणा पत्र में उन्होंने कहा कि उनकी पाटÊ राजशाही और सामंती प्रथा को समाप्त करना, Fight के मुनाफे जब्त करना, अंतर्राष्ट्रीय निशस्त्रीकरण, शेयर बाजारों को उठा देना, किसानों को जमीने बांटना, उद्योगों पर मजदूरों का नियंत्रण स्थापित करना इत्यादि शामिल था, फासियों के प्रचार अभियान में हड़ताल, खान-पान की सामग्री की लूट, जमीन और उद्योगों पर कब्ज़ा करने, राज्य व्यवस्था का वहिष्कार करना,उनके प्रचार अभियान में शामिल था। मुसोलिनी Single व्यक्ति, Single राज्य के शाशन में विÜवास करता था। उसका यह नारा था की राज्य का उसके All Resellerों सहित नाश हो क्योंकि उसके According इटली के इस दुर्दशा का कारण लोकतंत्र था और वह लोकतंत्र के प्रति बहुत अवज्ञा प्रदर्शित करता था।

1920 ई. के प्रारम्भ और 1921 ई. के अंत तक फासिस्ट सशत्र दलों ने अनेक स्थानों पर साम्यवादी कार्यकर्ताओं और क्रांतिकारी मजदूर समुदायों के विरुद्ध संघर्ष Reseller, इससे मुसोलिनी का दल इटली में शक्तिशाली हो गया और 1921 ई. के चुनाव में उसके सदस्य 35 स्थानों पर विजयी हुए,अपनी इस बढती शक्ति के आधार पर उसने अक्टूबर 1922 ई. को नेपल्स में फासिस्ट अधिवेशन में घोषणा की कि सत्ता हमारे हाथों में सौंप दी जाय नहीं तो हम रोम पर चढ़ाई कर देंगे। 27 अक्टूबर 1922 ई. को मुसोलिनी करीब 40000 सशत्र युवकों के साथ रोम के तरफ चल पड़ा और इटली के कई प्रमुख नगरों पर अधिकार भी कर लिया,इसके कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री लुइगी फैक्टा ने त्यागपत्र दे दिया जिसके बाद सम्राट विक्टर इमेनुअल ने मुसोलिनी को प्रधानमंत्री का पद ग्रहण करने के लिए आमंत्रित Reseller। 30 अक्टूबर 1922 ई. को मुसोलिनी ने रोम पहुचकर अपना मंत्रिमंडल गठित Reseller और बाद में प्रधानमंत्री का पद त्याग कर अधिनायक बन गया।

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