प्रेस परिषद अधिनियम 1978 क्या है ?
- प्रेस की स्वतन्त्रता को बनाए रखना।
- समाचार पत्रों व समाचार एजेंसियों का स्तर बनाए रखना व उनमें सुधार के उपाय करना तथा उनकी स्वतन्त्रता बनाए रखने के उपाय करना।
- पत्रकारों व पत्रकारिता के लिये आचार संहिता बनाना।
- पत्रकारों में जिम्मेदारी, कल्याण, जनहित व उत्तरदायित्व आदि को प्रोत्साहन देना।
- समाचार पत्रों व समाचार एजेंसियों से अपने स्तर, तकनीक आदि में सुधार के लिये सहायता सम्बन्धी उपाय करना व सुझाना।
- 13 सदस्य श्रमजीवी पत्रकार होते हैं।
- 1 सदस्य समाचार एजेंसियों का प्रबन्धक।
- 6 सदस्य विभिन्न समाचार पत्रों के स्वामी।
- 5 संसद सदस्य तथा
- 3 सदस्य शिक्षा, साहित्य, विज्ञान, विधि अथवा संस्कृति के क्षेत्र के विशेष जानकार होते है।
- सम्बन्धित व्यक्तियों को सम्मन (बुलावा) करना व उनका परीक्षण करना।
- साक्ष्य आधारित शपथ व सम्बन्धित दस्तावेजों का अवलोकन, अध्ययन करना।
- न्यायालय अथवा कार्यालय से लोक अभिलेखों की मांग करना।
प्रेस परिषद के समक्ष किसी पीड़ित व्यक्ति द्वारा शिकायत किये जाने के लिये कोर्इ शुल्क देय नहीं है। न्यायालय में कोर्इ वाद दायर करने के लिये विभिन्न शुल्क अदा करने पड़ते हैं तथा वकील नियुक्त करना पड़ता है किन्तु प्रेस परिषद के समक्ष बगैर वकील के कोर्इ व्यक्ति स्वयं अपनी शिकायत प्रस्तुत कर सकता है तथा पैरवी भी कर सकता है। यद्यपि प्रेस परिषद को किसी दोषी व्यक्ति को सजा दिये जाने का कोर्इ अधिकार नहीं है तथा इसकी प्रमुख शक्ति केवल दोषी की निन्दा करने, उसके कृत्य को गलत ठहराने व इसमें सुधार किये जाने के सुझाव तक ही सीमित हैं तो भी आपसी विवाद के अनेक मामलों में सम्बन्धित पीड़ित पक्ष को इतने से भी बड़ी राहत मिल जाती है कि Single अधिकृत संस्था द्वारा उसे निर्दोष तथा Second पक्ष को दोषी करार दिया जाय। इस प्रकार परिषद् की विभिन्न मामलों के निस्तारण में प्रभावी व महत्वपूर्ण भूमिका है।
Indian Customer प्रेस परिषद की शक्तियाँ :
प्रेस परिषद को अपने कार्य को सुचारू Reseller से चलाने के लिए कुछ शक्तियां भी प्राप्त है। जिनमे से प्रमुख हैं :-
- यदि कोर्इ समाचार पत्र या समाचार एजेंसी पत्रकारिता के विभिन्न मानदण्डों के उल्लंघन की दोषी पार्इ जाय तो उसकी परिनिन्दा।
- यदि कोर्इ पत्रकार समाचार पत्र के माध्यम से किसी पर अनर्गल दोषारोपण करे तो उसकी परिनिन्दा व सम्बन्धित समाचार पत्र को पीड़ित व्यक्ति का पक्ष संतुलित व निषपक्ष Reseller से प्रकाशित करने की सलाहय या सुझाव देना।
यद्यपि इस परिषद को न्यायालय की भांति दोषियों को दण्डित करने का अधिकार नहीं है किन्तु देश के विभिन्न प्रमुख वगोर्ं के प्रतिनिधियों तथा वरिष्ठ व जिम्मेदार नागरिकों की समिति द्वारा निंदा Reseller जाना तथा गलत आचरण का दोषी ठहराया जाना भी समाज के जिम्मेदार तथा प्रतिष्ठित व्यक्तियों के लिये किसी सजा से कम नहीं है। इस प्रकार प्रेस परिषद सस्ता, सुलभ तथा त्वरित न्याय दिलाने वाली Single प्रमुख संस्था कही जा सकती है।
प्रेस परिषद के उद्देश्य
Indian Customer प्रेस काउन्सिल का प्रमुख उद्देश्य है- प्रेस की स्वतन्त्रता का संरक्षण और भारत में समाचार पत्रों और समाचार एजेंसियों के स्तर को बनाए रखना और उनमें सुधार करना। प्रेस परिषद् के अध्यक्ष पूर्व न्यायमूर्ति पी.वी. सावन्त के According – ‘संविधान में निहित प्रेस की स्वतन्त्रता प्रकाशक, मुद्रक, सम्पादक या रिपोर्टर की स्वतन्त्रता नहीं है। यह स्वतन्त्रता तो नागरिकों को यथोचित मात्रा में सही सूचना प्राप्त करने की स्वतन्त्रता है। वस्तुत: प्रेस Single ऐसी शक्तिशाली संस्था है जो सरकार बनवा और गिरवा भी सकती है। मगर यह भी सही है कि प्रेस की स्वतन्त्रता और लाभार्जन की वृत्ति विरोधाभासी है, क्योंकि यदि लाभ प्राप्त करने के लिए प्रेस है तो फिर प्रेस की स्वतन्त्रता की बात निरर्थक है। इन्ही स्थितियों पर नजर रखने की भूमिका पे्रस परिषद की है। प्रेस परिषद् न केवल पत्रकारिता के मानदण्डों के सृजन और अनुपालन से जुड़ी है अपितु अखबार और पाठक के बीच सेतु का कार्य करती है और राष्ट्र और समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता स्वीकार करती है।