प्रश्नावली क्या है ?
प्रश्नावली के प्रकार-
1. संCreation के आधार –
संCreation के आधार पर प्रश्नावली दो प्रकार की होती है।
- बन्द या सरंचित प्रश्नावली – इस प्रकार की प्रश्नावली के प्रश्नों का स्वReseller ऐसा होता है जिनके सम्भावित उत्तर दे दिये जाते हैं तथा व्यक्ति को इन उत्तरों में से Single उत्तर को चुनकर प्रश्न का उत्तर देना होता है, इस प्रकार की प्रश्नावली केा प्रतिबन्धित संरचित या बन्द प्रकार की प्रश्नावली कहा जाता है क्योंकि व्यक्ति को इस बात के लिए बाध्य Reseller जाता है कि वह दिये गये वैकल्पिक उत्तरों में से किसी Single विकल्प को चुने। दिये गये वैकल्पिक उत्तर हॉ या नहीं में हो सकते हैं। उदाहरण के लिए –आपको घर में पढ़ार्इ में कौन सहायता देता है ? 1. माँ 2. पिता 3. भार्इ 4. बहन 5. अन्य। इस प्रकार की प्रश्नावली को छात्रों पर प्रशासित करना सुविधाजनक होता है, इसको भरना या उत्तर प्राप्त करना सरल है तथा इसमें कम समय लगता है। यह Single वस्तुनिष्ठ विधि है। इसका अंकन, सारणीयन और परिणामों का विश्लेषण अपेक्षाकृत सरल होता है। इस प्रश्नावली की कमी यह है कि इसमें उत्तर का चुनाव प्रतिबन्धित होता है यह भी हो सकता है कि दिये गये वैकल्पिक उत्तरों में वह उत्तर सम्मिलित न हो जो छात्र देना चाहता हो। इसी दोश को दूर करने के लिए विकल्पों के साथ Single विकल्प अन्य श्रेणी का होना चाहिए।
- खुली या असंरचित प्रश्नावली – इस प्रकार की प्रश्नावली में छात्रों को दिए गए प्रश्नों का उत्तर अपने Wordों में देना होता है। यहां पर प्रश्नों के केार्इ भी सम्भावित उत्तर नहीं दिये जाते हैं। यद्यपि इन प्रश्नावलियों के द्वारा व्यक्ति स्वतन्त्र विचार And भावनाएं व्यक्त करता है लेकिन इस प्रकार से प्राप्त उत्तरों का अंकन And परिणामों का विश्लेषण करना असुविधाजनक And कठिन होता है। उदाहरण के लिए-आपको घर में पढ़ार्इ में कौन सहायता करता है ? बहुत सी प्रश्नावलियों में खुले तथा बन्द दोनो प्रकार के प्रश्न होते हैं। सूचना संकलन के लिए कौन सी प्रश्नावली उपयुक्त है इसका निर्णय प्रश्नावली का निर्माणकर्ता अपने उद्देश्य And जीवसंख्या के ध्यान में रख कर करता है।
2. प्रशासन के आधार-
प्रशासन के आधार पर प्रश्नावली दो प्रकार की होती है –
- डाक प्रश्नावली – जब पय्रोज्य दूर रहता है तो उसे डाक द्वारा प्रश्नावली भेजकर भी आवश्यक सूचनाएं प्राप्त की जा सकती हैं। इस प्रश्नावली को डाक प्रश्नावली कहा जाता है। प्रश्नावली के साथ प्रश्नावली के प्रश्नों का उत्तर देने सम्बन्धी निर्देश तथा Single लिफाफा भी भेज दिया जाता है। इस प्रकार की प्रश्नावली के प्रशासन में समय का व्यय अधिक होता है परन्तु व्यक्ति को प्रत्यक्ष Reseller से प्रयोज्य के सम्मुख उपस्थित होने की बाध्यता नहीं रहती। इस विधि के प्रशासन करने पर भरी हुयी प्रश्नावलियां प्राप्त करने में अधिक समय लगता है क्योंकि सूचना संकलनकर्ता के प्रत्यक्ष न होने पर लोग प्रश्नावली भरने में रूचि कम लेते हैं और समय पर वापस नहीं करते हैं। इसलिए इस प्रकार की प्रश्नावली का प्रयोग करते समय सूचना संकलनकर्ता को बार-बार स्मरण पत्र भेजना चाहिए तथा सम्पर्क में रहना चाहिए।
- प्रत्यक्ष प्रश्नावली – इस प्रकार की प्रश्नावली का प्रशासन शोधकर्ता अपनी उपस्थिति में करता है। इस ढ़ंग की प्रश्नावली के क्रियान्वयन करने में शोधकर्त्ता स्वयं समूह में खड़ा होकर निर्देश देता है तथा आने वाली समस्याओं का समाधान भी करता है। इस प्रकार की प्रश्नावली केा प्रत्यक्ष प्रश्नावली कहते हैं। इस प्रकार की प्रश्नावली के प्रशासन में श्रम अधिक लगता है परन्तु सूचनाओं का संकलन ठीक प्रकार से हो जाता है और भरी हुयी प्रश्नावली समय से प्राप्त हो जाती है।
Single अच्छी प्रश्नावली की विशेषताएं-
Single अच्छी प्रश्नावली में विशेषताएं होनी चाहिए:-
- प्रश्नावली के महत्व केा प्रश्नावली के प्रारम्भ में स्पष्ट Reseller से बता देना चाहिए या लिख देना चाहिए। प्रश्नों का संबन्ध शोध विषय से सीधा And स्पष्ट होना चाहिए ताकि सही उत्तर मिल सके।
- प्रश्नावली की लम्बार्इ कम होनी चाहिए Meansात प्रश्नों की संख्या बहुत अधिक नहीं होनी चाहिए। बहुत अधिक प्रश्नों वाली प्रश्नावली के सही उत्तर नहीं मिल पाते हैं।
- Single अच्छी प्रश्नावली में दिये गये निर्देश स्पष्ट And पूर्ण होते हैं तथा All पदों केा पारिभाशित भी Reseller गया होता है।
- प्रश्न की Wordावली स्पष्ट And सरल होनी चाहिए।
- प्रश्नावली के प्रश्न वस्तुनिष्ठ होने चाहिए।
- प्रश्नावली में प्रश्नों को मनोवैज्ञानिक तरीके से व्यवस्थित Reseller जाना चाहिए। First सामान्य तथा बाद में अधिक विशिष्ट प्रश्न पूछे जाने चाहिए।
- जहां तक सम्भव हो उत्तेजित करने वाले प्रश्नों को प्रश्नावली में नहीं रखना चाहिए।
- प्रश्नावली के प्रश्न इस प्रकार के होने चाहिए कि उनका अंकन तथा विश्लेषण की प्रविधि का निर्धारण First से ही कर लेना चाहिए।
- प्रश्नावली दिखने में आकर्षक, साफ सुथरी And अच्छी तरह छपी होनी चाहिए।
प्रश्नावली का निर्माण-
प्रश्नावली के निर्माण में प्रश्नों का चुनाव कसौटी पर आधारित होना चाहिए –
- प्रश्नावली के माध्यम से वही सूचनाएं Singleत्रित की जानी चाहिए जो अन्य स्रोतों से प्राप्त न हो सके।
- प्रश्नावली में केवल उपयुक्त And उपयोगी प्रश्न होने चाहिए।
- प्रश्नावली की Wordावली में व्याकरण की दृष्टि से दोष नही होना चाहिए।
- इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि प्रत्येक प्रश्ना के उत्तर हेतु पर्याप्त विकल्प दिए गये हों ।
- उन Wordों को रेखांकित कर देना चाहिए जिन्हें आप विशेष महत्व देना चाहते हैं।
- कथन संक्षिप्त होने चाहिए, अधिक से अधिक बीस Wordों के।
- प्रश्नों का निर्माण करते समय यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि वे All के लिए उपयुक्त हो।
- प्रश्नावली में दोहरे नकारात्मक Wordों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
प्रश्नावली की वैधता तथा विश्वसनीयता –
सामान्यत: प्रश्नावली की वैधता तथा विश्वसनीयता को शोधकर्ता स्थापित नहीं करते हैं। इसका कारण शायद यह होता है प्रश्नावली, मनोवैज्ञानिक परीक्षणों की अपेक्षा सीमित उद्देश्य के लिए बनाए जाते हैं। इसके द्वारा Single बार ही आंकड़ों का संग्रह Reseller जाता है । कम जनसंख्या पर प्रशासित किये जाते हैं। इन कारणों के बाद भी प्रश्नावली की वैधता तथा विश्वसनीयता स्थापित करने की विधियां हैं।
प्रश्नावली की वैधता का तात्पर्य प्रश्नावली के माध्यम से सही प्रश्न पूछने से है जिनका निर्माण इस प्रकार Reseller गया हो कि प्रश्नों के वही Means निकले जो प्रश्नावली निर्माणकर्ता के विचारों से संगतता लिए हों। प्रश्नावली में प्रयुक्त “ाब्द इस प्रकार परिभाषित किये गये हों कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए उनका Means Single जैसा हो। सामान्यत: प्रश्नावली की विशय-वस्तु वैधता ही स्थापित की जाती है। कुछ प्रकार की प्रश्नावलियों की ही पूर्व-कथन वैधता ज्ञात करना सम्भव होता है। प्रश्नावली की विश्वसनीयता परीक्षण – पुन: परीक्षण विधि से निकाली जाती है। सामान्तर प्राReseller विधि से भी प्रश्नावली की विश्वसनीयता ज्ञात की जाती है।