जल संसाधन क्या है ?
भारत के जल स्त्रोत-
इस Indian Customer उपमहाद्वीप में जल प्राप्ति स्त्रोतों को दो भागों में बांटा गया हैं।
1. धरातलीय जल (पृष्ठीय जल)-
धरातल पर पृष्टीय जल का मुख्य स्त्रोत वर्षा हैं। वर्षा का लगभग 20 प््रतिशत भाग वाष्पित होकर वायुमंडल में विलीन हो जाता हैं। वर्षा जल नदी, नालों, And जलाषयों में निरंतर पूर्ति करते हैं। अनुमानत: देश में कुल जल संसाधन 16.7 करोड़ हेक्टेयर मीटर हैं। केवल 6.6 करोड़ हेक्टेयर जल का उपयोग Reseller जाता हैं। अधिकांषत: जल बहकर नदियों के माध्यम से सागर में मिल जाते हैं। इसीलिये Needनुसार अत्याधिक जलभंडारण करने की Need हैं। छोटे-बड़े All प्रकार के बांध बनाना अनिवार्य हो गया हैं। क्योंकि भविष्य में वर्षा की कमी दिन प्रतिदिन चिंता का विशय हैं। भारत में सिंचार्इ के साधन पर्याप्त नहीं हैं। अब हमारा ध्यान पर्यावरण बचाओं, वृक्षारोपण करो And जलाशयों का निर्माण होना चाहियें।
2. भूमिंगत जल-
भूमिगत जल संसाधन की समस्यायें-
- वर्षा की कमी,
- शुद्ध पेय जल का अभाव,
- जल का दुResellerयोग
- बाढ़ग्रस्त क्षेत्र
- जल प्रदूषण
- सूखाग्रस्त क्षेत्र
- भूस्खलन वाले क्षेत्र आदि।
भारत की प्रमुख नदियों पर बहुउद्देशीय परियोजनायें-
- सतलज नदी पर नांगल बांध बनाया गया। यह भारत का सबसे अधिक ऊँचा बांध हैं।
- दामोदर नदी घाटी परियोजना (पश्चिम बंगाल में)
- कोसी नदी परियोजना (बिहार)।
- महानदी में दो बड़े बांध हैं- अ. हीराकुंड बांध (उड़ीसा में), एव गगंरेल बांध (छत्तीसगढ़ में )।
- तुंगभद्रा परियोजना (आंध्र, कर्नाटक)
- कृष्णा नदी में नार्गाजुन सागर बांध ( आंध्रप्रदेश )
- चम्बल नदी में चम्बल परियोजना ( मध्यप्रदेश And राजस्थान)।
- रिहंद परियोजना ( मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश )।
जल संसाधन की समस्यायें –
- वर्षा की कमी- भारत वर्श के पश्चिमी भाग खासकर थार के रेगिस्तान तथा वृष्टि छाया वाले प्रदेश में वर्षा की कमी के कारण जल की समस्या बनी रहती हैं।
- शुद्ध पेय जल का अभाव-बढ़ती जनसंख्या एंव शहरीकरण के कारण आज हमारे लिये शुद्ध व मीठें पेयजल का अभाव हैं। ग्रामीण तालाबो में मछली पालन ने जल को हरा कर दिया हैं।
- जल का दुResellerयोग-सिंचार्इ के जल का नदी में चले जाना, नलों का खुलारहना, भूमिगत जल प्राप्ति की होड़ आदि ने भविष्य को खतरे में डाल दिया हैं।
- बाढ़ग्रस्त क्षेत्र- हमारे द्वारा पर्यावरण से छेड़छाड़ करने के परिणाम स्वReseller नदियों में बाढ़ आना स्वाभाविक हैं।
- जल प्रदूषण-कारखानों का गंदा पानी, शहरों के नालियों का गंदा जल And अनेक प्रकार के कचरा से जल जल प्रदूषण बढ़ रहा हैं।
- सूखाग्रस्त क्षेत्र- अनेक स्थानों पर वर्षा न होने पर आकाल पड़ जाते हैं।
जल संरक्षण के उपाय –
- बांध एंव जलाशयों का निर्माण करना।
- जल शुद्धिकरण संयंत्रों की स्थापना करना।
- वृक्षारोपण करना।
- जल संसाधन के प्रति जागरूकता पैदा करना आदि।
- आधुनिक सिंचार्इ पद्धति का प्रयोग करना चाहियें।