औषधि और चमत्कारिक उपचार (आक्षेपणीय विज्ञापन) अधिनियम, 1954
- मनुष्यों या पशुओं के रोगों के निदान या उपचार के लिये प्रयोग की जाने वाली कोर्इ वस्तु।
- मनुष्यों या पशुओं के खाने पीने या बाहरी उपयोग की कोर्इ वस्तु।
- मनुष्यों या पशुओं की संCreation, आकार आदि पर प्रभाव डालने के आशय से प्रयुक्त खाद्य पदार्थ के अलावा कोर्इ अन्य वस्तुएं।
- ऐसे किसी पदार्थ को बनाने में प्रयुक्त होने वाले अन्य पदार्थ आदि। इसके अतिरिक्त ऐसे उपायों के लिये प्रयुक्त किये जाने वाले विद्युत चालित या अन्य उपकरणों के प्रयोग सम्बन्धी विज्ञापन भी आपत्तिजनक माने जाते हैं।
चमत्कारिक उपचार से आशय ऐसे उपचारों से है जो तंत्र-मंत्र, ताबीज-गंडे या अन्य उपायों से है जो पशुओं या मनुष्यों की शारीरिक संCreation, आकार इत्यादि पर कोर्इ प्रभाव डालने का दावा करते हों। इसके तहत गर्भपात, यौन सुख में वृद्धि करने, महिलाओं सम्बन्धी कतिपय अन्य समस्याओं का निवारण करने सम्बन्धी औषधियों के विज्ञापन तथा किसी प्रकार की औषधि तथा चमत्कारिक उपाय के बारे में भ्रम या विश्वास उत्पन्न करने वाले विज्ञापनों के निषेध का प्राविधान है। इस अधिनियम के तहत कोढ़, पागलपन, मिर्गी इत्यादि विभिन्न 54 प्रकार के ऐसे रोगों के इलाज की औषधियों सम्बन्धी विज्ञापन भी प्रतिबन्धित हैं जिनके उपचार की वैज्ञानिक विधि विकसित नहीं हुर्इ है या केवल निर्धारित वैज्ञानिक प्रक्रिया से ही इनका निदान सम्भावित हो। साथ ही तंत्र-मंत्र, गंडे, ताबीज आदि तरीकों के उपयोग से चमत्कारिक Reseller से रोगों के उपचार या निदान आदि का दावा करने वाले विज्ञापन भी निषेधित हैं। इसके According ऐसे प्रत्यक्ष या परोक्ष Reseller से भ्रमित करने वाले विज्ञापन दण्डनीय अपराध हैं जिनके प्रकाशन के लिये विज्ञापन प्रकाशित/प्रसारित करने वाले व्यक्ति के अतिरिक्त समाचार पत्र या पत्रिका आदि का प्रकाशक व मुद्रक भी दोषी माना जाता है।
इस अधिनियम के According पहली बार ऐसा अपराध किये जाने पर छह माह के कारावास अथवा जुर्माने या दोनों प्रकार से दंडित किये जाने का प्रावधान है जबकि इसकी पुनरावृत्ति करने पर Single वर्ष के कारावास अथवा जुर्माने या दोनों से दंडित किये जाने की व्यवस्था है। यहाँ यह तथ्य ध्यान देने योग्य है कि यदि इस प्रकार की बीमारियों से सम्बन्धित वैज्ञानिक या सामाजिक मान्यता के दृष्टिकोण से समाज को उचित दिशा दिये जाने के प्रयोजन से कोर्इ पुस्तक प्रकाशित की जाय या सरकार से अनुमति प्राप्त करने के उपरान्त किसी औषधि का विज्ञापन प्रकाशित Reseller जाय तो वह इस कानून की परिधि में नहीं आते हैं।