उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत उपभोक्ता के अधिकार
1. पर्याप्त जानकारी प्राप्त करने संबंधी अधिकारी – जो माल या सेवा उपभोक्ता खरीदता है, उसको संबंध पूरी-पूरी जानकारी विक्रेता से पाने का अधिकारी है। Meansात् माल या सेवा की गुणवत्ता, सामथ्र्य, शुद्धता, मानक, मात्रा, मूल्य आदि की जानकारी वह विकेत्रा से प्राप्त कर सकता है। विक्रेता का कर्तव्य हे कि वह कत्रेा द्वारा चाही गर्इ सारीजानकारी उसे दे।
2. हानिकारक बिक्री को रूकवाने का अधिकार – यदि किसी माल के उपभोग से उपभोक्ता के जीवन या सम्पत्ति को नुकसान पहुचने की आशंका हो तो ऐसे माल की बिक्री उपभोक्ता रूकवा सकता है।
3. प्रतिस्पर्द्धी मूल्य चुकाने का अधिकार – यदि कोर्इ विक्रेता से उपभोक्ता किसी वस्तु या सेवा की कीमत प्रतिस्पर्द्धी कीमत से अधिक वसूल करता है, तो उपभोक्ता को यह अधिकार है कि वह उस माल या सेवा का मूल्य बाजार में अन्यत्र उपलब्ध ऐसे ही माल या सेवा के मूल्य से अधिक नहीं चुकाने के लिए आवश्यक कार्यवाही कर सकता है तथा यह सुनिश्चित करवा सकता है कि विक्रेता प्रतिस्पर्द्धी मूल्य से अधिक मूल्य वसूल नहीं करे।
4. अपना पक्ष रखने का अधिकार – जिला फोरम के समक्ष विचाराधीन प्रकरण में उपभोक्ता को माल या सेवा संबंधी विवाद के निराकरण के दौरान अपनी बात कहने का पूरा-पूरा अधिकार है ताकि उसके हितों पर कोर्इ प्रतिकूल प्रभाव न पड़ सके और उसे किसी प्रकार का नुकसान नहीं हो।
5. शिकायत प्रस्तुत करने का अधिकार – यदि कोई विक्रेता किसी माल के व्यापार अथवा सेवा प्रदान करने में उपभोक्ता का शोषण करता है तो इसकी शिकायत करने का पूरा-पूरा अधिकार उपभोक्ता को है।
6. शर्त And आश्वासन संबंधी अधिकार – खरीदे गये माल या प्राप्त की गर्इ सेवा के सबंध में उपभोक्ता को पूरी-पूरी जानकारी प्राप्त करने तथा शर्तों And आश्वासनों के बारे में सारी बातें जानने का भी अधिकार है। उसे यह भली-भॉंति ज्ञात होना चाहिए कि माल या सेवा के उपयोग में क्या-क्या सावधानियॉं रखनी आवश्यक है और इन सावधानियों के बावजूद भी उपभोक्ता को हानि होती है तो वह शर्त या आश्वासन के According हर्जाना आदि पाने के लिए दावा कर सकता है। माल के बिल, गारन्टी कार्ड, वारन्टी कार्ड तथा अन्य कागजात लेने का उपभोक्ता को पूरा-पूरा अधिकार है।
7. क्षतिपूर्ति तथा प्रतिस्थापन संबंधी अधिकार – शर्त के According माल नहीं निकलने पर या सेवा प्राप्त नहीं होने पर उपभोक्ता उस माल के बदले नया माल नि:शुल्क प्राप्त करने का अधिकारी होता है। आश्वासन के According माल नहीं निकलने पर या सेवा प्राप्त नहीं होने पर उपभोक्ता क्षतिपूर्ति पाने का अधिकारी है। उसे यह भी अधिकार है कि माल की खराबी दूर करवाकर सही-सही माल या सेवा प्राप्त करे।
8. स्वस्थ पर्यावरण संबंधी अधिकार – विक्रेता से माल या सेवा प्राप्त करते समय उपभोक्ता को यह अधिकार है कि उसे स्वस्थ पर्यावरण प्राप्त हो।
9. उपभोक्ता शिक्षा संबंधी अधिकार – उपभोक्ता वर्ग से चेतना, जागरूकता तथा अधिकारों के संबंध में संवेदनशीलता लाना आज के युग की मॉंग है। इसलिए उपभोक्ता शिक्षा का भी उपभोक्ता को अधिकार है। इसके अभाव में वह न तो शिकायत कर सकता है और न ही अहनी बात प्रभावपूर्ण ढंग से फोरम आदि के सामने रख सकता है।
10. संगठन संबंधी अधिकार – उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए उपभोक्ताओं को विभिन्न स्तर पर अपने संगठन बनाने का भी अधिकार है। संगठनों से अनुबंध शक्ति का विकास होता है तथा सामूहिक Reseller से संघर्ष करने की क्षमता उत्पन्न होती है। उपभोक्ता वर्ग का जो भी शोषण हो रहा है, उसका Single मात्र कारण उसमें संगठन का अभाव है।