Safty परिषद के कार्य
Safty परिषद् का मुख्य कार्य अंतर्राष्ट्रीय शांति व Safty बनाये रखना है। इसके लिए वह उन मामलों व परिस्थितियों पर तुरंत विचार करती है जो शांति हेतु खतरा पैदा कर रही है। चार्टर की धारा 33 से 38 तक धाराएं अंतर्राष्ट्रीय झगड़ों केांशांतिपूर्ण निपटारे के सबंध में 39 से 51 तक की धाराएं शांति को सकंट में डालने,भंग करने And आक्रमण को राकेने की कार्यवाही के बारे में विस्तार से वर्णन करतीहैं। संक्षेप में Safty परिषद् के कार्य इस प्रकार बतलाये जा सकते हें
- केवल Safty परिषद् ही शांति भंग करने वाले के विरूद्ध कठोर कार्यवाही कर सकती हैं। यदि Safty परिषद् इस निर्णय पर पहुॅचती हैं कि किसी परिस्थिति से विश्व शांति And Safty को खतरा उत्पन्न हो गया हैं, तो उसे कुटनीतिक, आर्थिक And सैनिक कार्यवाही करने का अधिकार हैं। सदस्य राष्ट्र चार्टर की इच्छानुसार उक्त निर्णय को मानने And लागू करने के लिये बाध्य हैं।
- Safty परिषद् के महासभा की अपेक्षा नये सदस्यों को सदस्यता प्रदान करने के क्षेत्र में निर्णयात्मक अधिकार प्राप्त हैं। Safty परिषद् सदस्यता प्रदान करने से संबंधित अपनी समिति की राय पर स्वयं उक्त देश की सदस्यता की पात्रता पर विचार करती हे जिसमें बहुत ही विशिष्ट परिस्थितियों में संतुष्ट होकर महासभा के पास अपनी सिफारिश भेज देती हैं।
- राष्ट्र संघ के महासचिव की Appointment Safty परिषद् की सिफारिश पर की जाती हैं।
- Safty परिषद् अतंर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीशों के निर्वाचन का कार्य भी करती हैं।
- संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर में अतंर्राष्ट्रीय विवादों के समाधान के विषय में कर्इ धाराएँ हैं। जब कोर्इ विवाद Safty परिषद् के समक्ष निपटाने के लिये आता हैं तो परिषद् विवादित राज्यों को यह परामर्श देती हैं कि वे अपने विवादों को बिना शक्ति प्रयोग के शांतिपूर्ण ढंग से निपटा लें।
- संयुक्त राष्ट्र संघ की Safty परिषद् द्वारा कुछ पर्यवक्षयणात्मक कार्य भी सम्पन्न किये जाते हें। लेकिन Safty परिषद् के पर्यवेक्षणात्मक कार्य महासभा के समान व्यापक नही हैं। Safty परिषद् अप्रत्यक्ष Reseller से संयुक्त राष्ट्र के इस प्रकार के कार्यो का सम्पादन करती है। चार्टर के अनुच्छेद 108 के According चार्टर में संशोधन के लिये यह जरूरी हैं कि महासभा के दो तिहार्इ सदस्य इसे स्वीकार करें तथा तत्पश्चात इन सदस्यों की सरकारें इसक अनुसमर्थन करें, किंतु यह आवश्यक हैं कि इन दो तिहार्इ सदस्यों में सरु क्षा परिषद् के पांचों स्थार्इ सदस्य भी शामिल हों।