विश्व व्यवस्था का Means
इस वास्तविकताओं के विपरीत ‘विश्व व्यवस्था’ Word विचित्र जान पड़ सकता है। यघपि औपचारिक Reseller से राष्ट्र समान माने जाते हैं, परंतु उनके बीच स्पष्ट असमानता होती हैं। इनमें से कुछ असमानताएं इस Reseller में देखी जाती हैं कि संयुक्त राष्ट्र की Safty परिषद में निषेधाधिकार (वीटो) केवल पाँच ही देशों को ही दिया गया। संसाधनो और अपना प्रभुत्व बढाने के लिए संभी देश की परस्पर स्पर्धा करते है। वे Single-Second की नियती और महवाकांक्षा पर संदेह करते हैं वे सीमा, व्यापार और अन्य मामलों के कारण झगड़ते हैं। वास्तव में इस समय भी विश्व में एशिया, अफ्रीका और युरोप में दर्जनों Fight चल रहे हैं जो लाखों लोगों की मौत और बहुमूल्य सम्पत्ति का विनाश करते हैं। अनेक देशों में गृह Fight चल रहैं हैं। ये गृह Fight देश की सेना और Single समुदाय के बीच का लंबा संघर्ष है ताकि वहां की सरकार को अपदस्थ Reseller जा सके या अलग स्वतंत्र राष्ट्र स्थापित कर लिया जाए। श्रीलंका इसका Single उदाहरण है। इसी से आतंकवाद भी Added हुआ है जो आम जनता में हिंसा और नृशंसतापूर्वक हत्याओं का डर पैदा करता है। इसके अलावा वाणिज्यिक और सामाजिक दबाव वाले समुदाय भी राज्य नीतियों से बड़ी-बड़ी मांगे करते हैं।
अमेरिका और यूरोप की बहुराष्ट्रीय कपंनियाँ इतनी शक्तिशाली हो गर्इ हैं जो कछु निर्धन देशों में वहॉ की आर्थिक नीतियों के निधार्रण में हस्तक्षेप करती हैं। व्यापारिक गैर-सरकारी संगठनो का भी उन नीतियों पर प्रभाव बढता जा रहा है।
बहुराष्ट्रीय कंपनियां वे व्यापारिक कंपनियां हैं जो मुख्यत: अमेरीका आरै यूरोप की हैं। उन्होने अपने उपभोक्ता सामानों, दवाओं आदि के व्यापार को विश्व के अन्य भागों में फैलाया हैं। आप कोक, माइक्रोसाफट, जनरल मोटर्स आदि से परिचित होंगे। उन्हें बहुत Meansिाक मुनाफा होता हैं। कुछ बहुराष्ट्रीय कंपनियों की वार्षिक आय, अनेक अल्प विकसित राष्ट्रों से अधिक होता है। गैर-सरकारी संस्थांए वे हैं जो व्यक्ति विशेष द्वारा उनकी व्यक्तिगत क्षमता के According सरकार के सीधे हस्तक्षेपं के बिना स्थापित की जाती हैं वाय. एम. सी. ए. रोटरी इंटरनेशनल, रेडक्रास आदि कुछ एंसे गैर-सरकारी संगठनों के उदाहरण हैं जो स्थानीय, राष्टी्रय आरै अन्तराष्टी्रय स्तर पर सक्रिय है। ये वातावरण Safty, विकास और Human अधिकार आदि क्षेत्रो में सक्रिय हैं।
वास्तव में आप आश्चर्यचकित हो सकते हैं कि विश्व व्यवस्था को वर्तमान परिस्थिति में कैसे described Reseller जा सकता हैं। निसंदेह बहतु कछु असंतोषजनक हैं परतुं यह भी सत्य है कि विश्व के मामलों में बहुत कुछ व्यवस्थित है जो कि आसानी से ध्यान में नहीं आता। उदाहरण के लिए, राजनायिकों का आदान-प्रदान, Fight संबंधी नियम पत्र व्यवहार, वायु और समुद्री यातायात, विदेशियों से व्यवहार तथा मुद्रा विनिमय All अतं राष्ट्रीय व्यवस्था के उदाहरण हैं। अंतराष्ट्रीय मामलों के इन पहलुओं को प्रथा और परमपरा के द्वारा तथा विभिन्न अंतराष्ट्रीय समझोतों और संधियों के नियमों द्वारा निर्धारित Reseller जाता हैं।
सामान्यत: यह भी देखा जाता है कि जिन राष्ट्रों के बीच विवाद होता है, वे किसी समझौते पर पहुचने के लिए किसी Second देश या किसी अन्तर्राष्ट्रीय एजेन्सी की सहायता लेते है। भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही वर्ता प्रक्रिया इसी विश्व व्यवस्था का द्योतक है। 1945 के बाद विश्व Fight का न होना विश्व व्यवस्था के सकारात्मक पहलू को दर्शाता हैं। हमें यहां यह जानना चाहिए कि वास्तविकताओं को पूर्ण Reseller से उपेक्षित करके आदर्श विश्व व्यवस्था प्राप्त नहीं की जा सकती। राजनीतिक और अन्य परिस्थितियाँ या विश्व व्यवस्था को सदैव प्रभावित करती रही हैं। इन घटनाओं के संदर्भ में आवश्यक समायोजन करती हुर्इ विश्व व्यवस्था बनती जाती है। यह व्यवस्था किसी नर्इ व्यवस्था को स्थान देने के लिए पूर्ण Reseller से समाप्त नहीं की जाती, इसमें संसार की वास्तविकता के आधार पर कवे ल कुछ परिवतर्न किए जाते हैं। ये परिवर्तन अच्छे या बुरे, छोटे या बड़े हो सकते हैं। Second Wordों में, शीत Fight जैसी घटनाओं के अंत के लिए व्यवस्था में परिवर्तन Reseller गया न की उस समय अस्तित्व में व्यवस्था को पूर्ण Reseller से बदला गया।