मानक प्राप्तांक का Means

अपरोक्ष प्रकृति के चरों के मापन से प्राप्त प्राप्तांकों को Means देना तथा उनकी तुलना करना अपने आप में Single समस्या हो जाता है। इस तरह की परिस्थिति में प्राप्तांकों को Meansयुक्त बनाने के लिए, प्राप्तांकों को मानक प्राप्तांकों (Standard Scores) में परिवर्तित Reseller जाता है। मानक प्राप्तांक अपने आप में Meansयुक्त होते है तथा उनके उपयोग के द्वारा विभिन्न व्यक्तियों की सरलता से तुलना की जा सकती है। मानक प्राप्तांक वास्तव में किसी सन्दर्भ समूह (Reference Group) के लिए विभिन्न प्राप्तांकों की सापेक्षिक स्थिति को प्रकट करते हैं। इसके लिए मूल प्राप्तांकों को किसी निश्चित मध्यमान व मानक विचलन वाले तथा ज्ञात प्रकृति के वितरण के Reseller में परिवर्तित कर दिया जाता है। ‘‘मानक प्राप्तांक’’ Word युग्म में मानक Word केवल इस बात का द्योतक है कि इन प्राप्तांकों का मध्यमान व मानक विचलन पूर्व ज्ञात तथा निश्चित है तथा इनके वितरण की प्रकृति भी पूर्व ज्ञात तथा निश्चित होती है। मध्यमान तथा मानक विचलन के भिन्न-भिन्न हो सकने के कारण मानक प्राप्तांक अनेक प्रकार के हो सकते है। जेड प्राप्तांक (Z-Scores), टी प्राप्तांक (T-Scores), सी प्राप्तांक (C-Scores), तथा नवमानक (Stanines) कुछ सर्वाधिक प्रचलित मानक प्राप्तांक है तथा इन्हीं मानक प्राप्तांकों की Discussion आगे की गर्इ है।

जेड प्राप्तांक

जेड प्राप्तांक बताते हैं कि प्रत्येक मूल प्राप्तांक मानक विचलन की कितनी इकार्इयाँ मध्यमान से अधिक या कम है। Second Wordों में कहा जा सकता है कि जेड प्राप्तांक, किसी प्राप्तांक की स्थिति को, मध्यमान के सन्दर्भ में तथा मानक विचलन को मापन की इकार्इ के Reseller में लेते हुए, स्पष्ट करता है। जेड प्राप्तांक का धनात्मक चिन्ह बताता है कि मूल प्राप्तांक मध्यमान से अधिक है तथा ऋणात्मक चिन्ह बताता है कि मूल प्राप्तांक मध्यमान से कम है।

जेड प्राप्तांकों के वितरण का मध्यमान शून्य तथा मानक विचलन Single बराबर होता है। जेड प्राप्तांकों का मान प्राय: -3Z से +3Z के बीच होता है। मूल प्राप्तांकों को जेड प्राप्तांकों में तथा जेड प्राप्तांकों को मूल प्राप्तांकों में सरलता से परिवर्तित Reseller जा सकता है। मूल प्राप्तांकों को अंग्रेजी वर्णमाला के बड़े अक्षर X से प्रदर्शित Reseller जाता है जबकि जेड प्राप्तांकों को अक्षर Z से लिखा जाता है।

T प्राप्तांक

जेड प्राप्तांकों के प्रयोग करने पर आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए अन्य अनेक प्रकार के मानक प्राप्तांकों का सुझाव विद्वानों ने दिया है। इनमें से T प्राप्तांक काफी प्रचलित हैं। T प्राप्तांक वास्तव में जेड प्राप्तांकों का इस प्रकार से रेखीय Resellerान्त (Linear Transformation) है कि परिवर्तित प्राप्तांकों का मध्यमान 50 तथा मानक विचलन 10 हो जाता है। स्पष्टत: T प्राप्तांक ऐसे मानकीकृत प्राप्तांक हैं जिनका मध्यमान 50 तथा मानक विचलन 10 होता है। T प्राप्तांकों का मान प्राय: 20 से 80 के बीच होता है।

T प्राप्तांक (T-Scores) Word का प्रयोग शैक्षिक मापन के मुख्य प्रवर्तक र्इ0एल0 थोर्नडाइक (E.L. thorndike) के सम्मान में प्रयुक्त Reseller गया है। T अक्षर इनके उपनाम (Sirname) को इंगित करता है।

जब मध्यमान को 50 तथा मानक विचलन को 10 करने के लिए जेड प्राप्तांकों का रेखीय Resellerान्तरण करके T प्राप्तांक प्राप्त करने होते है तब उपरोक्त समीकरण का Reseller निम्नव्त हो जायेगा-

T प्राप्तांक T = 50 + 10Z 

यदि मूल प्राप्तांकों से सीधे गणना करनी होती है तब

 T प्राप्तांक T = 50 + 10 (Percentile)

प्राप्तांक हैं जो आकार के अनुReseller क्रमबद्ध प्राप्तांकों की श्रेणी को सौ बराबर भागों में विभाजित करते हैं। अत: शतांक व्यवस्थित प्राप्तांकों की श्रंखला (Series) को सौ बराबर भागों में बाँटने वाले विभाजक बिन्दु होते हैं। क्योंकि किसी रेखा को 99 बिन्दुओं के द्वारा सौ भागों में बाँटा जा सकता है इसलिए शतांको की संख्या 99 होती है। Second Wordों में कहा जा सकता है कि शतांक वे प्राप्तांक हैं जिनसे कम अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या प्रतिशत में दी गर्इ होती है। शतांकों को Pk संकेताक्षरों से लिखा जाता है जहाँ k उस शतांक से कम अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की प्रतिशत संख्या होता है। जैसे P10 वह प्राप्तांक है जिसके नीचे 10% छात्र अंक प्राप्त करते हैं, P15 वह प्राप्तांक है जिसके नीचे 15% छात्र अंक प्राप्त करते हैं। अत: शताँक वे प्राप्तांक हैं जिनके नीचे प्राप्तांकों का Single दिया गया प्रतिशत स्थित होता है।

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