भण्डारण क्या है?

भण्डारण का Means है बड़ी मात्रा में वस्तुओं को, उनकी खरीद अथवा उत्पादन के समय से लेकर उनके वास्तविक उपयोग अथवा विक्रय के समय तक Windows Hosting रखना। भण्डारण गृह अथवा गोदाम Word Single Second के पर्यायवाची है, अत: जहाँ वस्तुओं को संग्रहित Reseller जाता है , वह भण्डार गृह कहलाता है। भण्डारण से वस्तुओं के उत्पादन और उपयोग के बीच के समय की दूरी कम होने से उपयोगिता का निर्माण होता है। भण्डारण का Means है बड़ी मात्रा में वस्तुओं को, उनकी खरीद अथवा उत्पादन के समय से लेकर उनके वास्तविक उपयोग अथवा विक्रय के समय तक Windows Hosting रखना। भण्डारण गृह अथवा गोदाम Word Single Second के पर्यायवाची है, अत: जहाँ वस्तुओं को संग्रहित Reseller जाता है , वह भण्डार गृह कहलाता है। भण्डारण से वस्तुओं के उत्पादन और उपयोग के बीच के समय की दूरी कम होने से उपयोगिता का निर्माण होता है।

भण्डारण का महत्व

  1. कच्चेमाल का संग्रहण- यदि उत्पादन की निरन्तरता को बनाए रखने है तो कच्चे माल की Single निश्चित मात्रा सदैव उपलब्ध रखनी होगी। यहीं नही, कुछ कच्चे माल ऐसे हैे जो केवल विशेष मौसम में ही उपलब्ध होते है जैसे कपास, तिलहन, जबकि उत्पादन में इनकी Need पूरे वर्ष रहती है। इसीलिए इन्हे स्टॉक में रखना पड़ता है जिससे Need पड़ने पर उपयोग में लाया जा सके।
  2. मूल्य वृद्धि की संभावना के कारण संग्रहण- निर्माता यदि यह समझता है कि कच्चे माल की कमी होगी तथा भविष्य में उसके मूल्य में वृध्दि होगी तो वह इसका संग्रह अवश्य करेगा। यह समान Reseller से व्यापारियों के लिए भी सत्य है जो माल के मूल्य में वृद्धि की संभावना को देखते हुए माल का संग्रहण अवश्य करेगें।
  3. तैयार माल का संग्रहण- साधारणत: माल के विक्रय की संभावना को ध्यान में रखकर ही उत्पादन Reseller जाता है। वस्तुओं का उत्पादन पूरे वर्ष होता है। लेकिन इनका उपयोग वर्ष की निश्चित अवधि में ही होता है जैसे कि बिजली के पंखे, ऊनी कपड़े आदि। इसी प्रकार से कुछ वस्तुएं ऐसी है जिनका उत्पादन तो वर्ष के Single विशेष समय म ें होता है। लेकिन उनका उपयोग पूरे वर्ष Reseller जाता है जैसे कि चीनी। इस कारण इनके संग्रहण की भी Need होती है।
  4. थोक विक्रेताओ द्वारा माल का संग्रहण- थोक विक्रते ा बड़ी मात्रा में वस्तुओं का क्रय करते हैं तथा समय-समय पर फुटकर विक्रेताओं को छोटी मात्रा में उनकी Needनुसार माल का विक्रय करते हैं।
  5. पैकेजिंग And वस्तुओं को श्रेणीबद्ध करना- भंडारगृहों में वस्तुओं को आकार या गुणवत्ता के आधार पर विभिन्न वर्गो में विभक्त Reseller जाता है ताकि सरलता से उन्हें उपयोग में लाया जा सके तथा उनकी बिक्री की जा सके।
  6. आयातकों के लिए उपयोगी- कुछ भंडारगृह (जिन्हें बधंक माल गोदाम कहते हैं) को उस समय तक आयात किये गये माल के संग्रहण के लिए उपयोग में लाया जाता है जब तक की आयातक उनके सीमा शुल्क का भुगतान न कर दें।

भण्डार गृहों के प्रकार

  1. निजी भण्डारगृह- व्यापारी या विनिर्माता अपने माल के संग्रहण के लिए स्वयं भण्डारगृह रखते हैं और उसका संचालन करते है तो ऐसे भण्डारगृह निजी भण्डारगृह कहलाते हैं ।
  2. सार्वजनिक भण्डारगृह- यह Single स्वतंत्र इकार्इ होती हैं जिसमें किराया चुका कर कोर्इ भी व्यक्ति अपने माल को इन भण्डार गृहों में रख सकता हैं। 
  3. सरकारी भंडारगृह- इन भंडारगृहों का स्वामी सरकार होती है। वहीं इनका प्रबंधन And नियंत्रण करती है। Indian Customer केन्द्रीय भंडार निगम, राज्य भंडारण निगम And Indian Customer खा़द्य निगम सरकारी भंडारगृहों के उदाहरण है। सरकारी And निजी दोनो उद्गम इन भंडारगृहों का उपयोग अपने माल के संग्रहण के लिए कर सकते हैं। 
  4. बंधक भंडारगृह- ये वे भंडारगृह हैं जिनमें उन आयातित वस्तुओं का भंडारण Reseller जाता है जिन पर आयात कर नहीं चुकाया गया है। इन भंडारगृहों का स्वामित्व साधारणत: गोदी प्राधिकरण के हाथों में होता है तथा यह बंदरगाह के समीप स्थित होते हैं। 
  5. सहकारी भंडारगृह- इन भंडारगृहों की स्थापना सहकारी समितियों द्वारा अपने सदस्यों के लाभ के लिए की जाती है। यह बहुत ही किफायती दर पर भंडारण सुविधाएं प्रदान करते है।

भण्डारगृहों के कार्य

भण्डारगृह बड़ी मात्रा में माल को गर्मी, सर्दी, आंधी, नमी से Safty प्रदान कर हानि को न्यूनतम करते हैं। भण्डारगृहों के कार्यो का वर्णन इस प्रकार Reseller जा सकता है-

  1. वस्तुओं का भंडारण- भंडारगृहों का मुख्य कार्य वस्तुओं को उस समय तक भली-भाँति संग्रहीत करना है जब तक उनके उपयोग, उपभेाग या उनकी बिक्री के लिए Need न होगी।
  2. वस्तुओं की Safty- भंडारगृह वस्तुओं को गर्मी धूल, हवा, नमी आदि के कारण खराब होने से बचाते हैं। इनके पास विभिन्न वस्तुओं के लिए उनकी प्रकृति के According संरक्षण की व्यवस्था होती है।
  3. जोखिम उठाना- भंडारगृह में वस्तुओं को हानि अथवा क्षति का जोखिम भंडारगृह अधिकारी को उठाना होता है। इसीलिए वह उनकी Safty के All उपाय करता है।
  4. वित्तीयन- जब कोर्इ व्यक्ति भंडारगृह को माल सौंपता है तो भंडारगृह से उससे Single रसीद मिलती है जो प्रमाणित करती है कि माल भंडारगृह में जमा है। इस रसीद का बैंक And अन्य वित्तीय संस्थानों से ऋण And अग्रिम लेने पर जमानत के Reseller में प्रयोग Reseller जा सकता है। कुछ भंडारगृह स्वामी स्वयं भी उनके भडारगृह में जमा माल की जमानत पर जमाकर्ता को अल्प अवधि के लिए धन अग्रिम दे देते है।
  5. प्रक्रियण- कुछ वस्तुएं ऐसी होती है जिनको उसी Reseller में उपयोग में नहीं लाया जाता जिस Reseller में उनका उत्पादन Reseller गया होता है। उन्हें उपयोग योग्य बनाने के लिए प्रक्रियण की Need होती है। उदाहरण के लिए धान को पॉलिश Reseller जाता है, लकड़ी की सीजनिंग की जाती है, And फलों को पकाया जाता है।
  6. मूल्य जमा सेवाएं- भण्डारगृह में कभी-कभी वस्तुओं का श्रेणीयन का कार्य Reseller जाता हैं जिससे उसकी पैकिंग व विक्रय में आसानी होती है।

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