पर्यावरण शिक्षा क्या है?

पर्यावरण शिक्षा

पर्यावरण शिक्षा का सरल Means वह शिक्षा है , जो हमें अपने संरक्षण ,गुणवत्ता, संवर्द्वन और सुधार की व्याख्या करती है। मनुष्य प्रकृति से सीखे, प्रकृति के According अपने आपको ढाले और प्रकृति को प्रदूषित करने के बजाए उसका संरक्षण करे । यही संचेतना हमें पर्यावरण शिक्षा से मिलती है । पर्यावरण शिक्षा वास्तव में Human द्वारा प्रकृति के प्रति अत्याचारों की शिक्षा का बोध करती हैऔर भविष्य में सावधान रहने के लिए Human को तैयार करती है। पर्यावरणीय शिक्षा पर्यावरणीय प्रबन्धन का Single महत्वपूर्ण पक्ष है। इसमें पर्यावरण के विभिन्न पक्षों व धटकों का Human के साथ अन्तर्सम्बन्धों का अध्ययन Reseller जाता है। इसमें जीवमण्डलीय पारिस्थितिक तन्त्र को प्रभावित करने वाले धटकों की भी जानकारी मिलती है। पर्यावरण शिक्षा को Single निश्चित परिभाषा के दायरे में बाधना बड़ा कठिन है।

  1. चैरमैन टेलर के According- “पर्यावरण शिक्षा को सद्नागरिकता का विकास करती है । और इससे अध्येता में पर्यावरण के संबंध में लापकारी, प्रेरणा और उत्तरदायित्व के भाव आते है ।”
  2. एनसाइक्लोपीडिया ऑफ एज्यूकेशन रिसर्च के According –शिक्षा का कार्य व्यक्ति का पर्यावरण से इस सीमा तक सामंजस्य स्थापित करना होता है, जिससे व्यक्ति और समाज को स्थायी संतोष मिल सके ।”
  3. बेसिंग महोदय के According –“पर्यावरण शिक्षा की परिभाषा देना सरल कार्य नहीं है। पर्यावरण शिक्षा के विषय क्षेत्र अन्य पाठ्यक्रमों की तुलना में कम परिभाषित है । फिर भी वह सर्वमान्य है कि पर्यावरण शिक्षा बहुविषयी होनी चाहिए, जिसमें जैविक , सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और Humanीय संसाधनों से सामग्री प्राप्त होती है । इस शिक्षा के लिए सम्प्रत्यात्मक विधि सर्वोत्तम है ।”

पर्यावरण शिक्षा की Need

पर्यावरणीय संकट व समस्याओं की व्यापकता व विस्तार से ग्रस्त व भयभीत सम्पूर्ण Humanता को बचाने , उसकी रक्षा करने , व भविष्य को सुखी बनाने हेतु पर्यावरणीय शिक्षा आज की प्राथमिक Need है। यदि इस शिक्षा की उपेक्षा कर दी जाये तो जन -जन में पर्यावरण अवबोध व गुणवत्ता बनाये रखने की चेतना जागृत नहीं होगी और पर्यावरण व पारिस्थितिकी का असन्तुलन निरन्तर बढ़ता जायेगा जिससे ओजोन परत पर छिद्र बडा होने से Ultra site की पराबैगनी किरणें Earth पर सीधी पड़ने लगेगी ,मृदा की उर्वरक धारण शक्ति कम हो जाने से उपज न होगी । पीने के लिए शुद्व जल नहीं मिलेगा और तापीय प्रदूषण उम्पन्न होने तथा कल- कारखाने व अन्य साधनों से इतना अधिक शोर होगा कि कान फटने लगेगें। संक्षेप में Human अपंग व अशक्त हो जावेगा। अत: इन समस्त संकटों व समस्याओं से बचने के लिए तथा Human का Windows Hosting रखने के लिए पर्यावरण शिक्षा अत्यंत आवश्यक है।

पर्यावरण शिक्षा की प्रकृति

पर्यावरण शिक्षा की प्रकृति अन्य विषयों की शिक्षा की प्रकृति से भिन्न है, क्योकि पर्यावरण शिक्षा देने के स्तर व उसका क्षेत्र अन्य पाठ्यक्रम की शिक्षा के स्तरों व क्षेत्रों से अधिक व्यापक और विस्तृत है। इसके साथ ही पर्यावरण शिक्षा की प्रकृति की अपनी स्वंय की अन्य अनेक विशेषताए ऐसी है जो अन्य पाठ्यक्रम की तुलना में पृथक -पृथक है । पर्यावरण शिक्षा विश्व के All देशों के सामाजिक समूहों के लिए आवश्यक है ।तथा विश्व के All देशों में औपचारिक एंव अनौपचारिक रुप में संचालन पर बल दिया जाता है। पर्यावरण शिक्षा के अन्तर्गत जीवन और जगत् की समस्याओं का पर्यावरणीय दृष्टि से अध्ययन Reseller जाता है। जो है-

  1. यह विश्वव्यापी प्रक्रिया है।
  2. विश्वबंधुत्व की प्रेरणा है ।
  3. यह Single सकारात्मक उपागम है।
  4. अन्त: अनुशासनात्मकता का रुप धारण करती है।
  5. यह Single सामाजिक प्रक्रिया है।

पर्यावरण शिक्षा का महत्व

पर्यावरण शिक्षा का महत्व उसकी Need से स्पष्ट होता है फिर भी उसका प्रतिपादन इस माध्यम से Reseller है –

  1. सौरमण्डल में Earth ही Single ऐसा ग्रह है, जिस पर जीवन सम्भव है। उसे Destroy होने से बचाना है तथा उस पर बसने वाले प्राणी मात्र को सुखद जीवन उपलब्ध करता है ।
  2. प्रतिवर्ष जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्वि हो रही है उससे सारा प्रकृतिचक्र गड़बड़ा गया है। प्रकृति व पर्यावरण को पुन: संतुलित करने तथा भावी पीढ़ियों को विरासत में सुन्दर व व्यवस्थित समाज प्रदान करने हेतु जनसंख्या वृद्वि को नियंत्रित करना है।
  3. प्रकृति में संसाधनों के विशाल भण्डारण सीमित है। इसका उचित व विवेकपूर्ण उपयोग हो, यह लोगों को सिखाना है कि Earth के प्रत्येक निवास के मानस में यह बात बैठाना है।
  4. पेड़ व वनस्पति ही केवल कार्बन-डाइ-ऑक्साइड को प्राणवायु ऑक्सीजन में बदल सकते है। अत: वायुमण्डल में ऑक्सीजन की मात्रा बनाये रखने तथा कार्बन-डाइ-ऑक्साइड की मात्रा की वृद्वि से होने वाली पर्यावरणीय विकृतियों से अवगत कराने के लिए छात्रों को जानकारी देनी चाहिए।
  5. औद्याोगिक क्रान्ति तथा वैज्ञानिक उपलब्धियों के फलस्वReseller् सुख-सुविधाओं के उपकरणों ने चारों तरफ अनेक प्रकार के प्रदूषण फैला दिये है, उन्हें नियंत्रित व कम करने तथा बचाव के उपाय सुझाने हेतु कार्यक्रम चलाने चाहिए।

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