लार्ड कर्जन के सुधार

कर्जन के आंतरिक प्रशासनिक सुधार-

लार्ड कर्जन ने जनवरी,1899 र्इ. में भारत के वायसराय का पद ग्रहण Reseller। लार्ड कर्जन Single योग्य King था। उसके द्वारा किये गये Indian Customer समस्याओं से संबंधित आंतरिक प्रशासनिक सुधार इस प्रकार है :-

1. दुर्भिक्ष And महामारी की रोकथाम – 

लार्ड कर्जन ने बडे धैर्य से इनका सामना Reseller। उसने क्षतिग्रस्त इलाकों का भ्रमण Reseller And वहाँ के लोगों को उचित आर्थिक सहायता देने का प्रबंध Reseller। फिर भी कर्जन पर यह आरोप लगाया गया कि उसने अकालपीडितों की सहायता में मितव्ययिता की है And कम ध्यान दिया है। इस पर कर्जन ने मैकडोनेल की अध्यक्षता में Single आयागे की Appointment की आयागे की सिफारिशों के अनुकूल दुर्भिक्ष सम्बन्धी नियमावली में संशोधन Reseller गया। 1990 र्इ. के बाद अकाल पर तो काबू पा लिया गया किन्तु महामारी का प्रकोप बना रहा। उसकी रोकथाम के सारे प्रयत्न निष्फल रहे। कर्जन के शासनान्त तक लगभग Single लाख लोग मौत के मुंह में चले गयें

2. कृषि सम्बन्धी सुधार –

लार्ड कर्जन ने Indian Customer कृषि में सुधार लाने का प्रयत्न Reseller। 1900 में पंजाब भूमि हस्तांतरण विधेयक स्वीकृत हुआ। इसके According यह व्यवस्था की गर्इ कि ऋणदाता किसी किसान के विरूद्ध न्यायालय का निर्णय पा लेता है तो वह मौरूसी किसान की भूमि को उस निर्णय के लिये बिक्री नहीं कर सकतां इसका परिणाम यह हुआ कि भूमि प्राप्त करने के उद्देश्य से ऋण का दिया जाना बंद हो गया। किसानों को बड़ा लाभ हुआ And ऋणदाता लागे भूमिपति बनने से बच गये। कृषकों को ऋण देने And साहूकारों के पंजे से छुटकारा दिलाने के लिये कृषि बैंक तथा सहकारी समितियों की स्थापना की गर्इ। 1904 में सहकारी ऋण समिति अधिनियम स्वीकृत हुआ। इस अधिनियम के द्वारा शहरों And देहाती क्षत्रे में सहकारी समितियों के निर्माण का सुझाव दिया। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य देहाती ऋण पद्धति को सहायता देना था। कर्जन ने यह आदेश दिया कि मौसम की स्थिति के According लगान की सरकारी माँग में परिवर्तन होना चाहिए । सिंचार्इ की भी व्यवस्था की गर्इ। पंजाब की नहरों में सुधार हुआ। वैज्ञानिक ढंग से खेती किये जाने पर जोर दिया गया। 1901 र्इ. में कृषि के इन्सपेक्टर जनरल की Appointment की गर्इ। पूना में कृषि अनुसंधान संस्था की स्थापना की गर्इ।

3. शिक्षा संबंधी सुधार – 

लार्ड कर्जन ने शिक्षा संबंधी सुधार की ओर भी ध्यान दिया। 1904 र्इ. में उसने विश्वविद्यालय विधेयक पास करवाया जिसके द्वारा यह निश्चित हुआ कि विश्वविद्यालयों को केवल परीक्षा लेने का ही काम नहीं करना चाहिए, उन्हें याग्े य अध्यापक नियुक्त करके अनुसंधान तथा अध्यापन का भी काम करना चाहिए। स्कूलों तथा कालेजों में छात्रावास की व्यवस्था करने का आदेश दिया गया। प्रारंभिक कक्षाओं में देशीभाषा And उच्च कक्षाओं में अंग्रेजों के माध्यम से शिक्षा देने की व्यवस्था की गर्इ। अध्यापकों के प्रशिक्षण के लिये ट्रेनिंग कालेज खोले गये। कर्जन ने औद्योगिक And स्त्री शिक्षा में भी रूचि दिखलार्इ। लार्ड कर्जन ने 1904 र्इ. में Single अधिनियम पारित करवाया इसके द्वारा महत्वपूर्ण प्राचीन स्मारकों की Safty का प्रबंध And उनका जीर्णोद्वार कराया गया। Single नया अधिकारी नियुक्त Reseller गया जिसका कार्य प्राचीन इमारतों की रक्षा करना था।

4. आर्थिक सुधार – 

आर्थिक क्षेत्र में कर्जन का सबसे महत्वपूर्ण सुधार भारत में अंग्रेजी स्वर्ण मुद्रा को भारत की कानूनी मुद्रा घोषित करना था। Single गिन्नी का मूल्य 14 Resellerये के बराबर निर्धारित Reseller गया। इससे Indian Customer कोष को अत्यधिक लाभ पहुंचा। भारत के व्यापार तथा उद्योग धंधों के विकास के लिये Single नया विभाग स्थापित Reseller गया। 1902 में अकालग्रस्त प्रान्तों के किसानों के करों में कमी कर दीं नमक कर में सर्वत्र कमी कर दी गर्इ।

5. प्रशासनिक सुधार – 

लार्ड कर्जन ने प्रशासनिक सुधार की ओर विशेष ध्यान दिया। उसने पुलिस, रेल, नौकरशाही, स्थानीय स्वराज्य, प्रेसीडेन्सी गवर्नरों की शक्ति में कमी आदि अनेक प्रशासनिक सुधार किए।

6. सैनिक सुधार – 

1900 में लार्ड किंचनर भारत का सेनाध्यक्ष होकर आया। उसने सैन्य सुधार की और विशेष ध्यान दिया। 1900 में स्थानीय पैदल सेना को पुनर्सगठित Reseller गया तथा चार दुगुनी कम्पनियों के दस्ते संगठित किये गये। देशी अफसर ही प्रत्येक दस्ते की आंतरिक व्यवस्था के लिये नियुक्त किये थे तथा फौजी परेड़ And Fight भूमि में ब्रिटिश अफसर ही उनका संचालन करते थे। 1902 तथा 1904 के बीच मोपला, गुरखा, पंजाबी, रंगरूटों को पैदल And अश्व-सेना में बडी़ संख्या में भर्ती Reseller गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *